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View Full Version : मो.रफी के सदाबहार गीतों का खजाना :.........


Dr.Shree Vijay
15-01-2014, 08:51 PM
http://www.etawahlive.in/upload_here/mh-%20rafi.jpg

मित्रों आप ईस सूत्र में पाएंगे मो.रफी साहब के सदाबहार गीतों कों :.........

Dr.Shree Vijay
15-01-2014, 09:08 PM
http://upload.wikimedia.org/wikipedia/hi/thumb/3/3b/Rafistamp.jpg/200px-Rafistamp.jpg
मित्रों आइये जाने पहले रफी साहब के बारे में :.........

मोहम्मद रफ़ी का जन्म 24 दिसम्बर 1924 को अमृतसर, के पास कोटला सुल्तान सिंह में हुआ था। आरंभिक बाल्यकाल में ही इनका परिवार लाहौर से अमृतसर आ गया। इनके परिवार का संगीत से कोई खास सरोकार नहीं था। जब रफ़ी छोटे थे तब इनके बड़े भाई की नाई दुकान थी, रफ़ी का काफी वक्त वहीं पर गुजरता था। कहा जाता है कि रफ़ी जब सात साल के थे तो वे अपने बड़े भाई की दुकान से होकर गुजरने वाले एक फकीर का पीछा किया करते थे जो उधर से गाते हुए जाया करता था।

उसकी आवाज रफ़ी को पसन्द आई और रफ़ी उसकी नकल किया करते थे। उनकी नकल में अव्वलता को देखकर लोगों को उनकी आवाज भी पसन्द आने लगी। लोग नाई दुकान में उनके गाने की प्रशंशा करने लगे। लेकिन इससे रफ़ी को स्थानीय ख्याति के अतिरिक्त और कुछ नहीं मिला। इनके बड़े भाई मोहम्मद हमीद ने इनके संगीत के प्रति इनकी रुचि को देखा और उन्हें उस्ताद अब्दुल वाहिद खान के पास संगीत शिक्षा लेने को कहा।

एक बार आकाशवाणी (उस समय ऑल इंडिया रेडियो) लाहौर में उस समय के प्रख्यात गायक-अभिनेता कुन्दन लाल सहगल अपना प्रदर्शन करने आए थे। इसको सुनने हेतु मोहम्मद रफ़ी और उनके बड़े भाई भी गए थे। बिजली गुल हो जाने की वदह से सहगल ने गाने से मना कर दिया। रफ़ी के बड़े भाई ने आयोजकों से निवेदन किया की भीड़ की व्यग्रता को शांत करने के लिए मोहम्मद रफ़ी को गाने का मौका दिया जाय।

उनको अनुमति मिल गई और 13 वर्ष की आयु में मोहम्मद रफ़ी का ये पहला सार्वजनिक प्रदर्शन था। प्रेक्षकों में श्याम सुन्दर, जो उस समय के प्रसिद्ध संगीतकार थे, ने भी उनको सुना और काफी प्रभावित हुए। उन्होने मोहम्मद रफ़ी को अपने लिए गाने का न्यौता दिया।

मोहम्मद रफ़ी का प्रथम गीत एक पंजाबी फ़िल्म गुल बलोच के लिए था जिसे उन्होने श्याम सुंदर के निर्देशन में 1944 में गाया। सन् 1946 में मोहम्मद रफ़ी ने बम्बई आने का फैसला किया। उन्हें संगीतकार नौशाद ने पहले आप नाम की फ़िल्म में गाने का मौका दिया :.........

स्रोत :......... (http://hi.wikipedia.org/)

Dr.Shree Vijay
15-01-2014, 09:13 PM
http://static.ibnlive.in.com/pix/labs/sitepix/07_2013/rafi-dec24.jpg
मित्रों आइये जाने पहले रफी साहब के बारे में :.........

नौशाद द्वारा सुरबद्ध गीत तेरा खिलौना टूटा (फ़िल्म अनमोल घड़ी, 1946) से रफ़ी को प्रथम बार हिन्दी जगत में ख्याति मिली। इसके बाद शहीद, मेला तथा दुलारी में भी रफ़ी ने गाने गाए जो बहुत प्रसिद्ध हुए। 1951 में जब नौशाद फ़िल्म बैजू बावरा के लिए गाने बना रहे थे तो उन्होने अपने पसंदीदा गायक तलत महमूद से गवाने की सोची थी।

कहा जाता है कि उन्होने एक बार तलत महमूद को धूम्रपान करते देखकर अपना मन बदल लिया और रफ़ी से गाने को कहा। बैजू बावरा के गानों ने रफ़ी को मुख्यधारा गायक के रूप में स्थापित किया। इसके बाद नौशाद ने रफ़ी को अपने निर्देशन में कई गीत गाने को दिए।

लगभग इसी समय संगीतकार जोड़ी शंकर-जयकिशन को उनकी आवाज पसंद आयी और उन्होंने भी रफ़ी से गाने गवाना आरंभ किया। शंकर जयकिशन उस समय राज कपूर के पसंदीदा संगीतकार थे, पर राज कपूर अपने लिए सिर्फ मुकेश की आवाज पसन्द करते थे। बाद में जब शंकर जयकिशन के गानों की मांग बढ़ी तो उन्होंने लगभग हर जगह रफ़ी साहब का प्रयोग किया। यहाँ तक की कई बार राज कपूर के लिए रफी साहब ने गाया।

जल्द ही संगीतकार सचिन देव बर्मन तथा उल्लेखनीय रूप से ओ पी नैय्यर को रफ़ी की आवाज़ बहुत रास आयी और उन्होने रफ़ी से गवाना आरंभ किया।

ओ पी नैय्यर का नाम इसमें स्मरणीय रहेगा क्योंकि उन्होने अपने निराले अंदाज में रफ़ी-आशा की जोड़ी का काफी प्रयोग किया और उनकी खनकती धुनें आज भी उस जमाने के अन्य संगीतकारों से अलग प्रतीत होती हैं। उनके निर्देशन में गाए गानो से रफ़ी को बहुत ख्याति मिली और फिर रवि, मदन मोहन, गुलाम हैदर, जयदेव, सलिल चौधरी इत्यादि संगीतकारों की पहली पसंद रफ़ी साहब बन गए। :.........

स्रोत :......... (http://hi.wikipedia.org/)

Dr.Shree Vijay
15-01-2014, 09:21 PM
http://drsandeepkr.files.wordpress.com/2013/07/picture5.jpg
मित्रों आइये जाने पहले रफी साहब के बारे में :.........

