Bansi Dhameja
04-11-2013, 08:36 PM
शेर है उसने बनाया,
उसे माँसहारि भी उसने बनाया,
भूख है उसने लगाई,
जीने की चाह भी उसने जगाई,
जीने के लिए भूख मिटानी होगी,
भूख मिटाने के लिए कुछ खाना होगा
खाने के लिए किसी को मारना होगा,
मार कर शेर किसी को खाए तो
शेर का कुसूर किया है
मच्छर भी है उसने बनाया,
उसका भोजन खून बनाया,
उस को भी तो जीना होगा,
खून किसी का पीना होगा ,
खून किसी का वो पीए तो
उसका कुसूर किया है
मेरा खून वो पीएगा तो
मैं तो उस को मारूँगा,
मुझे भी तो जीना है
इसमें मेरा कुसूर किया है
बंसी(मधुर)
उसे माँसहारि भी उसने बनाया,
भूख है उसने लगाई,
जीने की चाह भी उसने जगाई,
जीने के लिए भूख मिटानी होगी,
भूख मिटाने के लिए कुछ खाना होगा
खाने के लिए किसी को मारना होगा,
मार कर शेर किसी को खाए तो
शेर का कुसूर किया है
मच्छर भी है उसने बनाया,
उसका भोजन खून बनाया,
उस को भी तो जीना होगा,
खून किसी का पीना होगा ,
खून किसी का वो पीए तो
उसका कुसूर किया है
मेरा खून वो पीएगा तो
मैं तो उस को मारूँगा,
मुझे भी तो जीना है
इसमें मेरा कुसूर किया है
बंसी(मधुर)