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View Full Version : Sachin Sachin 200


dipu
16-11-2013, 06:06 PM
वेस्*टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्*ट मैच में तीसरे दिन , यानी शनिवार को ही भारत जीत गया और सचिन की शानदार विदाई हुई। उनकी विदाई को यादगार बनाने में कोई कसर बाकी नहीं रही। राष्*ट्रपति भवन से भी उनके सम्*मान की एक बड़ी खबर आई और उन्*हें 'भारत रत्*न' दिए जाने का एलान कर दिया गया।

शनिवार को वानखेड़े स्टेडियम में हजारों प्रशंसकों के सामने सचिन के एक-एक शब्द इतिहास का हिस्सा बनने के लिए गूंज रहे थे। दुनिया के इस महान बल्लेबाज ने रिटायरमेंट के भावुक क्षणों में अपने तमाम प्रशंसकों का शुक्रिया अदा किया और उन सबके प्रति आभार जताया, जिनके चलते उन्*हें यह मुकाम हासिल हुआ। मैच खत्*म होने के बाद सचिन ने कहा कि मेरी जिंदगी में सबसे अहम स्*थान मेरे पिता का रहा। उनके मार्गनिर्देशन के बिना मैं कुछ नहीं कर सकता था। सचिन ने अपने सफल कॅरिअर के लिए परिवार-रिश्*तेदार-दोस्*तों सभी का अहम योगदान बताया। पत्*नी अंजली के योगदान का खास तौर पर जिक्र करते हुए उन्*होंने कहा कि अंजली का जिंदगी में आना एक अहम मोड़ था। अपने बारे में सचिन के भावुक बोल सुन अंजली अपने आंसू रोक नहीं सकीं


सचिन ने कहा, 'मैं सबसे ज्यादा अपने पिता को मिस करता हूं। जिनका वर्ष 1999 में निधन हो गया था। त्याग और समर्पण के लिए अपनी मां का दिल से शुक्रगुजार हूं। मुझे बचपन से एक क्रिकेटर बनाने के लिए मेरी मां के त्याग और मेहनत के लिए मैं शुक्रगुजार हूं। मेरे भाई नितिन का भी मैं शुक्रगुजार हूं। मेरी बहन सविता ने मुझे पहला क्रिकेट बैट दिया था। अंजलि से मिलना मेरे जीवन का सबसे खूबसूरत दिन था। अंजलि ने मुझसे कहा आप क्रिकेट खेलने पर ध्यान लगाइए और मैं घर का ध्यान रखती हूं। अंजलि आपका बहुत धन्यवाद, मेरा परिवार और मुझे संभालने के लिए। मेरी बेटी सारा और बेटे अर्जुन की इस बात के लिए तारीफ करता हूं कि मैं जब उनके बर्थ डे और पैरंट्स डे पर मैचों के चलते नहीं होता था, तब भी वे शिकायत नहीं करते थे। मैं बड़े भाई अजित तेंडुलकर का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मुझे कोच रमाकांत आचरेकर मिलाया। जिसके बाद मेरी जिंदगी ही बदल गई।'


सचिन बोले, 'मैं अपने साथी खिलाड़ियों सौरभ, राहुल, लक्ष्मण, अनिल और मेरे सामने मौजूद इस टीम इंडिया का भी मेरे साथ इतना शानदार क्रिकेट खेलने के लिए शुक्रगुजार हूं। मैं वानखेड़े में मौजूद और पूरी दुनिया में हर उस फैंस का जिन्*होंने मुझे हर पल, चाहे मैंने जीरो रन बनाया हो या सेंचुरी, समर्थन करने के लिए हमेशा याद रखूंगा। मैं आपके द्वारा इतने सालों तक लगाए जाने वाले सचिन-सचिन के नारों को अपनी आखिरी सांस तक नहीं भूलूंगा।'

dipu
16-11-2013, 06:08 PM
सचिन ने वानखेड़े स्*टेडियम में विदाई भाषण में पत्*नी अंजली के योगदान का जिक्र किया तो वह अपने आंसू रोक नहीं सकीं।

