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View Full Version : प्रेम ही तेरे जीवन का आधार है !


sombirnaamdev
11-10-2013, 11:02 PM
ऐ मानव जब तक ये संसार है
प्रेम ही तेरे जीवन का आधार है !

माँ सा दूसरा कोई और जहाँ में
इस का कर्जा कई जनम उधार है !

निस्वार्थ प्रेम छिपा बापू की डांट में
उससे बढ़कर ना कोई भी फटकार है

ना समझे इस निश्छल प्यार को
उस मानव को ''नामदेव ''धिक्कार है !

Bansi Dhameja
13-10-2013, 02:14 PM
very nice
माँ से बॅड्कर कोई प्यार करता नहीं
बाप से बॅड कर कोए चाहता नहीं
अफ़सोस होता है यह देख कर क़ि
बच्चे इस प्यार को समझते नहीं

rajnish manga
13-10-2013, 10:48 PM
बहुत अच्छी कविता है, सोमबीर जी, निम्न पंक्तियों में अपनी बात कहना चाहूँगा:

माता पिता के प्यार का कैसे करूं हिसाब
है जिनका प्यार दुनिया में सबसे लाजवाब
जहां में और कौन है इन दोनों के आसपास
सेवा से वालदैन की मिलता है यहां सवाब