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View Full Version : कुण्डलिया- कंगाली जो...


आकाश महेशपुरी
10-12-2013, 07:27 AM
कुण्डलिया- कंगाली जो...
...
कंगाली जो सामने, देगेँ अगर परोस।
सिर आएँगेँ आपके, दुनिया के हर दोष।
दुनिया के हर दोष, साथ चलते जायेँगे।
धनवानोँ का कोप, बढ़ेगा, थक जायेँगे।
देख आपके कष्ट, लोग पीटेँगेँ ताली।
हो जायेगी तेज, वही थोड़ी कंगाली॥
कुण्डलिया- आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
aakashmaheshpuri@nokiamail.com

rajnish manga
10-12-2013, 07:09 PM
:bravo:

बहुत सुन्दर रचना.

आकाश महेशपुरी
11-12-2013, 02:18 AM
आदरणीय रजनीश जी! सादर धन्यवाद्।