PDA

View Full Version : मुक्तक- नहीँ ये जिँदगी...


आकाश महेशपुरी
10-01-2014, 12:02 PM
मुक्तक- नहीँ ये जिँदगी...
***
नहीँ ये जिँदगी मेरी किताबोँ की कहानी है
है ग़म जितना कलेजे मेँ कहाँ आँखोँ मेँ पानी है
जो बातेँ जानलेवा हैँ बयाँ होतीँ नहीँ यारोँ
कि भीतर दर्द के जलवे कहाँ बाहर निशानी है

मुक्तक- आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश

rajnish manga
10-01-2014, 12:23 PM
मुक्तक- नहीँ ये जिँदगी...
***
नहीँ ये जिँदगी मेरी किताबोँ की कहानी है
है ग़म जितना कलेजे मेँ कहाँ आँखोँ मेँ पानी है
जो बातेँ जानलेवा हैँ बयाँ होतीँ नहीँ यारोँ
कि भीतर दर्द के जलवे कहाँ बाहर निशानी है

मुक्तक- आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri



:bravo:

कमाल की सशक्त भावाभिव्यक्ति का परिचय मिलता है इस मुक्तक में. बधाई स्वीकार करें.

आकाश महेशपुरी
05-02-2014, 05:18 AM
आपकी प्रशंसा सदैव संजीवनी का कार्य करती है। शुक्रिया।