rajnish manga
24-12-2013, 11:22 PM
नये राजनैतिक समीकरण और 'आप'
आम आदमी पार्टी (आप) का देश की राजनीति में आविर्भाव सभी के लिये (यहाँ तक कि स्वयं 'आप' के लिये भी) आश्चर्यजनक माना जा रहा है. इसके गठन और दिल्ली के चुनावों में इसकी ज़बरदस्त सफलता के पीछे आम व्यक्ति का आक्रोश नहीं तो और क्या है जो केन्द्रीय सरकार की भ्रष्टाचार-उन्मुख ढुल-मुल नीतियों और कमरतोड़ महंगाई के खिलाफ़ प्रगट हुआ है. एक के बाद एक उजागर होने वाले स्कैम निवर्तमान दिल्ली सरकार और कई अन्य राज्यों में चुनावों में गयी कांग्रेसी सरकारों के लिये भारी साबित हुये. दिल्ली में तो 'आप' वाले सरकार बनाने जा रहे है. यह जानते हुये भी कि ऐसा करना भविष्य में 'आप' के लिये खतरनाक साबित हो सकता है. कांग्रेस के पास दिल्ली में खोने के लिये इस समय कुछ नहीं है लेकिन आप के लिये यह प्रयोग दूरगामी परिणामों वाला हो सकता है.
देशवासियों के सामने आज यह सवाल है कि क्या 'आप' के रूप में देश में ईमानदार राजनीति का एक नया अध्याय खुल रहा है जिसकी ध्वजवाहक आज की युवा पीढ़ी है जिसका सड़ी-गली व् भ्रष्ट राजनीति से मोहभंग हो चुका है? या पुराने दल, राजनीति के शातिर खिलाड़ी, बाहुबली और दबंग लोग इस नयी लहर को इतिहास के डस्ट-बिन में डाल देंगे?
आम आदमी पार्टी (आप) का देश की राजनीति में आविर्भाव सभी के लिये (यहाँ तक कि स्वयं 'आप' के लिये भी) आश्चर्यजनक माना जा रहा है. इसके गठन और दिल्ली के चुनावों में इसकी ज़बरदस्त सफलता के पीछे आम व्यक्ति का आक्रोश नहीं तो और क्या है जो केन्द्रीय सरकार की भ्रष्टाचार-उन्मुख ढुल-मुल नीतियों और कमरतोड़ महंगाई के खिलाफ़ प्रगट हुआ है. एक के बाद एक उजागर होने वाले स्कैम निवर्तमान दिल्ली सरकार और कई अन्य राज्यों में चुनावों में गयी कांग्रेसी सरकारों के लिये भारी साबित हुये. दिल्ली में तो 'आप' वाले सरकार बनाने जा रहे है. यह जानते हुये भी कि ऐसा करना भविष्य में 'आप' के लिये खतरनाक साबित हो सकता है. कांग्रेस के पास दिल्ली में खोने के लिये इस समय कुछ नहीं है लेकिन आप के लिये यह प्रयोग दूरगामी परिणामों वाला हो सकता है.
देशवासियों के सामने आज यह सवाल है कि क्या 'आप' के रूप में देश में ईमानदार राजनीति का एक नया अध्याय खुल रहा है जिसकी ध्वजवाहक आज की युवा पीढ़ी है जिसका सड़ी-गली व् भ्रष्ट राजनीति से मोहभंग हो चुका है? या पुराने दल, राजनीति के शातिर खिलाड़ी, बाहुबली और दबंग लोग इस नयी लहर को इतिहास के डस्ट-बिन में डाल देंगे?