आकाश महेशपुरी
18-10-2013, 01:02 PM
बाल कविता- बस्ता
...
खुद से भारी बस्ता ढोकर
गिर जाते हैँ बेसुध होकर
आज दिवस छुट्टी का आया
हम दोनोँ के मन को भाया
बस्ते को अब कर के टाटा
खूब करेँगे सैर सपाटा
चलो आज करने मनमानी
मस्ती मेँ डूबी शैतानी
...
रचना - आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
. . . . . . . . . . . . . . . . . . .
पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
09919080399
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खुद से भारी बस्ता ढोकर
गिर जाते हैँ बेसुध होकर
आज दिवस छुट्टी का आया
हम दोनोँ के मन को भाया
बस्ते को अब कर के टाटा
खूब करेँगे सैर सपाटा
चलो आज करने मनमानी
मस्ती मेँ डूबी शैतानी
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रचना - आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
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पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
09919080399