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View Full Version : सच कहते हो कल किसने देखा है


dipu
30-10-2013, 10:49 AM
सच कहते हो कल किसने देखा है,
लेकिन जो आज है वो तो अपने बस में है।
जो कल करने की सोचे हैं
क्यूँ न उसे आज ही करते हैं।
जिस प्यार का इज़हार कल करना था,
क्यूँ न आज उसे हम करते हैं।
जिस बात को कल कहने वाले थे,
क्यूँ न आज ही उसको कहते हैं।
जिनकी दोस्ती अजीज है हमको,
क्यूँ न आज उन्ही से मिलते हैं।
जिन बीजों को कल बोने वाले थे,
क्यूँ न आज ही उनको बोते हैं।
जिस बात को कई दिनों से दाबे हैं,
क्यूँ न आज उसी को कहते हैं।
कल जो हमको ख़त लिखना था,
क्यूँ न आज ही उसको लिखते हैं।
जिन पलों को कल जीना था,
क्यूँ न आज ही उनको जीते हैं।
सच कहते हो कल किसने देखा है,
लेकिन जो आज है वो तो अपने बस में है।