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View Full Version : मेरे खुदार-ऐ दिल ने ना खोला राज अपना


dipu
01-12-2013, 12:02 PM
मेरे खुदार-ऐ दिल ने ना खोला राज अपना ,
मसीहा लाख आये पर जुबाँ से कुछ नहीं निकला ,
तुम्ही को राजदा समझा , तुम्ही को मेहरबाँ समझा


किसी को क्या खबर , किस तरह गुज़री यादे जानाँ में
कि इक तस्वीर शौला बनके तैरी, चश्मे गिरियां में

शब्-ऐ फुंकरत की हालत, वो ही जाने शामे हिज्रा में
कि जिससे डूबती किश्ती, कही देखी हो दरियां में