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View Full Version : प्रेम, प्रणय और धोखा


Kalyan Das
12-11-2010, 09:14 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=2876&stc=1&d=1289538704

ज़िंदा है शाहजाहाँ की चाहत अब तक, गवाह है मुमताज़ की उल्फत अब तक !
जाकर देखो इक बार ताज को दोस्तों, पत्थर पत्थर से टपकती है मुहब्बत अब तक !!

munneraja
12-11-2010, 05:19 PM
गुड वर्क अनुज प्रेत
लेकिन इसमें जल्दी जल्दी कुछ प्रविष्टियाँ कीजिये
ताकि मजे का मीटर तेज चलने लगे

aksh
12-11-2010, 08:49 PM
अच्छा सूत्र है कल्याण जी. कृपया इसी तरह कार्य करते रहे. बहुत सुन्दर पंक्तियाँ और चित्र. मेरे विचार से खाली चित्र देने के स्थान पर आपने जो दो पंक्तियाँ लिख दीं उसने इनका प्रभाव दस गुना कर दिया.

arvind
13-11-2010, 10:07 AM
भूत भाई,
बहुत देर कर दी मेहरबान आते-आते.......
अब आ ही गए है, तो दिखाईए अपना जलवा....

Hamsafar+
16-11-2010, 06:43 PM
भूत भाई ताजमहल दिखा कर कहा चले गए ??:bike:

jai_bhardwaj
16-11-2010, 11:31 PM
सब अपनी बीवी को चाहें, सूरत से और शिद्दत से :iloveyou:/

नारि परायी पर जा अटकें, मर्द बेशरम इस आदत से //:cry::bang-head:




अब ऐसे इंसा लाखों हैं, जो हर साल बना दें ताजमहल /:bravo:

'जय' वैसे अब ना शाहजहाँ, ना वैसी अब मुमताजमहल // :omg:

ndhebar
17-11-2010, 05:55 AM
इश्क ने यहाँ कितनों को कोई और मुकद्दर दिया
दिल को तन्हाई तो आँखों को समंदर दिया

इबादत-ए-इश्क में जिसे पूजते रहे खुदा मान कर
उस कातिल को इस इश्क ने ही तो खंजर दिया

arvind
17-11-2010, 10:32 AM
सब अपनी बीवी को चाहें, सूरत से और शिद्दत से :iloveyou:/
नारि परायी पर जा अटकें, मर्द बेशरम इस आदत से //:cry::bang-head:

अब ऐसे इंसा लाखों हैं, जो हर साल बना दें ताजमहल /:bravo:
'जय' वैसे अब ना शाहजहाँ, ना वैसी अब मुमताजमहल // :omg:

ताजमहल की इमारत हर आशिक को
मुहब्बत की मिशाल नजर आती है।
मै किस-किस के लिए ताज बनवाउ,
मुझे तो हर लड़की मुमताज़ नज़र आती है। :gm:

प्यार तो हमें भी करना था,
पर कुछ खास नहीं हुआ।
ताजमहल तो हमे भी बनाना था,
पर अफसोस..........

लोन पास ही नहीं हुआ। :cry:

Kalyan Das
17-11-2010, 11:28 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=3465&stc=1&d=1289978604

न जाने क्यूँ गले से लिपट कर रोने लगा,
जब हम बरसों बाद मिले,
जाते हुए जिसने ने कहा था ....
की "तुम जैसे लाखों मिलेंगे"…!!!

Hamsafar+
17-11-2010, 08:29 PM
भूत भाई बहुत कम ही फोरम पे आ रहे हो. क्या समय की कोई पाबन्दी है या कुछ और बात !

jai_bhardwaj
17-11-2010, 09:39 PM
न जाने क्यूँ गले से लिपट कर रोने लगा,
जब हम बरसों बाद मिले,
जाते हुए जिसने ने कहा था ....
की "तुम जैसे लाखों मिलेंगे"…!!!

सोचा है जब भी मैंने, कि धनवान तू बने /
शक दोस्त को खोने का मुझे, बारहा हुआ //
मिलते हैं आज हाथ 'जय', सटते हैं जिस्म भी /
लेकिन दिलों के बीच, बहुत फासला हुआ //:bang-head:

Kalyan Das
23-11-2010, 10:19 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=3936&stc=1&d=1290492971

हर तरफ हर जगह बेशुमार आदमी,
फिर भी तनहाइयों का शिकार आदमी !

सुबह से शाम तक बोझ ढोता हुआ,
अपनी ही लाश का खुद मज़ार आदमी !!

हर तरफ भागते दोड़ते रास्ते,
हर तरफ आदमी का शिकार आदमी !!

रोज़ जीता हुआ रोज़ मरता हुआ,
हर नए दिन , नया इंतज़ार आदमी !!

ज़िन्दगी का मुकद्दर सफ़र दर सफ़र,
आखरी सांस तक बेकरार आदमी !!
आखरी सांस तक बेकरार आदमी...............!!!

ABHAY
25-11-2010, 09:29 AM
दिल में एक डर था जिसे अभी मिटा न सका जब
तुम्हे देखा दिल का दर्द मिट गया मगर एक प्रेम रोग लग गया अब
क्या करे हम न तुम मिलने आती हो न मिलने का वादा करती हो क्या होगा इस रोग का !

Kalyan Das
27-11-2010, 07:24 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=4068&stc=1&d=1290871153

तेरी चाहत में अक्सर
इस कदर गुजर जाता हूँ मैं !
की मीलों दूर होने पर भी,
तेरे दिल में सिमट जाता हूँ मैं !!
जब तेरी तन्हाई पेश -ए - नज़र पाता हूँ,
तो ठंडी ठंडी चंद आहें
भर कर रह जाता हूँ मैं !
हाय ये अलफ़ाज़ जो कभी,
लबों से बयान होते नहीं
और
आंसू, जिन्हें सिर्फ आँखों से पि जाता हूँ मैं ........!!!

jai_bhardwaj
27-11-2010, 11:28 PM
मैं और मेरा अकेलापन
सामने फ़ैली हुई पहाड़ियाँ
ढलता हुआ सूरज
पेड़ों के झुरमुट
लम्बे होते हुए साए
ऐसे में तुम बहुत याद आते हो
और तुम यहीं हो
हाँ यहीं तो हो !!

amit_tiwari
28-11-2010, 11:12 PM
तेरे इश्क ने बक्शी है ये सौगात मुसलसल
तेरा ज़िक्र हमेशा ! तेरी बात मुसलसल !

एक मुद्दत हुई तेरे कूचे से निकले हुए
रहती है फिर भी तुझसे मुलाकात मुसलसल !

दिल लगी, दिल की लगी बन जाती है कमबख्त
जब तसव्वुर में गुज़रती है रात मुसलसल

जब से देखा है ज़ुल्फ़-ऐ-परेशां का आलम
उलझे हुए रहते हैं मेरे दिन रात मुसलसल

मैं मुहब्बत में उस मुकाम पे पहुच चूका हूँ ऐ जाना
मेरी ज़ात में रहती है तेरी ज़ात मुसलसल !!!

jai_bhardwaj
28-11-2010, 11:40 PM
जीवन समारोह सा लगता, साथ अगर तुम मेरे होते !
चाँद में अपनी बस्ती होती , गलियारे में तारे होते !!
फूलों का अपना रथ होता, जिसे स्वयं ही पवन घुमाता
किन्तु स्वप्न तो स्वप्न रह गए, स्वप्न कहाँ पूरे होते !!

pooja 1990
29-11-2010, 05:00 AM
bhaiiji bahut khoob .lagta hai aapne pyar me dhoka kaya hai. aapki rachnao ko dekhkar yahi lagta hai. pranam dada ji

Kalyan Das
29-11-2010, 06:17 PM
bhaiiji bahut khoob .lagta hai aapne pyar me dhoka kaya hai. aapki rachnao ko dekhkar yahi lagta hai. pranam dada ji

पूजा जी, कृपया हिंदी में लिखने की कोशिश कीजिये !
भाईजी के बारे में आपका अंदाजा गलत है ! उनके लिए प्यार का परिभाषा अलग है !वो सबको प्यार करते हैं !! आजकल के सड़कछाप आशिक नहीं हैं !!
और ऐसे सज्जन को कोई धोखा दे नहीं सकता !!
दरअसल वो जो बेचते हैं (e. g. दर्द - ए- दिल) उसको खरीद ते नहीं !!

YUVRAJ
29-11-2010, 10:44 PM
दर्दो-ग़म दिल की तबीयत बन चुके।
अब यहां वहां आराम ही आराम है॥
इस दिल की किस्मत में तन्हाइयां थीं।
कभी जिसने अपना-पराया न जाना॥

jai_bhardwaj
29-11-2010, 10:47 PM
कल्याण भाई, हम तो पंसारी हैं जो थोक में खरीदते हैं और फुटकर में बेचते हैं .................

इसी सन्दर्भ में एक बानगी है ......

हम अकेले हैं हमसे बात तो करो !
हमारी सुन लो और अपनी कहो !!
उम्र भर कौन साथ रहता है यारो!
एक दो पल तो मेरे साथ रहो !!
अकेले आये हैं हम अकेले जायेंगे भी
न संग आता कोई ना संग जाता है !!
रिश्ते बनते हैं, बिगड़ जाते हैं यहाँ
स्मृतियों का मेला ही शेष रह जाता है !!

jai_bhardwaj
29-11-2010, 11:40 PM
नींद को मैं पुकारा बहुत रात तक
नींद आयी न जब तो मैं घबरा गया
सो गयी थी धरा सो गया था गगन
मैं अकेला मगर जागता रह गया
बात करता रहा मैं स्वयं से स्वयं
और समय भी निरंतर सिमटता रहा
पर तभी तेरा चेहरा मुझे दिख गया
मैं चाँद को देखते देखते सो गया !!

pooja 1990
30-11-2010, 04:27 AM
Pranam bhai ji.dil jeet liya aapne.

YUVRAJ
30-11-2010, 05:41 AM
तलाश करो कोई तुम्हें मिल जायेगा,
मगर हमारी तरह कौन तुम्हें चाहेगा,
कोई चाहत की नजरों से तुम्हें देखेगा,
मगर आँखें हमारी कहां से लायेगा।

YUVRAJ
30-11-2010, 05:46 AM
हर खामोशी का मतलब इन्कार नहीं होता,
हर नाकामियों का मतलब हार नहीं होता,
तो क्या हुआ अगर हम तुम्हें न पा सके,
सिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता।

pankaj bedrdi
30-11-2010, 08:31 AM
ए धोखे प्यार के धोखे हमने दिल पर सहे रो रो के कि किसी से कोइ प्यार ना करे

jai_bhardwaj
30-11-2010, 11:39 PM
जलते हुए अंगारों को न पानी से बुझाओ
धुआँ उठेगा , तो सभी लोग जान जायेंगे
डाल दो राख फिर थोड़ी सी प्रतीक्षा करो
कोई जानेगा नहीं,'जय' स्वयं बुझ जायेंगे

Kalyan Das
01-12-2010, 05:37 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=4290&stc=1&d=1291210444

मीठा सा इश्क लागे, कडवी जुदाई !
यार मेरा सच्चा लागे, झूठी खुदाई !!
चांदनी ने तन पे मेरे चादर बिछाई !
ओढा जो तुने मुझको साँसे लौट आई !!
ये आलम है, इश्क इश्क ये आलम है........................!!!

ndhebar
01-12-2010, 08:06 PM
तेरे इश्क ने बक्शी है ये सौगात मुसलसल
तेरा ज़िक्र हमेशा ! तेरी बात मुसलसल !

