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View Full Version : छोटा-सा घर.!!


Advo. Ravinder Ravi Sagar'
15-01-2014, 06:10 PM
आ इश्क़ के जहाँ में,
एक छोटा-सा घर बना लें.!
जहाँ मैं और तू रहें,
दुनियाँ से खुदको बचा लें.!!


Aa ishq ke jahaan mein,
Ek chota-sa ghar bana lein.!
Jahaan Main aur Tu rahein,
Duniyan se khudko bacha lein.!!

internetpremi
15-01-2014, 07:50 PM
दुनिया है कम्बख्त
सताएगी हर वक्त
वह आएगी द्वार तक
देगी बार बार दस्त्क
आपके मरते दम तक

rajnish manga
17-01-2014, 08:44 PM
सागर जी और विश्वनाथ जी के शब्दों में जीवन के दो परस्पर सम्बंधित रूप अभिव्यक्त होते हैं. एक दृष्य में किसी सुन्दर विचार की दिलचस्प परिणति के बारे में बताया गया है जबकि दूसरे दृष्य में कठोर सच्चाइयों से रू-ब-रू करवाया गया है. बहुत खूब.

ndhebar
17-01-2014, 09:09 PM
आ इश्क़ के जहाँ में,
एक छोटा-सा घर बना लें.!
जहाँ मैं और तू रहें,
दुनियाँ से खुदको बचा लें.!!


aa ishq ke jahaan mein,
ek chota-sa ghar bana lein.!
Jahaan main aur tu rahein,
duniyan se khudko bacha lein.!!
अजी हमसे बचके कहाँ जाइयेगा
जहाँ जाइयेगा हमें पाइयेगा

Advo. Ravinder Ravi Sagar'
08-02-2014, 10:09 PM
अजी हमसे बचके कहाँ जाइयेगा
जहाँ जाइयेगा हमें पाइयेगा

शुक़रिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,