PDA

View Full Version : अर्ध नागिन तस्वीरों से सब कुच्छ है बिक रहा…ban


Bansi Dhameja
11-10-2013, 07:19 PM
अर्ध नागिन तस्वीरों से सब कुच्छ है बिक रहा…bansi,

ईकीस्वीं सद्दी में यारो किया किया ना हो रहा
अर्ध नागिन तस्वीरों से सब कुच्छ है बिक रहा

हो कोई साबुन या हो तौलिया
अंदर पहन ने के वस्त्र हों यह हों साड़ियाँ
अर्ध नागिन तस्वीरों से सब कुच्छ है बिक रहा


बेचनेवाले सब बिज़्नेसमॅन हैं बन रहे
साहित्या पत्रकाओं के संपादक भी
आज इन सब से अलग नहीं रहे

बेचना है सब को और कमाना है पैसा
भाड़ में जाएँ लोग आज सब कुच्छ है पैसा

हमारी सभ्यता पे पश्चिम हावी है हो रहा
पहनावा हो या हो पोस्टर
या हो कोई मैगज़ीन के कवर
सब पे देश के लोगों को अर्धनगिन है भा रहा

ऐसे माहौल में 'बंसी' कुच्छ भी न कर पा रहा
बस अरमान ले के दिल में ‘बंसी’ है रो रहा

ईकीस्वीं सद्दी में यारो किया किया ना हो रहा
अर्ध नागिन तस्वीरों से सब कुच्छ है बिक रहा
---------बंसी(मधुर)

rajnish manga
11-10-2013, 08:08 PM
इस कविता में बहुत सुन्दर विचार अभिव्यक्त किये गये हैं. हम सभी इनसे सहमत हैं. एक शिकायत भी है. रचना को टाइप करने के बाद जांचा नहीं गया जिसके कारण वर्तनी की काफी त्रुटियाँ दिखाई दे रही हैं.

dipu
11-10-2013, 08:17 PM
great poem

Bansi Dhameja
11-10-2013, 08:29 PM
इस कविता में बहुत सुन्दर विचार अभिव्यक्त किये गये हैं. हम सभी इनसे सहमत हैं. एक शिकायत भी है. रचना को टाइप करने के बाद जांचा नहीं गया जिसके कारण वर्तनी की काफी त्रुटियाँ दिखाई दे रही हैं.
रजनीश जी मेरी हिन्दी ज़रा कमज़ोर है स्पेलिंग मिस्टेक्स हो ही जाती हैं. कोशिश करूँगा सुधारने की
बहुत बहुत धनियवाद

Bansi Dhameja
11-10-2013, 08:30 PM
great poem

dipu ji बहुत बहुत शुक्रिया