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View Full Version : रक्त दान महादान


jalwa
31-10-2010, 02:10 PM
अभिसेज के सभी साथी दोस्तों, आप सभी से निवेदन है की इस सूत्र का अवश्य अवलोकन करें तथा अपने अमूल्य विचार भी रखें.
रक्तदान महादान.
रक्तदान जीवनदान है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। उस वक्त हम नींद से जागते हैं और उसे बचाने के लिए खून के इंतजाम की जद्दोजहद करते हैं।
अनायास दुर्घटना या बीमारी का शिकार हममें से कोई भी हो सकता है। आज हम सभी शिक्षित व सभ्य समाज के नागरिक है, जो केवल अपनी नहीं बल्कि दूसरों की भलाई के लिए भी सोचते हैं तो क्यों नहीं हम रक्तदान के पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान करें और लोगों को जीवनदान दें।

jalwa
31-10-2010, 02:12 PM
कौन कर सकता है रक्तदान :
* कोई भी स्वस्थ व्यक्ति जिसकी आयु 18 से 68 वर्ष के बीच हो।
* जिसका वजन 45 किलोग्राम से अधिक हो।
* जिसके रक्त में हिमोग्लोबिन का प्रतिशत 12 प्रतिशत से अधिक हो।

ये नहीं करें रक्तदान :
* महावारी के दौर से गुजर रही महिला।
* बच्चों को स्तनपान कराने वाली महिला।

jalwa
31-10-2010, 04:24 PM
आइये... हम सभी मिल कर प्रण करें.. की जीवन में कम से कम एक बार रक्तदान अवश्य करेंगे.

raju
31-10-2010, 04:27 PM
रक्तदान के लिए सुझाव

•रक्तदान करने से 3 घंटे पहले पौष्टिक भोजन लें।
•रक्तदान के बाद दिये जाने वाले नाश्ते को स्वीकार करें क्यों आपका उसे लेना महत्वपूर्ण है। इसके बाद आपको अच्छे खाने की सलाह दी जाती है।
•रक्तदान से पहले धूम्रपान न करें। रक्तदान के 3 घंटे बाद आप धूम्रपान कर सकते हैं।
•यदि 48 घंटे पहले आपने एल्कोहल लिया हो तो आप रक्तदान करने के लिए योग्य नहीं होंगे।

raju
31-10-2010, 04:28 PM
रक्तदान के बारे में गलत धारणाएँ

•‘’रक्तदान के बाद मैं कमजोरी और थकान महसूस करूंगा’’- आप कमजोरी और थकान महसूस नहीं करेंगे यदि आप लगातार द्रव्य और अच्छा भोजन लेंगे।
•‘’मैं अपनी रोजमर्रा की गतिविधियाँ नहीं कर सकता’’- आप अपनी रोजमर्रा की गतिविधियाँ कर सकते हैं, यद्यपि आपको बचने की सलाह दी जाती है।
•‘’मेरा खून कम हो जाएगा’’- यदि डॉक्टर द्वारा आपको दान के लिए उपयुक्त ठहराया गया हो, तो रक्तदान के बाद भी आपका खून अधिक ही होगा।
•‘’मैं शराब नहीं ले सकता’’- आप अगले दिन ले सकते हैं।
•‘’रक्तदान करना दर्दनाक होगा’’- नहीं, आप दर्द महसूस नहीं करेंगे।
•‘’मैं बेहोशी महसूस करूंगा’’- रक्तदान के बाद न तो आप बेहोशी महसूस करेंगे और न ही असहजता।
•‘’मुझे एड्स हो सकता है’’- नहीं, सुनिश्चित करें कि डिस्पोजेबल सिरिंज का इस्तेमाल हुआ हो और आपको कीटाणुमुक्त रखने के सभी उपाय अपनाएँ हों।
•‘’मेरा खून काफी आम है। मुझे नहीं लगता कि उसकी माँग होगी’’- इसीलिए आपके खून की मांग अन्य खून से अधिक होती है।

