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View Full Version : बुझता हुआ चराग हूँ इस में तेल ही नहीं


dipu
16-09-2013, 06:34 PM
इधर दिल्ली में और उधर जोधपुर में क्या कोई अंतर दिखाई देत्या है ????

बुझता हुआ चराग हूँ इस में तेल ही नहीं
यारो मुझे मुआफ करो ठरका हुआ हूँ में
उम्र हत्यारों को बचाने में गुज़ार दी
अब आखिरी वक़्त है बहका हुआ हूँ मैं
लाख लानतें भेजो मगर शर्म आये न मुझे
अर्थी उठाओ नोटों के कफ़न से ढका हुआ हूँ मैं
इक आखिरी बार लडूंगा बलात्कारी के लिए
गैरत को थूक कर मुसीबत में पडा हुआ हूँ मैं
जाटव को फटी जूतियाँ सुंघाओ कोई तो यार
बेच कर अखीरते शर्मोहया नंगा खडा हुआ हूँ मैं

Dr.Shree Vijay
16-09-2013, 10:23 PM
अंतरद्वंद..........................

dipu
05-10-2013, 04:19 PM
अंतरद्वंद..........................





:egyptian::egyptian::egyptian:

Bansi Dhameja
11-10-2013, 08:24 PM
इधर दिल्ली में और उधर जोधपुर में क्या कोई अंतर दिखाई देत्या है ????

बुझता हुआ चराग हूँ इस में तेल ही नहीं
यारो मुझे मुआफ करो ठरका हुआ हूँ में
उम्र हत्यारों को बचाने में गुज़ार दी
अब आखिरी वक़्त है बहका हुआ हूँ मैं
लाख लानतें भेजो मगर शर्म आये न मुझे
अर्थी उठाओ नोटों के कफ़न से ढका हुआ हूँ मैं :bravo:
इक आखिरी बार लडूंगा बलात्कारी के लिए
गैरत को थूक कर मुसीबत में पडा हुआ हूँ मैं
जाटव को फटी जूतियाँ सुंघाओ कोई तो यार
बेच कर अखीरते शर्मोहया नंगा खडा हुआ हूँ मैं:bravo:
बहुत ही अच्छा कटाक्ष है आज के नेताओं पर