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View Full Version : ग़ज़ल- जैसे कोई अफसाना...


आकाश महेशपुरी
30-11-2013, 07:02 PM
ग़ज़ल- जैसे कोई अफसाना था

तुमने कब ऐसा माना था
हम दोनोँ मेँ याराना था

याद नहीँ क्या तेरे पीछे
फिरता कोई दीवाना था

अपने ही जीवन से इतनी
दूरी ये किसने जाना था

भूल गये वे कसमेँ वादे
जैसे कोई अफसाना था

लाओगे आकाश कहाँ से
नज़रोँ पे जो नजराना था

ग़ज़ल- आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
...
पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
09919080399

rajnish manga
30-11-2013, 09:07 PM
ग़ज़ल पढ़ कर अपने आप दिल से वाह वाह निकल गया. आपकी निरंतर आने वाली स्तरीय रचनाओं के लिए मैं आपको बधाई देना चाहता हूँ.

आकाश महेशपुरी
29-12-2013, 04:52 PM
निरन्तर आपकी टिप्पणियाँ मुझे प्रेरणा प्रदान करतीँ हैँ। आपका अत्यन्त आभारी हूँ आदरणीय रजनीश जी।