वानखेड़े स्*टेडियम में भारत की जीत होते ही वेस्*टइंडीज के भी सभी खिलाडि़यों ने सचिन से गले मिल कर उन्*हें विदाई दी। सचिन विदा लते हुए भावुक हो गए और उनकी आंखों में आंसू आ गए। पत्*नी अंजली ने कहा कि सचिन ने हमेशा दिल की बात सुनी है और अब वह परिवार को ज्*यादा वक्*त दे पाएंगे।

अंजली ने कहा कि वह सचिन के बिना क्रिकेट की कल्*पना तो कर सकती हैं, लेकिन क्रिकेट के बिना सचिन की कल्*पना करना मुश्किल है।

कल 50 हुए थे तो अंजली को सुकून मिला था

शुक्रवार को सचिन जब चौका लगाते या किसी गेंद पर बीट होते, तो टीवी कैमरे प्रेसिडेंट बॉक्स में बैठी उनकी पत्नी पर फोकस हो जाते। 47 से 50 रन तक पहुंचने में सचिन को कुछ गेंदों का इंतजार करना पड़ा। इंडीज के तेज गेंदबाज टीनो बेस्ट अपने स्पैल में सचिन पर लगातार बाउंसर दाग रहे थे। सचिन ने उन्हें हुक करना चाहा लेकिन नहीं कर पाए। उधर अंजली तनाव में थी। कई बार अपने दोनों हाथ चेहरे पर रखती दिखाई दी। जैसे ही टीनू की गेंद पर स्ट्रेट ड्राइव लगाते हुए चौका लगाया तो अंजली को सुकून मिला। शुक्रवार को सचिन के आउट होते ही उनकी मां घर लौट गई थीं।

dipu
16-11-2013, 06:09 PM
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dipu
16-11-2013, 06:10 PM
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dipu
16-11-2013, 06:10 PM
शनिवार को मैदान पर बतौर अंतरराष्*ट्रीय क्रिकेटर आखिरी दिन सचिन का एक अंदाज।



सचिन के आउट होते ही घर लौट गईं मां

शुक्रवार को सचिन का मैच देखने स्टेडियम आईं उनकी मां रजनी तेंडुलकर के लिए शुक्रवार की शुरुआत तो काफी अच्छी रही थी लेकिन वे एक घंटे बाद ही घर लौट गईं। इंडीज के कप्तान डैरेन सैमी ने जैसे ही सचिन का कैच लपका, प्रेसिडेंट बॉक्स में बैठी रजनी भावुक हो गईं। आउट हो कर पैवेलियन लौटते सचिन को देख कर उनका चेहरा गंभीर हो गया था। बॉक्स में मौजूद रमाकांत आचरेकर की बेटी कल्पना के अनुसार उन्होंने बड़ी मुश्किल से आंसू रोके। कुछ ही देर में वे अपने घर रवाना हो गईं।

dipu
16-11-2013, 06:11 PM
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dipu
16-11-2013, 06:12 PM
अपसेट आचरेकर ने देखा पूरे दिन का खेल

कल्पना (सचिन के कोच की बेटी) ने शुक्रवार को सचिन के आउट होने के बाद की स्थिति के बारे में कहा कि आचरेकर अपने शिष्य के शॉट्स देख कर काफी उत्साहित थे। उन्हें लग रहा था कि 101वां शतक बन जाएगा। लेकिन सैमी के कैच ने उनका मूड खराब कर दिया। आचरेकर काफी निराश हुए लेकिन उन्होंने पूरे दिन का खेल देखा।


