आकाश महेशपुरी
24-10-2013, 05:42 PM
चार पंक्तियाँ-
...
धरती कैसे सह पायेगी इतना बोझ अपार
अगर उजाले का करता है अंधेरा व्यापार
सोच रहा हूँ हो सकता क्या सूरज मेँ भी दाग?
जैसे दाग बटोरे चलती है दागी सरकार
...
रचना - आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
. . . . . . . . . . . . . . . . . . .
पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
09919080399
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धरती कैसे सह पायेगी इतना बोझ अपार
अगर उजाले का करता है अंधेरा व्यापार
सोच रहा हूँ हो सकता क्या सूरज मेँ भी दाग?
जैसे दाग बटोरे चलती है दागी सरकार
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रचना - आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
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पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
09919080399