raju
31-10-2010, 04:28 PM
रक्त से जुड़े तथ्य

•खून जीवन को बनाये रखने वाला द्रव्य है जो शरीर की धमनियों, हृदय और नसिकाओं में प्रवाहित होता रहता है।
•खून के माध्यम से शरीर के भीतर पोषण, इलेक्ट्रोलाइट, हार्मोन, विटामिन, एंटीबॉडी, ऊष्मा और ऑक्सीजन पहुँचते हैं।
•खून शरीर से अपशिष्ट तत्व और कार्बन डाई ऑक्साइड को निकालता है।
•खून संक्रमण से लड़ता है और जख्मों को भरने में मदद करता है और इस तरह आपको स्वस्थ बनाये रखता है।
•आपके शरीर के वजन का लगभग 7 फीसदी खून होता है।
•एक नवजात के शरीर में करीब एक कप खून पाया जाता है।
•शरीर में किसी भी किस्म के संक्रमण के खिलाफ सबसे पहला अवरोध श्वेत रक्त कणिकाएँ ही होती हैं।
•ग्रेनुलोसाइट नामक श्वेत रक्त कणिकाएँ रक्त कोशिकाओं की दीवारों के साथ तैरती हैं और विषाणु को खोज कर उन्हें नष्ट करती हैं।
•लाल रक्त कणिकाएं शरीर के अंगों और कोशिकाओं तक ऑक्सीजन पहुँचाती हैं।
•दो-तीन बूंद खून में करीब एक अरब लाल रक्त कणिकाएँ होती हैं।
•रक्त प्रवाह तंत्र में लाल रक्त कणिकाएँ करीब 120 दिनों तक जिंदा रहती हैं।
•प्लैटेलेट खून के जमने में मददगार होते हैं और ल्यूकेमिया व कैंसर के मरीजों को जीने का अवसर देते हैं।

raju
31-10-2010, 04:29 PM
रक्तदान क्यों करें?

खून वह सजीव द्रव्य है जिसपर सारा जीवन टिका होता है। इसका 60 फीसदी द्रव्य और 40 फीसदी ठोस होता है। द्रव्य को प्लाज्मा कहते हैं जिसमें 90 फीसदी पानी और 10 फीसदी पोषक तत्व, हार्मोन इत्यादि होते हैं और यह भोजन दवाओं आदि से काफी जल्दी बन जाता है। लेकिन खून का ठोस हिस्सा, जिसमें आरबीसी, डब्लूबीसी और प्लैटेलेट होते हैं, उसे दोबारा बनने में काफी वक्त लगता है।

यहीं पर आपकी भूमिका बनती है। जितना समय एक मरीज को इन तत्वों को वापस पाने में लगेगा, उसमें उसकी जान जा सकती है। कभी-कभार शरीर इन्हें वापस लाने की स्थिति में भी नहीं रहता।

आप जानते हैं कि खून पैदा नहीं किया जा सकता, सिर्फ उसका दान संभव है। यानी सिर्फ आप उस व्यक्ति को बचा सकते हैं जिसे खून की जरूरत है।

हर साल भारत को 250 सीसी खून के 4 करोड़ यूनिट की जरूरत होती है जिसमें से सिर्फ 500,000 यूनिट ही उपलब्ध है।

raju
31-10-2010, 04:31 PM
कौन कर सकता है रक्तदान :
* कोई भी स्वस्थ व्यक्ति जिसकी आयु 18 से 68 वर्ष के बीच हो।
* जिसका वजन 45 किलोग्राम से अधिक हो।
* जिसके रक्त में हिमोग्लोबिन का प्रतिशत 12 प्रतिशत से अधिक हो।

ये नहीं करें रक्तदान :
* महावारी के दौर से गुजर रही महिला।
* बच्चों को स्तनपान कराने वाली महिला।


रक्तदान

खून चढाने की जरूरत:-

जीवन बचाने के लिए खून चढाने की जरूरत पडती है। दुर्घटना, रक्तस्त्राव, प्रसवकाल और ऑपरेशन आदि अवसरों में शामिल है, जिनके कारण अत्यधिक खून बह सकता है और इस अवसर पर उन लोगों को खून की आवश्यकता पडती है। थेलेसिमिया, ल्यूकिमिया, हीमोफिलिया जैसे अनेंक रोगों से पीडित व्यक्तियों के शरीर को भी बार-बार रक्त की आवश्यकता रहती है अन्यथा उनका जीवन खतरे में रहता है। जिसके कारण उनको खून चढाना अनिवार्य हो जाता है।