"मुसलसल":cry::cry::bang-head::bang-head::help::help:

ndhebar
01-12-2010, 08:11 PM
दिल में दर्द दबाने की, आँखों में नमी छुपाने की
हर कोशिश कर के हार गए, हम तेरी याद भूलाने की

तेरी चाहत में हमने, हर दर्द को समझा थोड़ा था
उस रोज बिखर गए टूट के हम, जब तुमने भी मुंह मोडा था
रोते रहे थे रात भर, बाकी फिर भी समंदर था
जाने कितना दर्द अभी भी, इस सीने के अंदर था

फिर आदत हो गयी दिल को, वक़्त गम के साथ बिताने की
हर कोशिश कर के हार गए, हम तेरी याद भूलाने की

YUVRAJ
01-12-2010, 08:16 PM
vah ... kya baat ahi ...:clap::clap::clap::clap::clap:
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=4290&stc=1&d=1291210444

मीठा सा इश्क लागे, कडवी जुदाई !
यार मेरा सच्चा लागे, झूठी खुदाई !!
चांदनी ने तन पे मेरे चादर बिछाई !
ओढा जो तुने मुझको साँसे लौट आई !!
ये आलम है, इश्क इश्क ये आलम है........................!!!

jai_bhardwaj
01-12-2010, 11:49 PM
शांत झील के सोये जल में
किसने कंकड़ फेंक दिया है
लहरों ने आन्दोलन छेड़ा
जल ने भी विद्रोह किया है
यह सीमाएं लांघ रहा है
तट बंधों को तोड़ रहा है
आओ इस विप्लव को रोको
शांति दूत बन कर आओ

amit_tiwari
02-12-2010, 02:16 AM
"मुसलसल":cry::cry:

मुसलसल का अर्थ हुआ 'लगातार'
:cheers::cheers:


[B][SIZE="3"]मीठा सा इश्क लागे, कडवी जुदाई !
यार मेरा सच्चा लागे, झूठी खुदाई !!


साधु साधु !!!:bravo::bravo:

Kalyan Das
02-12-2010, 09:17 AM
मुसलसल का अर्थ हुआ 'लगातार'
:cheers::cheers:




पिछले दो चार दिन से इसके अर्थ को लेकर हम भी परेशान थे !!

jai_bhardwaj
02-12-2010, 11:07 PM
कितने चिराग गुल हुए, तारों से पूछिए,
तूफाँ को कुछ न हो खबर, कहने की बात है !!
जब जब गिरे हैं फूल कुछ, टहनी से टूट कर,
नम हो गयी थी हर नज़र, कहने की बात है!!
मरघट है दोस्त! हम यहाँ, मर मर के जी रहे,
कहते हो तुम इसे शहर , कहने की बात है!!
पत्थर पे गिर के रात के, आँसू बिखर गए ,
उसका भी रो उठा जिगर, कहने की बात है!!

Hamsafar+
02-12-2010, 11:10 PM
कल रात जो उनसे बात हुई, हसीं मेरी वो रात हुई,
सपनो में न आये वो, ख्यालों में हमारी मुलाक़ात हुई.
प्यार की फिजाओं में, इश्क कि भीनी बरसात हुई.
उनकी आवाज़ में डूबे, बिलकुल ही खो गए हम,
हसीं हो गयी मेरी रात, वो कल रात जो उनसे बात हुई.

Hamsafar+
02-12-2010, 11:12 PM
Is Kadar Pyaar Hain Tumse Ae Humsafar
Ab To Jeete Hain Hum Bas Tumhe Dekhkar
Tumhari Har Ada Tumhari Har Nazar
Yeh Kya Kehne Lagi Tumhe Hain Kya Khabar.
j430C07NGiQ

Bond007
03-12-2010, 05:16 AM
माफ़ करना बंधुओं! मुझे एक बात नहीं समझ आ रही कि kalyan जी को भूत भाई या प्रेत भाई क्यों कहा जा रहा है?

Sikandar_Khan
03-12-2010, 07:21 AM
माफ़ करना बंधुओं! मुझे एक बात नहीं समझ आ रही कि kalyan जी को भूत भाई या प्रेत भाई क्यों कहा जा रहा है?

बॉँड बंधू
क्यो की कल्याण भाई ही प्रेतआत्मा जी हैँ ।

Kalyan Das
03-12-2010, 05:45 PM
माफ़ करना बंधुओं! मुझे एक बात नहीं समझ आ रही कि kalyan जी को भूत भाई या प्रेत भाई क्यों कहा जा रहा है?

क्यूंकि, जब हम ज़िंदा थे, हमारा नाम कल्याण हुआ करता था !! हा हा हा हा

jai_bhardwaj
03-12-2010, 10:43 PM
क्यूंकि, जब हम ज़िंदा थे, हमारा नाम कल्याण हुआ करता था !! हा हा हा हा

पहले सीने पर ज़रा तुम हाथ रख कर देखना
फिर समंदर आँख का, दिल का बवंडर देखना
मौत की उस दिन बड़ी ही याद आयेगी जनाब
जब तमाचा ज़िन्दगी , मारेगी कस कर देखना
अश्क, आहें, रंज़ोगम , होंगे पशेमां सब के सब
भीगी पलकों से सही,पर खिलखिला कर देखना
तुम अगर चाहो कि मरकर भी सदा ज़िंदा रहो
तो किसी के वास्ते ऐ दोस्त! मर कर देखना !!

Bond007
03-12-2010, 10:54 PM
बॉँड बंधू
क्यो की कल्याण भाई ही प्रेतआत्मा जी हैँ ।

क्यूंकि, जब हम ज़िंदा थे, हमारा नाम कल्याण हुआ करता था !! हा हा हा हा

ओहो| क्षमा करें श्रीमान| पहचान नहीं पाए हम आपको|

Kalyan Das
04-12-2010, 09:53 AM
पहले सीने पर ज़रा तुम हाथ रख कर देखना
फिर समंदर आँख का, दिल का बवंडर देखना
मौत की उस दिन बड़ी ही याद आयेगी जनाब
जब तमाचा ज़िन्दगी , मारेगी कस कर देखना
अश्क, आहें, रंज़ोगम , होंगे पशेमां सब के सब
भीगी पलकों से सही,पर खिलखिला कर देखना
तुम अगर चाहो कि मरकर भी सदा ज़िंदा रहो
तो किसी के वास्ते ऐ दोस्त! मर कर देखना !!

वाह वाह, वाह वाह !!
बड़े भैया, हम निशब्द हो गए !!!

Kalyan Das
04-12-2010, 11:27 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=4407&stc=1&d=1291447051

मोमबत्ती के अन्दर का धागा बोला ,
मैं जलता हूँ तो तू क्यूँ पिगलती है ?
मोमबत्ती बोली, जिसको दिल में जगह दी हो वो
बिछड़े तो आंसूं तो निकलती है !!!

Kalyan Das
04-12-2010, 12:20 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=4408&stc=1&d=1291450224

दोस्ती के नाम पे दीवाने चले आते हैं !
शमा के पीछे परवाने चले आते हैं !!
तुम्हे याद न आये खैर, आना मेरी मौत पर !
उस दिन तो बेगाने भी चले आते हैं !!

arvind
04-12-2010, 01:57 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=4408&stc=1&d=1291450224

दोस्ती के नाम पे दीवाने चले आते हैं !
शमा के पीछे परवाने चले आते हैं !!
तुम्हे याद न आये खैर, आना मेरी मौत पर !
उस दिन तो बेगाने भी चले आते हैं !!
वाह.... वाह.... क्या बात कही है...... इसपर बहुत जल्दी एक फिल्म बनाने जा रहा हूँ। फिल्म का नाम होगा - "एक भूत की मौत"। इस फिल्म का हीरो तो मै ही रहूँगा, हीरोइन और बाकी कलाकारो का चयन भी हो जाएगा।

Kalyan Das
07-12-2010, 04:06 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=5075&stc=1&d=1291723525

उससे जब याद आएगा वो पहली बार का मिलना,
तोह पल पल याद रखेगा या सब कुछ भूल जायेगा !
उससे जब याद आयेगा गुज़रे मोसम का हर लम्हा,
तोह खुद ही रो परेगा या खुद ही मुस्कुराएगा !!

jai_bhardwaj
07-12-2010, 11:22 PM
गुडहल को अब छोड़ के,लो गुलाब की बास
मोह न कर संसार से , जा मोहन के पास

प्रीतम का ख़त पाय के दुःख तुरंत हट जाय
बांचति बैठे ओट में , छाती आँख लगाय

ajaypathak
09-12-2010, 02:52 PM
इश्क ने यहाँ कितनों को कोई और मुकद्दर दिया
दिल को तन्हाई तो आँखों को समंदर दिया

इबादत-ए-इश्क में जिसे पूजते रहे खुदा मान कर
उस कातिल को इस इश्क ने ही तो खंजर दिया

wah wah wah wah kya baat hai.................

ajaypathak
09-12-2010, 02:53 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=4407&stc=1&d=1291447051

मोमबत्ती के अन्दर का धागा बोला ,
मैं जलता हूँ तो तू क्यूँ पिगलती है ?
मोमबत्ती बोली, जिसको दिल में जगह दी हो वो
बिछड़े तो आंसूं तो निकलती है !!!
kya baat boli hai...
Sidhe dil mein utar gaye ye to.................:iloveyou:

ndhebar
09-12-2010, 03:23 PM
दोस्ती के नाम पे दीवाने चले आते हैं !
शमा के पीछे परवाने चले आते हैं !!
तुम्हे याद न आये खैर, आना मेरी मौत पर !
उस दिन तो बेगाने भी चले आते हैं !!

:bravo::bravo::bravo::bravo:
बहुत खूब कही

Sikandar_Khan
09-12-2010, 05:08 PM
मेरा प्यार


टेक कर घुटने, झुका सिर, प्रेम का जो दान माँगे
हो किसी का प्यार लेकिन, प्यार वो मेरा नहीं है।

रख न पाया मान निज जो, प्यार वो कैसे करेगा?
हीनता से ग्रस्त है जो, दीनता ही दे सकेगा
द्वार पर तेरे खड़ा हूँ, स्नेह का लेकर निमंत्रण
एक चुटकी भीख को यह दीन का फेरा नहीं है
हो किसी का प्यार लेकिन, प्यार वो मेरा नहीं है

है विदित, होती रही है प्यार की उद्दाम धारा
बँध सके जो बंधनों से और ना निज कूल से
राह में अवरोध कोई सर उठाए
यह झुका दे, तोड़ दे, ढाये उखाड़े मूल से
है अगर यह प्यार तो आश्वस्त हूँ मैं
इस प्रभंजन ने प्रबल, यह मन मेरा घेरा नहीं है
हो किसी का प्यार लेकिन प्यार वो मेरा नहीं है

प्यार वो है ले बहे जो, मंद मंथर गति निरंतर
जी उठे स्पर्श पाकर हाँफती मरुभूमि बंजर
मान रखता, मान देता, मधुर मंगल रूप कोमल
प्यार का जो स्वप्न मेरा क्या वही तेरा नहीं है?
टेक कर घुटने, झुका सिर, प्रेम का जो दान माँगे
हो किसी का प्यार लेकिन , प्यार वो मेरा नहीं है।

Sikandar_Khan
09-12-2010, 06:11 PM
आजकल बहुत बड़ी भ्रान्ति है
या कहूँ कि समाज में घोर अशान्ति है
क्योकि देह को ही माध्यम समझने
लगें है लोग प्यार की अभिव्यक्ति का
तन के बिना अधूरा ही मानते हैं प्रेम
व्यक्ति से व्यक्ति का
उनके अनुसार
जब तक तन नहीं होते एकाकार
प्रेम पा ही नहीं सकता गगन सा विस्तार
वे कहते हैं प्यार हैं जलन
प्यार हैं चुभन प्यार हैं मिलन
प्यार हैं बिछुड़न
प्यार है कामनाओं की पूर्ति
यानि शारीरिक इच्छाओं की आपूर्ति
पर हमारी मान्यता है भिन्न
भले ही लोग हो जाएं हमसे खिन्न
पर सच मानिए ऐसा प्रेम, प्रेम नहीं
ये है एक मानसिक विकार
या कामनाओं का ज्वार
तन हो ही नहीं सकता प्रेम का आधार
ये तो अन्तर्मन में बहता एक पावन झरना है
जिसे झर - झर – झर झरना है
अन्तर्रात्मा को संतृप्त करना है
ऐसे भी कह सकते है कि प्रेम
अन्तस्तल में बहती पावन नदी है
व्यर्थ ही भ्रमित इक्कीसवीं सदी है
इसलिए र ध न नहीं कोमल स्वर में गाइए
रे ध नि यानि प्यार की सरगम

ajaypathak
09-12-2010, 07:40 PM
जिसने जिस्म से प्यार किया उसने क्या खाक प्यार किया....वो चमड़े का सौदागर है जो जिस्म से प्यार करे.....