दिलीप कुमार, भारत भूषण तथा देवानंद जैसे कलाकारों के लिए गाने के बाद उनके गानों पर अभिनय करने वालो कलाकारों की सूची बढ़ती गई। शम्मी कपूर, राजेन्द्र कुमार, जॉय मुखर्जी, विश्वजीत, राजेश खन्ना, धर्मेन्द्र इत्यादि कलाकारों के लिए रफ़ी की आवाज पृष्ठभूमि में गूंजने लगी।

शम्मी कपूर तो रफ़ी की आवाज से इतने प्रभावित हुए कि उन्होने अपने हर गाने में रफ़ी का इस्तेमाल किया। उनके लिए संगीत कभी ओ पी नैय्यर ने दिया तो कभी शंकर जयकिशन ने पर आवाज रफ़ी की ही रही। चाहे कोई मुझे जंगली कहे (जंगली), एहसान तेरा होगा मुझपर (जंगली), ये चांद सा रोशन चेहरा (कश्मीर की कली), दीवाना हुआ बादल (आशा भोंसले के साथ, कश्मीर की कली) शम्मी कपूर के ऊपर फिल्माए गए लोकप्रिय गानों में शामिल हैं।

धीरे-धीरे इनकी ख्याति इतनी बढ़ गयी कि अभिनेता इन्हीं से गाना गवाने का आग्रह करने लगे। राजेन्द्र कुमार, दिलीप कुमार और धर्मेन्द्र तो मानते ही नहीं थे कि कोई और गायक उनके लिए गाए। :.........

स्रोत :......... (http://hi.wikipedia.org/)

Dr.Shree Vijay
15-01-2014, 09:24 PM
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मित्रों आइये जाने पहले रफी साहब के बारे में :.........

1950 के दशक में शंकर जयकिशन, नौशाद तथा सचिनदेव बर्मन ने रफ़ी से उस समय के बहुत लोकप्रिय गीत गवाए। यह सिलसिला 1960 के दशक में भी चलता रहा। संगीतकार रवि ने मोहम्मद रफ़ी का इस्तेमाल 1960 के दशक में किया।

1960 में फ़िल्म चौदहवीं का चांद के शीर्षक गीत के लिए रफ़ी को अपना पहला फ़िल्म फेयर पुरस्कार मिला। इसके बाद घराना (1961), काजल (1965), दो बदन (1966) तथा नीलकमल (1968) जैसी फिल्मो में इन दोनो की जोड़ी ने कई यादगार नगमें दिए।

1961 में रफ़ी को अपना दूसरा फ़िल्मफेयर आवार्ड फ़िल्म ससुराल के गीत तेरी प्यारी प्यारी सूरत को के लिए मिला। संगीतकार जोड़ी लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने अपना आगाज़ ही रफ़ी के स्वर से किया और 1963 में फ़िल्म पारसमणि के लिए बहुत सुन्दर गीत बनाए। इनमें सलामत रहो तथा वो जब याद आये (लता मंगेशकर के साथ) उल्लेखनीय है।

1965 में ही लक्ष्मी-प्यारे के संगीत निर्देशन में फ़िल्म दोस्ती के लिए गाए गीत चाहूंगा मै तुझे सांझ सवेरे के लिए रफ़ी को तीसरा फ़िल्मफेयर पुरस्कार मिला। 1965 में उन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा। :.........

स्रोत :......... (http://hi.wikipedia.org/)

Dr.Shree Vijay
15-01-2014, 09:29 PM
http://drsandeepkr.files.wordpress.com/2013/07/picture8.jpg
मित्रों आइये जाने पहले रफी साहब के बारे में :.........

1965 में संगीतकार जोड़ी कल्याणजी-आनंदजी द्वारा फ़िल्म जब जब फूल खिले के लिए संगीतबद्ध गीत परदेसियों से ना अखियां मिलाना लोकप्रियता के शीर्ष पर पहुंच गया था।

1966 में फ़िल्म सूरज के गीत बहारों फूल बरसाओ बहुत प्रसिद्ध हुआ और इसके लिए उन्हें चौथा फ़िल्मफेयर अवार्ड मिला। इसका संगीत शंकर जयकिशन ने दिया था।

1968 में शंकर जयकिशन के संगीत निर्देशन में फ़िल्म ब्रह्मचारी के गीत दिल के झरोखे में तुझको बिठाकर के लिए उन्हें पाचवां फ़िल्मफेयर अवार्ड मिला :.........

स्रोत :......... (http://hi.wikipedia.org/)

Dr.Shree Vijay
15-01-2014, 09:33 PM
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मित्रों आइये जाने पहले रफी साहब के बारे में :.........

1960 के दशक में अपने करियर के शीर्ष पर पहुंचने के बाद दशक का अन्त उनके लिए सुखद नहीं रहा। 1969 में शक्ति सामंत अपनी एक फ़िल्म आराधना का निर्माण करवा रहे थे जिसके लिए उन्होने सचिन देव बर्मन (जिन्हे दादा नाम से भी जाना जाता था) को संगीतकार चुना।

इसी साल दादा बीमार पड़ गए और उन्होने अपने पुत्र राहुल देव बर्मन(पंचमदा) से गाने रेकार्ड करवाने को कहा। उस समय रफ़ी हज के लिए गए हुए थे। पंचमदा को अपने प्रिय गायक किशोर कुमार से गवाने का मौका मिला और उन्होने रूप तेरा मस्ताना तथा मेरे सपनों की रानी गाने किशोर दा की आवाज में रेकॉर्ड करवाया। ये दोनो गाने बहुत ही लोकप्रिय हुए और इस गाने के अभिनेता राजेश खन्ना निर्देशकों तथा जनता के बीच अपार लोकप्रिय हुए। साथ ही गायक किशोर कुमार भी जनता तथा संगीत निर्देशकों की पहली पसन्द बन गए।

इसके बाद रफ़ी के गायक जीवन का अवसान आरंभ हुआ। हँलांकि इसके बाद भी उन्होने कई हिट गाने दिये, जैसे ये दुनिया ये महफिल, ये जो चिलमन है, तुम जो मिल गए हो। 1977 में फ़िल्म हम किसी से कम नहीं के गीत क्या हुआ तेरा वादा के लिए उन्हे अपने जीवन का छठा तथा अन्तिम फ़िल्म फेयर एवॉर्ड मिला :.........

स्रोत :......... (http://hi.wikipedia.org/)

Dr.Shree Vijay
15-01-2014, 09:41 PM
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मित्रों आइये जाने पहले रफी साहब के बारे में :.........