रक्तदान की आवश्यकता:-

इस जीवनदायी रक्त को एकत्रित करने का एकमात्र् उपाय है रक्तदान। स्वस्थ लोगों द्वारा किये गये रक्तदान का उपयोग जरूरतमंद लोगों को खून चढानें के लिये किया जाता है। अनेक कारणों से जैसे उन्नत सर्जरी के बढतें मामलों तथा फैलती जा रही जनसंख्या में बढती जा रही बीमारियों आदि से खून चढाने की जरूरत में कई गुना वृद्वि हुई है। लेकिन रक्तदाताओं की कमी वैसी ही बनी हुई है। लोगों की यह धारणा है कि रक्तदान से कमजोरी व नपूसंकता आती है, पूरी तरह बेबूनियाद है। आजकल चिकित्सा क्षेत्र में कॅम्पोनेन्ट थैरेपी विकसित हो रही है, इसके अन्तर्गत रक्त की इकाई से रक्त के विभिन्न घटकों को पृथक कर जिस रोगी को जिस रक्त की आवश्यकता है दिया जा सकता है इस प्रकार रक्त की एक इकाई कई मरीजों के उयोग में आ सकती है।

रक्त कौन दे सकता है?

ऐसा प्रत्येक पुरूष अथवा महिला:-

जिसकी आयु 18 से 68 वर्ष के बीच हो।

जिसका वजन (100 पौंड) 48 किलों से अधिक हो।

जो क्षय रोग, रतिरोग, पीलिया, मलेरिया, मधुमेंह, एड्स आदि बीमारियों से पीडित नहीं हो।

जिसने पिछले तीन माह से रक्तदान नहीं किया हो।

रक्तदाता ने शराब अथवा कोई नशीलीदवा न ली हो।

गर्भावस्था तथा पूर्णावधि के प्रसव के पश्चात शिशु को दूध पिलाने की 6 माह की अवधि में किसी स्त्री से रक्तदान स्वीकार नहीं किया जाता है।

कितना रक्त लिया जाता है?

प्रतिदिन हमारे शरीर में पुराने रक्त का क्षय होता रहता है ओर प्रतिदिन नया रक्त बनता है रहता है।

एकबार में 350 मिलीलीटर यानि डेढ पाव रक्त ही लिया जाता है (कुल रक्त का 20 वॉं भाग)

शरीर 24 घंटों में दिये गये रक्त के तरल भाग की पूर्ति कर लेता है।

ब्लड बैंक रेफ्रिजरेटर में रक्त 4 - 5 सप्ताह तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

क्या रक्तदान से दाता का कोई लाभ होता है?

हॉं। रक्तदान द्वारा किसी को नवजीवन देकर जो आत्मिक आनन्द मिलता है उसका न तो कोई मूल्य ऑंका जा सकता है न ही उसे शब्दों में व्यक्त किया जा सकता है। चिकित्सकों का यह मानना है कि रक्तदान खून में कोलेस्ट्रॉल की अधिकता रक्त प्रवाह में बाधा डालती है। रक्त दान शरीर द्वारा रक्त बनाने की क्रिया को भी तीव्र कर देता है। रक्त के कणों का जीवन सिर्फ 90 से 120 दिन तक का होता है। प्रतिदिन हमारे शरीर में पुराने रक्त का क्षय होता रहता है और नया रक्त बनता जाता है इका हमें कोई अनुभव नहीं होता। बहुत से स्त्री-पुरूषों ने नियमित रूप से रक्त दान करने का क्रम बना रखा है। अतः आप भी नियमित रूप से स्वैच्छिक रक्तदान करें, जिससे रक्त की हमेशा उपलब्धता बनी रहे कोई सुहागिन विधवा न बने, वृद्व मॉ-बाप बेसहारा न हो, खिलता यौवन असमय ही काल कलवित न हो आज किसी को आपके रक्त की आवश्यकता है, हो सकता है कल आपको किसी के रक्त की आवश्यकता हो अतः निडर होकर स्वैच्छिक रक्त दान करें।

रक्त दान कहॉं करें?

