sombirnaamdev
03-01-2014, 11:06 PM
एक ही दिन में दो मूड कि कविता
1 dard ae judaayee
जिंदगी से जब से उनका जाना हुआ
मेरा दिल दर्दो का नया खजाना हुआ
कोसता रहता हूँ अक्सर उस दिन को
जिस दिन दिल में छुपके आना हुआ
जाने क्या देख लिया ऐसा दिल उसमें
जो उनके पीछे ये दिल दिवाना हुआ
छाई है पतझड़ सी जीवन में अब तो
देखे बहार को अब तो जमाना हुआ
भूल चूका है शायद मुझको तब से
जब से गैरो के घर आना जाना हुआ
जबसे गए है वो छोड़ के ''नामदेव ''
हर शख्श कि नजरो का निशाना हुआ
2 milan ki khushi
इश्क़ का जहाँ में नया फ़साना हुआ
दिल जब से किसी का दीवाना हुआ !
भुलाये नही भूलता वो मासूम चेहरा
दिल भी यादो का एक खजाना हुआ
काबू में नही है मेरे , ये दिल ही मेरा
जब आँखों के किसी की निशाना हुआ
आई बहार मिल के नयी जीवन में
पतझड़ का आज मौसम पुराना हुआ
उनको पाकर ख़ुशी इतनी है आज छाई
गम को मेरे बीते जैसे जमाना हुआ
''नामदेव ''यूँ ही दिल बहलाता रहेगा
ज़ुबाँ पे उसके जब से ये तराना हुआ
सोमबीर ''नामदेव ''
9321283377
1 dard ae judaayee
जिंदगी से जब से उनका जाना हुआ
मेरा दिल दर्दो का नया खजाना हुआ
कोसता रहता हूँ अक्सर उस दिन को
जिस दिन दिल में छुपके आना हुआ
जाने क्या देख लिया ऐसा दिल उसमें
जो उनके पीछे ये दिल दिवाना हुआ
छाई है पतझड़ सी जीवन में अब तो
देखे बहार को अब तो जमाना हुआ
भूल चूका है शायद मुझको तब से
जब से गैरो के घर आना जाना हुआ
जबसे गए है वो छोड़ के ''नामदेव ''
हर शख्श कि नजरो का निशाना हुआ
2 milan ki khushi
इश्क़ का जहाँ में नया फ़साना हुआ
दिल जब से किसी का दीवाना हुआ !
भुलाये नही भूलता वो मासूम चेहरा
दिल भी यादो का एक खजाना हुआ
काबू में नही है मेरे , ये दिल ही मेरा
जब आँखों के किसी की निशाना हुआ
आई बहार मिल के नयी जीवन में
पतझड़ का आज मौसम पुराना हुआ
उनको पाकर ख़ुशी इतनी है आज छाई
गम को मेरे बीते जैसे जमाना हुआ
''नामदेव ''यूँ ही दिल बहलाता रहेगा
ज़ुबाँ पे उसके जब से ये तराना हुआ
सोमबीर ''नामदेव ''
9321283377