व्यक्तिगत जीवन :

मोहम्मद रफ़ी एक बहुत ही समर्पित मुस्लिम, व्यसनों से दूर रहने वाले तथा शर्मीले स्वभाव के आदमी थे। आजादी के समय विभाजन के दौरान उन्होने भारत में रहना पसन्द किया ।

उन्होने बिलकिस बेगम से शादी की और उनकी सात संतान हुईं-चार बेटे तथा तीन बेटियां ।

मोहम्मद रफ़ी को उनके परमार्थो के लिए भी जाना जाता है ।

अपने शुरुआती दिनों में संगीतकार जोड़ी लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के लिए उन्होने बहुत कम पैसों में गाया था ।

गानों की रॉयल्टी को लेकर लता मंगेशकर के साथ उनका विवाद भी उनकी दरियादिली का सूचक है । उस समय लताजी का कहना था कि गाने गाने के बाद भी उन गानों से होने वाली आमदनी का एक अंश (रॉयल्टी) गायकों तथा गायिकाओं को मिलना चाहिए । रफ़ी साहब इसके ख़िलाफ़ थे और उनका कहना था कि एक बार गाने रिकॉर्ड हो गए और गायक-गायिकाओं को उनकी फीस का भुगतान कर दिया गया हो तो उनको और पैसों की आशा नहीं करनी चाहिए । इस बात को लेकर दोनो महान कलाकारों के बीच मनमुटाव हो गया।

लता ने रफ़ी के साथ सेट पर गाने से मना कर दिया और बरसों तक दोनो का कोई युगल गीत नहीं आया । बाद में अभिनेत्री नरगिस के कहने पर ही दोनो ने साथ गाना चालू किया और ज्वैल थीफ फ़िल्म में दिल पुकारे गाना गाया।

उनका देहान्त 31 जुलाई 1980 को हृदयगति रुक जानेके कारण हुआ :.........

स्रोत :......... (http://hi.wikipedia.org/)

Dr.Shree Vijay
15-01-2014, 10:42 PM
2QPB5LCmn0I

Dr.Shree Vijay
17-01-2014, 02:10 PM
http://drsandeepkr.files.wordpress.com/2013/07/picture4.jpg

मित्रों आइये जाने पहले रफी साहब के बारे में :.........

अब्बा ने कहा “भूल आऊंगा की रफी नाम का मेरा कोई बेटा भी था” :

हिन्दी फिल्मों के हरदिल अजीज पार्श्वगायक मोहम्मद रफी बचपन से ही गायक बनने का ख्वाब देखा करते थे. इस धुन में उन्हें कुछ और नहीं सूझता था. घरवालों के लाख समझाने पर भी जब वह नहीं माने और अपने सपने को पूरा करने के लिए मुम्बई आने की ठान ली -

तो उनके अब्बा अली मोहम्मद ने भारी दिल से उन्हें विदा करते हुए कहा था “अगर तुम कामयाबी हासिल नहीं कर सके तो घर नहीं लौटना. मैं भूल जाऊंगा कि रफी नाम का मेरा कोई बेटा भी था.” बाद में रफी गायक के रूप में जब कामयाब हो गए और उनकी शोहरत का डंका चारों ओर बजने लगा तब उनके अब्बा बहुत खुश हुए और मुम्बई आकर उन्हें अपना आशीर्वाद दिया :.........

स्रोत :......... (http://goo.gl/xP4Yqd)

Dr.Shree Vijay
19-01-2014, 05:33 PM
मित्रों आइये जाने पहले रफी साहब के बारे में :.........

http://drsandeepkr.files.wordpress.com/2013/07/picture7.jpg

700 फिल्में, 5000 गाने :

From available figures, Rafi sang 4,525 Hindi film songs till his death in 1980, which were more than the number of songs sung by Mangeshkar till 1980. If you add his 112 non-Hindi film songs and 328 private non-film songs that have been documented, the total becomes 4,965 songs. So the truth is that Rafi never went beyond 5,000 songs (if we take into account some songs that were not documented). (Source: HT :......... (http://www.hindustantimes.com/comment/columnsothers/setting-the-record-straight/article1-906115.aspx))

वर्ष 1949 मे नौशाद के संगीत निर्देशन मे दुलारी फिल्म में गाये गीत ‘सुहानी रात ढ़ल चुकी’ के जरिये रफी सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंच गये और इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

दिलीप कुमार, देवानंद, शम्मी कपूर, राजेन्द्र कुमार, शशि कपूर, राजकुमार जैसे नामचीन नायकों की आवाज कहे जाने लगे।

मोहम्मद रफी ने हिन्दी फिल्मों के अलावे मराठी और तेलगू फिल्मों के लिये भी गाने गाये। मोहम्मद रफी अपने करियर में 6 बार फिल्म फेयर अवार्ड से सम्मानित किये गये।

रफी ने मात्र नौशाद के लिए कुल 149 गाने गाए. इनमें 81 गीत रफी के सोलो थे।

रफी ने सबसे अधिक गाने लक्ष्मीकांत प्यारेलाल के लिए गाए [369 गाने]

लता मंगेशकर के साथ 315 फिल्मों में 414 गाने गाए थे। :.........

स्रोत :......... (http://goo.gl/xP4Yqd)

Dr.Shree Vijay
19-01-2014, 05:40 PM
मित्रों आइये जाने पहले रफी साहब के बारे में :.........

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700 फिल्में, 5000 गाने :

1950 के दशक में शंकर जयकिशन, नौशाद तथा सचिनदेव बर्मन ने रफ़ी से उस समय के बहुत लोकप्रिय गीत गवाए। यह सिलसिला 1960 के दशक में भी चलता रहा। संगीतकार रवि ने मोहम्मद रफ़ी का इस्तेमाल 1960 के दशक में किया।

1960 में फ़िल्म चौदहवीं का चांद के शीर्षक गीत के लिए रफ़ी को अपना पहला फ़िल्म फेयर पुरस्कार मिला। इसके बाद घराना (1961), काजल (1965), दो बदन (1966) तथा नीलकमल (1968) जैसी फिल्मो में इन दोनो की जोड़ी ने कई यादगार नगमें दिए।

1961 में रफ़ी को अपना दूसरा फ़िल्मफेयर आवार्ड फ़िल्म ससुराल के गीत तेरी प्यारी प्यारी सूरत को के लिए मिला। संगीतकार जोड़ी लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने अपना आगाज़ ही रफ़ी के स्वर से किया और 1963 में फ़िल्म पारसमणि के लिए बहुत सुन्दर गीत बनाए। इनमें सलामत रहो तथा वो जब याद आये (लता मंगेशकर के साथ) उल्लेखनीय है।

1965 में ही लक्ष्मी-प्यारे के संगीत निर्देशन में फ़िल्म दोस्ती के लिए गाए गीत चाहूंगा मै तुझे सांझ सवेरे के लिए रफ़ी को तीसरा फ़िल्मफेयर पुरस्कार मिला। 1965 में उन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा :.........

