View Full Version : 2014 में इन खिलाड़ियों को रिटायर हो जाना चाहिए
जहीर खानः
भारतीय तेज गेंदबाजी का प्रमुख हथियार माने जाने वाले जहीर पर उम्र का असर दिखने लगा है। बेहतर होगा कि अपने करियर को कुछ और लंबा खींचना के लिए उन्हें छोटे फॉर्मेट(टी-20 और वनडे)को अलविदा कहकर टेस्ट पर ध्यान लगाना चाहिए।
एम.एस.धोनीः
धोनी पर बहुत ज्यादा भार है। बेहतर होगा कि वह आईपीएल में खेलना छोड़कर भारतीय क्रिकेट के कप्तान के तौर पर अपनी भूमिका को बेहतर ढंग से निभाए।
अभिनव बिंद्राः
बीजिंग ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले बिंद्रा अभी भी अच्छे शूटर हैं लेकिन गोल्ड जीतने के बाद से उनकी फॉर्म में तेजी से गिरावट आई है।
विजेंद्र सिंहः
इसमें कोई शक नहीं कि विजेंद्र एक अच्छे बॉक्सर हैं। लेकिन 2008 से 2012 के बीच उनके प्रदर्शन में आया निराशाजनक उतार उन्हें 2016 के ओलिंपिक के पदक के दावेदारों में पक्की जगह नहीं दिलाता।
मैरी कॉम
मैरी कॉम ओलिंपिक में पदक जीतने का सपना पूरा कर चुकी हैं। 29 साल की यह मुक्केबाज रियो ओलिंपिक तक 33 साल की हो जायेगी और तब उनके लिए पदक जीतना आसान नहीं होगा।
कृष्णा पूनियाः
डिस्कस थ्रोअर पूनिया 35 साल की हो चुकी हैं और अब उनका करियर ज्यादा नहीं बचा है। ऐसे में ओलिंपिक में उनके 7वें स्थान के बेहतरीन रिकॉर्ड को बरकरार रखकर इस साल रिटायर होने का सुनहरा मौका होगा।
सुशील कुमार
लगातार दो ओलिंपिक पदक जीतने वाले एकमात्र भारतीय सुशील कुमार रियो में खेलने की इच्छा जता चुके हैं। लेकिन 29 साल के इस खिलाड़ी के लिए इस वर्ष रिटायर होकर खुद को महान ओलिंपियन बना लेने का मौका है।
योगेश्वर दत्तः
ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले योगेश्वर पहले ही 30 साल के हो चुके हैं। इस साल उन्हें रिटायर होकर 2014 के एशियन गेम्स और 2016 के रियो ओलिंपिक में युवाओं को मौका देना
महेश भूपति
भूपति ने लंबे समय तक भारतीय टेनिस की सेवा की है। लेकिन 38 साल की उम्र में उन्हें डेविस कप और एशियन गेम्स 2014 में नहीं खेलना चाहिए। जिससे युवाओं को मौका मिल सके।
लिएंडर पेसः
इस बात में कोई दोराय नहीं है कि लिएंडर पेस भारत के सबसे महान टेनिस खिलाड़ियों में से एक हैं। लेकिन युवाओं को मौका देने के लिए 39 साल के इस स्टार खिलाड़ी को डेविस कप और 2014 के एशियन गेम्स में नहीं खेलना चाहिए।
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