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View Full Version : कसूर किया है…बंसी


Bansi Dhameja
19-10-2013, 06:23 PM
कसूर क्या है…बंसी

शेर है उसने बनाया,
उसे माँसाहारी भी उसने बनाया,
भूख है उसने लगाई,
जीने की चाह भी उसने जगाई,
जीने के लिए भूख मिटानी होगी,
भूख मिटाने के लिए
कुछ खाना होगा
खाने के लिए
किसी को मारना होगा,
मार कर शेर किसी को खाए तो
इसमें शेर का कसूर क्या है

मच्छर भी है उसने बनाया,
उसका भोजन खून बनाया,
उसको भी तो जीना होगा,
खून किसी का पीना होगा ,
खून किसी का वो पीये तो
उसका कसूर क्या है
मेरा खून वो पीयेगा तो
मैं तो उसको मारूँगा,
मुझे भी तो जीना है
इसमें मेरा कसूर क्या है

बंसी(मधुर)

dipu
19-10-2013, 06:36 PM
bhai waah kyaa khub kHI

Bansi Dhameja
19-10-2013, 06:39 PM
bhai waah kyaa khub khi
दीपु जी बहुत बहुत धन्यवाद

rajnish manga
19-10-2013, 10:37 PM
मित्र, आपकी रचना में निम्नलिखित त्रुटियों को मैं आपके सामने रखना चाहता हूँ. आशा है आप भविष्य में इस बारे में अतिरिक्त चेष्टा करेंगे.

किया = क्या
कुच्छ = कुछ
उसका कसूर किया है ?
(पये = यहां अनावश्यक है)
इसमें मेरा कसूर किया है ?

Bansi Dhameja
20-10-2013, 08:58 AM
मित्र, आपकी रचना में निम्नलिखित त्रुटियों को मैं आपके सामने रखना चाहता हूँ. आशा है आप भविष्य में इस बारे में अतिरिक्त चेष्टा करेंगे.

किया = क्या
कुच्छ = कुछ
उसका कसूर किया है ?
(पये = यहां अनावश्यक है)
इसमें मेरा कसूर किया है ?


रजनीश जी मैं आपका बहुत बहुत आभारी हूँ. आप ज़रूर मेरी ग़लतियाँ बताते रहिए ता कि मैं ग़लतियाँ सुधार सकूँ. हार्दिक धन्यवाद
बंसी