रकतदान किसी भी लाईसेन्स युक्त ब्लड बैंक में किया जा सकता है। यह सुविधा सभी जिला-चिकित्सालयों में भी उपलब्ध है। राज्य के सरकारी 43 एवं निजी क्षेत्र में 18 ब्लड बैंक लाईसेन्स युक्त है। इसके अलावा मान्यता प्राइज़ एजेन्सियों जैसे रोटरी क्लब, लायंस क्लब आदि द्वारा समय-समय पर रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जाता है। इनमें से किसी भी अधिकृत सील पर आप स्वैच्छा से निश्चित होकर रक्तदान कर सकते हैं।

रक्त संचार से पहले जांच?

ब्लड बैंक में जारी करने से पहले रक्त की प्रत्येक इकाई का परीक्षण मलेरिया, सिफलिस, हिपेटाइटिस (सी) व एच.आई.वी. के लिए किया जाता है ताकि सुरक्षित रक्त ही मरीज को पहुंचे।

क्या रकतदान कष्टकारक या हानिकारक होता है?

रक्त देते समय कोई पीडा नहीं होती है।

रक्तदान करने में 5 से 10 मिनट का समस लगता है।

रक्त देन के पश्चात आप सभी कार्य सामान्य रूप से कर सकते हैं।

रक्तदाता के सामान्य स्वास्थ्य प कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पडता है।

स्वेच्छा से दिया गया रक्त, बेचने वाले के रक्त से अच्छा होता है क्योंकि:-

स्वेच्छा से रक्त देने वाला मनुष्य, मानव मात्र् की सहायता के लिये रक्त देता है, न की धन के लालच से इसलिए वह किसी प्रकार की वर्तमान या पुरानी बीमारी का बतानें में नहीं हिचकिचाता, जिससे रक्त प्राइज़ करने वाले का जीवन खतरें में पड सकता है। रक्त बेचने वाला धन के लालच में अपने हर रोग को छिपाने का प्रयत्न करता है। जिससे रक्त प्राइज़ करने वाले को कई प्रकार की बीमारियां लग सकती है। ओर उसका जीवन भी खतरे में पड सकता है। पेशेवर रक्तदाता बिना अन्तराल के जल्दी-जल्दी रक्तदान करते हैं जिससे उनके रक्त में गुणवता का भी आभास हो जाता है।

रक्तदाता कार्ड:-

स्वेच्छा से रक्तदान करने वाले व्यक्ति को रक्तदान करने के तुरन्त बाद रक्तदाता ऋण पत्र / प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। जिससे वह रक्तदान की तिथि से 12 महिनें तक आवश्यकता पडने पर स्वंय या अपने परिवारजन के लिये ब्लड बैंक से एक यूनिट रक्त प्राइज़ कर सकता है अगर आपका या आपके सगे- संबन्धियों को खून चढाने की नौबत आये तो खून की बोतल या थैली पर 'एच.आई.वी. मुक्*त' की मोहर अवश्य देखें।

भारत में दान करने की प्रथा है, धन व अन्न दान से भी अधिकतम महान रक्तदान है क्योंकि यह जीवनदान करता है। आओं हम सभी रक्त दान-जीवनदान करें।

jalwa
31-10-2010, 04:33 PM
मित्र राजू जी, आपके अमूल्य योगदान के लिए आपको धन्यवाद. इस योगदान के लिए आपको + रेपुटेशन दिया जा रहा है.
:bravo:

raju
31-10-2010, 04:36 PM
मित्र राजू जी, आपके अमूल्य योगदान के लिए आपको धन्यवाद. इस योगदान के लिए आपको + रेपुटेशन दिया जा रहा है.
:bravo:

थैंक्स..रेपुटेशन के लिए वैसे इतने अच्छे टोपिक का आईडिया तो आपका ही है..

gulluu
31-10-2010, 07:21 PM
थैंक्स..रेपुटेशन के लिए वैसे इतने अच्छे टोपिक का आईडिया तो आपका ही है..

