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View Full Version : चित्रकला का अद्भुत नमूना


ndhebar
31-10-2010, 11:40 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=368&stc=1&d=1288507220

ndhebar
31-10-2010, 11:42 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=369&stc=1&d=1288507331

ndhebar
31-10-2010, 11:43 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=370&stc=1&d=1288507423

ndhebar
31-10-2010, 11:44 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=371&stc=1&d=1288507477

ndhebar
31-10-2010, 11:46 AM
कैसा लगा जरूर बताएं
उसके बाद ही आगे प्रविष्टि करूँगा
आपके जवाबों की प्रतीक्षा में

Sikandar_Khan
31-10-2010, 12:33 PM
कैसा लगा जरूर बताएं
उसके बाद ही आगे प्रविष्टि करूँगा
आपके जवाबों की प्रतीक्षा में

बहुत ही बढ़ियां प्रस्तुति है आगे प्रस्तुत करेँ भाई

khalid
31-10-2010, 04:36 PM
कैसा लगा जरूर बताएं
उसके बाद ही आगे प्रविष्टि करूँगा
आपके जवाबों की प्रतीक्षा में

आपको नऐ सुत्र की बधाई और ++

jai_bhardwaj
01-11-2010, 12:50 AM
(चित्र संख्या १. के परिप्रेक्ष्य में)
देखो मित्रों ! गृह स्वामी ने डाला कैसा दाना है ?
हम सबके दांत तुड़ाने को इस निष्ठुर ने ठाना है /
हमें चाहिए नर्म व छोटे चावल, ज्वार बाजरा जैसे
पिछले साल का भुट्टा खाना, 'जय' कोई खाना है

(चित्र संख्या २. के परिप्रेक्ष्य में)
उफ़, कितना ठंडा यह पानी है
यह मम्मी की मनमानी है
खुद 'जय' सोती रहती हैं
मुझे रसोई बनानी है //

jai_bhardwaj
01-11-2010, 12:59 AM
निशांत जी , यदि संभव हो और आपको उचित प्रतीत हो तो कृपया चित्रों में संख्या डाल दें ताकि बिना उद्धरण लिए भी संदर्भित किये जा सके /
(चित्र संख्या ३. के परिप्रेक्ष्य में)
'जय' अलबेला पक्षी हूँ, जो सूरज पर हुकुम चलाता है
सुबह से लेकर संध्या तक, वह मेरी कील घुमाता है

(चित्र संख्या ४. के परिप्रेक्ष्य में)
मत रो मेरे भैया ! 'जय' प्रायः हो जाता है
अनुत्तीर्ण होने पर अध्ययन-मूल्य आता है

आकर्षक चित्र प्रस्तुतियों के लिए धन्यवाद /

sam_shp
01-11-2010, 03:33 AM
निशांतजी आपके चित्र लाजवाब है......और ऊपर से भाईजी के द्वारा किया गया चित्रों का वर्णन ....यह तो सोने पे सुहागा हो गया.....
सूत्र की निरंतरता और रोचकता बनाये रखियेगा.
धन्यवाद.
शाम.

ndhebar
01-11-2010, 06:28 PM
सिकंदर भाई, खालिद भाई, शाम भाई और अंत में भाई जी
आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद
आगे के चित्र प्रस्तुत हैं क्रम संख्या के साथ

5

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=444&stc=1&d=1288618099

ndhebar
02-11-2010, 03:48 PM
6
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=487&stc=1&d=1288694888

Hamsafar+
02-11-2010, 03:59 PM
वाह निशांत भाई आनद आ गया आपका सूत्र देख कर :bravo:

ndhebar
02-11-2010, 09:39 PM
वाह निशांत भाई आनद आ गया आपका सूत्र देख कर :bravo:

और आपका जवाब पाकर मुझे :hurray::hurray:
7

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=514&stc=1&d=1288715883

jai_bhardwaj
03-11-2010, 12:49 AM
(चित्र संख्या ५ के परिप्रेक्ष्य में )
आओ सखी आओ, ज़रा देखो तो इसको !
चुप रह कर आओ, धीरे धीरे खिसको !!
हौले हौले अन्दर ही, खुद को जलाया !
आज 'जय' लूट गया, हाय! सखी इसको !!

(चित्र संख्या 6 के परिप्रेक्ष्य में )
एक कली का कंठ पकड़ना, कैसा प्यार दुलार है !
मृतक हो गयी कोमल काया, मुख कितना लाचार है !!
असमय में ही पुष्प बनाना, कितना दुखद कुरूप है !
कलियों का यह शोषण है, 'जय' हत्या, अत्याचार है !!

ndhebar
03-11-2010, 10:26 AM
एक कली का कंठ पकड़ना, कैसा प्यार दुलार है !
मृतक हो गयी कोमल काया, मुख कितना लाचार है !!
असमय में ही पुष्प बनाना, कितना दुखद कुरूप है !
कलियों का यह शोषण है, 'जय' हत्या, अत्याचार है !!

