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View Full Version : Rbi के नए गवर्नर के क्या हैं प्लान


dipu
05-09-2013, 04:32 PM
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक के गवर्नर का काम वोट बटोरने या लोकप्रियता हासिल करना नहीं बल्कि अपने काम से देश की आर्थिक सेहत मजबूत करना है, सही फैसले लेना है। उसमें कुछ फैसले कठोर भी हो सकते हैं। ये कहना है रिजर्व बैंक के नए गवर्नर रघुराम राजन का। पद संभालने के बाद रघुराम ने ऐलान किया कि रिजर्व बैंक ऐसे कदम उठाएगा जिससे रुपया मजबूत हो और सभी का विकास हो।
देश के सामने आर्थिक चुनौतियों का पहाड़ खड़ा है। अर्थव्यवस्था डांवाडोल है, विकास की रफ्तार घटकर 4.4 फीसदी पहुंच गई है। रुपया बेतरह कमजोर हो चुका है, चालू खाते और वित्त खाते का घाटा बेकाबू हो चुका है। रिजर्व बैंक के नए गवर्नर रघुराम राजन को इसका एहसास है। सबसे कम उम्र में रिजर्व बैंक गवर्नर बनने वाले रघुराम राजन ने अपने पहले बयान में साफ कर दिया कि उनकी प्राथमिकताएं क्या हैं।
राजन ने मौद्रिक नीति की समीक्षा को 20 सितंबर तक टालते हुए ऐलान किया कि सबका विकास उनके एजेंडे की फेहरिस्त में सबसे ऊपर है। राजन ने कहा कि तेज फैसले लेकर रुपये को मजबूत करना, निवेशकों का भरोसा हासिल करना, महंगाई दर काबू में रखना, सबके विकास की योजनाओं के जरिए गरीबी दूर करना आरबीआई की प्राथमिकताएं हैं।
आम लोगों के लिए भी राजन के पास काफी कुछ है। राजन ने जिन पांच कदमों का ऐलान किया है उनमें महंगाई दर से जुड़े बचत पत्र जारी किए जाएंगे। बच्चों की फीस से लेकर बिजली तक का बिल किसी भी समय कहीं से भी इंटरनेट से चुकाने की व्यवस्था होगी। बिल चुकाने के लिए सफेद रंग के एटीएम देश भर में लगाने की योजना है। आधार के साथ प्री पेड कार्ड से योजनाओं का पैसा देने की योजना तथा मोबाइल फोन और एसएमएस से पैसा भेजने की सुविधा।
इसके अलावा अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए नए बैंकों के लाइसेंस जारी करने के लिए बिमल जालान की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाने और बैंकों के घाटे वाले कर्ज की रिपोर्ट बनाने का भी राजन ने ऐलान किया। राजन ने साफ किया कि नए ब्रांच खोलने के लिए बैंकों को रिजर्व बैंक के पास आने की जरूरत नहीं है। राजन ने साफ कर दिया कि आने वाले दिनों में कुछ कड़े फैसले भी लेने पड़ सकते हैं।
रघुराम राजन की काबिलियत पर किसी को शक नहीं है। 2005 में ही 2008 की मंदी को भांपने वाले रघुराम राजन को आईएमएफ में काम करने का काफी अनुभव है। उन्हें देश के आर्थिक हालात और अंतरराष्ट्रीय आर्थिक परिदृश्य की अच्छी समझ भी है। राजन को बाजार ने अच्छी सलामी दी और रुपया भी मजबूत होकर खुश नजर आया। लेकिन इस पद पर सरकार की आकांक्षाओं और लोगों की अपेक्षाओं में संतुलन बनाना आसान काम नहीं है।