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View Full Version : ग़ज़ल- सागर पर है भारी देखो


आकाश महेशपुरी
04-11-2013, 03:31 PM
ग़ज़ल

जिससे मेरी यारी देखो
उसने की गद्दारी देखो

आँसू का ये बहता दरिया
सागर पे है भारी देखो

तेरे खातिर ऐ जानेमन
मरने की तैयारी देखो

पाँचोँ थे रखवाले जिसके
रोती थी वो नारी देखो

दुख दर्दोँ की सर्द हवाएँ
जीवन की दुश्वारी देखो

भाव भरा 'आकाश' कहाँ है
रिश्तोँ मेँ लाचारी देखो

ग़ज़ल- आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
...
पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
09919080399

dipu
04-11-2013, 07:13 PM
बहुत ही बढिया

rajnish manga
04-11-2013, 08:09 PM
ग़ज़ल

जिससे मेरी यारी देखो
उसने की गद्दारी देखो

आँसू का ये बहता दरिया
सागर पे है भारी देखो

तेरे खातिर ऐ जानेमन
मरने की तैयारी देखो

पाँचोँ थे रखवाले जिसके
रोती थी वो नारी देखो

दुख दर्दोँ की शर्द हवाएँ
जीवन की दुस्वारी देखो

भाव भरा 'आकाश' कहाँ है
रिश्तोँ मेँ लाचारी देखो

ग़ज़ल- आकाश महेशपुरी
aakash maheshpuri


छोटी बह्र की यह एक खूबसूरत ग़ज़ल है. वर्तनी की चंद त्रुटियों को छोड़ कर यह ग़ज़ल भाव और अभिव्यक्ति के स्तर पर बहुत गहरा असर छोड़ती है. आकाश जी, इस रचना के लिए मैं आपको दिल से बधाई देना चाहता हूँ.

आकाश महेशपुरी
05-11-2013, 12:36 AM
आदरणीय Dipu जी! हार्दिक आभार।

आकाश महेशपुरी
05-11-2013, 12:39 AM
प्रशंसा और त्रुटियोँ की तरफ ध्यान दिलाने के लिए आपका बहुत बहुत आभार। आदरणीय Rajnish manga ji!