Kalyan Das
11-12-2010, 09:11 AM
हो किसी का प्यार लेकिन, प्यार वो मेरा नहीं है।


वाह वाह !! बहुत खूब !!
सिकंदर भाई, मेरी ये सूत्र आपके प्रविष्टी के बिना अधूरी रह जाती !!
दिल से स्वागत है आपका !!

Kalyan Das
11-12-2010, 09:15 AM
उनके अनुसार
जब तक तन नहीं होते एकाकार
प्रेम पा ही नहीं सकता गगन सा विस्तार
प्यार है कामनाओं की पूर्ति
यानि शारीरिक इच्छाओं की आपूर्ति


साधू, साधू !!
अभूतपूर्व अभिव्यक्ति !!

Kalyan Das
11-12-2010, 11:52 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=5616&stc=1&d=1292053537

क्या कह गयी किसी की नज़र कुछ न पूछिए !
क्या कुछ हुआ है दिल पे असर कुछ न पूछिए !!

वो देखना किसीका कन्खिओं से बार बार !
वो बार बार उसका असर कुछ न पूछिए !!

रो रो के किस तरह से कटी रात क्या कहें ?
मर मर के जी है सहर कुछ न पूछिए !!

अक्सर ख्याल- ए -हुस्न में पहुंचे है मर के हम !
क्यों कर हुआ है तय- ए - सफ़र कुछ न पूछिए !!

Kalyan Das
14-12-2010, 03:16 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=5881&stc=1&d=1260788842

हर तरफ खामोशी का साया है !!
ज़िन्दगी में प्यार किसने पाया है ??
हम यादों में झूमते हैं उसकी, और ज़माना कहता है........
“देखो आज फिर पीकर आया है ” !!!

Kalyan Das
14-12-2010, 03:27 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=5887&stc=1&d=1260789109

बेवफा वो न थे, बेवफा हम न थे !
वो हालात ही कुछ तब ऐसे थे !
इसलिए शायद साथ आज हम न थे !!
वो आज किसी और के हैं !
मैं आज किसी और का हूँ !
है सब कुछ मेरे आस पास जब भी,
तनहा सा महसूस करता भीड़ में अब भी !!
ये जानता वो कभी न मेरे हो सकते जब भी,
न जाने क्यों फिर भी उन्हें पाने की आस है अब भी !!
जितना उनके यादों से दूर जाना चाहता हूँ जब भी,
उन्हें उतना ही दिल के करीब पाता हूँ अब भी !!
मिलते हैं आज वोह कहीं जब भी,
दिल में एक दर्द सा उठता है तब भी !!
धुन्ड़ता हूँ हर शे में उनको अब भी,
रोना तो बहोत चाहा मगर आंसू न निकले तब भी........................!!!!!

ndhebar
15-12-2010, 12:15 PM
हम यादों में झूमते हैं उसकी, और ज़माना कहता है........
“देखो आज फिर पीकर आया है ” !!!

:iagree::iagree::iagree:
सुभान अल्लाह

YUVRAJ
10-01-2011, 07:50 PM
:clap:...:clap:...:clap:...:bravo:

sagar -
10-03-2011, 01:19 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=4068&stc=1&d=1290871153

तेरी चाहत में अक्सर
इस कदर गुजर जाता हूँ मैं !
की मीलों दूर होने पर भी,
तेरे दिल में सिमट जाता हूँ मैं !!
जब तेरी तन्हाई पेश -ए - नज़र पाता हूँ,
तो ठंडी ठंडी चंद आहें
भर कर रह जाता हूँ मैं !
हाय ये अलफ़ाज़ जो कभी,
लबों से बयान होते नहीं
और
आंसू, जिन्हें सिर्फ आँखों से पि जाता हूँ मैं ........!!!

वाह प्रेतात्मा भाई........ जारी रखो ब्रो................... कहा हो http://content.sweetim.com/sim/cpie/emoticons/000204E8.gif (http://www.sweetim.com/s.asp?im=gen&lpver=3&ref=10)






(http://www.sweetim.com/s.asp?im=gen&lpver=3&ref=12)

ndhebar
10-03-2011, 02:21 PM
अब चाहता हूँ तो जिन्दगी रुसवाई नही देती,

अन्धेरे मे अपनी परछाई भी दिखाई नही देती,

जो अब तक करते थे बातें इशारों पे जान देने की,

अब उन्हें हमारी आवाज भी सुनाई नहीं देती?

sagar -
10-03-2011, 02:26 PM
वाह निशांत भी एकदम सटीक प्रेतात्मा जी के लिए http://content.sweetim.com/sim/cpie/emoticons/0002043F.gif (http://www.sweetim.com/s.asp?im=gen&lpver=3&ref=10)






(http://www.sweetim.com/s.asp?im=gen&lpver=3&ref=12)

sagar -
11-03-2011, 08:40 AM
अब चाहता हूँ तो जिन्दगी रुसवाई नही देती,

अन्धेरे मे अपनी परछाई भी दिखाई नही देती,

जो अब तक करते थे बातें इशारों पे जान देने की,

अब उन्हें हमारी आवाज भी सुनाई नहीं देती?

भाई आवाज सुनाई दे रही हे आपकी आवाज में बहुत असर हे कल्याण भाई आ गये हे http://content.sweetim.com/sim/cpie/emoticons/000201DC.gif (http://www.sweetim.com/s.asp?im=gen&lpver=3&ref=10)






(http://www.sweetim.com/s.asp?im=gen&lpver=3&ref=12)

sagar -
11-03-2011, 02:20 PM
लोग अपना बनाके छोड देते है,
रिश्ते गैरो से जोड लेते है,
हम तो एक फूल भी ना तोड सके,
लोग तो दिल भी तोड देते है.
http://bp1.blogger.com/_8F6q27UEhVc/SCZnqUMc58I/AAAAAAAAAF8/WILn3xk7FjQ/s320/291147umvkhlkqv9.jpg

sagar -
11-03-2011, 02:25 PM
हर धड़कन में एक राज्र होता है
हर बात को बताने का एक अंदाज्र होता है
जब तक ठोकर न लगे बेवफाई की हर किसी को अपने प्यार पे नाज्र होता है

http://4.bp.blogspot.com/_y79sEdHYeo4/S07cB2s0rBI/AAAAAAAAFy0/SI5GIk-HyB8/s400/alone-lonely-haunted-place.jpg

sagar -
11-03-2011, 02:28 PM
शिकायत है उन्हें कि हमें मोहब्बत करना नही आता,
शिकवा तो इस दिल को भी है ……… पर इसे शिकायत करना नहीं आता

http://lh3.ggpht.com/_Xdh0xHFv6eM/TQOX2YmiRCI/AAAAAAAAA9c/EV0SAjEUgGw/s288/relationships-ekhabar.jpg

sagar -
11-03-2011, 02:41 PM
रुलाने से पहले एक बार हंसाया तो होता ,
कसूर क्या है इस दिल का बताया तो होता ,
मिली सजा उस खता की जो न की कभी हमने ,
काश यह दिल कभी कहीं लगाया न होता !

http://3.bp.blogspot.com/_33gNAXhR7pY/Sct9bjiH2MI/AAAAAAAAALA/NHrISzac_fE/s320/rona+bhi+jo+chahu+to+rone+ni+deta.jpg

sagar -
11-03-2011, 07:08 PM
रोना भी जो चाहूं तो वो रोने नहीं देता,
वो शक्स तो पलके भी भिगोने नहीं देता,

वो रोज रूलाता है हमें ख्वाब में आकर,
सोना भी जो चाहें तो सोने नहीं देता,

ये किसके इशारे पे उमड़ आए हैं बादल,
है कौन जो बरसात भी होने नहीं देता,

आता है ख्यालों में मेरे क्यूं ये अक्सर,
जो मुझको किसी और का होने नहीं देता,

मैं हूं कि बहाता हूं तेरी याद में आंसू,
तु है के आंसू को पिरोने नहीं देता,

वो चेहरा अजब है जिसे पाकर मैं अभी तक,
खोना भी चाहूं तो खोने नहीं देता,
http://www.shayari.in/shayari/attachments/dard-e-dil-shayari/6110-pyar-karo-tho-dhoka-math-dena-tears.jpg

Kalyan Das
12-03-2011, 01:42 PM
अब उन्हें हमारी आवाज भी सुनाई नहीं देती?


http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=9454&stc=1&d=1299922865

अब मैं सोना चाहता हूँ !
एक लम्बा अरसा बीत गया,
सोया नहीं तुम्हारे ख्यालों में !
जब भी नींद सताती है,
खोने लगता हूँ चिर निद्रा में !!!

sagar -
12-03-2011, 06:06 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=9454&stc=1&d=1299922865

अब मैं सोना चाहता हूँ !
एक लम्बा अरसा बीत गया,
सोया नहीं तुम्हारे ख्यालों में !
जब भी नींद सताती है,
खोने लगता हूँ चिर निद्रा में !!!


http://2.bp.blogspot.com/_Z55HRfX9Jjs/TKxgnff2fnI/AAAAAAAAAZI/sfAMXAK-ZyI/s1600/beauty-sleep.jpg
तुझे अपनो से जुदा कभी होने ना देगे.
तुझे नीद भी आये तो कभी सोने ना देगे.
तेरी मुस्कुराहट इतनी प्यारी है की हम मर भी जायेगे तो आप को रोने ना देगे

ndhebar
12-03-2011, 06:10 PM
बहुत खूब प्रेत भाई
अच्छा लगा
:wave1::clappinghands::clappinghands:

ndhebar
12-03-2011, 06:53 PM
मेरी मोहब्बत मेरे दिल की गफलत थी
मैं बेसबब ही उम्र भर तुझे कोसता रहा

आखिर ये बेवफाई और वफ़ा क्या है
तेरे जाने के बाद देर तक सोचता रहा

मैं इसे किस्मत कहूँ या बदकिस्मती अपनी
तुझे पाने के बाद भी तुझे खोजता रहा


सुना था वो मेरे दर्द मे ही छुपा है कहीं
उसे ढूँढने को मैं अपने ज़ख्म नोचता रहा

Kumar Anil
12-03-2011, 07:45 PM
तेरे इश्क ने बक्शी है ये सौगात मुसलसल
तेरा ज़िक्र हमेशा ! तेरी बात मुसलसल !

एक मुद्दत हुई तेरे कूचे से निकले हुए
रहती है फिर भी तुझसे मुलाकात मुसलसल !

