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View Full Version : मुक्तक- छप्पर मौन हुआ


आकाश महेशपुरी
12-09-2013, 08:04 PM
मुक्तक-

भाषा बलशाली होती उनकी, जो होते धनवान यहाँ
हैँ सुनते कब कंगालोँ की अब, आकर के भगवान यहाँ
सुन-सुन कर के महलोँ की बोली, छप्पर डर के मौन हुआ
है ऊपर से ताना भी उसका, अब मुश्किल मेँ जान यहाँ
...
मुक्तक - आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
. . . . . . . . . . . . . . . . . . .
पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
09919080399

rajnish manga
12-09-2013, 11:15 PM
[QUOTE=आकाश महेशपुरी;372555]मुक्तक-

भाषा बलशाली होती उनकी, जो होते धनवान यहाँ
हैँ सुनते कब कंगालोँ की अब, आकर के भगवान यहाँ
सुन-सुन कर के महलोँ की बोली, छप्पर डर के मौन हुआ
है ऊपर से ताना भी उसका, अब मुश्किल मेँ जान यहाँ
...
मुक्तक - आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri

एक और सार्थक मुक्तक के लिये आपको साधुवाद, मित्र आकाश जी. भाव और शब्द का सुन्दर समन्वय मुबारक हो.

Hatim Jawed
13-09-2013, 10:15 PM
मुक्तक-

भाषा बलशाली होती उनकी, जो होते धनवान यहाँ
हैँ सुनते कब कंगालोँ की अब, आकर के भगवान यहाँ
सुन-सुन कर के महलोँ की बोली, छप्पर डर के मौन हुआ
है ऊपर से ताना भी उसका, अब मुश्किल मेँ जान यहाँ
...
मुक्तक - आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
. . . . . . . . . . . . . . . . . . .
पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
09919080399
बहुत बढ़िया !:bravo: