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View Full Version : सच्चा प्रेम


Dr.Shree Vijay
24-10-2013, 10:37 PM
~~~~~~सच्चा प्रेम~~~~~~

Dr.Shree Vijay
24-10-2013, 10:38 PM
~~~~~~सच्चा प्रेम~~~~~~


एक गरीब आदमी अपनी पत्नी के साथ
रहता था।
एक दिन पत्नी ने अपने लिए एक कंघे
की फरमाइश की ताकि वह अपने लम्बे
बालों की देखभाल ठीक से कर सके। पति ने
बहुत दुखी मन से मना करते हुई
बताया कि पैसे न होने के कारण वह
अपनी घड़ी का टूटा हुआ
पट्टा भी नहीं सुधरवा पा रहाहै।
पत्नी नेअपनी बात पर जोर नहीं दिया।
पति काम पर जाते समय एक घड़ी-दुकान के
सामने से गुजरा, उसने अपनी टूटी घड़ी कम
दाम पर बेचकर एक कंघा खरीद लिया।
शाम घर आते समय वह खुश
था कि अपनी पत्नी को नया कंघा दे
सकेगा किन्तु अपनी पत्नी के छोटे-छोटे
बाल देखकर चकित रह गया।
उसकी पत्नीअपने बाल बेचकर
घड़ी का नया पट्टा हाथ में लेकरखड़ी थी।
यह देखकर दोनों की आँखों से एक साथ आँसू
बहने लगे। यह अश्रुपात अपना प्रयास के
विफल होने के कारण न होकर एक दूसरे के
प्रति पारस्परिक प्रेम केआधिक्यके कारण
था।
वास्तव में प्यार करना कुछनहीं है, प्यार
पाना कुछ उपलब्धि है किन्तु प्यार करने
के साथ-साथ अपने प्रेम का प्यार
पाना ही सच्ची उपलब्धि है। प्यार
को अपनेआप मिली वस्तु न मानें, प्यार
पाने के लिए प्यार दें.........................

Dr.Shree Vijay
24-10-2013, 10:42 PM
~~~~~~प्यार क्या है ?~~~~~~


१ घर में बच्चों को खाना खिलाकर
माँ भूखी सो जाती है
वो प्यार है …….
२ घर में बेटी के विवाह में बिदाई के वक्त
सभी लोगो की आँखों में से आंसूं बहते है
वो प्यार है ……….
३ हमें चोट लगती है तो पहले डाक्टर नहीं माँ याद
आती हे
वो प्यार है ….
४ घर में अपनी फटी बनियान को देखकर
पिताजी सोचते है इस महीने
नहीं अभी तो दादाजी का चश्मा लाना हे वो प्यार
है …….
५ स्कूल में मिठाई मिलने पर बहन खाते वक्त
सोचती है
नहीं अभी नहीं घर जाकर छोटू के साथ खाउँगी
वो प्यार है ………
६ ईश्वर को भोग लगाने के बाद ही हम खाना खाते है
वह ईश्वर की प्रति हमारा प्यार है ………
७ भारत के सभी घरों में गौ माता और कुत्ते
की रोटी पहले निकाली जाती है और बाद में सबके लिए
रोटिया बनती हैं
वो प्यार है ……
सभी को बताओ की भारतीय लोगो का जीवन
ही प्यार,
खुशहाली, और आनंद से भरा है… .
प्यार , आनंद. उत्साह,
सभी के प्रति आदर भाव हंसना और
हंसाना यही तो हमारा जीवन है ,
यही तो भारतीयता है..........................

Dr.Shree Vijay
30-10-2013, 09:08 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=31369&d=1383148243

Dr.Shree Vijay
24-11-2013, 09:28 PM
प्यार

को

प्यार रहने दो

व्यापार न बनाओ,



व्यापार बनाते हो

तो

प्यार मत जताओ,


क्योंकि प्यार लुटने का सोपान है,

और व्यापार लूटने का सामान है,


व्यवहार

दोनों का भिन्न है,

इसीलिए

दुनिया खिन्न है,


क्यों की

उत्साह में आ कर अत्यन्त

अतिरेक कर देती है,

और दो विपरीत धाराओं को

एकमेक कर देती है,


प्यार पपीहे का पावन तप है,

जबकि व्यापार बगुला जप है |

Dr.Shree Vijay
13-12-2013, 06:04 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=32147&stc=1&d=1386943443

Dr.Shree Vijay
24-12-2013, 09:04 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=32356&stc=1&d=1387904678

Dr.Shree Vijay
10-01-2014, 05:16 PM
http://www.fookra.com/wp-content/uploads/2013/06/8540_572548309468208_11899086_n-resizecrop--.jpg

Love of Nature :…

rajnish manga
10-01-2014, 07:51 PM
बहुत सुन्दर, मित्र. यह चित्र पारभासक होते हुये भी बहुत कुछ कह जाता है. अन्य चित्र भी बहुत अर्थपूर्ण हैं. फोरम पर शेयर करने के लिये आपका हार्दिक धन्यवाद.

Dr.Shree Vijay
15-02-2014, 07:45 PM
प्रेम से परिपूर्ण मन ही को हर मनुश्य जीता है :...

प्रेम से परिपूर्ण मन ही को हर मनुश्य जीता है
प्रेम के बिना जग सूना लगता है

वस्तुत: प्रेम दूसरे में नहीं
हम सबके भीतर एक सार है

आँखें बंद कर ध्यान के विस्तृत प्रदेश में
फैले प्रेम के सुखद धूप की आँच में
आप घूम सकते है

आँख खोलकर मनुष्यों से प्राप्त
सौहद्र पूर्ण प्रेम को महसूस कर सकते है
इसी मन के बदलते रंग को
आप सब मेरी कविताओं में देखते है

कभी प्रकृति के सौंदर्य के रूप में
कभी ईश्वर के एहसास के रूप में
कभी नारी और पुरुष के मध्य
शाश्वत आकर्षण के रूप में

(अंतरजाल से)

Dr.Shree Vijay
28-02-2014, 02:31 PM
प्रेम एक सर्वोत्तम सौगात है :.........

संपूर्ण मानव समाज के लिए प्रेम एक सर्वोत्तम सौगात है। प्रेम प्रकृति का वह अनमोल उपहार है जो मानव जाति के अस्तित्व हेतु अति आवश्यक है। यदि मनुष्य के हृदय से प्रेम समाप्त हो जाए तो मानव जाति के विनाश को शायद कोई न रोक सके।

प्रेम वह मधुर अहसास है जो जीवन में मिठास घोल देता है। कटुता दूर करने व वात्सल्य तथा भाईचारे के संचार में प्रेम की महती भूमिका है। मगर अफसोस! आज प्रेम का वह शाश्वत रूप नहीं रहा। प्रेम की नैसर्गिक अनुभूति आज आधुनिकता की चकाचौंध में कहीं खो गई है। वर्तमान में प्यार जैसे शब्द से सभी परिचित होंगे मगर सच्चे प्यार की परिभाषा क्या है, यह बहुत कम लोग जानते हैं।

वर्तमान में सिनेमाई प्रभाव के चलते नायक-नायिका के क्षणिक प्यार को ही प्रेम का विस्तृत रूप समझ लिया गया है और वैसा ही प्रदर्शन युवा पीढ़ी भी करने लगी है। वह क्षणिक आकर्षण व उसकी आड़ में भावनाओं के शोषण को ही प्यार मानकर स्वयं तो गुमराह हो ही रही है, साथ में प्यार को भी बदनाम कर रही है। यदि यह सवाल उठे कि आखिर सच्चा प्यार क्या है? तो जवाब में हजारों तर्क दिए जा सकते हैं, जो सभी अपनी जगह सही भी होंगे, मगर यदि इन तर्कों का सार निकाला जाए तो वह है 'प्रेम यानी संपूर्ण समर्पण भाव :.........

Dr.Shree Vijay
28-02-2014, 02:33 PM
प्रेम एक सर्वोत्तम सौगात है :.........

वास्तव में तो प्यार अभी तक प्यार है जब तक उसमें विशालता व शुद्धता कायम है। अशुद्ध व सतही प्यार न केवल दो हृदयों के लिए नुकसानदायक है बल्कि भविष्य में जीवन के स्याह होने की वजह भी बन जाता है।

विशुद्धतम वही है जो प्रतिदान में कुछ पाने की लालसा नहीं रखता। आत्मा की गहराई तक विद्यमान आसक्ति ही सच्चे प्यार का प्रमाण है। सच्चा प्यार न तो शारीरिक सुंदरता देखता है और न ही आर्थिक या शैक्षणिक पृष्ठभूमि। सच्चा प्यार बस, प्रिय के सामिप्य का आकांक्षी होता है। निर्निमेष दृष्टि से देखने की भोली चाह के अतिरिक्त प्यार शायद ही कुछ और सोचता हो। वास्तव में तो प्यार अभी तक प्यार है जब तक उसमें विशालता व शुद्धता कायम है। अशुद्ध व सतही प्यार न केवल दो हृदयों के लिए नुकसानदायक है बल्कि भविष्य में जीवन के स्याह होने की वजह भी बन जाता है।

सच्चे प्यार का अहसास किया जा सकता। इसे शब्दों में अभिव्यक्त करना न केवल मुश्किल है बल्कि असंभव भी है। सच्चे प्यार में गहराई इतनी होती है कि चोट लगे एक को, तो दर्द दूसरे को होता है, एक के चेहरे की उदासी से दूसरे की आँखें छलछला आती हैं। सच्चे प्रेम का 'पुष्प' कोमल भावनाओं की भूमि पर आपसी विश्वास और मन की पवित्रता के संरक्षण में ही खिलता और महकता है। अब यह हम पर निर्भर करता है कि इसकी कोमल पंखुड़ियों पर सामाजिक बदनामी की अम्ल वर्षा करें या इसकी जड़ों को विश्वास एवं समर्पण के अमृत से सींचें :.........

Dr.Shree Vijay
27-03-2014, 06:21 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=32802&stc=1&d=1395926469

Dr.Shree Vijay
27-03-2014, 06:22 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=32803&stc=1&d=1395926469

Dr.Shree Vijay
27-03-2014, 06:22 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=32804&stc=1&d=1395926469

Dr.Shree Vijay
07-11-2014, 05:14 PM
100 रूपये हैं :

एक व्यक्ति office में देर रात तक काम करने के
बाद थका -हारा घर पहुंचा .
दरवाजा खोलते ही उसने देखा कि उसका पांच
वर्षीय बेटा सोने की बजाये उसका इंतज़ार कर रहा है .

अन्दर घुसते ही बेटे ने पूछा —“ पापा ,
क्या मैं आपसे एक question पूछ सकता हूँ ?”
“ हाँ -हाँ पूछो , क्या पूछना है ?” पिता ने कहा .

बेटा - “ पापा , आप एक घंटे में कितना कमा लेते हैं ?”
“इससे तुम्हारा क्या लेना देना …तुम ऐसे बेकार के सवाल क्यों कर रहे हो ?”
पिता ने झुंझलाते हुए उत्तर दिया .

बेटा - “ मैं बस यूँही जानना चाहता हूँ . Please
बताइए कि आप एक घंटे में कितना कमाते हैं ?”
पिता ने गुस्से से उसकी तरफ देखते हुए कहा , “100 रुपये .”

“अच्छा”, बेटे ने मासूमियत से सर झुकाते हुए
कहा -, “ पापा क्या आप मुझे 50 रूपये उधार दे सकते हैं ?”

इतना सुनते ही वह व्यक्ति आग बबूला हो उठा ,
“ तो तुम इसीलिए ये फ़ालतू का सवाल कर रहे थे ताकि मुझसे पैसे
लेकर तुम कोई बेकार का खिलौना या उटपटांग चीज खरीद सको ….
चुप –चाप अपने कमरे में जाओ और सो जाओ
….सोचो तुम कितने selfish हो …
मैं दिन रात मेहनत करके पैसे कमाता हूँ और तुम उसे बेकार की चीजों में
बर्वाद करना चाहते हो ”

यह सुन बेटे की आँखों में आंसू आ गए …और वह अपने कमरे में चला गया .
व्यक्ति अभी भी गुस्से में था और सोच रहा था कि आखिर उसके बेटे कि ऐसा करने
कि हिम्मत कैसे हुई ……

पर एक -आध घंटा बीतने
के बाद वह थोडा शांत हुआ ,
और सोचने लगा कि हो सकता है कि उसके बेटे ने सच -में
किसी ज़रूरी काम के लिए पैसे मांगे हों ,
क्योंकि आज से पहले उसने कभी इस तरह से
पैसे नहीं मांगे थे .

फिर वह उठ कर बेटे के कमरे में गया और बोला ,
“ क्या तुम सो रहे हो ?”, “नहीं ” जवाब आया .
“ मैं सोच रहा था कि शायद मैंने बेकार में ही तुम्हे
डांट दिया , दरअसल दिन भर के काम से मैं बहुत
थक गया था .” व्यक्ति ने कहा .
“I am sorry….ये लो अपने पचास रूपये .”
ऐसा कहते हुए उसने अपने बेटे के हाथ में पचास
की नोट रख दी .
“Thank You पापा ” बेटा ख़ुशी से पैसे लेते हुए
कहा , और फिर वह तेजी से उठकर
अपनी आलमारी की तरफ गया ,
वहां से उसने ढेर सारे सिक्के निकाले और धीरे - धीरे उन्हें गिनने लगा .

यह देख व्यक्ति फिर से क्रोधित होने लगा , “
जब तुम्हारे पास पहले से ही पैसे थे तो तुमने
मुझसे और पैसे क्यों मांगे ?”
“ क्योंकि मेरे पास पैसे कम थे , पर अब पूरे हैं ”
बेटे ने कहा .

“ पापा अब मेरे पास 100 रूपये हैं .
क्या मैं आपका एक घंटा खरीद सकता हूँ ?
Please आप ये पैसे ले लोजिये और कल घर जल्दी आ जाइये ,
मैं आपके साथ बैठकर खाना खाना चाहता हू !!!

anjana
07-11-2014, 06:44 PM
मित्र आपने दिल को चलने वाली बात चुनी है
इसे निरंतर अपडेट करते रहना मेरी शुब्कम्नाये आपके साथ है

anjana
07-11-2014, 06:47 PM
…………. पिता की भावनायें………………….

माँ को गले लगाते हो, कुछ पल मेरे भी पास रहो !
’पापा याद बहुत आते हो’ कुछ ऐसा भी मुझे कहो !
मैनेँ भी मन मे जज़्बातोँ के तूफान समेटे हैँ,
ज़ाहिर नही किया, न सोचो पापा के दिल मेँ प्यार न हो!

थी मेरी ये ज़िम्मेदारी घर मे कोई मायूस न हो,
मैँ सारी तकलीफेँ झेलूँ और तुम सब महफूज़ रहो,
सारी खुशियाँ तुम्हेँ दे सकूँ, इस कोशिश मे लगा रहा,
मेरे बचपन मेँ थी जो कमियाँ, वो तुमको महसूस न हो!

हैँ समाज का नियम भी ऐसा पिता सदा गम्भीर रहे,
मन मे भाव छुपे हो लाखोँ, आँखो से न नीर बहे!
करे बात भी रुखी-सूखी, बोले बस बोल हिदायत के,
दिल मे प्यार है माँ जैसा ही, किंतु अलग तस्वीर रहे!

भूली नही मुझे हैँ अब तक, तुतलाती मीठी बोली,
पल-पल बढते हर पल मे, जो यादोँ की मिश्री घोली,
कन्धोँ पे वो बैठ के जलता रावण देख के खुश होना,
होली और दीवाली पर तुम बच्चोँ की अल्हड टोली!

माँ से हाथ-खर्च मांगना, मुझको देख सहम जाना,
और जो डाँटू ज़रा कभी, तो भाव नयन मे थम जाना,
बढते कदम लडकपन को कुछ मेरे मन की आशंका,
पर विश्वास तुम्हारा देख मन का दूर वहम जाना!

कॉलेज के अंतिम उत्सव मेँ मेरा शामिल न हो पाना,
ट्रेन हुई आँखो से ओझल, पर हाथ देर तक फहराना,
दूर गये तुम अब, तो इन यादोँ से दिल बहलाता हूँ,
तारीखेँ ही देखता हूँ बस, कब होगा अब घर आना!

अब के जब तुम घर आओगे, प्यार मेरा दिखलाऊंगा,
माँ की तरह ही ममतामयी हूँ, तुमको ये बतलाऊंगा,
आकर फिर तुम चले गये, बस बात वही दो-चार हुई,
पिता का पद कुछ ऐसा ही हैँ फिर खुद को समझाऊंगा!

anjana
07-11-2014, 06:49 PM
Kadar Maa Baap KI Jaan Le..

Jab Tu Paida Hua Kitna Majboor Tha
Yeh Jahan Teri Sochon Se Bhi Door Tha.


Haath Paon Bhi Tab Tere Apne Na The,
Teri Aankhoon Mein Duniya Ke Sapne Na The.


Tujh Ko Aata Sirf Rona Hi Tha,
Doodh Pee Ke Kaam Tera Sona Hi THa.


Tujh Ko Chalna Sikhaya Tha Maa Ne Teri,
Tujh Ko Dil Mein Basaya Tha Maa Ne Teri.


Maa Ke Saaye Mein Parwan Chadhne Laga,
Waqt Ke Saath Qad Tera Badhne Laga.


Aahista Aahista Tu Kadiyal Jawaan Ho Gaya,
Tujh Pe Sara Jahaan Mehrbaan Ho Gaya.

Zor Bazoo Pe Tu Baat Karne Laga,
Khud Hi Sajne Laga Khud Hi Sawarne Laga.


Aik Din Ik Haseena Tujhe Bhaa Gayee,
Ban Ke Dulhan Woh Tere Ghar Aa Gayee.


Farz se Apne Tu Door Hone Laga,
Beenj Nafrat Ka Khud Hi Tu Bone Laga.


Phir Tu Maa Baap Ko Bhi Bhoolne Laga,
Teer Baaton phir Tu Chalane Laga.


Baat Be Baat Unn Se Tu Ladne Laga,
Qaida Ik Naya Tu Phir Padhne Laga.


Yaad Kar Tujh Se Maa Ne Kaha Ik Din,
Abb Hamara Guzara Nahein Tere Bin.


Sunn Ke Yeh Baat Tu Tesh Mein Aagaya,
Tera Ghussa Teri Aqal Ko Kha Gaya.


Josh Mein Aake Tu Ne Yeh Maa Se Kaha,
Mein Tha Khamosh Sab Dekhta Hi Raha.


Aaj Kehta Hoon Peechha Mera Chhod Do,
Jo Hai Rishta Mera Tum Se Woh Tod Do.


Jaao Jaa Ke Kahein Kaam Dhanda Karo,
Log Marte Hein Tum Bhi Kahein Jaa Maro.


Baitth Kar Aahein Bharte The Woh Raat Bhar,
Unki Aahoon Ka Tujh Par Hua Naa Asar.


Ek Din Baap Tera Chala Rooth Kar,
Kese Bikhri Thi Phir Teri Maan Toot Kar.


Phir Woh Be Bas Achal Ko Bhulaati Rahi,
Zindagi Usko Har Roz Sataati Rahi.


Ek Din Mout Ko Bhi Taras Aagaya,
Uska Rona Bhi Taqdeer Ko Bha Gaya.


Ashk Aankhoon Mein The Woh Rawana Huee,
Mout Ki Ek Hichki Bahana Huee.


Ik Sukoon Uske Chehre Pe Chhane Laga,
Phir Tu Mayyat Ko Uski Sajaane Laga.


Muddatain Ho Gaey Aaj Budha Hai Tu,
Jo Pada Tooti Khatiya Pe Kora Hai Tu .


Tere Bache Bhi Ab Tujh Se darte Nahein
Nafratein Hain ..Mohabbat Woh Karte Nahein.


Dard Mein Tu Pukare O MERI MAA,
TERE DAM SE ROSHAN THE DONO JAHAN.


Waqt Chalta Rahe Waqt Rukta Nahein,
Toot Jata Hai Woh Jo Ke Jhukta Nahein.


Ban Ke Ibrat Ka Tu Ab Nishan Reh Gaya,
Dhonde Zor Tera Kahan Reh Gaya.


Tu Ehkam-E-Rabbi Bhulata Raha
Apne Maa Baap Ko Tu Satata Raha


Kaat Le Tu Wohi Tu Ne Boya Tha Jo,
Tujh Ko Kaise Mile Tu Ne Khoya Tha Jo.


Yaad Kar Ke Guzra Dour Tu Rone Laga,
Kal Jo Tu Ne Kiya Aaj Hone Laga.

Mout Maange Tujhe Mout Aati Nahein,
Man Ki Saarat Nigahoon Se Jati Nahein.

Tu Jo Khaanse To Aulad Dante Tujhe,
Tu Hai Nasoor Sukh Koun Baante Tujhe.


Maut Ayegi Tujh Ko Magar Waqt Par,
Ban Hi Jaye Gi Qabar Teri Waqt Par.


KADAR MAA BAAP KI AGAR KOI JAAN LE,
APNI JANNAT KO DUNIYA MEIN PEHCHAN LE.


Aur Leta Rahe Woh Badhon Ki Dua,
Us Ke Dono Jahan... Uska Ka Hai Khuda...!


Yaad Rakhana Tum Mere Is Baat Ko,
Bhool Na Jana REHMAT KI BARSAT KO...!

anjana
07-11-2014, 06:52 PM
मां की याद आई हैं

आज यूही बैठे बैठे आंखे भर आई हैं
कहीं से मां की याद दिल को छूने चली आई हैं
वो आंचल से उसका मुंह पोछना और भाग कर गोदी मे उठाना
रसोई से आती खुशबु आज फिर मुंह मी पानी ले आई है
बसा लिया है अपना एक नया संसार
बन गई हूं मैं खुद एक का अवतार
फिर भी न जाने क्यों आज मन उछल रहा है
बन जाऊं मै फिर से नादान्
सोचती हूं, है वो मीलों दूर बुनती कढाई अपने कमरे मे
नाक से फिसलती ऍनक की परवाह किये बिना
पर जब सुनेगी कि रो रही है उसकी बेटी
फट से कहेगी उठकर,"बस कर रोना अब तो हो गई है बडी"
फिर प्यार से ले लेगी अपनी बाहों मे मुझको
एक एह्सास दिला देगी खुदाई का इस दुनियां मे.
जाडे की नर्म धूप की तरह आगोश मे ले लिया उसने
इस ख्याल से ही रुक गये आंसू
और खिल उठी मुस्कान मेरे होठों पर

rafik
14-11-2014, 03:44 PM
http://kundanpura.yn.lt/sayri/story_www.onlinerds.tk_2.jpg

soni pushpa
14-11-2014, 08:43 PM
सभी प्रकार के प्रेम का विशेष वृतांत (और कहानियां ) बहुत अच्छा रहा ... डॉ श्री विजय जी और रफीक bhai आप दोनों को हार्दिक अभिनन्दन ...

Dr.Shree Vijay
17-11-2014, 07:12 PM
सभी प्रकार के प्रेम का विशेष वृतांत (और कहानियां ) बहुत अच्छा रहा ... डॉ श्री विजय जी और रफीक bhai आप दोनों को हार्दिक अभिनन्दन ...


प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए आपका हार्दिक आभार.........

saachi12
18-11-2014, 07:24 PM
हा ये बात तो सही है आप प्यार के ऊपर मेरी कुछ पंक्तिया पढ़ सकते है यह क्लिक करे (http://piyushsri25.blogspot.in/)

Dr.Shree Vijay
18-11-2014, 09:31 PM
हा ये बात तो सही है आप प्यार के ऊपर मेरी कुछ पंक्तिया पढ़ सकते है यह क्लिक करे (http://piyushsri25.blogspot.in/)



प्रिय पियूष जी,
आपने इस सूत्र पर अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया व्यक्त कि उसके लिए आपका हार्दिक आभार.........

Dr.Shree Vijay
18-11-2014, 10:02 PM
एक गिलास दूध :

एक बार एक लड़का अपने स्कूल की फीस भरने के लिए एक
दरवाजे से दूसरे दरवाजे तक कुछ सामान बेचा करता था,
एक दिन उसका कोई सामान नहीं बिका और उसे बड़े जोर से
भूख भी लग रही थी. उसने तय किया कि अब वह जिस
भी दरवाजे पर जायेगा, उससे खाना मांग लेगा...

पहला दरवाजा खटखटाते ही एक लड़की ने
दरवाजा खोला, जिसे देखकर वह घबरा गया और बजाय
खाने के उसने पानी का एक गिलास माँगा....
लड़की ने भांप लिया था कि वह भूखा है, इसलिए वह
एक...... बड़ा गिलास दूध का ले आई. लड़के ने धीरे-
धीरे दूध पी लिया...
कितने पैसे दूं?"
लड़के ने पूछा.
" पैसे किस बात के?"
लड़की ने जवाव में कहा.
"माँ ने मुझे सिखाया है कि जब भी किसी पर
दया करो तो उसके पैसे नहीं लेने चाहिए."
"तो फिर मैं आपको दिल से धन्यवाद देता हूँ." जैसे
ही उस लड़के ने वह घर छोड़ा, उसे न केवल
शारीरिक तौर पर शक्ति मिल चुकी थी ,
बल्कि उसका भगवान् और आदमी पर भरोसा और भी बढ़ गया था....

सालों बाद वह लड़की गंभीर रूप से बीमार पड़ गयी.
लोकल डॉक्टर ने उसे शहर के बड़े अस्पताल में इलाज
के लिए भेज दिया...
विशेषज्ञ डॉक्टर होवार्ड केल्ली को मरीज
देखने के लिए बुलाया गया. जैसे ही उसने लड़की के
कस्बे का नाम सुना, उसकी आँखों में चमक आ गयी...
वह एकदम सीट से उठा और उस लड़की के कमरे में गया. उसने
उस लड़की को देखा, एकदम पहचान लिया और तय कर
लिया कि वह उसकी जान बचाने के लिए जमीन-आसमान एक कर देगा....

उसकी मेहनत और लग्न रंग लायी और
उस लड़की कि जान बच गयी.
डॉक्टर ने अस्पताल के ऑफिस में जा कर उस
लड़की के इलाज का बिल लिया....
उस बिल के कौने में एक नोट लिखा और उसे उस
लड़की के पास भिजवा दिया. लड़की बिल
का लिफाफा देखकर घबरागयी...
उसे मालूम था कि वह बीमारी से तो वह बच
गयी है लेकिन बिल कि रकम जरूर उसकी जान ले लेगी...

फिर भी उसने धीरे से बिल खोला, रकम
को देखा और फिर अचानक उसकी नज़र बिल के कौने में पैन से लिखे
नोट पर गयी...
जहाँ लिखा था, "एक गिलास दूध द्वारा इस बिल
का भुगतान किया जा चुका है." नीचे उस नेक डॉक्टर
होवार्ड केल्ली के हस्ताक्षर थे.

ख़ुशी और अचम्भे से उस लड़की के
गालों पर आंसू टपक पड़े उसने ऊपर कि और दोनों हाथ उठा कर
कहा, " हे भगवान..! आपका बहुत-बहुत धन्यवाद..

आपका प्यार इंसानों के दिलों और हाथों के द्वारा न
जाने कहाँ- कहाँ फैल चुका है."
अगर आप दूसरों पर.. अच्छाई करोगे तो.. आपके साथ
भी.. अच्छा ही होगा ..!!

अब आपको दो में से एक चुनाव करना है...!
या तो आप इसे शेयर करके इस सन्देश को हर जगह पहुंचाएँ..!
या
अपने आप को समझा लें कि इस कहानी ने आपका दिल
नहीं छूआ..!!

Dr.Shree Vijay
05-07-2015, 09:19 PM
http://media.santabanta.com/images/picsms/2013/hindi-2563.jpg




सौजन्य से :......... (http://www.santabanta.com/)

Dr.Shree Vijay
05-07-2015, 09:20 PM
http://media.santabanta.com/images/picsms/2014/hindi-3220.jpg




सौजन्य से :......... (http://www.santabanta.com/)

Dr.Shree Vijay
05-07-2015, 09:21 PM
http://media.santabanta.com/images/picsms/2013/hindi-2463.jpg




सौजन्य से :......... (http://www.santabanta.com/)

Dr.Shree Vijay
05-07-2015, 09:24 PM
http://media.santabanta.com/images/picsms/2014/hindi-3509.jpg




सौजन्य से :......... (http://www.santabanta.com/)