राजू जी वास्तव में आपने बहुत अच्छा योगदान दिया है ,आपका धन्यवाद

Video Master
01-11-2010, 09:48 PM
रक्*त से जुड़े तथ्*य


आपके शरीर के वजन का 70 फीसदी खून होता है।


राजू जी ये बात बिलकुल गलत और भ्रामक है
कॉपी करने से पहले एक बार पढ़ लिया करे

आपने अच्छा कार्य किया है इसके लिए बधाई के पात्र है

jalwa
01-11-2010, 11:04 PM
राजू जी ये बात बिलकुल गलत और भ्रामक है
कॉपी करने से पहले एक बार पढ़ लिया करे

आपने अच्छा कार्य किया है इसके लिए बधाई के पात्र है

वीडिओ मास्टर जी, आपने बिलकुल सही बात पर गौर किया है. दरअसल शरीर के कुल वजन का लगभग सात प्रतिशत खून का होता है. एक स्वस्थ व्यक्ति जिसका वजन पचास से साठ किलो के बीच होता है उसमें साढ़े तीन से चार लीटर खून होता है. खून हमारे शरीर का एक बहुत महत्वपूर्ण अवयव है. हमारे शरीर में सबसे ज्यादा वजन हमारी हड्डियों का होता है.
राजू जी नें जहाँ से यह तथ्य उठाए हैं उनमें शायद कोई स्पेलिंग मिस्टेक हो गई है शायद एक जीरो ज्यादा लग गया है. लेकिन इस से इनके योगदान में कोई कमी नहीं आती. ऐसा कभी कभी हो जाता है.

Nitikesh
20-11-2010, 05:10 PM
मैंने भी एक बार रक्तदान किया है.जब मैं कॉलेज में फर्स्ट इयर फर्स्ट सेमेस्टर का स्टूडेंट था.कॉलेज में रक्त दान का शिविर लगा था.क्या बताऊँ दो दिन तक चक्कर आये थे और अफ़सोस की बात ये है की रक्तदान करने पर जो प्रमाण पत्र मिलाता है वो नहीं मिला.फिर उसके बाद कभी मैंने रक्तदान नहीं किया.लेकिन इस बार फिर से मैं रक्तदान करने का निश्चय किया है और किसी अच्छी संस्था को ही मैं रक्त दूँगा.

ABHAY
20-11-2010, 05:52 PM
मैंने भी १०० बार क्या एक बार भी रक्तदान नहीं किया है , मैं एक सवाल पूछना चाहता हू की हमारे दुवारा किया गया रक्तदान तो फ्री होता फ्री में दान करते है , लेकिन मेरा प्रश्न ये है की यही खून दूसरे जिन्हें खून की जरुरत है क्या उन्हें ये खून फ्री में मिलता है या उसका दाम चुकाना पड़ता है !

अगर फ्री में मिलता है तो मैं जबतक जिन्दा रहूँगा खून दान करते रहूँगा ! मगर इस खून को किसी जरुरत मंद को बेचा जाता हो तो मैं १ बार भी खून दान नहीं करूँगा !

arvind
20-11-2010, 06:05 PM
मैंने भी १०० बार क्या एक बार भी रक्तदान नहीं किया है , मैं एक सवाल पूछना चाहता हू की हमारे दुवारा किया गया रक्तदान तो फ्री होता फ्री में दान करते है , लेकिन मेरा प्रश्न ये है की यही खून दूसरे जिन्हें खून की जरुरत है क्या उन्हें ये खून फ्री में मिलता है या उसका दाम चुकाना पड़ता है !

अगर फ्री में मिलता है तो मैं जबतक जिन्दा रहूँगा खून दान करते रहूँगा ! मगर इस खून को किसी जरुरत मंद को बेचा जाता हो तो मैं १ बार भी खून दान नहीं करूँगा !
अगर आप स्वेच्छा से दान करते है तो "Voluntary Blood Donor" के सदस्य बन जाते है, और आप जीतने यूनिट दान करते है, तो जब भी जरूरत हो, तब आपको, आपके किसी भी दोस्त या रिश्तेदार को आपके आग्रह पर कभी भी उतनी ही यूनिट खून बिना किसी खर्चे के कभी भी मिल सकता है।

malethia
20-11-2010, 06:43 PM
मैं जरूरतमंद को कई बार रक्तदान कर चूका हूँ.................
रक्तदान करने से किसी प्रकार की कोई कमजोरी महसूस नहीं होती

amit_tiwari
21-11-2010, 09:35 PM
मैंने भी १०० बार क्या एक बार भी रक्तदान नहीं किया है , मैं एक सवाल पूछना चाहता हू की हमारे दुवारा किया गया रक्तदान तो फ्री होता फ्री में दान करते है , लेकिन मेरा प्रश्न ये है की यही खून दूसरे जिन्हें खून की जरुरत है क्या उन्हें ये खून फ्री में मिलता है या उसका दाम चुकाना पड़ता है !