बेहतरीन
काश मैं भी कुछ लिख पाता :hi::hi::hi::hi:

ndhebar
03-11-2010, 06:44 PM
8
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=754&stc=1&d=1288791836

jai_bhardwaj
03-11-2010, 11:21 PM
बेहतरीन
काश मैं भी कुछ लिख पाता :hi::hi::hi::hi:

बन्धु, ना तो मैं अधिक द्रुतगामी हूँ और ना ही इस मकडजाल में अन्वेषी / मैं तो मात्र आप जैसे चित्रकारों के चित्रों को शब्द दे कर आप सभी के उत्साह को ऊर्जा देने का प्रयास किया करता हूँ / जब आप लोगों को ऐसे शब्द-चित्र पसंद आ जाते हैं तो प्रयास की सार्थकता सिद्ध हो जाती है और मैं पुनः सीमित संसाधनों से नवीन शब्द चित्र तैयार करने लगता हूँ / बस ध्यान रखना कि यदि कभी अति उत्साह में मुझसे कुछ अनुचित लिख जाए तो कृपया न केवल मुझे इस तरफ संकेत दें बल्कि बिना कहे क्षमा भी कर दें / मैं आभारी रहूँगा / वैसे मेरा अनुभव है कि कविता रचना दुनिया का सबसे सरल कार्य है :party:/ धन्यवाद /

चित्र संख्या ७ के परिप्रेक्ष्य में ....
शक्ति कलश में जल भर आया
किन्तु अकेला वह घबराया
सोना मछली पास में रहती
जल्दी से 'जय' उसे बुलाया

चित्र संख्या ८ के परिप्रेक्ष्य में ...
कैसी यह नौकरी प्रभु जी!, कैसी तेरी माया है
सर पे रखा सोना इतना, रत्ती हाथ न आया है
ढोता रहता स्वर्ण मेखला जैसे बोझा यहाँ वहाँ
दिर में सोना सर पे होता रात आँख में पाया है

ndhebar
04-11-2010, 12:06 PM
9

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=1056&stc=1&d=1288853923

ndhebar
04-11-2010, 12:07 PM
10

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=1067&stc=1&d=1288854406

ndhebar
07-11-2010, 08:56 AM
11

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=2025&stc=1&d=1289105786

ndhebar
21-11-2010, 08:22 AM
12

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=3819&stc=1&d=1290313338

ABHAY
21-11-2010, 10:15 AM
हा क्या बात है भाई, क्या नमूना दिखाया है आपने, मजा आ गया. शुक्रिया भाई.

Hamsafar+
21-11-2010, 11:53 AM
8
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=754&stc=1&d=1288791836

जन्दगी कैसी है जलेबी हाय...
रसभरी गोलगोल उलझी हुई वाह .....

Kumar Anil
21-11-2010, 01:33 PM
(चित्र संख्या १. के परिप्रेक्ष्य में)
देखो मित्रों ! गृह स्वामी ने डाला कैसा दाना है ?
हम सबके दांत तुड़ाने को इस निष्ठुर ने ठाना है /
हमें चाहिए नर्म व छोटे चावल, ज्वार बाजरा जैसे
पिछले साल का भुट्टा खाना, 'जय' कोई खाना है

(चित्र संख्या २. के परिप्रेक्ष्य में)
उफ़, कितना ठंडा यह पानी है
यह मम्मी की मनमानी है
खुद 'जय' सोती रहती हैं
मुझे रसोई बनानी है //

भाईजी
बहुत सुन्दर प्रस्तुतिकरण किया है आपने , अभिभूत हो गया हूँ । काश ऐसा सम्भव हो कि यह कवि ह्रदय हमेँ भी मिल सके जिसके फलस्वरूप हमारे भीतर की उदात्त भावनाएँ जाग्रत होँगी और हमलोग वैमनस्यता , शत्रुता , द्वेष जैसी बुराईयोँ को तजकर भाईचारे के साथ समाज मेँ प्रेम को पुष्पित पल्लवित करेँगे ।

ndhebar
26-11-2010, 05:07 AM
13

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=4009&stc=1&d=1290733642

munneraja
26-11-2010, 11:27 AM
चित्रकला स्वयम ही अद्भुत होती है
ये मन की अभिव्यक्ति को उभारने सशक्त होती है
और देखने वाले को अभिभूत कर देती है

और फिर प्रस्तुत करने वाला दृढ और बली हो तो कहना ही क्या .....:majesty::fantastic:

ABHAY
26-11-2010, 12:39 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=4020&stc=1&d=1290760586

ABHAY
26-11-2010, 12:41 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=4021&stc=1&d=1290760631

ABHAY
26-11-2010, 12:42 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=4023&stc=1&d=1290760692

munneraja
26-11-2010, 04:16 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=4023&stc=1&d=1290760692
बस एक शब्द
"वाह"

ndhebar
28-11-2010, 04:05 PM
14

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=4089&stc=1&d=1290945936

amit_tiwari
28-11-2010, 04:15 PM
इसी विषय से थोडा जुड़ा हुआ विडियो है, देखिये लोग कैसा कैसा अजूबा कर जाते हैं |

5OLP4nbAVA4

Bond007
29-11-2010, 08:28 PM
भैय्या ढेबर जी....................... बस .............. कमाल का मनोरंजन करा रहे हो|



वाह, अतिसुन्दर|

Bond007
29-11-2010, 08:33 PM
bhaaiji को सलाम.

