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View Full Version : मुक्तक- दिमागी ज्वर


आकाश महेशपुरी
28-11-2013, 05:22 PM
एक मुक्तक-
॰॰॰
रोग दिमागी ज्वर कि भाई जिन बच्चोँ को खाता
सोचो कैसे जिन्दा रहतीँ उन बच्चोँ की माता
जिन्दा लाश बने फिरतीँ हैँ आँखेँ हैँ पथराईँ
पर मस्ती मेँ झूम रहे हैँ मेरे भाग्य विधाता

मुक्तक- आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
...
पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
09919080399

rajnish manga
29-11-2013, 10:25 PM
बहुत सुन्दर. वाकई विधाता का ध्यान कहीं ओर है.

आकाश महेशपुरी
30-11-2013, 06:45 PM
आदरणीय Rajnish manga ji! आपका स्नेह मिला। हार्दिक आभार।