sombirnaamdev
08-01-2014, 05:42 PM
हम इश्क़ के हाथो थोड़े से बीमार क्या हुए
उनकी गहरी जुल्फों में गिरफ्तार क्या हुए
छपने लगे किस्से किताबों में मेरे इश्क़ के
रंगीन सी पत्रिका हो चाहे अखबार क्या हुए
मानने लगा हर कोई हमें इश्क़ का सहजादा
जिस दिन से दुनियदारी से बेकार क्या हुए
उड़ गयी है नींद आँखों से दिन का गया चैन
खो कर दिल अपना सकूँ से बेज़ार क्या हुए
समझाने लगे है प्यार का फलसफा मुझको
वो हारे हुए उन आशिको के सरदार क्या हुए
कीमत मेरी रुपये से भी कम कर दी उसने
भाव जब से उनके डॉलर ओ दीनार क्या हुए
कदमो कि धुल बना दिया जीवन ''नामदेव ''
जब से वो किसी गैर के गले का हार क्या हुए
सोमबीर '' नामदेव ''
9321283377
उनकी गहरी जुल्फों में गिरफ्तार क्या हुए
छपने लगे किस्से किताबों में मेरे इश्क़ के
रंगीन सी पत्रिका हो चाहे अखबार क्या हुए
मानने लगा हर कोई हमें इश्क़ का सहजादा
जिस दिन से दुनियदारी से बेकार क्या हुए
उड़ गयी है नींद आँखों से दिन का गया चैन
खो कर दिल अपना सकूँ से बेज़ार क्या हुए
समझाने लगे है प्यार का फलसफा मुझको
वो हारे हुए उन आशिको के सरदार क्या हुए
कीमत मेरी रुपये से भी कम कर दी उसने
भाव जब से उनके डॉलर ओ दीनार क्या हुए
कदमो कि धुल बना दिया जीवन ''नामदेव ''
जब से वो किसी गैर के गले का हार क्या हुए
सोमबीर '' नामदेव ''
9321283377