बहुत ही अच्छी रचनाये करते है| दोहरा मनोरंजन हो रहा है|

जैसे वाचक संस्कृत का कोई श्लोक बोल रहा हो और व्यख्याकर्ता उसकी व्याख्या कर रहा हो.
चित्र को समझने में और भी आसान बना रहे है.

Bholu
05-05-2011, 09:50 AM
दोस्त सूत्र तो बढिया है तो आओ मित्र सूत्र को गति दे

ndhebar
18-05-2011, 01:16 PM
http://i630.photobucket.com/albums/uu26/j4jokes12/funny/funnypictures314-1.jpg (http://www.funnypicturesjoke.com/funny/2011/05/marvelous-photography-pictures)

ndhebar
18-05-2011, 01:16 PM
http://i630.photobucket.com/albums/uu26/j4jokes12/funny/funnypictures311-1.jpg (http://www.funnypicturesjoke.com/funny/2011/05/marvelous-photography-pictures)

Bond007
19-05-2011, 02:00 AM
:bravo: :bravo:
बहुत दिनों के बाद ये सूत्र फिर से जीवित हुआ है........! :clap:


:cheers:

prashant
19-05-2011, 06:11 AM
http://i630.photobucket.com/albums/uu26/j4jokes12/funny/funnypictures314-1.jpg (http://www.funnypicturesjoke.com/funny/2011/05/marvelous-photography-pictures)

लेकिन क्या यह वास्तव में पेंटिंग है?

ndhebar
25-05-2011, 10:00 PM
लेकिन क्या यह वास्तव में पेंटिंग है?
प्रशांत भाई
ये तो असली चित्रकार ही बता सकता है

ndhebar
25-05-2011, 10:22 PM
http://f951.mail.yahoo.com/ya/download?mid=1%5f12821%5fAJoSaMsAALTgTdtmkQ2CFU7gJ xw&pid=7&fid=Inbox&inline=1 (http://www.facebook.com/fropki)

ndhebar
25-05-2011, 10:23 PM
http://f951.mail.yahoo.com/ya/download?mid=1%5f12821%5fAJoSaMsAALTgTdtmkQ2CFU7gJ xw&pid=10&fid=Inbox&inline=1 (http://www.facebook.com/fropki)
(http://groups.fropki.com)

dipu
26-05-2011, 01:41 PM
अति उत्तम ...............................

jai_bhardwaj
26-05-2011, 11:21 PM
http://i630.photobucket.com/albums/uu26/j4jokes12/funny/funnypictures311-1.jpg (http://www.funnypicturesjoke.com/funny/2011/05/marvelous-photography-pictures)

मैं गरुण नहीं हूँ, हंस नहीं हूँ, और नहीं आँचल हूँ मैं

होली का त्यौहार मना 'जय', लौटा एक बादल हूँ मैं //:tomato::tomato::tomato:

http://i630.photobucket.com/albums/uu26/j4jokes12/funny/funnypictures314-1.jpg (http://www.funnypicturesjoke.com/funny/2011/05/marvelous-photography-pictures)

चलो लगा कर दौड़ आज, मित्रों हम कसरत कर लें

बिना रुके कल चलना होगा ऐसी इक हसरत भर लें

आया 'जय' संकट स्वामी पर, हमें सुबह चलना होगा

अन्न और पानी के बदले, हम उनकी इज्जत रख लें //:horse::horse::horse:

ndhebar
29-05-2011, 01:38 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10911&stc=1&d=1306658282

great_brother
29-06-2011, 09:26 PM
निशांत जी , यदि संभव हो और आपको उचित प्रतीत हो तो कृपया चित्रों में संख्या डाल दें ताकि बिना उद्धरण लिए भी संदर्भित किये जा सके /
(चित्र संख्या ३. के परिप्रेक्ष्य में)
'जय' अलबेला पक्षी हूँ, जो सूरज पर हुकुम चलाता है
सुबह से लेकर संध्या तक, वह मेरी कील घुमाता है

(चित्र संख्या ४. के परिप्रेक्ष्य में)
मत रो मेरे भैया ! 'जय' प्रायः हो जाता है
अनुत्तीर्ण होने पर अध्ययन-मूल्य आता है

आकर्षक चित्र प्रस्तुतियों के लिए धन्यवाद /

कमाल की व्याख्या की है चित्रों की ...
वाह वाह वाह वाह ......................

bharat
30-06-2011, 04:33 AM
इसी विषय से थोडा जुड़ा हुआ विडियो है, देखिये लोग कैसा कैसा अजूबा कर जाते हैं |

5olp4nbava4
वास्तव में कमाल ही कर दिया बनाने वाले ने! सिर्फ फिंगर टिप से स्क्रीन पर चित्र असंभव सा लगता है!

rafik
22-07-2014, 02:19 PM
:bravo::bravo::bravo::bravo::bravo: