Rahul.jha
10-09-2013, 03:20 PM
चोटों पे चोट देते ही जाने का शुक्रिया ,पत्थर को बुत की शक्ल में लाने का शुक्रिया !
जागा रहा तो मैंने नए काम कर लिए ,ऐ नींद आज तेरे न आने का शुक्रिया !
सूखा पुराना जख्म नए को जगह मिली ,स्वागत नए का और पुराने का शुक्रिया !
आती न तुम तो क्यों मैं बनाता ये सीढ़ियाँ ,दीवारों, मेरी राह में आने का शुक्रिया !
आँसू-सा माँ की गोद में आकर सिमट गया ,नजरों से अपनी मुझको गिराने का शुक्रिया !
अब यह हुआ कि दुनिया ही लगती है मुझको घर ,यूँ मेरे घर में आग लगाने का शुक्रिया !
गम मिलते हैं तो और निखरती है शायरी ,यह बात है तो सारे जमाने का शुक्रिया !
अब मुझको आ गए हैं मनाने के सब हुनर ,यूँ मुझसे `कुँअर' रूठ के जाने का शुक्रिया !
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By - कुँअर बेचैन
जागा रहा तो मैंने नए काम कर लिए ,ऐ नींद आज तेरे न आने का शुक्रिया !
सूखा पुराना जख्म नए को जगह मिली ,स्वागत नए का और पुराने का शुक्रिया !
आती न तुम तो क्यों मैं बनाता ये सीढ़ियाँ ,दीवारों, मेरी राह में आने का शुक्रिया !
आँसू-सा माँ की गोद में आकर सिमट गया ,नजरों से अपनी मुझको गिराने का शुक्रिया !
अब यह हुआ कि दुनिया ही लगती है मुझको घर ,यूँ मेरे घर में आग लगाने का शुक्रिया !
गम मिलते हैं तो और निखरती है शायरी ,यह बात है तो सारे जमाने का शुक्रिया !
अब मुझको आ गए हैं मनाने के सब हुनर ,यूँ मुझसे `कुँअर' रूठ के जाने का शुक्रिया !
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By - कुँअर बेचैन