स्रोत :......... (http://goo.gl/xP4Yqd)

Dr.Shree Vijay
19-01-2014, 05:44 PM
मित्रों आइये जाने पहले रफी साहब के बारे में :.........

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गीता दत्त के साथ :

एक-दो बार उन्होंने कैमरे का सामना किया :

लेकिन वह भी फिल्म ‘लैला मजनूं’ में तेरा जलवा जिसने देखा… गीत में स्वर्णलता और नजीर के साथ समूह में। इसके अलावा कुछ पलों के रोल के लिए फिल्म ‘जुगनू’ में भी वह दिखाई पड़े, लेकिन इसके बाद उन्होंने कभी कैमरे के सामने आने की इच्छा नहीं जताई :.........

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Dr.Shree Vijay
19-01-2014, 05:47 PM
मित्रों आइये जाने पहले रफी साहब के बारे में :.........

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मोहम्मद रफी ने ओपी नैय्यर के लिए लगभग 200 गाने गाए हैं :

जिन अभिनेताओं के लिए पार्श्वगायन किया :

अमिताभ बच्चन, अशोक कुमार, आइ एस जौहर, ऋषि कपूर, किशोर कुमार, गुरु दत्त, गुलशन बावरा, जगदीप, जीतेन्द्र, जॉय मुखर्जी, जॉनी वाकर, तारिक हुसैन, देव आनन्द, दिलीप कुमार, धर्मेन्द्र, नवीन निश्छल, प्राण, परीक्षित साहनी, पृथ्वीराज कपूर, प्रदीप कुमार, फ़िरोज ख़ान, बलराज साहनी, भरत भूषण, मनोज कुमार, महमूद, रणधीर कपूर, राजकपूर, राज कुमार, राजेन्द्र कुमार, राजेश खन्ना, विनोद खन्ना, विनोद मेहरा, विश्वजीत, सुनील दत्त, संजय खान,संजीव कुमार, शम्मी कपूर, शशि कपूर, किशोर कुमार :.........

स्रोत :......... (http://goo.gl/xP4Yqd)

Dr.Shree Vijay
19-01-2014, 05:49 PM
मित्रों आइये जाने पहले रफी साहब के बारे में :.........

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अन्य भाषाओं में भी पार्श्वगायन किया :

एन टी रामा राव (तेलगू फिल्म भाले तुम्मडु तथा आराधना के लिए), अक्किनेनी नागेश्वर राव (हिन्दी फिल्म – सुवर्ण सुन्दरी के लिए)

रफी को अल्लाह की देन थी कि वह हर प्रकार के गीत, ग़ज़ल, नगमें, कव्वाली और राग आदि सहजत्ता से गा सकते थे। रफी की आवाज़ का जादू सुनने वालों के सिर चढ़ कर बोलता था। रफी ने अपने चार दशक के गायन कॅरिअर के दौरान हिन्दी, उर्दू, पंजाबी के अतिरिक्त भारत और विश्व की बहुत सी भाषाओं (कोंकणी, भोजपुरी, ओडिआ, बंगाली, मराठी, सिन्धी, कन्नड़, गुजराती, तेलुगू, मैथिली, असमी, अंग्रेज़ी, फारसी, स्पैनिश व डच आदि) में गाने गाये हैं :.........

स्रोत :......... (http://goo.gl/xP4Yqd)

Dr.Shree Vijay
19-01-2014, 05:52 PM
मित्रों आइये जाने पहले रफी साहब के बारे में :.........

http://drsandeepkr.files.wordpress.com/2013/07/picture8.jpg
नौशाद के साथ :

पार्श्वगायन योडिलिंग की शुरूआत :

बॉलीवुड में बार बार पिच बदल कर गाने यानी योडिलिंग की शुरूआत रफ़ी ने ही पाश्र्वगायन के दौरान की थी। उनके कुछ पुराने गीत ‘हैलो स्वीट सेवेन्टीन’ ‘ओ चले हो कहाँ’, ‘दिल के आइने में’ और ‘उनसे रिप्पी टिप्पी हो गयी’ इसके उदाहरण हैं :.........

स्रोत :......... (http://goo.gl/xP4Yqd)

Dr.Shree Vijay
19-01-2014, 05:55 PM
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Dr.Shree Vijay
22-01-2014, 11:15 AM
मित्रों आइये जाने पहले रफी साहब के बारे में :.........

http://drsandeepkr.files.wordpress.com/2013/07/picture10.jpg
सचिनदेव बर्मन के साथ :

बड़े संगीतकारों की संगत में ख्याति निखरती ही गई :

संगीतकार नौशाद के साथ तो रफी का ताउम्र अटूट संबंध रहा और उनकी कुछ फिल्मों को छोड़कर लगभग सभी फिल्मों के लिए उन्होंने गाने गाए. संगीतकार ओपी नैयर उनके घनिष्ठ मित्र थे और अपनी लगभग हर फिल्म के लिए उन्होंने रफी से ही गाने गवाए. हालांकि रफी मितुभाषी और कुछ ही लफ्जों में अपनी बात कहने वाले इंसान थे और शिष्ट हास-परिहास करते थे, लेकिन नैयर के साथ उनकी बातचीत में गालियां चलती थीं.

रफी अपने काम के दौरान कभी इस बात का ख्याल नहीं रखते थे कि संगीतकार बड़ा है या छोटा. वह पूरी ईमानदारी के साथ गाने पर ही ध्यान देते हुए उसे बेहतर से बेहतर बनाने की कोशिश में लगे रहते थे. कई बार ऐसा भी होता था कि नये संगीतकार के पास उन्हें देने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं होते थे, ऐसी स्थिति में वह बिना कुछ लिए उसके लिए गाने गा दिया करते थे. संबंधों का भी वह बड़ा ख्याल रखते थे. अपने साथी गायक किशोर कुमार की फिल्म ‘शाबाश डैडी’ में गीत गाने के लिए उन्होंने टोकन के रूप में सिर्फ एक रूपए लिए थे :.........

