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View Full Version : एक मजाक


आकाश महेशपुरी
18-09-2013, 03:32 PM
मूँछेँ (सिर्फ एक मजाक)
...
सत्य कहूँ कि शान हैँ मूँछेँ।
मर्दो की पहचान हैँ मूँछेँ।।
अब तो ये फैशन है आया।
मूँछोँ का है हुआ सफाया।।
ये फैशन मूँछोँ पर भारी।
हैँ दिखते नर, जैसी नारी।।
मर्द हुए मेँहदी के आदी।
मूँछ मुड़ा के करते शादी।।
...
रचना - आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
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पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
09919080399

rajnish manga
19-09-2013, 06:44 PM
बहुत खूब. इस नये रंग की कविता का भरपूर स्वागत होना चाहिए.

आकाश महेशपुरी
20-09-2013, 05:32 PM
आदरणीय रजनीश जी! हार्दिक आभार।

abhisays
20-09-2013, 05:46 PM
Bahutu badhiya