बॉल बॉय बने अर्जुन

शुक्रवार को सचिन जब बैटिंग के लिए आए तो उनका बेटा अर्जुन एमसीए पैवेलियन के ठीक नीचे बाउंड्री पर खड़े बॉल बॉय में शामिल था। अर्जुन ने पहले दिन का खेल प्रेसिडेंट बॉक्स में परिवार के साथ देखा था लेकिन शुक्रवार को वह पिता को बैटिंग करते करीब से देखना चाहता था। अर्जुन ने बॉल बॉय की सफेद क्रिकेट ड्रेस और गले में कार्ड डाला हुआ था। 74 रन पर आउट होने के बाद जब सचिन ड्रेसिंग रूम की तरफ जा रहे थे तो अर्जुन ने बैठे बैठे तालियां बजा कर उन्हें सलाम किया।

dipu
16-11-2013, 06:13 PM
साठ के दशक के शुरुआत की बात है। देश के राजनीतिक गलियारों में गर्म और गंभीर बहस हो रही थी कि नेहरू के बाद कौन? देश के प्रथम प्रधानमंत्री का नेतृत्व ऐसा था कि जब चीन से १९६२ के युद्ध के बाद वे नासाज हुए तो जनता युवा भारत के भविष्य के नेतृत्व को लेकर वाकई में फिक्रमंद हो गई। नेहरू का १९६४ में निधन हुआ। बाकी जो हुआ वह इतिहास है।

वानखेड़े स्टेडियम पर वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन नरसिंह देवनारायण की गेंद पर डैरेन सैमी ने सचिन का कैच लिया। सचिन ७४ रन पर खेल रहे थे। स्टेडियम में बैठे लोग स्तब्ध रह गए। एक चौथाई शताब्दी तक जो उनका हीरो रहा, वह हमेशा के लिए धीरे-धीरे पैवेलियन लौट रहा था। भारतीय क्रिकेट में हीरो कई रहे हैं, लेकिन मास्टर ब्लास्टर का कद बेमिसाल है। स्टेडियम में बैचेनी की भी यही वजह रही। जब वे लौट रहे थे तो स्टेडियम में मौजूद हजारों दर्शक कुछ मिनट तक खड़े रहे। ऐसी खामोशी थी कि सुई गिर जाने की भी आवाज सुनाई दे जाए। लेकिन स्टेडियम के अंदर इस खामोशी में बैचेनी थी। असल में सचिन के भारतीय क्रिकेट से चले जाने के बाद निर्मित हुए शून्य की आने वाले वर्षों में बमुश्किल ही भरपाई हो सकेगी। ऐसा ही जबर्दस्त योगदान उन्होंने अपने २४ साल लंबे कॅरिअर में दिया है। सचिन का पूरा परिवार भी एमसीए बॉक्स से लंच तक लौट गया। सिर्फ उनके बेटे अर्जुन नहीं गए जो बाउंड्री के पास बतौर बॉल बॉय खड़े थे। अर्जुन से सिद्धू ने सवाल किया कि तुम १४ साल के हो। तुम्हारे पिता १६ साल की उम्र में टेस्ट खेलने लगे थे। तुम कब खेलोगे? इस पर अर्जुन ने हंसते हुए कहा- पापा की बात और थी। अब कॉम्पीटिशन बहुत ज्यादा है।

शतक जमाने वाले पुजारा और रोहित शर्मा के बनिस्बत इस बारे में चर्चा ज्यादा हुई कि सचिन के बिना भारतीय क्रिकेट का भविष्य क्या होगा? साफतौर पर जाहिर है कि यह टेस्ट सचिन का था। सचिन के लिए ही था। रोहित शर्मा ने लगातार दूसरे टेस्ट में नाबाद शतकीय पारी खेली। इसके बावजूद सचिन की आखिरी पारी उनके रनों पर भारी रही। क्या महज अपना दूसरा टेस्ट खेल रहे रोहित शर्मा सचिन के नक्शेकदम पर चल पाएंगे? क्या वानखेड़े स्टेडियम में पूरी शाम गूंजते रहे बड़े सवालों का वे जवाब बन पाएंगे? सचिन के बाद कौन? हो सकता है कि इस मुश्किल सवाल का सही जवाब ढूंढऩे का यह वाजिब वक्त न हो। आखिरकार क्रिकेट अनिश्चितताओं से भरा खेल जो है!

