aspundir
30-09-2013, 06:47 PM
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अमेरिका में एक खतरनाक ड्रग के इस्तेमाल किए जाने का पहला मामला सामने आया है। 'क्रोकोडिल' नाम से चर्चित इस फ्लैश ईटिंग ड्रग की वजह से इंसानी शरीर के अंदर का मांस गलने लगता है और त्वचा सरीसृप जैसी हो जाती है। रूस में बेहद चर्चित यह ड्रग गैसोलीन, पेंट थिनर, तेल और अल्कोहल जैसे कोडेन और हाइड्रोकार्बन्स का मिश्रण है।
'बैनर पॉइजन कंट्रोल सेंटर' के डॉक्टरों के मुताबिक अमेरिका के एरीजोना में पिछले हफ्ते इस ड्रग के दुष्परिणामों के दो मामले सामने आए हैं। 'बैनर पॉइजन कंट्रोल सेंटर' के को-मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर फ्रैंक लो वेशियो ने एक अमेरिकी टीवी चैनल को बताया, "जहां तक मुझे मालूम है, अमेरिका में इस ड्रग के दो मामले सामने आए हैं। इसके परिणाम डराने वाले हैं।"
'क्रोकोडिल' के बारे में उन्होंने कहा, "इसे इस्तेमाल करने से पहले लोग अक्सर ड्रग को उबालते हैं, ताकि वे संक्रमण से बच सकें। लेकिन, ऐसा करने से खतरा कम नहीं हो जाता।"
रूस में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की जा रही इस खतरनाक ड्रग का असर बेहद घातक है। इस्तेमाल करने के एक महीने बाद इसका असर दिखने लगता है। नसों में इंजेक्ट करने के बाद यह टिश्यू को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती है और कुछ ही दिनों में शरीर के अंदर का मांस सड़ना शुरू हो जाता है। इसके दुष्परिणामों से पीड़ित लोगों के शरीर की त्वचा क्रोकोडाइल (मगरमच्छ) जैसी हो चुकी है।
किसी अन्य नशीले पदार्थ की तुलना में 20 गुना सस्ती होने के कारण यह काफी ज्यादा इस्तेमाल की जा रही है। अकेले रूस में इसकी आदत छुड़वाने के लिए मेडिकल रजिस्ट्रेशन करवाने वाले लोगों की संख्या 2.5 मिलियन तक पहुंच गई है।
अमेरिका में एक खतरनाक ड्रग के इस्तेमाल किए जाने का पहला मामला सामने आया है। 'क्रोकोडिल' नाम से चर्चित इस फ्लैश ईटिंग ड्रग की वजह से इंसानी शरीर के अंदर का मांस गलने लगता है और त्वचा सरीसृप जैसी हो जाती है। रूस में बेहद चर्चित यह ड्रग गैसोलीन, पेंट थिनर, तेल और अल्कोहल जैसे कोडेन और हाइड्रोकार्बन्स का मिश्रण है।
'बैनर पॉइजन कंट्रोल सेंटर' के डॉक्टरों के मुताबिक अमेरिका के एरीजोना में पिछले हफ्ते इस ड्रग के दुष्परिणामों के दो मामले सामने आए हैं। 'बैनर पॉइजन कंट्रोल सेंटर' के को-मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर फ्रैंक लो वेशियो ने एक अमेरिकी टीवी चैनल को बताया, "जहां तक मुझे मालूम है, अमेरिका में इस ड्रग के दो मामले सामने आए हैं। इसके परिणाम डराने वाले हैं।"
'क्रोकोडिल' के बारे में उन्होंने कहा, "इसे इस्तेमाल करने से पहले लोग अक्सर ड्रग को उबालते हैं, ताकि वे संक्रमण से बच सकें। लेकिन, ऐसा करने से खतरा कम नहीं हो जाता।"
रूस में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की जा रही इस खतरनाक ड्रग का असर बेहद घातक है। इस्तेमाल करने के एक महीने बाद इसका असर दिखने लगता है। नसों में इंजेक्ट करने के बाद यह टिश्यू को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती है और कुछ ही दिनों में शरीर के अंदर का मांस सड़ना शुरू हो जाता है। इसके दुष्परिणामों से पीड़ित लोगों के शरीर की त्वचा क्रोकोडाइल (मगरमच्छ) जैसी हो चुकी है।
किसी अन्य नशीले पदार्थ की तुलना में 20 गुना सस्ती होने के कारण यह काफी ज्यादा इस्तेमाल की जा रही है। अकेले रूस में इसकी आदत छुड़वाने के लिए मेडिकल रजिस्ट्रेशन करवाने वाले लोगों की संख्या 2.5 मिलियन तक पहुंच गई है।