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View Full Version : आकाश महेशपुरी के कुछ दोहे


आकाश महेशपुरी
17-09-2013, 09:54 AM
चार दोहे-
...
1-
कलयुग के इस दौर मेँ, बस हैँ दो ही जात।
एक अमीरी का दिवस, अरु कंगाली रात॥
...
2-
कौन यहाँ है जानता, कब आ जाए अन्त।
चलना अच्छी राह पर, कर देँ शुरू तुरन्त॥
...
3-
मौसम मेँ है अब कहाँ, पहले जैसी बात।
जाड़े मेँ जाड़ा नहीँ, गलत समय बरसात॥
...
4-
यारी राजा रंक की, या दोनोँ की प्रीत।
अक्सर क्योँ लगती मुझे, ये बालू की भीत॥
...
दोहे - आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
. . . . . . . . . . . . . . . . . . .
पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
09919080399

rajnish manga
17-09-2013, 12:19 PM
चार दोहे-
...
1-
कलयुग के इस दौर मेँ, बस हैँ दो ही जात।
एक अमीरी का दिवस, अरु कंगाली रात॥
...
2-
कौन यहाँ है जानता, कब आ जाए अन्त।
चलना अच्छी राह पर, कर देँ शुरू तुरन्त॥
...
3-
मौसम मेँ है अब कहाँ, पहले जैसी बात।
जाड़े मेँ जाड़ा नहीँ, गलत समय बरसात॥
...
4-
यारी राजा रंक की, या दोनोँ की प्रीत।
अक्सर क्योँ लगती मुझे, ये बालू की भीत॥
...
दोहे - आकाश महेशपुरी
aakash maheshpuri


सीमित शब्दों में आपने जितना कुछ अभिव्यक्त कर दिया है, उसमें तो बड़े बड़े आख्यान भी कहने में विफल हो जाते हैं, मित्र. दूसरे और तीसरे क्रम पर दिये गये दोहे विशेष रूप से प्रभावित करते हैं.

internetpremi
17-09-2013, 05:04 PM
जारी रखिए जी।
हम इन दोहों को enjoy कर रहे हैं

आकाश महेशपुरी
08-03-2014, 03:14 AM
सीमित शब्दों में आपने जितना कुछ अभिव्यक्त कर दिया है, उसमें तो बड़े बड़े आख्यान भी कहने में विफल हो जाते हैं, मित्र. दूसरे और तीसरे क्रम पर दिये गये दोहे विशेष रूप से प्रभावित करते हैं.

आपने रचना पर अपनी अनमोल प्रतिक्रिया दी है। आपके शब्द अमृततुल्य ऊर्जा देते है। हार्दिक आभार।

आकाश महेशपुरी
08-03-2014, 03:16 AM
जारी रखिए जी।
हम इन दोहों को enjoy कर रहे हैं

हार्दिक धन्यवाद्।