Bansi Dhameja
14-10-2013, 10:11 PM
अगर बदल लें सोच ज़रा सी तो
बहुत कुच्छ बदल जाता है
ना कोई ज़ख़्म देता है
ना कोई दवा देता है
यह हमरी सोच का नतीजा है
जो हमें ऐसा बनता है
बेवफा किसी और को कहते हैं
दर्द अपने सीने में होता है
ना दिल पे कोई ज़ख़्म होता है
ना ज़रूरत दवा की होती है
अगर बदल लें सोच ज़रा सी तो
बहुत कुच्छ बदल जाता है
बंसी(मधुर)
बहुत कुच्छ बदल जाता है
ना कोई ज़ख़्म देता है
ना कोई दवा देता है
यह हमरी सोच का नतीजा है
जो हमें ऐसा बनता है
बेवफा किसी और को कहते हैं
दर्द अपने सीने में होता है
ना दिल पे कोई ज़ख़्म होता है
ना ज़रूरत दवा की होती है
अगर बदल लें सोच ज़रा सी तो
बहुत कुच्छ बदल जाता है
बंसी(मधुर)