sombirnaamdev
11-10-2013, 11:02 PM
ऐ मानव जब तक ये संसार है
प्रेम ही तेरे जीवन का आधार है !
माँ सा दूसरा कोई और जहाँ में
इस का कर्जा कई जनम उधार है !
निस्वार्थ प्रेम छिपा बापू की डांट में
उससे बढ़कर ना कोई भी फटकार है
ना समझे इस निश्छल प्यार को
उस मानव को ''नामदेव ''धिक्कार है !
प्रेम ही तेरे जीवन का आधार है !
माँ सा दूसरा कोई और जहाँ में
इस का कर्जा कई जनम उधार है !
निस्वार्थ प्रेम छिपा बापू की डांट में
उससे बढ़कर ना कोई भी फटकार है
ना समझे इस निश्छल प्यार को
उस मानव को ''नामदेव ''धिक्कार है !