दिल लगी, दिल की लगी बन जाती है कमबख्त
जब तसव्वुर में गुज़रती है रात मुसलसल

जब से देखा है ज़ुल्फ़-ऐ-परेशां का आलम
उलझे हुए रहते हैं मेरे दिन रात मुसलसल

मैं मुहब्बत में उस मुकाम पे पहुच चूका हूँ ऐ जाना
मेरी ज़ात में रहती है तेरी ज़ात मुसलसल !!!

सुन्दर रचना जिसकी लाल पंक्तियाँ तो एक दर्शन को समेटे हुये वाक़ई लाजबाब हैँ ।

Bholu
13-03-2011, 05:08 AM
[QUOTE=ndhebar;59113]मेरी मोहब्बत मेरे दिल की गफलत थी
मैं बेसबब ही उम्र भर तुझे कोसता रहा

आखिर ये बेवफाई और वफ़ा क्या है
तेरे जाने के बाद देर तक सोचता रहा

मैं इसे किस्मत कहूँ या बदकिस्मती अपनी
तुझे पाने के बाद भी तुझे खोजता रहा


सुना था वो मेरे दर्द मे ही छुपा है कहीं
उसे ढूँढने को मैं अपने ज़ख्म नोचता रहा
क्या बात है गुरू इतनी तकलीफ

sagar -
13-03-2011, 08:36 AM
http://1.bp.blogspot.com/_-A2V-95AKcQ/TClvW_MGYUI/AAAAAAAAADY/wtkc1Hx9-yI/s1600/Waiting.jpg

कभी कभी कोई अपना अंजन हो जाता है ,
कभी कभी किसी अंजन से प्यार हो जाता है ,
ये ज़रूरी नहीं जो ख़ुशी दे उसी से प्यार हो ,
दिल तोड़ने वालों से भी प्यार हो जाता है .

sagar -
13-03-2011, 08:55 AM
http://glamourspot.com/attachments/awesome-beautiful/808d1298057446t-hot-desi-babes-hot-desi-ladki-jpg

खुद तो अकेली थी ही वो, मुझे भी तन्हा कर गयी,
पलभर में सारी खुशियाँ गम में बदल गयी।
सोचा था मैं संभाल लूँगा उसके आंसू,
पर उसके आंसू में मेरी हस्ती भी जल गयी।
वो ये कहकर मुझे रोता हुआ छोड़ गयी,
की तुम खुश रहना, मेरी तो रोने की अब आदत पड़ गयी।
रोता था में उसके साथ बैठ कर,
अब कैसे खुश रहूँ उसके आंसू देखकर,
रह-रह कर बस एक ही बात याद आती है,
वो लड़की ऐसी नहीं थी, फिर वो क्यूँ ऐसे बदल गयी।

Kumar Anil
13-03-2011, 11:08 AM
सुना था वो मेरे दर्द मे ही छुपा है कहीं
उसे ढूँढने को मैं अपने ज़ख्म नोचता रहा

मुहब्बत कोई तिज़ारत नहीँ , एक जज़्बा है , दो रुहोँ को जोड़ने को मुसलसल ज़रिया है । ये शैदाई क्या समझेँगे इस दर्द ए मुहब्बत को ? वो पागल बावफ़ा तो उस बेवफ़ा को ढ़ूँढ़ने के लिये ज़ख्मोँ को नोचने पर भी आमादा है ।
शायद यही वो इक दर्द है जिसमेँ हम ख़ामोशी ओढ़ लेते हैँ ।

Bholu
13-03-2011, 12:47 PM
मेरे महबूब कयामत
आज रूसबा तेरी गलियो मे मोहबत होगी

ndhebar
17-03-2011, 03:37 PM
यादों ने आज फिर मेरा दामन भिगो दिया
दिल का कुसूर था मगर आँखों ने रो दिया

मुझको नसीब था कभी सोहबत का सिलसिला
लेकिन मेरा नसीब कि उसको भी खो दिया

उनकी निगाह की कभी बारिश जो हो गई
मन में जमी जो मैल थी उसको भी धो दिया

गुल की तलाश में कभी गुलशन में जब गया
खुशबू ने मेरे पाँव में काँटा चुभो दिया

सोचा कि नाव है तो फिर मँझधार कुछ नहीं
लेकिन समय की मार ने मुझको डुबो दिया

दोस्तों वफ़ा के नाम पर अरमाँ जो लुट गए
मुझको सुकून है मगर लोगों ने रो दिया

VIDROHI NAYAK
17-03-2011, 03:39 PM
यादों ने आज फिर मेरा दामन भिगो दिया
दिल का कुसूर था मगर आँखों ने रो दिया

मुझको नसीब था कभी सोहबत का सिलसिला
लेकिन मेरा नसीब कि उसको भी खो दिया

उनकी निगाह की कभी बारिश जो हो गई
मन में जमी जो मैल थी उसको भी धो दिया

गुल की तलाश में कभी गुलशन में जब गया
खुशबू ने मेरे पाँव में काँटा चुभो दिया

सोचा कि नाव है तो फिर मँझधार कुछ नहीं
लेकिन समय की मार ने मुझको डुबो दिया

दोस्तों वफ़ा के नाम पर अरमाँ जो लुट गए
मुझको सुकून है मगर लोगों ने रो दिया
निशांत जी एक सवाल...क्या ये आपकी स्वयं की रचनाएं हैं?

ndhebar
17-03-2011, 03:45 PM
निशांत जी एक सवाल...क्या ये आपकी स्वयं की रचनाएं हैं?
कतई नहीं, ना ये रचनाए मेरी है ना मेरी हालत ऐसी है कि ऐसी रचनाएं लिखूं
कहीं कहीं देखता हूँ तो जो अच्छी लगाती है आपलोगों के लिए यहाँ पोस्ट कर देता हूँ

पर किसकी है ये भी पता नहीं है

VIDROHI NAYAK
17-03-2011, 03:58 PM
कतई नहीं, ना ये रचनाए मेरी है ना मेरी हालत ऐसी है कि ऐसी रचनाएं लिखूं
कहीं कहीं देखता हूँ तो जो अच्छी लगाती है आपलोगों के लिए यहाँ पोस्ट कर देता हूँ

पर किसकी है ये भी पता नहीं है
चलो जो भी हों...अच्छी हैं ! वैसे क्या किसी भी रचनात्मकता के लिए हालातो को जिम्मेदार ठहराना उचित है? मुझे तो नहीं लगता मित्र..ये तो कल्पित हालातो पर भी हों सकती है !

sagar -
17-03-2011, 05:17 PM
कतई नहीं, ना ये रचनाए मेरी है ना मेरी हालत ऐसी है कि ऐसी रचनाएं लिखूं
कहीं कहीं देखता हूँ तो जो अच्छी लगाती है आपलोगों के लिए यहाँ पोस्ट कर देता हूँ

पर किसकी है ये भी पता नहीं है
मेरी हे ........ही ही http://content.sweetim.com/sim/cpie/emoticons/000203FC.gif (http://www.sweetim.com/s.asp?im=gen&lpver=3&ref=10)






(http://www.sweetim.com/s.asp?im=gen&lpver=3&ref=12)

sagar -
18-03-2011, 07:39 AM
http://2.bp.blogspot.com/_ECUoaryDxxc/TFHMo0U7vjI/AAAAAAAAAOA/45xjLA_qjTs/s1600/love31.jpg


क्यो तेरी याद रह गयी इस दिल मे
जब तू ही ना मिल सकी मुझे
मैने तो चाहा था दिल-ओ-जान से तुझे
पर तुने क्यो ठुकरा दिया मुझे

ज़िक्र जब भी तेरे नाम का होता है
तेरी याद सताती है मुझे
आज भी दिल मे है तेरे प्यार का दर्द
नाम आंखे ये बताती है मुझे

गिला तो बस इन आंखो से है
क्यो तेरा दीदार करा गयी मुझे
इक टीस सी दिल मे उठती है
क्यो तेरा ख्वाब दिखा गयी मुझे

sagar -
18-03-2011, 07:44 AM
http://i0.peperonity.info/c/2B31B9/831642/ssc3/home/001/msg.for.anamika/crying_eye.jpg_320_320_0_9223372036854775000_0_1_0 .jpg

खुदा ने जब इश्क़ बनाया होगा
तो खुद भी इसे अजमाया होगा
हमारी तो औकात ही क्या इस इश्क़ के सामने
इस इश्क़ ने तो खुदा को भी रुलाया होगा

sagar -
18-03-2011, 07:50 AM
http://4.bp.blogspot.com/_iYbKETx3Lc4/S_syRGyWsWI/AAAAAAAAACM/krM0_WXlq_8/s320/sad_man%5B1%5D.jpg


इस कद्र बेबस नही ज़िन्दगी
कोशिश जीने की तो करो यारो
बह जायेंग़े गम सारे आंसू बनकर
कोशिश इन्हे पीने की तो करो यारो

sagar -
18-03-2011, 07:53 AM
http://shayari4sms.files.wordpress.com/2008/11/7771462_8d0439672c.jpg



प्यार किसी से जो करेगा
रुसवाई ही मिलेगी
वफा कर लो चाहे जितनी
बेवफाई ही मिलेगी
चाहो चाहे जितना भी किसी को
जब आंख खुलेगी तो तन्हाई ही मिलेगी

sagar -
18-03-2011, 08:38 PM
http://bp3.blogger.com/_8F6q27UEhVc/SCZrv0Mc59I/AAAAAAAAAGE/eh0RD1aTc4s/s320/pd_darkness_071029_ms.jpg


रोशनी तो छोड चली है ..
अन्धेरे ने साथ निभाया है !
वफा जिन्दगी से कैसे करुँ..
मैने मौत को दोस्त बनाया है !

sagar -
20-03-2011, 12:34 PM
आज जब दोनों अलग हुएhttp://3.bp.blogspot.com/-kayKmZfgnLo/TVQTg7emJQI/AAAAAAAAAO4/A_Srdi_096Q/s1600/nsg.jpg, तब हसीना को उससे प्यार हुआ !


फिर ना कभी दीवाने ने किसी से मोहब्बत-ऐ-इज़हार किया,

एक दीवाने ने एक हसीना को बेइंतहा प्यार किया,

अपनी खुशियाँ, अपने सपने सब कुछ उस पर वार दिया !

लेकिन हसीना ने उसे हर वक़्त धोखे में रखा,

और एक दिन बेवफाई का खंजर उसके सीने में उतार दिया !

हसीना ने मजबूरियों को सहारा बनाके उससे किनारा कर लिया,

और दीवाने ने भी उसकी यादों से ही गुजारा कर लिया !

तन्हाई में जब हसीना का दिल न लगा,

तो उसने दीवाने से दोबारा आँख मिलाई !

दीवाना तो उसके प्यार में बिलकुल ही अँधा था,

तो समझ लिया हसीना के धोखे को प्यार की सच्चाई !

एक दिन दीवाने ने उसे अपना बनाने की बात की,

मगर हसीना ने फिर वहीँ से सुरुआत की !

इस जख्म से दीवाने का दिल पूरी तरह चकनाचूर हुआ,

प्यार करके धोखा देना अब दुनिया का दस्तूर हुआ !

दीवाने ने हिम्मत करके उससे नाता तोड़ दिया,

उससे जुडी सब राहों से उसने मुह मोड़ लिया !

फिर कभी ना वो उन राहों पर गया,जहाँ उसे तन्हाई मिले,

प्यार के बदले में हरदम सनम से बेवफाई मिले !

ये सब जान हसीना को अपनी किस्मत पर धिक्कार हुआ,

अपनी बेवफाई को याद कर उसका दिल शर्मसार हुआ !

जब दोनों साथ थे तब दीवाने को हरवक्त बेवफाई मिली,

आज जब दोनों अलग हुए, तब हसीना को उससे प्यार हुआ !