स्रोत :......... (http://goo.gl/xP4Yqd)

Dr.Shree Vijay
22-01-2014, 11:19 AM
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http://drsandeepkr.files.wordpress.com/2013/07/picture17.jpg
नौशाद के साथ :

बड़े संगीतकारों की संगत में ख्याति निखरती ही गई :

एक बार का वाकया है. संगीतकार लक्ष्मीकांत प्यारेलाल अपनी पहली फिल्म “छैला बाबू” के लिए एक गजल “तेरे प्यार ने मुझे गम दिया, तेरे गम की उम्र दराज हो” गीत गाने का अनुरोध लेकर उनके पास पहुंचे और कहा कि उनके पास उन्हें देने के लिए पर्याप्त राशि नहीं है. रफी यह सुनने के बाद भी गजल गाने के लिए तुरंत राजी हो गए. रिकार्डिंग के बाद फिल्म निर्माता ने रफी को एक हजार रूपए दिए. जिसे उन्होंने लक्ष्मीकांत प्यारेलाल को देते हुए कहा “जाओ, तुम दोनों इससे कुछ मिठाई खरीद लाओ.

यह तुम्हारी सुंदर संगीत रचना के लिए इनाम है. रफी अपने काम के लिए कितने समर्पित थे. यह बात इस वाकये से पता चलती है. साठ के दशक के आखिरी समय में रफी एक शो के लिए विदेश जाने वाले थे. इससे एक दिन पहले लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने उनसे कहा कि यदि वह उनके गीतों की रिकार्डिंग किए बिना विदेश चले गए तो उनकी दो फिल्में दो महीने लेट हो जाएंगी. वह रफी से एक ही दिन में पांच या छह गीतों की रिकार्डिंग कराना चाहते थे. ऐसी स्थिति में रफी ने अगले दिन सुबह दस से रात ग्यारह बजे तक ताडदेव के फेमस लैब्स में उन गीतों की रिकार्डिंग करायी.

नौशाद द्वारा सुरबद्ध गीत तेरा खिलौना टूटा (फ़िल्म अनमोल घड़ी, 1946) से रफ़ी को प्रथम बार हिन्दी जगत में ख्याति मिली।

इसके बाद शहीद, मेला तथा दुलारी में भी रफ़ी ने गाने गाए जो बहुत प्रसिद्ध हुए :.........

स्रोत :......... (http://goo.gl/xP4Yqd)

Dr.Shree Vijay
24-01-2014, 08:18 PM
मित्रों आइये जाने पहले रफी साहब के बारे में :.........

http://drsandeepkr.files.wordpress.com/2013/07/picture11.jpg
मन्नाडे और तलत महमूद के साथ :

नौशाद ने तलत महमूद को सिगरेट पीने के कारण रिजेक्ट कर दिया रफी को ले लिया :

1951 में जब नौशाद फ़िल्म बैजू बावरा के लिए गाने बना रहे थे तो उन्होने अपने पसंदीदा गायक तलत महमूद से गवाने की सोची थी। कहा जाता है कि उन्होने एक बार तलत महमूद को धूम्रपान करते देखकर अपना मन बदल लिया और रफ़ी से गाने को कहा। बैजू बावरा के गानों ने रफ़ी को मुख्यधारा गायक के रूप में स्थापित किया। इसके बाद नौशाद ने रफ़ी को अपने निर्देशन में कई गीत गाने को दिए।

संगीतकार जोड़ी शंकर-जयकिशन को उनकी आवाज पसंद आयी और उन्होंने भी रफ़ी से गाने गवाना आरंभ किया। शंकर जयकिशन उस समय राज कपूर के पसंदीदा संगीतकार थे, पर राज कपूर अपने लिए सिर्फ मुकेश की आवाज पसन्द करते थे। बाद में जब शंकर जयकिशन के गानों की मांग बढ़ी तो उन्होंने लगभग हर जगह रफ़ी साहब का प्रयोग किया। यहाँ तक की कई बार राज कपूर के लिए रफी साहब ने गाया।

संगीतकार सचिन देव बर्मन तथा उल्लेखनीय रूप से ओ पी नैय्यर को रफ़ी की आवाज़ बहुत रास आयी और उन्होने रफ़ी से गवाना आरंभ किया।

ओ पी नैय्यर का नाम इसमें स्मरणीय रहेगा क्योंकि उन्होने अपने निराले अंदाज में रफ़ी-आशा की जोड़ी का काफी प्रयोग किया और उनकी खनकती धुनें आज भी उस जमाने के अन्य संगीतकारों से अलग प्रतीत होती हैं। उनके निर्देशन में गाए गानो से रफ़ी को बहुत ख्याति मिली।

अन्य संगीतकारों

रवि, मदन मोहन, गुलाम हैदर, जयदेव, सलिल चौधरी इत्यादि संगीतकारों की पहली पसंद रफ़ी साहब बन गए। :.........

स्रोत :......... (http://goo.gl/xP4Yqd)

Dr.Shree Vijay
06-02-2014, 04:44 PM
मित्रों आइये जाने पहले रफी साहब के बारे में :.........

http://drsandeepkr.files.wordpress.com/2013/07/picture13.jpg
शम्मी कपूर के साथ :

शम्मी कपूर तो रफ़ी की आवाज से इतने प्रभावित हुए कि
उन्होने अपने हर गाने में रफ़ी का इस्तेमाल किया :

उनके लिए संगीत कभी ओ पी नैय्यर ने दिया तो कभी शंकर जयकिशन ने पर आवाज रफ़ी की ही रही :

चाहे कोई मुझे जंगली कहे (जंगली),

एहसान तेरा होगा मुझपर (जंगली),

ये चांद सा रोशन चेहरा (कश्मीर की कली),

दीवाना हुआ बादल (आशा भोंसले के साथ, कश्मीर की कली)

शम्मी कपूर के ऊपर फिल्माए गए लोकप्रिय गानों में शामिल हैं।

http://drsandeepkr.files.wordpress.com/2013/07/picture12.jpg

मोहम्मद रफी के बारे में अक्सर “एक अनार और सौ बीमार” की कहावत कही जाती थी. फिल्म जगत् का हर संगीतकार और अभिनेता चाहता था कि वह उसके लिए गाएं और विनम्र और सादे स्वभाव के रफी से कभी ‘न‘ कहते नहीं बनता था. हालांकि अपनी इस आदत की वजह से वह कभी- कभी मुश्किल में भी पड़ जाते थे, लेकिन न कहना उनके स्वभाव में ही नहीं था.

रफी ने दिलीप कुमार जैसे बड़े अभिनेता से लेकर सुधीर कुमार जैसे छोटे अभिनेता के लिए गाया, लेकिन शम्मी कपूर के साथ उनकी ट्यूनिंग अद्भुत थी. यद्यपि हर अभिनेता के लिए उनकी आवाज माकूल थी, लेकिन शम्मी कपूर के लिए गाते समय उनकी आवाज कुछ अलग ही अंदाज अपना लेती थी.