अगर फ्री में मिलता है तो मैं जबतक जिन्दा रहूँगा खून दान करते रहूँगा ! मगर इस खून को किसी जरुरत मंद को बेचा जाता हो तो मैं १ बार भी खून दान नहीं करूँगा !

सांवरे बलम आपके रक्त दान देने के बाद उसे टेस्ट किया जाता है फिर ग्रुपिंग की जाती है, उसे जमने से बचाने के लिए कुछ सीरम मिलाये जाते हैं फिर उसे सुरक्षित वातानुकूलित स्थान पर रखा जाता है और इस सरे कार्यक्रम में खर्चा होता है तो इसको तो कहीं ना कहीं से निकलना होगा ना ??? तो लेने वाले से मूल्य लेना ही होता है | मेरी जानकारी में कुछ ऐसे ब्लड बैंक भी हैं जहां पर आपसे वांछित यूनिट खून लेकर उतने ही यूनिट खून थोड़े से शुल्क के बाद दे दिया जाता है |


मैंने भी एक बार रक्तदान किया है.जब मैं कॉलेज में फर्स्ट इयर फर्स्ट सेमेस्टर का स्टूडेंट था.कॉलेज में रक्त दान का शिविर लगा था.क्या बताऊँ दो दिन तक चक्कर आये थे और अफ़सोस की बात ये है की रक्तदान करने पर जो प्रमाण पत्र मिलाता है वो नहीं मिला.फिर उसके बाद कभी मैंने रक्तदान नहीं किया.लेकिन इस बार फिर से मैं रक्तदान करने का निश्चय किया है और किसी अच्छी संस्था को ही मैं रक्त दूँगा.

बन्धु ये कोई भ्रामक भावना है आपके मन में | स्तनधारी प्राणियों में एक अंग होता है प्लीहा या स्प्लाइन | मानव की प्लीहा में १-२ लीटर रक्त हमेशा सुरक्षित रहता है | जैसे ही शरीर से एक बूँद रक्त भी बाहर जाता है यह प्लीह तुरंत ही सिकुड़ कर उतना रक्त शरीर में प्रवाहित कर देती है और प्लीहा में हुई इस रक्त की कमी को मेरु रज्जा २४ घंटो में पूरा कर देती है | तो रक्त दान के बाद कमजोरी, चक्कर या कुछ और मानसिक भ्रम से हो सकता है शारीरिक कारण से तो कदापि नहीं |

aksh
21-11-2010, 10:28 PM
सांवरे बलम आपके रक्त दान देने के बाद उसे टेस्ट किया जाता है फिर ग्रुपिंग की जाती है, उसे जमने से बचाने के लिए कुछ सीरम मिलाये जाते हैं फिर उसे सुरक्षित वातानुकूलित स्थान पर रखा जाता है और इस सरे कार्यक्रम में खर्चा होता है तो इसको तो कहीं ना कहीं से निकलना होगा ना ??? तो लेने वाले से मूल्य लेना ही होता है | मेरी जानकारी में कुछ ऐसे ब्लड बैंक भी हैं जहां पर आपसे वांछित यूनिट खून लेकर उतने ही यूनिट खून थोड़े से शुल्क के बाद दे दिया जाता है |

बन्धु ये कोई भ्रामक भावना है आपके मन में | स्तनधारी प्राणियों में एक अंग होता है प्लीहा या स्प्लाइन | मानव की प्लीहा में १-२ लीटर रक्त हमेशा सुरक्षित रहता है | जैसे ही शरीर से एक बूँद रक्त भी बाहर जाता है यह प्लीह तुरंत ही सिकुड़ कर उतना रक्त शरीर में प्रवाहित कर देती है और प्लीहा में हुई इस रक्त की कमी को मेरु रज्जा २४ घंटो में पूरा कर देती है | तो रक्त दान के बाद कमजोरी, चक्कर या कुछ और मानसिक भ्रम से हो सकता है शारीरिक कारण से तो कदापि नहीं |

बहुत ही उपयोगी जानकारी दी आपने मित्र. आपका बहुत बहुत धन्यवाद.