लेकिन अब दीवाने के लिए प्यार के मायने बदल गए,

हसीना के लिए प्यार के वादे मोम की तरह पिघल गए !

फिर ना कभी दीवाने ने किसी से मोहब्बत-ऐ-इज़हार किया
लेकिन अब दीवाने के लिए प्यार के मायने बदल गए,

हसीना के लिए प्यार के वादे मोम की तरह पिघल गए !

फिर ना कभी दीवाने ने किसी से मोह ब्बत-ऐ-इज़हार किया

Sikandar_Khan
22-03-2011, 01:25 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=9552&stc=1&d=1300739070


बाँध दूँ चाँद, आँचल के इक छोर में
माँग भर दूँ तुम्हारी सितारों से मैं
क्या समर्पित करूँ जन्मदिन पर तुम्हें
पूछता फिर रहा हूँ बहारों से मैं

गूँथ दूँ वेणी में पुष्प मधुमास के
और उनको ह्रदय की अमर गंध दूं,
स्याह भादों भरी, रात जैसी सजल
आँख को मैं अमावस का अनुबंध दूं
पतली भू-रेख की फिर करूँ अर्चना
प्रीति के मद भरे कुछ इशारों से मैं
बाँध दूं चाँद, आँचल के इक छोर में
मांग भर दूं तुम्हारी सितारों से मैं


पंखुरी-से अधर-द्वय तनिक चूमकर
रंग दे दूं उन्हें सांध्य आकाश का
फिर सजा दूं अधर के निकट एक तिल
माह ज्यों बर्ष के माश्या मधुमास का
चुम्बनों की प्रवाहित करूँ फिर नदी
करके विद्रोह मन के किनारों से मैं
बाँध दूं चाँद, आँचल के इक छोर में
मांग भर दूं तुम्हारी सितारों से मैं

sagar -
22-03-2011, 07:30 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=9554&stc=1&d=1300760958



बेवफा रास्ते जुदा हो जाते है
कभी लोग खफा हो जाते है
हम तो सबसे वफा करते है
पर जाने क्यो लोग बेवफा हो जाते है

sagar -
22-03-2011, 07:33 AM
http://4.bp.blogspot.com/_kcUDTs00Zpc/S28KagrIZmI/AAAAAAAAAfM/oGN6YhJBo5g/s320/Bewafai2.jpg
क्यो रूठ गयी किस्मत मुझसे
क्यो खफा हो गये साथी हमसे

काश मिल जाते राह चलते किसी दिन...
और देख लेते एक नज़र प्यार से हमे

फिर गम ना होता मरने का भी हमे
भूल जाते तुम्हारी दी हुई वो सारी तकलीफ

Sikandar_Khan
23-03-2011, 11:46 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=9555&stc=1&d=1300905904

एक-एक करके चले गए अकेला करके सब ,

बस तू ही ना जाने क्यों अपना वफ़ा निभाती है ,

जाने क्यों मेरी तन्हाई तुझसे देखी नहीं जाती ,

जो हर गम में साथ निभाने चली आती हो ,

हमेशा ही मैंने तुझसे दूर जाना चाहा,

पर की जब भी उम्मीद किसी की बस तुझे ही जाना है ,

वैसे तो उम्मीद नहीं बेवफाई की तुझसे ,

पर आजमा के देख ज़रा लोगो को जाने क्या मज़ा आता है |

Sakshi.R
24-03-2011, 07:21 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=9555&stc=1&d=1300905904

एक-एक करके चले गए अकेला करके सब ,

बस तू ही ना जाने क्यों अपना वफ़ा निभाती है ,

जाने क्यों मेरी तन्हाई तुझसे देखी नहीं जाती ,

जो हर गम में साथ निभाने चली आती हो ,

हमेशा ही मैंने तुझसे दूर जाना चाहा,

पर की जब भी उम्मीद किसी की बस तुझे ही जाना है ,

वैसे तो उम्मीद नहीं बेवफाई की तुझसे ,

पर आजमा के देख ज़रा लोगो को जाने क्या मज़ा आता है |

बहुत अच्छी कविताएँ है सिकंदर जी
:clapping::clapping:
:wave1:

Sikandar_Khan
24-03-2011, 11:24 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=9561&stc=1&d=1300990999

आख़िरी मुलाक़ात है ये आख़िरी कलाम,
चल दिए सफ़र पर लेकर तेरा ही नाम;


एक वक़्त था लम्हों में जो भूल नहीं सकता,
एक उम्र गुज़ारी थी लेकर सुबह से शाम;


मालिक से दुआ की थी क़ुबूल न हो पायी,
अहले जहां में अब है मेरा भला क्या काम;


न हो सका मुयस्सर मुझको कभी क़रार,
चलता रहा राहों में अपने जिगर को थाम;


शिकवा नहीं किसी से, किससे करूँ गिला,
जो आगाज़े दिल को मेरे ना मिला अंजाम;


अपनी ज़मीं, अपनी हवा, अपना है आसमां,
अपना वतन है यारों, उनका नहीं ग़ुलाम;


कैसी है ये ज़ुंबिश, उठते नहीं क़दम,
जज़्बाए दिल के होते, नहीं रुक सकेगा काम;


लेता हूँ विदा यारों, नहीं अलविदा कहा है,
बीते हैं दिन भी कितने, कर लूं ज़रा आराम;


ऐ’वाहिदे नादां’ इसे क्यूँ भूलता है तू,
तेरा अदब, तेरी अदा, तेरा जो है मुक़ाम;


अब वक़्त हो चला है, मंज़िल को छोड़ने का,
सफ़रे तवील ही है, मुकम्मल तेरा क़याम;

sagar -
02-04-2011, 04:48 PM
http://4.bp.blogspot.com/_wDGVmQPniJU/TTmPL7t23EI/AAAAAAAAAT8/4tbfqmEE-NE/s1600/images.jpeg




बेवफा जिंदगी
ढूंढता दरबदर
इस शहर, उस शहर
गली-गली, डगर-डगर
ठोकरें मिली फकत
था आंसुओं का एक नगर
न जाने कब डुबो गई
वो नफरतों की एक लहर
वो वक़्त था, सशक्त था
बहता रगों में रक्त सा
कुछ दास्ताँ थी अनकही
पर कहने से लगता था डर
साहिल पर गीली रेत का
ख्वाबों में था छोटा सा घर
मासूम सा एक ख्वाब था
डुबो गई जिसे लहर

ndhebar
02-04-2011, 08:25 PM
न रास्ता सुझाई देता है,
न मंजिल दिखाई देती है,
न लफ्ज़ जुबां पर आते हैं,
न धड़कन सुनाई देती है,
एक अजीब सी कैफियत ने
आन घेरा है मुझे,
की हर सूरत में,
तेरी सूरत दिखाई देती है...

sagar -
03-04-2011, 03:37 PM
http://1.bp.blogspot.com/_y79sEdHYeo4/SKAoCt3QPdI/AAAAAAAAC64/2enykYc-ORY/s400/CA5DP4F3.jpg


“क्या हुआ जो ये रात,

“कुछ” शिकवो शिकायतों के साथ गुजरी ,
क्या हुआ जो अगर ये रात,आंसुओ के सैलाब से बह कर गुजरी , “गौर -ऐ -तलब” है के ये रात, आप के ख्यालात के साथ गुजरी

sagar -
03-04-2011, 03:40 PM
http://3.bp.blogspot.com/_B2OVGjL6LSA/TAvio9hu-mI/AAAAAAAAApc/dR4XDIMMQXc/s400/kajol_2.jpg


मेरी मोह्हब्ब्त का सिला मुझको मिले कुछ ऐसे ,

तुझे पाने की तम्मना मैं जीना दुशवार हो जाए ,

आज तू मुझे खाक मे मिलाने के बहाने से ही आ .

तेरी यादों का पहरा मेरी धड़कन पे अब ना रहे ,

मेरे हाथों से तेरा दामन भी कुछ छुट जाए ऐसे ,

आज तू मुझपे इतने सितम ढाने के बहाने से ही आ .

इन निगाहों के सिसकते इंतजार बिखर जायें कुछ ऐसे ,

की मेरी आंखों की नमी भी छीन जाए मुझसे ,

आज तू मुझे यूं बेइन्तहा रुलाने के बहाने से ही आ .

ये दिल एक पल मे टूट के बिखर जाए कुछ इस तरह ,

की मेरी हर एक आरजू और उम्मीद का जनाजा निकले,

आज तू मुझे इस कदर ठुकराने के बहाने से ही आ

Kalyan Das
05-04-2011, 08:25 PM
http://4.bp.blogspot.com/_wdgvmqpniju/ttmpl7t23ei/aaaaaaaaat8/4tbfqmee-ne/s1600/images.jpeg




बेवफा जिंदगी
ढूंढता दरबदर
इस शहर, उस शहर
गली-गली, डगर-डगर
ठोकरें मिली फकत
था आंसुओं का एक नगर
न जाने कब डुबो गई
वो नफरतों की एक लहर
वो वक़्त था, सशक्त था
बहता रगों में रक्त सा
कुछ दास्ताँ थी अनकही
पर कहने से लगता था डर
साहिल पर गीली रेत का
ख्वाबों में था छोटा सा घर
मासूम सा एक ख्वाब था
डुबो गई जिसे लहर



सही कहा है दोस्त.......
जिन्दगी तो बेवफा है एक दिन ठुकराएगी,
मौत महबूबा है, साथ लेकर जाएगी !!

Ranveer
05-04-2011, 10:19 PM
एक बार तुझे मिल के आना जरुर है

किस्मत को आजमाना जरुर है
आती है याद तेरी रोज इस दिल में
याद आ कर तुझे तडपना जरुर है
खेलीं हैं बाजियां बहुत हमने भी ज़िन्दगी में
मोहब्बत में अब ये दांव लगाना जरुर है
नहीं जाती है जहन से जो तस्वीर है तेरी
तुझे मिलकर इस बार ये बताना जरुर है
इतने सितम ढाने के बाद तुझे चाहता है ये बेशुमार
लोग भी कहने लगे ये दीवाना जरुर है
क्या तर्क -ए-तालिक करोगे और उससे
उस शख्स के पास हर बात का बहाना जरुर है

Ranveer
07-04-2011, 11:17 PM
http://www.graphics18.com/wp-content/uploads/2009/08/mere-dil-ka-dard.jpg

Ranveer
07-04-2011, 11:22 PM
http://www.punjabigraphics.com/images/3/dard-kitna-hai-bata-nahi-sakta.jpg

Ranveer
07-04-2011, 11:27 PM
http://www.punjabigraphics.com/images/4/par-zamin-par-dekhne-ki-unki-aadat-na-thi.jpg

Ranveer
07-04-2011, 11:28 PM
http://www.punjabigraphics.com/images/4/mujhe-neend-hi-na-aaye.jpg

Ranveer
07-04-2011, 11:30 PM
http://www.punjabigraphics.com/images/4/kuch-log-zindagi-mein.jpg

Sikandar_Khan
14-04-2011, 09:27 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10281&stc=1&d=1302755032
हमें तुम भूल भी जाओ
तुम्हे हम प्यार करेंगे
गवारा जो न हो तुमको
नहीं इज़हार करेंगे

जो ख़्वाबों में चले आए
तो नज़रे तुम चुरा लेना
जो तनहाई में तड़पाए
तो यादों से मिटा देना
बना दो गैर ही हमको
नहीं तकरार करेंगे

हमें तुम भूल भी जाओ
तुम्हे हम प्यार करेंगे

वफ़ा न तुम करो हमसे
तुम्हे दिल से दुआ देंगे
तुम्हारे दर्द सह लेंगे
तुम्हे अपनी दवा देंगे
जो चाहो जान भी लेलो
नहीं इनकार करेंगे

हमें तुम भूल भी जाओ
तुम्हे हम प्यार करेंगे

सूने दिल में तुम आए
तुम्हे उसका सिला देंगे
हो जो भी आरजू तुमको
वही तुमको दिला देंगे
तुम्हारे दिल में भी कसक होगी
हम इंतज़ार करेंगे

हमें तुम भूल भी जाओ
तुम्हे हम प्यार करेंगे
गवारा जो न हो तुमको

Ranveer
18-04-2011, 11:57 PM
http://www.punjabigraphics.com/images/4/magar-is-tarah-koi-thukraye-to-dukh-hota-hai.jpg

Ranveer
19-04-2011, 12:01 AM
http://www.punjabigraphics.com/images/4/kuch-chaa-kar-bhi-main-nahi-keh-paata-tha.jpg

Kalyan Das
19-04-2011, 08:34 AM
http://www.graphics18.com/wp-content/uploads/2009/08/mere-dil-ka-dard.jpg

"हम तन्हाई में बैठे रोते हैं !
लोगों ने हमें महफ़िल में हस्ते देखें हैं !!"