ब्रह्मचारी फिल्म के लिए “दिल के झरोखे में तुझको बिठाकर” गीत की रिर्काडिंग थी. अभिनेता शम्मी कपूर ने रफी को सुझाव दिया कि यदि वह इस गीत के मुखड़े को एक ही सांस में गाएं तो गीत में अनूठापन आ जाएगा. रफी ने उनके इस सुझाव को मानते हुए मुखड़े को एक ही सांस में गा दिया. इस पर शम्मी कपूर हक्के-बक्के होकर उन्हें देखते रह गए. रफी ने तब चुटकी लेते हुए कहा “अब तुम क्या चाहते हो कि मैं गाना गाऊं या यह चाहते हो कि मैं सांस लेना बंद कर दूं. जिंदा रहने पर ही मैं गा पाऊंगा. इस पर वहां मौजूद सभी लोग ठठाकर हंस पड़े.

रफी के व्यक्तित्व के बारे में उनके पुत्र शाहिद कहते हैं ‘वे बहुत शांत एवं धीर-गम्भीर प्रवृत्ति के इंसान थे। जब कभी हम उनसे पूछते कि क्या आपने सचमुच ‘याऽऽऽहू…’ जैसा जोशीला गीत गाया है तो वे सिर्फ मुस्करा देते थे।’ एक तरफ रफी शम्मी कपूर के लिए जोशीले अंदाज में ‘याऽऽऽहू…’ गाते हैं, वहीं दूसरी ओर इसी फिल्म (जंगली) में अपने चिरपरिचित सॉफ्ट अन्दाज में ‘एहसान तेरा होगा मुझ पर…’ भी गाते हैं, सचमुच ये उत्कृष्ट प्रतिभा का ही उदाहारण है :.........

स्रोत :......... (http://goo.gl/xP4Yqd)

Dr.Shree Vijay
06-02-2014, 04:48 PM
GMbAGLD4o8M

Dr.Shree Vijay
12-02-2014, 08:46 PM
मित्रों आइये जाने पहले रफी साहब के बारे में :.........

http://drsandeepkr.files.wordpress.com/2013/07/picture14.jpg


रफी ने हर मूड के गाने बखूबी गाए :

रफी जब भी कोई गीत गाते तो वे उस चरित्र में अपने आप को ढाल लेते मौका चाहे शादी की खुशी का हो या बेटी की बिदाई का भारी माहौल या रफी साहब ने हर समय के लिए हर मूड के गीत गाकर हमारी संगीत विरासत को इतना समृध्द कर दिया है कि उनके गाए गीत घर परिवार से लेकर मंदिर में गूंजते हैंही :

ऐसा कौनसा दुल्हा होगा जिसकी बारात में उसके दोस्तों ने ये देश है वीर जवानों का (फिल्म नया दौर) जैसा गीत गाकर अपनी खुशियों और मस्ती का इजहार नहीं किया होगा, और शादी के बाद बेटी की बिदाई पर बाबुल की दुआएँ लेती जा, जा तुझको सुखी संसार मिले जैसा गीत जब गूंजता है तो बेटी को बिदा करने वाले ही नहीं बल्कि बेटी को बहू बनाकर ले जाने वाले दुल्हे के पक्ष के लोगों की आँखों में भी आँसू आ जाते हैं।

‘देखी जमाने की यारी, बिछड़े सभी बारी-बारी…’ (कागज के फूल)

जॉनी वाकर जैसे कॉमेडियन के लिए ‘तेल मालिश…’ (प्यासा)

‘ये है बॉम्बे मेरी जान…’ (सीआईडी) हो, रफी ने हर गीत के साथ पूरा न्याय किया।

शम्मी कपूर के लिए जोशीले अंदाज में ‘याऽऽऽहू…’ गाते हैं, वहीं दूसरी ओर इसी फिल्म (जंगली) में

अपने चिरपरिचित सॉफ्ट अन्दाज में ‘एहसान तेरा होगा मुझ पर…’ भी गाते हैं,

सचमुच ये उत्कृष्ट प्रतिभा का ही उदाहारण है :.........

स्रोत :......... (http://goo.gl/xP4Yqd)

Dr.Shree Vijay
15-02-2014, 07:39 PM
jnMl8N7vUcU

Documentry On Rafi Sahab_By Films Division_Part_1 :

Dr.Shree Vijay
15-02-2014, 07:40 PM
Plu5ae2gAYM

Documentry On Rafi Sahab_By Films Division_Part_2 :

goinggud@33
16-02-2014, 12:57 PM
hindi mei kaise post karte ho yaar aap log...?

Dr.Shree Vijay
17-02-2014, 08:51 PM
CSb881jowa0

Documentry On Rafi Sahab_By GEO TV_Pakistan :

Dr.Shree Vijay
21-02-2014, 05:50 PM
xe1tHscT3Xo

MOHD RAFI WITH FAMILY :
Part-1:

Dr.Shree Vijay
21-02-2014, 05:51 PM
hhQLHIjGX1w

MOHD RAFI WITH FAMILY :
Part-2:

Dr.Shree Vijay
21-02-2014, 05:53 PM
gqxzvCyMrso

Suhani Raat Dhal Chuki – MOHD RAFI LIVE :

Dr.Shree Vijay
22-02-2014, 04:36 PM
http://3.bp.blogspot.com/-WUBsNdQ3blc/UZy0iO7chzI/AAAAAAAAMW4/pRWdlNrffMk/s1600/Interesting-Facts-About-Bollywood-Mohammad-Rafi-Mohammad-Ali.jpg

Mohammad Rafi, who loved watching boxing, requested the organisers on his tour to Chicago to get him an appointment with Mohammad Ali. Otherwise a busy man, Ali proceeded to Rafi’s hotel room when he found out that the legendary Indian singer wanted to meet him :.........

Dr.Shree Vijay
25-02-2014, 06:25 PM
H2cGpDKUe04

चित्रपट : आरजू - 1965 :ऐ फूलों की रानी, बहारों की मलिका :

Dr.Shree Vijay
25-02-2014, 06:28 PM
http://l2.yimg.com/bt/api/res/1.2/Llfqt0qvjcGzeCgT7untKg--/YXBwaWQ9eW5ld3M7Zmk9aW5zZXQ7aD02NTA7cT03NTt3PTU1MQ--/http://media.zenfs.com/hi_IN/News/Jagran/rafi-zakir-hussain9.jpg

पूर्व राष्ट्रपति जाकिर हुसैन के साथ मोहम्द रफी :.........

Dr.Shree Vijay
25-02-2014, 08:35 PM
http://l2.yimg.com/bt/api/res/1.2/7IN84jrd52SJP9Ta8m2y9A--/YXBwaWQ9eW5ld3M7Zmk9aW5zZXQ7aD00MzA7cT03NTt3PTYzMA--/http://media.zenfs.com/hi_IN/News/Jagran/rafi-ali5.jpg

Mohammad Rafi with Mohammad Ali. :.........

