jai_bhardwaj
28-10-2010, 10:56 PM
बहुत वर्षों तक कनिष्ट कर्मचारी से वरिष्ठ अधिकारी तक के कर्तव्यों को निर्वहन करते समय मुझे कुछ अनुभव हुए हैं जिन्हें मैं यहाँ आप सभी के मध्य बांटना चाहता हूँ | गलतियों के लिए क्षमा के साथ यह अनुरोध भी कि यदि सूत्र गलत स्थान पर हो अथवा सूत्र की प्रवृत्ति गलत हो तो कृपया मिटा दें |
१. यदि बॉस को सम्बंधित कार्य का कोई ज्ञान ना हो तो उसके कर्मचारी उसे पसंद नहीं करते हैं /
२. यदि बॉस कर्मचारियों के कार्यों में अधिक टोंका टाकी एवं ताँक झाँक करे तो कर्मचारी उसे पसंद नहीं करते हैं /
३. ऐसे बॉस भी कर्मचारियों की दृष्टि में सम्मान नहीं पाते हैं जो स्वयं को दूसरों से अधिक बुद्धिमान मानते हैं और जो अपने कर्मचारियों की कोई भी बात तब तक नहीं सुनते जब तक उनका ( स्वयं का ) उस बात से कोई सीधा लाभ ना हो रहा हो /
४. जिन अधिकारियों की भाषा कर्मचारियों के प्रति अपमानजनक होती है वे कर्मचारियों की दृष्टि में हेय होते हैं /
५.हर समय चहरे से क्रोध झलकाने वाले अधिकारियों को उनके कर्मचारियों से सम्मान नहीं मिलता है /
६. अवसरवादी बॉस (कर्मचारियों की आवश्यकता पर मुंह फेर लेने वाले और अतिरिक्त कार्य के लिए मुस्कुरा कर कार्य करने को कहने वाले बॉस) भी प्रायः घृणा के पात्र होते हैं /
७. जो अधिकारी किसी कार्य को उसके निर्धारित समय से भी अधिक जल्द समय में संपन्न कराने की आदत रखते हैं वे कर्मचारीयों के प्रिय नहीं होते हैं /
८. जब कोई बॉस अपने कर्मचारियों के कार्यों की उपलब्धि को नजरअंदाज करते हैं वे भी सम्मान नहीं पाते हैं / क्योंकि कर्मचारी स्वयं को ठगा सा महसूस करते हैं /
९. कर्मचारी ऐसे अधिकारियों से दूर रहना पसंद करते हैं जो दिशानिर्देश देते समय पारदर्शिता नहीं रखते और स्पष्ट निर्देश नहीं देते किन्तु कार्य के बिगड़ने पर कर्मचारी को ही फटकार लगाते हैं /
१०. जो अधिकारी सदैव अपने आधिकारिक छवि को बनाए रहते हैं और कर्मचारियों के साथ मित्रवत व्यवहार नहीं रखते वे भी कर्मचारियों द्वारा नापसंद किये जाते हैं /
१. यदि बॉस को सम्बंधित कार्य का कोई ज्ञान ना हो तो उसके कर्मचारी उसे पसंद नहीं करते हैं /
२. यदि बॉस कर्मचारियों के कार्यों में अधिक टोंका टाकी एवं ताँक झाँक करे तो कर्मचारी उसे पसंद नहीं करते हैं /
३. ऐसे बॉस भी कर्मचारियों की दृष्टि में सम्मान नहीं पाते हैं जो स्वयं को दूसरों से अधिक बुद्धिमान मानते हैं और जो अपने कर्मचारियों की कोई भी बात तब तक नहीं सुनते जब तक उनका ( स्वयं का ) उस बात से कोई सीधा लाभ ना हो रहा हो /
४. जिन अधिकारियों की भाषा कर्मचारियों के प्रति अपमानजनक होती है वे कर्मचारियों की दृष्टि में हेय होते हैं /
५.हर समय चहरे से क्रोध झलकाने वाले अधिकारियों को उनके कर्मचारियों से सम्मान नहीं मिलता है /
६. अवसरवादी बॉस (कर्मचारियों की आवश्यकता पर मुंह फेर लेने वाले और अतिरिक्त कार्य के लिए मुस्कुरा कर कार्य करने को कहने वाले बॉस) भी प्रायः घृणा के पात्र होते हैं /
७. जो अधिकारी किसी कार्य को उसके निर्धारित समय से भी अधिक जल्द समय में संपन्न कराने की आदत रखते हैं वे कर्मचारीयों के प्रिय नहीं होते हैं /
८. जब कोई बॉस अपने कर्मचारियों के कार्यों की उपलब्धि को नजरअंदाज करते हैं वे भी सम्मान नहीं पाते हैं / क्योंकि कर्मचारी स्वयं को ठगा सा महसूस करते हैं /
९. कर्मचारी ऐसे अधिकारियों से दूर रहना पसंद करते हैं जो दिशानिर्देश देते समय पारदर्शिता नहीं रखते और स्पष्ट निर्देश नहीं देते किन्तु कार्य के बिगड़ने पर कर्मचारी को ही फटकार लगाते हैं /
१०. जो अधिकारी सदैव अपने आधिकारिक छवि को बनाए रहते हैं और कर्मचारियों के साथ मित्रवत व्यवहार नहीं रखते वे भी कर्मचारियों द्वारा नापसंद किये जाते हैं /