वाह वाह, रणवीर भाई !! दिल को छुं गयी आपकी ये दो लाइन !!

ndhebar
21-04-2011, 07:54 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10456&stc=1&d=1303354445

यादों की किम्मत वो क्या जाने,
जो ख़ुद यादों को मिटा दिए करते हैं,
यादों का मतलब तो उनसे पूछो जो,
यादों के सहारे जिया करते हैं...

Kalyan Das
07-05-2011, 11:24 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10745&stc=1&d=1304749319

तनहा तनहा !!

फिर पसरा ये एकाकीपन ,

आहिस्ता आहिस्ता लम्हा लम्हा,

कर गया सूना सारा जीवन ,

धड़कन धड़कन तनहा तनहा !!

खिली नहीं कुछ किरने सी भी ,

सोये सोये सुबह के साए,

सिमटी सिमटी सहर हुई और

मन में उलझन तनहा तनहा !!

मैं हंसू तू मुस्कुरा दे वाहां,

मैं गाऊं तू गुनगुना दे वाहां,

अधूरी यहाँ मैं टूटी बिखरी,

और खालीपन तनहा तनहा !!

छूंकर अक्सर छवियाँ तेरी

ले जाती लब से मुस्कान

तेरी खुशबू से महका है,

अब तक दामन तनहा तनहा !!

हवाओं के झोंके हस पड़ते हैं

खुली खिड़की से झांके बदरा,

रो दूंगा मैं अब जो बरसा,

तुझ बिन सावन तनहा तनहा ............................. !!!!

ndhebar
07-05-2011, 02:38 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10745&stc=1&d=1304749319


तनहा तनहा !!

फिर पसरा ये एकाकीपन ,





ये दो पंक्ति ही बहुत कुछ कह जाते हैं

Kalyan Das
09-05-2011, 01:42 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10758&stc=1&d=1304930507

एक खिड़की गली की खुली रात भर,
मुन्तजिर जाने किस की राही रात भर !

हम जलाते रहे अपने दिल के दिए,
तेर्जी कतल होती रही रात भर !


मेरी आँखों को करके अत रतजगे,
मेरी तन्हाई सोती रही रात भर !


एक खुसबू दराजों से चंटी हुई,
दस्तकें जैसे देती रही रात भर !


दिल के अन्दर कोई जैसे चलता रहा,
चाप क़दमों की आती रही रात भर !


एक तहरीर जो इस के हाथों कित ही,
बात वोह मुझ से करती रही रात भर !!


एक सूरत अली थी जो जाने ग़ज़ल
मेरे शेरों में ढलती रही रात भर .......................... !!!

sagar -
09-05-2011, 03:24 PM
बहुत खूबसूरत लाइने लिखी हे ++रेप

Kalyan Das
24-05-2011, 08:33 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10875&stc=1&d=1306207919


वोह इश्क जो हमसे रूठ गया
अब उसका हाल बताएं क्या ?
कोई मेहर नहीं, कोई कब्र नहीं
फिर सच्चा शेर सुनाएँ क्या ??

इक हिज्र जो हर दम लहक है
ता दैर उसे दोहरायें क्या ???
वोह ज़हर जो दिल में उतर लिया
अब उसका नाज़ उठायें क्या ????

फिर आँखें लहू से खाली हैं,
यह शमाएँ बुझने वाली हैं ,
हम खुद भी किसी के सवाली हैं
इस बात से हम शर्मायें क्या ?????

इक आग ग़म - ए -तन्हाई की जो ,
सारे बदन में फैल गई ,
जब जिस्म ही सारा जलता हो
फिर दामन - ए -दिल को बचाएं क्या ................... ???????

Kalyan Das
28-05-2011, 08:45 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10903&stc=1&d=1306554117
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10904&stc=1&d=1306554117

आग हो तो जलने में देर कितनी लगती है ?
बर्फ के पिघलने में देर कितनी लगती है ?
चाहे कोई रुक जाए चाहे कोई रह जाए,
काफिलों को चलने में देर कितनी लगती है ??

चाहे कोई जैसे भी हमसफ़र हो सदियों से,
रास्ता बदलने में देर कितनी लगती है ??
सोच के ज़मीनों पर रास्ते जुदा हो तो,
दूर जा निकलने में देर कितनी लगती है ???

उम्र भर का बंधन भी पल भर में टूट जाता है,
सोच के बदलने में देर कितनी लगती है ???
जब हवा मुखालिफ़ हो मौज में समुन्दर हो
कश्तियाँ उलटने में देर कितनी लगती है ................ ??????

ndhebar
30-05-2011, 06:52 PM
यादों ने आज फिर मेरा दामन भिगो दिया
दिल का कुसूर था मगर आँखों ने रो दिया
मुझको नसीब था कभी सोहबत का सिलसिला
लेकिन मेरा नसीब कि उसको भी खो दिया
उनकी निगाह की कभी बारिश जो हो गई
मन में जमी जो मैल थी उसको भी धो दिया
गुल की तलाश में कभी गुलशन में जब गया
खुशबू ने मेरे पाँव में काँटा चुभो दिया
सोचा कि नाव है तो फिर मँझधार कुछ नहीं
लेकिन समय की मार ने मुझको डुबो दिया
दोस्तों वफ़ा के नाम पर अरमाँ जो लुट गए
मुझको सुकून है मगर लोगों ने रो दिया

sagar -
17-09-2011, 05:17 PM
http://1.bp.blogspot.com/-_P9jnqUabgs/TaGxXMyU1CI/AAAAAAAAAPA/vpencJbI2F0/s1600/candlelight-loneliness.jpeg
किसी की धड़कनों में बसना तो आसान है,
कभी किसी को अपनी धड़कनों में बसा कर भी देखो।

प्यार करना तो आसान है,
कभी प्यार को निभा कर भी देखो।

किसी के दिल में बसना तो आसान है,
कभी किसी को अपने दिल में बसाकर तो देखो।

किसी को दर्द देना तो आसान है,
कभी खुद भी, उस दर्द को महसूस करके तो देखो।

ज़िंदगी हर पल खुशियां नहीं देती,
कभी ग़म को भी दिल से लगाकर तो देखो।

किसी के आंसुओं पर हंसना तो आसान है,
कभी खुद के आंसू बहाकर तो देखो।

हमको ग़म के आंसू दिए तो क्या हुआ,
अपनी आंखों में खुशियों के ही आंसू लाकर तो देखो।

हमको तो धोखा मिला है प्यार में,
कभी तुम भी किसी से धोखा खाकर तो देखो।

~VIKRAM~
17-09-2011, 06:31 PM
http://1.bp.blogspot.com/-_P9jnqUabgs/TaGxXMyU1CI/AAAAAAAAAPA/vpencJbI2F0/s1600/candlelight-loneliness.jpeg
किसी की धड़कनों में बसना तो आसान है,
कभी किसी को अपनी धड़कनों में बसा कर भी देखो।



हमको तो धोखा मिला है प्यार में,
कभी तुम भी किसी से धोखा खाकर तो देखो।
aise logo के लिए बस yahi दुआ निकलती है.. जो दुसरे को तब तक यूज करते है जब तक उनका काम बन रहा है और जब काम निकल गया तो पहचानते नहीं !

ndhebar
18-09-2011, 12:04 PM
http://www.thevoiceforlove.com/images/another-way.jpg


मुस्कुराते पलको पे,
सनम चले आते हैं,
आप क्या जानो,
कहाँ से हमारे गम आते हैं,
आज भी उस मोड़ पर खड़े हैं,
जहाँ किसी ने कहा था,
कि ठहरो हम अभी आते हैं...

abhisays
18-09-2011, 12:07 PM
बहुत बढ़िया निशांत जी.

Ranveer
27-09-2011, 12:55 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=12007&stc=1&d=1317110043

तमाम लोगों को ,
अपनी - अपनी मंजीलें मिली
कमबख्त दिल हमारा ही हैं ,
जो अब भी सफ़र में हैं ..

sagar -
30-09-2011, 06:35 PM
http://thatshindi.oneindia.in/img/2007/11/20071025223102embrace_ap203.jpg

वो दिल ही क्या जो तेरे मिलने की दुआ ना करे..
मैं तुझको भूल के ज़िन्दा रहूं, ये खुदा ना करे..
रहेगा साथ, तेरा प्यार, ज़िन्दगी बन कर..
ये और बात, मेरी ज़िन्दगी अब वफ़ा ना करे..
ये ठीक है माना, नहीं मरता कोई जुदाई में..
खुदा किसी को, किसी से जुदा ना करे..
सुना है उसको मोहब्ब्त दुआयें देती है..
जो दिल पे चोट तो खाये, पर गिला ना करे..
ज़माना देख चुका है, परख चुका है उसे..
“कातिल” जान से जाये, पर इल्तिजा ना करे..

Gaurav Soni
30-09-2011, 06:36 PM
क्या बात हे अच्छा हे

Sikandar_Khan
30-09-2011, 08:34 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=12207&stc=1&d=1317396792

गर आँसू तेरी आँख का होता,
गिरता गाल को चुमते हुए,
फिर गिर के तेरे होठों पर,
फना हो जाता वहीं हॅसते हुए,
पर
जो तुम होती मेरी आँख का आसु,
भले गुजरती उम्र गम सह-सह कर,
तुझे खो ना दूं कही, इस डर से
मै ना रोता ज़िदगी भर|

Gaurav Soni
30-09-2011, 08:48 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=12207&stc=1&d=1317396792

गर आँसू तेरी आँख का होता,
गिरता गाल को चुमते हुए,
फिर गिर के तेरे होठों पर,
फना हो जाता वहीं हॅसते हुए,
पर
जो तुम होती मेरी आँख का आसु,
भले गुजरती उम्र गम सह-सह कर,
तुझे खो ना दूं कही, इस डर से
मै ना रोता ज़िदगी भर|

जो तुम होती मेरी आँख का आसु,
भले गुजरती उम्र गम सह-सह कर,
तुझे खो ना दूं कही, इस डर से
मै ना रोता ज़िदगी भर|
क्या बात हे दोस्त दिल को छु गए शव्द

Sikandar_Khan
04-10-2011, 08:33 AM
मेयी सांसोँ मे महक तेरे ख्यालोँ की
अब तुझसे बढ़कर मेरे करीब कौन होगा
तेरी हथेली पे लिखा है नाम मेरा मेरा
फिर बढ़कर मुझसे खुशनसीब कौन होगा
तेरे आने से जिन्दगी ने मुडकर देखा मुझे
तुझसे बढ़कर अब मुझे अजीज कौन होगा
मिला मुझे जख्मेँ जुदाई उसके के करीब आकर
मै मुसाफिर जो लुट गया मंजिल के करीब आकर.......

bhavna singh
05-10-2011, 05:35 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=12296&stc=1&d=1317818101

दर्द सीने में सिसकता रहा है रात भर,
यादों का सिलसिला चलता रहा है रात भर,
एक बार फिर से माफ़ कर दूं उसकी बेवफाई को,
यही इल्तजा दिल मुझसे करता रहा है रात भर |

khalid
05-10-2011, 05:41 PM
बहुत बढ़िया भावना जी
:bravo::bravo:

bhavna singh
05-10-2011, 05:45 PM
बहुत बढ़िया भावना जी
:bravo::bravo:

हार्दिक आभार खालिद जी ...............!:thanks::thanks:

Kalyan Das
08-10-2011, 06:43 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=12349&stc=1&d=1318081029

"डूब जाता हूँ उनकी आँखों में,
गहरी झील है उनकी आँखें !