Dr.Shree Vijay
25-02-2014, 08:52 PM
r3wZBdnamE0

चित्रपट : पगला कहि का - 1970 :तुम मुझे यूं भुला न पाओगे :

Dr.Shree Vijay
25-02-2014, 08:58 PM
i9ejb5FrKuI

आदमी मुसाफिर है...(*फिल्म- अपनापन) :

Dr.Shree Vijay
25-02-2014, 09:00 PM
dGuRNfJ1ys0

बहारों फूल बरसाओ मेरा मेहबूब आया है...(*फिल्म- सूरज) :

Dr.Shree Vijay
25-02-2014, 09:02 PM
q6KmfQYgS58

क्या हुआ तेरा वादा...(*फिल्म- हम *किसी से कम नहीं) :

Dr.Shree Vijay
11-03-2014, 01:05 PM
SuFIMnqb6H4

यह दुनिया यह महफ़िल मेरे कम की नही ...(*फिल्म- *हिर रांझा) :

Dr.Shree Vijay
13-03-2014, 09:23 PM
3dwzth2CJOQ

लिख्खे जो खत तुझे...(*फिल्म- *कन्यादान) :

Dr.Shree Vijay
18-03-2014, 07:08 PM
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मैं कहीं कवि न बन जाऊँ :

Dr.Shree Vijay
20-03-2014, 09:10 PM
R4HsIofHhww

Pardesiyon Se Na Akhiyan :
Movie: Jab Jab Phool Khile . 1965
Music Director: Kalyanji Anandji
Singers: Mohammed Rafi
Director: Suraj Prakash

Starring Agha, Kamal Kapoor, Nanda, Shammi Kapoor and Shashi Kapoor.

Dr.Shree Vijay
23-03-2014, 06:10 PM
V80nKFOrkzw

Ehsan Tera Hoga Mujh Par :
Movie: Junglee. 1961
Singers: Mohammed Rafi

Starring - Shammi Kapoor, Saira Banu..

Dr.Shree Vijay
30-03-2014, 09:28 PM
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गाना / Title: सुख के सब साथी दुख में न कोई...

चित्रपट / Film: गोपी...

संगीतकार / Music Director: कल्याणजी - आनंदजी-(Kalyanji-Anandji)

गीतकार / Lyricist: Rajinder Krishan

गायक / Singer(s): Rafi

सुख के सब साथी दुखमें न कोई
मेरे राम, मेरे राम
तेरा नाम है साचा दूजा न कोई

जीवन आनी जानी छाया
झूठी माया झूठी काया
फिर काहे को सारी उमरिया
पापकी गठरी ढोई

ना कुछ तेरा ना कुछ मेरा
ये जग जोगीवाला फेरा
राजा हो या रंक सभीका
अंत एकसा होई

बाहरकी तू माटी फांके
मनके भीतर क्यूं न झांके
उजले तनपर मान किया और
मनकी मैल न धोई...


साभार :......... (http://www.lyricsindia.net/songs/2756)

Dr.Shree Vijay
06-04-2014, 10:07 PM
sAkhI94NTnc

गाना / Title: दोनों ने किया था प्यार मगर, मुझे याद रहा तू भूल गई...

चित्रपट / Film: महुआ - Mahua...

संगीतकार / Music Director: सोनिक ओमी -(Sonik-Omi)

गीतकार / Lyricist: कमर जलालाबादी - Qamar Jalalabadi

गायक / Singer(s): रफी - Rafi

दोनों ने किया था प्यार मगर
मुझे याद रहा तू भूल गई
मैने तेरे लिये रे जग छोड़ा
तु मुझको छोड़ चली

तूने मुझसे किया था कभी वादा
मेरी ताल पे तू दौड़ी चली आएगी
कैसा बंधन है प्यार का ये बंधन
इसे छोड़ के तू कभी नहीं जाएगी
क्या यही है वफ़ा मुझे ये तो बता
मेरी महुआ, वो तेरे वादे क्या हुए
क्या यही है वफ़ा, मुझे ये तो बता, मेरी महुआ
ओ मेरी जाना, दोनो ने किया इज़हार मगर ...

आज मैं अपने दिल की सदा से
आसमान को हिला के रहूँगा
ऐ मौत की नींद सोने वाली
आज तुझको जगा के रहूँगा
तू न जागी तो आसमान को जगा के रहूँगा
तू इस जग में न आई तो इस जग को जला के रहूँगा
तु है मेरा बदन मैं बदन का ??? जला के रहूँगा
ओ मेरी आतमा ??? तुझे आतमा से मिलाके रहूँगा
तू है मेरी दुल्हन आज होगा मिलन मेरी महुआ ...


साभार :......... (http://www.lyricsindia.net/songs/673)
साभार :......... (http://www.youtube.com/user/WWRHindi)

Dr.Shree Vijay
18-04-2014, 05:56 PM
gRuZ8TCfdyA

गाना / Title: तुझको पुकारे मेरा प्यार - tujhako pukaare meraa pyaar.....

चित्रपट / Film: नीलकमल - Neel Kamal...(1968)

संगीतकार / Music Director: रवि -(Ravi).....

गीतकार / Lyricist: साहिर-(Sahir).....

गायक / Singer(s): रफी - Rafi.....

आ जा आ जा आ जा
तुझको पुकारे मेरा प्यार
आजा, मैं तो मिटा हूँ तेरी चाह में
तुझको पुकारे मेरा प्यार

दोनो जहाँ की भेंट चढ़ा दी मैने राह में तेरी
अपने बदन की खाक़ मिला दी मैने आह में तेरी
अब तो चली आ इस पार
आजा मैं तो मिटा हूँ ...

इतने युगों से इतने दुखों को कोई सह ना सकेगा
मेरी क़सम मुझे तू है किसीकी कोई कह ना सकेगा
मुझसे है तेरा इक़रार
आजा, मैं तो मिटा हूँ ...

आखिरी पल है आखिरी आँहें तुझे ढूँढ रही हैं
डूबती सांसें बुझती निगाहें तुझे ढूँढ रही हैं
सामने आजा एक बार
आजा, मैं तो मिटा हूँ ...



लिरिक्सइंडिया के सौजन्य से :......... (http://www.lyricsindia.net/songs/1617)

यूट्यूब यूजर्स के सौजन्य से :......... (http://www.youtube.com/user/WWRHindi)

Dr.Shree Vijay
05-05-2014, 10:40 PM
eQeItXONOVg

गाना / Title: Chhoo Lene Do Nazuk Honthon Ko,
Film Kajal (1965) .....





यूट्यूब यूजर्स के सौजन्य से :......... (http://www.youtube.com/user/WWRHindi)

Dr.Shree Vijay
11-05-2014, 08:55 PM
dKWT1XeDl4w

गाना / Title: Ye Zulf Agar Khulke,
# Movie: Kaajal (1965)
# Singer(s): Mohammad Rafi
# Music Director: Ravi
# Lyricist: Sahir Ludhianvi
# Actors/Actresses: Dharmendra, Meena Kumari, Padmini, Raj .....





यूट्यूब यूजर्स के सौजन्य से :......... (http://www.youtube.com/user/WWRHindi)

Dr.Shree Vijay
14-05-2014, 09:45 PM
lfxlOwUShAY

गाना / Title: Yeh Reshmi Zulfein,
# Film: Do Raaste
# Year: 1969
# Cast: Rajesh Khanna, Mumtaz, Balraj Sahni, Prem Chopra
# Singer: Mohammad Rafi




यूट्यूब यूजर्स के सौजन्य से :......... (http://www.youtube.com/user/WWRHindi)

Dr.Shree Vijay
03-06-2014, 06:57 PM
mFg3EL7wlpc

गाना / Title: Yeh Jo Chilman Hai,
# Film: Mehboob Ki Mehndi,
# Year: 1971,
# MD - Laxmikant Pyarelal,
# Lyricist - Anand Bakshi,
# Singer: Mohammad Rafi,




यूट्यूब यूजर्स के सौजन्य से :......... (http://www.youtube.com/user/WWRHindi)

Dr.Shree Vijay
11-06-2014, 10:19 PM
e97NJqZgzjM

गाना / Title: Yeh Maana Meri Jaan Mohabbat Saja Hai,
# Film: Hanste Zakhm ,
# Year: 1973,
# Music - Madan Mohan,
# Lyricist - Kaifi Azmi,
# Singer: Mohammad Rafi,




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toptenstuff431
14-06-2014, 05:03 PM
Mahommad Raffi is my favorite singer .its my favorite singer.Yaadon ki barrat is my favorite song.thanks for the sharing the superb information. i like this post.

bollywood mp3 songs (http://toptenstuff.co.in/category/entertainment/bollywood/) | latest information technology (http://toptenstuff.co.in/category/technology/)

Dr.Shree Vijay
17-06-2014, 10:36 PM
Mahommad Raffi is my favorite singer .its my favorite singer.Yaadon ki barrat is my favorite song.thanks for the sharing the superb information. i like this post.



:hello::hello::hello:

Dr.Shree Vijay
17-06-2014, 10:40 PM
Dil Ke Jharoke Mein Tujhko Bithakaar song - Brahmachari" :

LWVU1isA7vg



यूट्यूब यूजर्स के सौजन्य से :......... (http://www.youtube.com/)

Swati M
20-06-2014, 07:13 PM
मस्तीभरे गीत.

Dr.Shree Vijay
22-06-2014, 10:35 PM
मस्तीभरे गीत.

:thanks:

Dr.Shree Vijay
05-07-2014, 07:10 PM
Nafrat Ki Duniya Ko Chhod Ke :

NzUGxYbAv4w

Movie: Haathi Mere Saathi.....


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Dr.Shree Vijay
12-07-2014, 08:59 PM
Koi Mujhse Poochhe :

RVnf7o8_szw

Movie: Yeh Rastey Hain Pyar Ke.....


यूट्यूब यूजर्स के सौजन्य से :......... (http://www.youtube.com/)

Dr.Shree Vijay
16-07-2014, 06:17 PM
Aap Ke Haseen Rukh Pe :

GQblX2TmEZI

Movie: Baharen Phir Bhi Aayengi (1966) .....


यूट्यूब यूजर्स के सौजन्य से :......... (http://www.youtube.com/)

Dr.Shree Vijay
02-08-2014, 11:47 PM
Dil Jo Na Keha Saka :

-_t8RVlTQ6A

Movie: Bheegi Raat (1965) .....


यूट्यूब यूजर्स के सौजन्य से :......... (http://www.youtube.com/)

Dr.Shree Vijay
17-08-2014, 11:11 PM
Jo Unki Tamanna Hai :

nDLs_QCL_0U

Movie: Intaquam (1965) .....


यूट्यूब यूजर्स के सौजन्य से :......... (http://www.youtube.com/)

Dr.Shree Vijay
18-08-2014, 09:02 PM
Govinda Aala Re Aala :

Z60TE_JDsJE

Movie: Bluff Master (1963) .....


यूट्यूब यूजर्स के सौजन्य से :......... (http://www.youtube.com/)

Dr.Shree Vijay
24-08-2014, 11:51 PM
Sou Bar Janam Lenge :

CTprvBjARLY

Movie: Ustaadon Ke Ustad
Music Director: Ravi
Singer: Mohammed Rafi
Director: Brij

Enjoy this super hit song from the 1963 movie Ustaadon Ke Ustad starring Ashok Kumar, Pradeep Kumar, Shakila, Jonney Walker and Helen. .....


यूट्यूब यूजर्स के सौजन्य से :......... (http://www.youtube.com/)

Dr.Shree Vijay
31-08-2014, 01:59 PM
Ye Mera Prem Patra Padhkar Ke Tum :

PuaFmVz3dr8

Movie: Sangam (1964) .....


यूट्यूब यूजर्स के सौजन्य से :......... (http://www.youtube.com/)

Dr.Shree Vijay
05-09-2014, 05:10 PM
Yeh Reshmi Zulfein Yeh Sharbati Aankhein :

PuaFmVz3dr8

Movie: Do Raaste (1969) .....

यूट्यूब यूजर्स के सौजन्य से :......... (http://www.youtube.com/)

Swati M
08-09-2014, 08:05 PM
सुमधुर गीत

Dr.Shree Vijay
06-10-2014, 06:01 PM
सुमधुर गीत

:thanks:

Dr.Shree Vijay
06-10-2014, 06:06 PM
Aap Ke Haseen Rukh Pe :

GQblX2TmEZI

Movie: Baharen Phir Bhi Aayengi (1966) .....

यूट्यूब यूजर्स के सौजन्य से :......... (http://www.youtube.com/)

Dr.Shree Vijay
04-11-2014, 08:34 PM
"Janewalo Zara" :
MMSdd9aViVs

Movie: Dosti (1964),
Music Director: Laxmikant Pyarelal,
Singer: Mohammed Rafi,
Written by Majrooh Sultanpuri,
Director: Satyen Bose,

Mohammed Rafi's Best Superhit Classic song Dosti (1964) , Starring Sudhir Kumar, Sushil Kumar, Sanjay Khan.........


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