dipu
16-11-2013, 06:15 PM
सचिन तेंडुलकर ने पाकिस्तान के खिलाफ जिस सीरीज में पदार्पण किया उसमें चार टेस्ट खेले गए। पहले तीन ड्रॉ रहे। चौथा मैच निर्णायक था। 16 साल का यह लड़का सचिन इस मैच को अपने देश के लिए जीतने को बेकरार था। लेकिन दूसरी पारी में भारत की हालत खराब थी। जब वह बल्लेबाजी के लिए आया तो स्कोर चार विकेट पर 38 रन था। दूसरे छोर पर नवजोत सिंह सिद्धू थे। सिद्धू ने उनकी इस पारी की यादें ‘भास्कर’ से बांटीं।


‘उस मैच में पिच पर हरी घास थी। इमरान खान ने आदेश दिए थे कि अगर घास काटी, तो गर्दन काट दूंगा। वे हर हाल में सीरीज जीतना चाहते थे। मैच के चौथे दिन भी पिच पर जबरदस्त स्विंग और उछाल थी। गेंद लगने से मेरी छाती तक लाल हो गई थी। रवि शास्त्री के आउट होने पर जब तेंडुलकर आते दिखे तो मैंने मन ही मन में कहा.. गुरू! यह तो बलि का बकरा है। ये तो आउट हो जाएगा तो फिर बचा कौन? खत्म..!

तेंडुलकर पिच पर आए। वकार की पहली ही गेंद बाउंसर। दूसरी भी.. मैं यह गेंद कभी नहीं भूल पाऊंगा। गेंद तेंडुलकर के हेलमेट से टकराई और नाक पर लगी। तेंडुलकर नीचे गिर गया। मैं दौड़ा। देखा तो उसकी नाक टूट गई थी। चेहरा और शर्ट खून से लथपथ। मैं घबरा गया। बच्चा बचेगा कि नहीं? मैं जोर से चिल्लाया। बॉस स्ट्रेचर। डॉ. अली ईरानी आए। मैं सोच रहा था। पांच आउट हो गए, पता नहीं यह बचेगा या नही? तभी मैंने सुना। ‘मैं खेलेगा।’ मैंने गर्दन घुमाई, उसके नाक से खून की बूंदें टपक रही थीं। वह अली को बता रहा था, मैं खेलेगा, अली मैं खेलेगा। हे भगवान! मैंने उसकी तरफ देखा और मेरे मन से एक आवाज आई, सरदार जी जरा देखो उसकी तरफ। तुम अट्ठाइस-तीस साल के हो और वह सोलह का। इस उमर में वह अपने देश के लिए लडऩा चाहता है और तुम? सचिन फिर तैयार। अगली गेंद फिर यॉर्कर..! 140-150 किमी. की र?तार...! इस बार गेंद गोली की र?तार से मेरी बगल से निकली। चौका। अब वह वकार की आंखों में आंखें मिलाकर बोला... बटर, बटर तुझ्या.. घो..! वकार शांत। चुपचाप लौट गए। उसने 57 रन की जांबाज पारी खेली। मेरा हौसला भी बढ़ाया। मैंने 97 रन बनाए। हम मैच और सीरीज बराबर खत्म करने में कामयाब रहे।’

dipu
16-11-2013, 06:24 PM
सचिन ने 18 नवंबर की शाम को शानदार पार्टी देने का तय कर रखा है। 18 नवंबर की शाम सचिन, टीम इंडिया और उनके खास दोस्तों के नाम रहेगी। सूत्रों के मुताबिक यह पार्टी होटल ताज के बॉल रूम या फिर बांद्रा कुर्ला स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में हो सकती है। इसमें बॉलीवुड और क्रिकेट की दुनिया से जुड़े सचिन के करीबी और दोस्त शामिल होंगे।

dipu
16-11-2013, 06:39 PM
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dipu
16-11-2013, 06:42 PM
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