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View Full Version : कर्म………..bansi


Bansi Dhameja
11-10-2013, 10:14 PM
कर्म………..bansi
सब कर्मों का खेल है भाई
जितना जल्दी समझेगा उतना लाभ उठेगा
बुरे करम का फल अच्छा कभी नहीं हो पायेगा
अच्छे करम कर ले तू बन्दे वरना फिर पछतायेगा

बुरे करम करनेवाले अक्सर खुशहाल दीखते हैं
एक खुशी का मखौता सदा वो पहने रहते हैं
अंतःकरण उनका उन्हें झंझोर्ता रहता है
हकीकत से भागने के तरीके ढूंढते रहते हैं
एक बुरे करम के पीछे और बुरे करम करते हैं
जैसे एक झूठ के पीछे सौ झूठ बोलने पढ़ते हैं

बुरे करम करनेवालों को उपरी समान मिलता है
अंदर से सब जानते हैं वह इन्सान बुरा कितना है
अन्तकाल जब आता है सब झूठे असून बहते हैं
अच्छा हुआ व्हो चला गया ऐसा सभी मानते हैं

बुरे करम का फल अच्छा कभी नहीं हो पायेगा
अच्छे करम कर ले तू बन्दे वरना फिर पछतायेगा
जो बीत गया सो बीत गया लौटके फिर न आयेगा
जो कर दिया सो कर दिया उसे बदल न पायेगा

अछे बुरे सब कर्मों का फल तू ही भोगेगा
कुच्छ इस जनम में भोगेगा कुच्छ अगले जनम में पायेगा

इसीलिये कहता हूँ बंधू आनेवाले कल की सोच
अच्छा कुच्छ तो सोचेगा अच्छा तू कर पायेगा
खियण भर रोज़ रात को सोच आज तूने क्या है कीया
किया अच्छा कीया किया बुरा कीया मन तेरा बतलायेगा

अगर तुझसे कुच्छ बुरा हुआ हो या तूने कुच्छ बुरा कीया हो
ख्य्मा याचना करने से मन हल्का हो जायेगा
मन का सुख भी पायेगा

कुच्छ दिन ऐसा करने से इक दिन ऐसा आयेगा
चाह कर भी बुरा किसी का तू कर न पायेगा

अच्छे करम करते करते तू सब का चहेता बन जायेगा
जो पहले घिरणा करते थे उनका भी प्यार तू पायेगा

अन्तकाल जब आयेगा सब मन से असून बहायेंगे
इत्ज़त से तुझे याद करेंगे तुझे भुल्ला न पाएंगे
तुझे भुल्ला न पाएंगे तू अमर हो जायेगा
अच्छे करम कर ले तू बन्दे वरना फिर पछतायेगा

बुरे करम का फल अच्छा कभी नहीं हो पायेगा
अच्छे करम कर ले तू बन्दे वरना फिर पछतायेगा
बंसी(मधुर)