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View Full Version : वह लड़ाई ईश्वर के खिलाफ है


rajnish manga
14-09-2013, 07:46 PM
वह लड़ाई ईश्वर के खिलाफ है
रचना: रवीन्द्रनाथ ठाकुर

वह लड़ाई ईश्वर के खिलाफ लड़ाई है ,
जिसमें भाई भाई को मारता है ।

जो धर्म के नाम पर दुश्मनी पालता है ,
वह भगवान को अर्ध्य से वंचित करता है ।
जिस अंधेरे में भाई भाई को नहीं देख सकता ,
उस अंधेरे का अंधा तो
स्वयं अपने को नहीं देखता ।
जिस उजाले में भाई भाई को देख सकता है ,
उसमें ही ईश्वर का हँसता हुआ
चेहरा दिखाई पड़ सकता है ।
जब भाई के प्रेम में दिल भीग जाता है ,
तब अपने आप ईश्वर को
प्रणाम करने के लिए हाथ जुड़ जाते हैं ।

मूल बांग्ला से अनुवाद : मोहनदास करमचंद गांधी
स्रोत : हरिजन सेवक, 2 नवंबर 1947

Advo. Ravinder Ravi Sagar'
14-09-2013, 09:31 PM
खूब सूरत रचना है,बहुत अच्छी लगी!

rajnish manga
14-09-2013, 09:49 PM
खूब सूरत रचना है,बहुत अच्छी लगी!



आपका बहुत बहुत आभार, रवीन्द्र रवि सागर जी.

Advo. Ravinder Ravi Sagar'
14-09-2013, 11:30 PM
आपका स्वागत है.

Dr.Shree Vijay
16-09-2013, 11:08 PM
एक अनमोल रचना, जिसका अनुवाद स्वयम महात्मा गाँधी जी ने किया.........................