बह जाता हूँ उनकी आँखों में,
बहती नदिया हैं उनकी आँखें !!

खो जाता हूँ उनकी आँखों में,
अतह सागर है उनकी आँखें !!!

जल जाता हूँ उनकी आँखों में,
ज्वाला मुखी है उनकी आँखें !!!!

भीग जाता हूँ उनकी आँखों में,
काली घटा है उनकी आँखें !!!!!

क्या से क्या हो जाता हूँ उनकी आँखों में
कैसी और क्या बला है उनकी आँखें ..............................!!!!!!!"

malethia
08-10-2011, 06:54 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=12349&stc=1&d=1318081029

"डूब जाता हूँ उनकी आँखों में,
गहरी झील है उनकी आँखें !

बह जाता हूँ उनकी आँखों में,
बहती नदिया हैं उनकी आँखें !!

खो जाता हूँ उनकी आँखों में,
अतह सागर है उनकी आँखें !!!

जल जाता हूँ उनकी आँखों में,
ज्वाला मुखी है उनकी आँखें !!!!

भीग जाता हूँ उनकी आँखों में,
काली घटा है उनकी आँखें !!!!!

क्या से क्या हो जाता हूँ उनकी आँखों में
कैसी और क्या बला है उनकी आँखें ..............................!!!!!!!"

बहुत खूबसूरत रचना ........................

arvind
08-10-2011, 06:59 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=12349&stc=1&d=1318081029

"डूब जाता हूँ उनकी आँखों में,
गहरी झील है उनकी आँखें !

बह जाता हूँ उनकी आँखों में,
बहती नदिया हैं उनकी आँखें !!

खो जाता हूँ उनकी आँखों में,
अतह सागर है उनकी आँखें !!!

जल जाता हूँ उनकी आँखों में,
ज्वाला मुखी है उनकी आँखें !!!!

भीग जाता हूँ उनकी आँखों में,
काली घटा है उनकी आँखें !!!!!

क्या से क्या हो जाता हूँ उनकी आँखों में
कैसी और क्या बला है उनकी आँखें ..............................!!!!!!!"
कल्याण भाई,
कभी-कभी आते हो।
आते ही छा जाते हो।
मुझे एक बताओ ...
आप रोज क्यों नहीं आते हो।

Kalyan Das
08-10-2011, 07:07 PM
कल्याण भाई,
कभी-कभी आते हो।
आते ही छा जाते हो।
मुझे एक बताओ ...
आप रोज क्यों नहीं आते हो।

शायद बदल गए हैं हम !!

अर्ज़ किया है .........


"वो हमें कहते हैं की बदल गए हो तुम ,
रंग तूटे पत्तो का अक्सर बदल ही जाता है !! "

Sikandar_Khan
08-10-2011, 07:07 PM
कल्याण भाई,
कभी-कभी आते हो।
आते ही छा जाते हो।
मुझे एक बताओ ...
आप रोज क्यों नहीं आते हो।

अच्छी चीजेँ रोज रोज नही मिलती हैँ अरविन्द भाई

Kalyan Das
08-10-2011, 07:20 PM
दर्द सीने में सिसकता रहा है रात भर,
यादों का सिलसिला चलता रहा है रात भर,
एक बार फिर से माफ़ कर दूं उसकी बेवफाई को,
यही इल्तजा दिल मुझसे करता रहा है रात भर |



जिसे भी देखा उसे रोता हुआ ही पाया,
मुझे तो ये मोहब्बत किसी फकीर की बद्दुआ लगती है ...!!!

Kalyan Das
08-10-2011, 07:48 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=12350&stc=1&d=1318084844


"ग़ज़लों में तेरे इश्क का चर्चा न करेंगे,
हम तुझ को यूँ सर -ए -आम रुसवा न करेंगे !

क्यों हम तुम पे उठायें संग -ए -मलामत की फ़सीलें ??
बेहतर है तेरे शहर में हम आया न करेंगे !!

यह चाँद, यह तारे, यह हसीं रात का आलम,
मंसूब तेरे नाम से क्या क्या न करेंगे !!

वीरान हो कसर -ए -तमन्ना के दरीचे,
आबाद कभी प्यार की अब दुनिया न करेंगे !!

हर चीज़ की बोह्तात में नुकसान बहुत है,
शिद्दत से किसी शख्स को चाहा न करेंगे ...........!!!!"

ndhebar
09-10-2011, 12:22 AM
जिसे भी देखा उसे रोता हुआ ही पाया,
मुझे तो ये मोहब्बत किसी फकीर की बद्दुआ लगती है ...!!!

क्या खूब कही है कल्याण भाई
मुझे तो ये मोहब्बत कोई बद्दुआ लगती है
वाह ...............वाह .............

ndhebar
14-10-2011, 12:46 PM
अगर रख सको तो एक निशानी हूँ मैं,
खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं ,
रोक पाए न जिसको ये सारी दुनिया,
वोह एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं.....

Sikandar_Khan
16-10-2011, 04:03 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=12559&stc=1&d=1318762976


आस होगी, न आसरा होगा
आने वाले दिनों में क्या होगा
मैं तुझे भूल जाऊंगा इक दिन
वक्त सब कुछ बदल चुका होगा
नाम हमने लिखा था आंखों में
आंसुओं ने मिटा दिया होगा
कितना दुश्वार था सफ़र उसका
वो सरे-शाम सो गया होगा
पतझड़ों की कहानियां पढ़ना
सारा मंज़र किताब-सा होगा
आसमां भर गया परिन्दों से
पेड़ कोई हरा गिरा होगा

bhavna singh
16-10-2011, 06:16 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=12559&stc=1&d=1318762976


आस होगी, न आसरा होगा
आने वाले दिनों में क्या होगा
मैं तुझे भूल जाऊंगा इक दिन
वक्त सब कुछ बदल चुका होगा
नाम हमने लिखा था आंखों में
आंसुओं ने मिटा दिया होगा
कितना दुश्वार था सफ़र उसका
वो सरे-शाम सो गया होगा
पतझड़ों की कहानियां पढ़ना
सारा मंज़र किताब-सा होगा
आसमां भर गया परिन्दों से
पेड़ कोई हरा गिरा होगा

:bravo::bravo:

अति सुन्दर ....................!

Dark Saint Alaick
17-10-2011, 12:16 AM
इश्क ने यहाँ कितनों को कोई और मुकद्दर दिया
दिल को तन्हाई तो आँखों को समंदर दिया

इबादत-ए-इश्क में जिसे पूजते रहे खुदा मान कर
उस कातिल को इस इश्क ने ही तो खंजर दिया


बहुत खूब, जय भाई ! आपका यह काव्य-कौशल देखने के लिए ही आंखें तरस रही थीं !

sagar -
17-10-2011, 06:09 AM
बहुत खूब, जय भाई ! आपका यह काव्य-कौशल देखने के लिए ही आंखें तरस रही थीं !
मित्र ये निशांत भाई हे ना की जय भाई ...:giggle:

sagar -
17-10-2011, 06:13 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=12296&stc=1&d=1317818101

दर्द सीने में सिसकता रहा है रात भर,
यादों का सिलसिला चलता रहा है रात भर,
एक बार फिर से माफ़ कर दूं उसकी बेवफाई को,
यही इल्तजा दिल मुझसे करता रहा है रात भर |


जिंदगी देने वाले , मरता छोड़ गये,
अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,

जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की,
वो जो साथ चलने वाले, रास्ता मोड़ गये|

Sikandar_Khan
05-11-2011, 10:14 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=13322&stc=1&d=1320513431
तेरी चाहत में हम
ज़माना भूल गए
किसी और को अपना बनाना भूल गए
तुमसे मुहब्बत है बताया
सारे जहाँ को
बस एक तुझे ही बताना भूल गए |
.

abhisays
06-11-2011, 07:23 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=13322&stc=1&d=1320513431

तेरी चाहत में हम
ज़माना भूल आए
किसी और को अपना बनाना भूल गए
तुमसे मोहब्बत है बताया
सारे जहाँ को
बस एक तुझे ही बताना भूल गए.
.



:fantastic::fantastic::fantastic::fantastic::fanta stic:

Dark Saint Alaick
07-11-2011, 12:43 AM
मित्र ये निशांत भाई हे ना की जय भाई ...:giggle:

संभवतः मैं उस समय ज्यादा लिए हुआ था, इसलिए निशांत भाई को जय भाई समझ बैठा ! यह भी खूब रही ! :giggle::giggle::giggle:

Dark Saint Alaick
07-11-2011, 12:46 AM
सब अपनी बीवी को चाहें, सूरत से और शिद्दत से :iloveyou:/

नारि परायी पर जा अटकें, मर्द बेशरम इस आदत से //:cry::bang-head:




अब ऐसे इंसा लाखों हैं, जो हर साल बना दें ताजमहल /:bravo:

'जय' वैसे अब ना शाहजहाँ, ना वैसी अब मुमताजमहल // :omg:


अब समझ आया बन्धु ! ऊपर वाले की तारीफ़ नीचे वाले ने हड़प ली ! :giggle:

Sikandar_Khan
27-11-2011, 09:37 AM
http://myhindiforum.com/editpost.php?do=updatepost&postid=124673

ख़ामोशी.............

[LEFT]लम्बी ख़ामोशी................
चलो अब इसका मज़ा भी चख लें..............
तुझसे होते हुए कई शब्दों को सुना मैंने ,
कुछ शहद की तरह मीठे थे
और
कुछ नीम की तरह कडवे............
कुछ में तेरे प्यार की खुशबू महकती थी
तो कुछ यूँ लगता था
जैसे कोई अजनबी ने राह चलते हुए पुकारा हो ..........
कुछ को समझ पाया
और कुछ उड़ते गए यूँ ही हवा में.........
शायद यही गलती हुई मुझसे...........
शायद उनको भी समझना जरुरी था...........
पर...............
अब जो हालात बन चुके हैं
दरम्यान अपने
शायद उन्ही शब्दों का नतीजा हैं..............
अब केवल ख़ामोशी सुनती है दोनों तरफ.........
अब शब्द गुफ्तगू करते नहीं आपस में.............

Kalyan Das
03-12-2011, 03:23 PM
"शबनमी रात हो और हर तरफ अँधेरा हो !
एक चादर में लिपटें दो बदन , एक तेरा हो एक मेरा हो !!

तेरी मखमली बदन में , खुशबुओं के चमन में ,
सदियों तक वो रात चले , सदियों दूर सवेरा हो !!

तेरे होठों को जब सिल दूं मैं, अपने होठों के धागे से, एक सन्नाटे में ख़ामोशी से,
तेरी बाहों ने मुझको घेरा हो !!!

दोनों लिपटें एक दूजे में , इक गाँठ सी लग जाए बदनो में !
मेरे जिस्म में घर मिलजाए तुझे , तेरे जिस्म में मेरा बसेरा हो !!!

