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View Full Version : आकाश महेशपुरी के पाँच दोहे


आकाश महेशपुरी
08-09-2013, 07:19 AM
पाँच दोहे-
...
आँखोँ मेँ बादल नहीँ, दिल के सूखे खेत।
हरियाली गुम हो चली, दिखती केवल रेत॥1।।
...
खाता है जो धन यहाँ, बिना किये कुछ काम।
माफ उसे करते नहीँ, अल्ला, साईँ, राम।।2।।
...
ये हैँ शत्रु समाज के, ताड़ी और शराब।
हो जाते विद्वान भी, पीकर बहुत खराब।।3।।
...
ना कोई छोटा यहाँ, बड़ा न कोई आज।
सब हारे इस वक्त से, जग मेँ इसका राज।।4।।
...
प्रेम भाव घर मेँ अगर, तो दौलत है फूल।
वरना ये लगता जहर, चुभता बन के शूल।।5।।
...
दोहे - आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
...
पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश

Advo. Ravinder Ravi Sagar'
08-09-2013, 09:09 AM
बहुत खूब

आकाश महेशपुरी
08-09-2013, 11:43 AM
रचना संशोधित-

पाँच दोहे-
...
आँखोँ मेँ बादल नहीँ, दिल की सूखी खेत।
हरियाली गुम हो चली, दिखती केवल रेत॥1।।
...
खाता है जो धन यहाँ, बिना किये कुछ काम।
माफ उसे करते नहीँ, अल्ला, साईँ, राम।।2।।
...
ये हैँ शत्रु समाज के, ताड़ी और शराब।
हो जाते विद्वान भी, पीकर बहुत खराब।।3।।
...
ना कोई छोटा यहाँ, बड़ा न कोई आज।
सब हारे इस वक्त से, जग मेँ इसका राज।।4।।
...
प्रेम भाव घर मेँ अगर, तो दौलत है फूल।
वरना ये लगता जहर, चुभता बन के शूल।।5।।
...
दोहे - आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
...
पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश

आकाश महेशपुरी
08-09-2013, 01:17 PM
पुनः संशोधित-

पाँच दोहे-
...
आँखोँ मेँ बादल नहीँ, दिल के सूखे खेत।
हरियाली गुम हो चली, दिखती केवल रेत॥1।।
...
खाता है जो धन यहाँ, बिना किये कुछ काम।
माफ उसे करते नहीँ, अल्ला, साईँ, राम।।2।।
...
ये हैँ शत्रु समाज के, ताड़ी और शराब।
हो जाते विद्वान भी, पीकर बहुत खराब।।3।।
...
ना कोई छोटा यहाँ, बड़ा न कोई आज।
सब हारे इस वक्त से, जग मेँ इसका राज।।4।।
...
प्रेम भाव घर मेँ अगर, तो दौलत है फूल।
वरना ये लगता जहर, चुभता बन के शूल।।5।।
...
दोहे - आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
...
पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश

naman.a
08-09-2013, 01:42 PM
बहुत सुन्दर रचना आपका हार्दिक अभिनन्दन

Advo. Ravinder Ravi Sagar'
09-09-2013, 12:48 AM
क्या कहने जनाब बहुत खूब.

rajnish manga
09-09-2013, 09:25 PM
पाँच दोहे-
...
...
प्रेम भाव घर मेँ अगर, तो दौलत है फूल।
वरना ये लगता जहर, चुभता बन के शूल।।5।।
...
दोहे - आकाश महेशपुरी
aakash maheshpuri


बहुत सुन्दर, आकाश जी. उपरोक्त दोहे को पढ़ कर मुझे यह शे'र याद आ गया:

ख़ुलूस और प्यार के जज़्बे दिलों में गर नहीं होंगे
ज़मीं होगी दरो-दीवार होंगे घर नहीं होंगे