दिल कहता है कुछ ऐसा हो, तू बन जाये मैं , और मैं बन जाऊं तू
बिस्तर पर तेरे मेरे सिवा, सिर्फ जूनून और ख़ामोशी का डेरा हो !!!

एक चादर में लिपटें दो बदन , एक तेरा हो एक मेरा हो ................ !!!!!!"

Kalyan Das
18-12-2011, 11:21 AM
"भीगा बदन था तेरा ,
नीयत मेरी गीली थी !
तन पे तेरे पानी की बुँदे,
नज़रें मेरी फिसली थी !
लगी जो आग लगन की देखो
गीला बदन जल गया !
छूने लगा था मैं जो तुझको,
पत्थर जैसे पिघल गया !!
प्रेम की बरखा बरस गयी
सब्र का बाँध चटक गया !
तू बस सिम्मट के रह गयी
अंग से अंग लिपट गया !!
कहने को थे दो बदन
जान जैसे एक हुई !
मैं ही मैं था तुझमे उस शुन,
तू भी मुझमे समां गयी !!
होठों का चुम्बन, हाथों की हरारत
आँखों में तेरी, भरपूर शरारत !
तन से तन मिला था तेरे,
मन से मन थे मिले !
गरम साँसे पाकर तेरी
मरुस्थल में थे फूल खिले !!
शर्म की ओढ़नी तेजकर देखो
प्यार तेरा पहन लिया !
कुवांरे सपनो को तुने
दुल्हन जैसा सजा दिया !
हर पल हुआ जैसे सिंदूरी,
अब रही न तू अधूरी,
पूरा तुझे जो बना दिया .................. !!!"

Kalyan Das
22-01-2012, 04:41 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=14813&stc=1&d=1327236046

"भीगा बदन था तेरा ,
नीयत मेरी गीली थी !
तन पे तेरे पानी की बुँदे,
नज़रें मेरी फिसली थी !
लगी जो आग लगन की देखो
गीला बदन जल गया !
छूने लगा था मैं जो तुझको,
पत्थर जैसे पिघल गया !!
प्रेम की बरखा बरस गयी
सब्र का बाँध चटक गया !
तू बस सिम्मट के रह गयी
अंग से अंग लिपट गया !!
कहने को थे दो बदन
जान जैसे एक हुई !
मैं ही मैं था तुझमे उस शुन,
तू भी मुझमे समां गयी !!
होठों का चुम्बन, हाथों की हरारत
आँखों में तेरी, भरपूर शरारत !
तन से तन मिला था तेरे,
मन से मन थे मिले !
गरम साँसे पाकर तेरी
मरुस्थल में थे फूल खिले !!
शर्म की ओढ़नी तेजकर देखो
प्यार तेरा पहन लिया !
कुवांरे सपनो को तुने
दुल्हन जैसा सजा दिया !
हर पल हुआ जैसे सिंदूरी,
अब रही न तू अधूरी,
पूरा तुझे जो बना दिया .................. !!!"

Kalyan Das
29-04-2012, 04:46 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16027&stc=1&d=1335699840

"न जाने क्या मासूमियत थी उस के चेहरे पर,

उस को मनाने से ज़्यादा उस का रूठ जाना अच्छा लगा !!"

ndhebar
29-04-2012, 07:05 PM
बहुत खूब बंधू
तुझे मनाने से तेरा रूठ जाना अच्छा लगा

sombirnaamdev
29-04-2012, 07:13 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=14813&stc=1&d=1327236046
very nice pic

sombirnaamdev
29-04-2012, 07:15 PM
तन से तन मिला था तेरे,
मन से मन थे मिले !
गरम साँसे पाकर तेरी
मरुस्थल में थे फूल खिले !!
शर्म की ओढ़नी तेजकर देखो
प्यार तेरा पहन लिया !
कुवांरे सपनो को तुने
दुल्हन जैसा सजा दिया !
हर पल हुआ जैसे सिंदूरी,
अब रही न तू अधूरी,
पूरा तुझे जो बना दिया .................. !!!" bahoot khoob janab

Kalyan Das
11-05-2012, 08:11 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16470&stc=1&d=1336748795

प्यार........

क्या होता है प्यार ?
क्यों होता है प्यार ??
कब होता है प्यार ???
किस्से होता है प्यार ????


तलाश है हम सबको उस प्यार की,
जो हमें, हम रहने दे ...
जो न बदले किसी भी हाल में ..
ऐसा सच्चा प्यार ढूंढते है हम ..

क्या प्यार रिश्तों की बंदिश है ?
क्या प्यार में भी होती है बंदिशें ??
क्या प्यार है ख्वाहिशों का दुसरा नाम ???


क्यों, हुआ है हम सबको प्यार ?
कभी न कभी ..
किसी न किसी मोड़ पे ...
दिल को कोई छूता है ....
और बजती है तरंगें ....
यह प्यार होता ही है, इसलिए ......


कब ... हाँ आखिर कब नहीं होता हमें प्यार ?
शिशु के जनम से उसके अंतिम काल तक ...
एक प्यार ही तोह है, जो किसी न किसी रूप में बंधे हैं संसार को ..
बचपन का प्यार, जवानी का अल्हड़पन ..
शादी की कशिश और फिर बुढ़ापे का प्यार ..
कौन नहीं करता प्यार और कब नहीं करते हम प्यार ????


किस्से होता है यह प्यार ?
मन जिसको चाहे, उसी से होता है प्यार ...
माँ बाप का ता उम्र प्यार ..
पति पत्नी का हर दिन बदलता प्यार ...
और माँ बेटे का प्यार ..
क्या प्यार रिश्तों का है दुसरा नाम ...
लेकिन इश्वर का प्यार किसी रिश्ते का नहीं,
बल्कि प्यार का दूसरा नाम है प्यार !!!

समझना चाहती हूँ मैं आखिर

क्या होता है प्यार ?
क्यों होता है प्यार ??
कब होता है प्यार ???
किस्से होता है प्यार ????

चित्र सौजन्य: मित्र विक्रम

~VIKRAM~
12-05-2012, 07:33 PM
kuch meri tarf se ...


मुझे मौत की राह दिखाने वाली,
तुझे भुलाऊ कैसे अब तू ही बता,
बिन तेरे जीऊ कैसे !
याद में तेरी आसूं आज भी बहता हूँ !
दर्द क्यूँ होता है दिल में,
बेवफा कहके तुझे दिल को समझाता हूँ |
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16500&stc=1&d=1336834040

~VIKRAM~
12-05-2012, 07:33 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16499&stc=1&d=1336833781

Sikandar_Khan
13-10-2012, 02:05 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16499&stc=1&d=1336833781

अच्छे तरीके है जान से बचने के |

ndhebar
19-10-2012, 06:33 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=18846&stc=1&d=1350653583

ndhebar
24-10-2012, 10:33 AM
http://p4poetry.com/wp-content/uploads/2012/06/1232.jpg (http://p4poetry.com/wp-content/uploads/2012/06/1232.jpg)

जख्म

आज भी
जख्म भरा नही हैं
रह रह कर दर्द भी उठता है
मैनें युं ही इक बार
किसी को हंसाने की कोशिश की थी…

malethia
10-12-2012, 09:48 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=21441&stc=1&d=1355161473
आखों से गिरे आंसू ,मोड़ कैसे मोड़ेगा !
टूटा हुआ दिल मेरा ,जोड़ कैसे जोड़ेगा !!

jai_bhardwaj
13-01-2013, 06:51 PM
रोमन - अंगरेजी में प्रस्तुति के लिए क्षमा करें बन्धुओं, अंतरजाल में भ्रमण करते हुए मुझे यह प्रस्तुति मिली ... अच्छी भी लगी तो मूल प्रस्तोता को धन्यवाद देते हुए यहाँ पर प्रस्तुत कर रहा हूँ ...


♥ Ek Sweet Si Love Story ♥
.
Ek Ladka Ek Ladki Se
Behad Muhabat Karta
Tha ♥
.
Vo Ladki Bhi Usse Bahut Pyar Karti
Thi♥
Ladki Ne Ladke Ko
Dekha Tha Par Ladke Ne Ladki Ko
Nahi
Dekha Tha♥
.
Dono Online Hi Milte TheEk Din
Dono
Ne Milne Ke Bare Me Socha Or
Mulakat
Ka Wqat Or Jaga Tey Ki ♥
.
Ladke Ne Pucha Me
Tumhe Pahechanunga
Kese ♥
.
Ladki Boli Mene White
Dress Pehni Hogi Or
Mere Hath Me Red RoseHoga♥
.
Ladka Agle Din Subha
Bahut Khus Ho Kar Us
Ladki Se Milne Gaya ♥
Par Usne Waha Jakar Ke Dekha ki
Ek
kali ladki Chehre Par Juriya Bahut
Hi BadSurat.Hath Me Red Rose Or
White Dress Pahen Ke KhadiThi ♥
.
Ladka Ek Pal Ke Liye
Chok Gaya Us ladki Ko
Dekh Kar Par Dusre Hi
Pal kuch soche bina ChalPada Or
Us
ladki
Se Jakar Bola I Love U
Mehi Hu Wahi Jisne Tumse
Muhabat Ki
He Vo ladki Boli Vo Me Nahi Jisne
Tumhe Yaha Bulaya He Vo to meri
saheli thi vo Us Ped Ke Piche Khadi
He♥
.
.
fir wo Ladki waha se Ladke Ke Pas
Aai
Or Kaha Agar Me Ye(badsurat
ladki)
Hoti To Bhi Tum Mujse Pyar Karte

Ladke Ne Kaha ♥
.
.
Mene Tumko Chaha He♥
Tumhari Surat Ko Nahi♥
Mene Apne Khayalo Me Tumko
Paya
He♥
Tumhare Tasvur Ko Nahi♥
Meri Har Dhadkan Har
Sans Par Tum Hi Tum
Basi Ho ♥
Tumhara Rup Nahi ♥
Muje Koi Fark Nahi
Padta Is Bat Se Tum Kon
Ho Kya Ho Kuch Bhi Ho
Me Bas Itna Janta Hu Ke TumBas
Meri
Ho Or Me Tumhara !! ♥

ndhebar
13-01-2013, 07:22 PM
it's just not sweet but also brave love story........

Jack.hardon
16-01-2013, 01:01 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=3465&stc=1&d=1289978604

न जाने क्यूँ गले से लिपट कर रोने लगा,
जब हम बरसों बाद मिले,
जाते हुए जिसने ने कहा था ....
की "तुम जैसे लाखों मिलेंगे"…!!!



one of the best shayari...I have ever read...:bravo:


one from my side...

Wo roye to bahut par muh mod ke roye
bade majboor honge jo dil tod ke roye
mere samne karke meri tasveer ke tukde
pata laga bad me tukde jod jod ke roye..

Kalyan Das
30-04-2014, 11:23 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=32884&stc=1&d=1398881985

"मुझे आरज़ू -ए -सहर राही,
यूँही रात भर बड़ी देर तक !
न बिखर सका न सिमट सका,
यूँही रात भर बड़ी देर तक !!
था बहोत अज़ब और अकेले हम,
शाब -ए -ग़म भी मेरी तवील तर !
राही ज़िन्दगी भी सराब और,
राही आँख तर बड़ी देर तक !!
यहाँ हर तरफ है अजब समा,
सभी खुद पसंद सभी खुद नुमा !
दिल -ए -बेकरार को न मिल सका,
कोई चारा गर बड़ी देर तक !!
मुझे ज़िन्दगी है अज़ीज़ तर,
इसी वास्ते मेरे हमसफ़र,
मुझे क़तरा क़तरा पिला ज़हर,
जो करे असर बड़ी देर तक …..........!!!"