PDA

View Full Version : गांधीजी की कही हुई कुछ सूक्तियां!!


Hamsafar+
15-11-2010, 01:34 PM
http://2.bp.blogspot.com/_9cS1xh4GAB8/TCM9_gCSRZI/AAAAAAAAEsY/mOUAxZOhfA8/s1600/mahatma_gandhi_world_record.jpg

उस आस्था का कोई मूल्य नहीं जिसे आचरण में न लाया जा सके !

Hamsafar+
15-11-2010, 01:35 PM
अहिंसा एक विज्ञान है। विज्ञान के शब्दकोश में 'असफलता' का कोई स्थान नहीं।

Sikandar_Khan
15-11-2010, 02:00 PM
मित्र
इस विषय पर एक सूत्र अनमोल मोती रसरंग विभाग मे पहले से है
उसे भी देख लेँ

Hamsafar+
15-11-2010, 02:02 PM
सार्थक कला रचनाकार की प्रसन्नता, समाधान और पवित्रता की गवाह होती है।

Hamsafar+
15-11-2010, 02:22 PM
एक सच्चे कलाकार के लिए सिर्फ वही चेहरा सुंदर होता है जो बाहरी दिखावे से परे, आत्मा की सुंदरता से चमकता है।

Hamsafar+
15-11-2010, 02:26 PM
मनुष्य अक्सर सत्य का सौंदर्य देखने में असफल रहता है, सामान्य व्यक्ति इससे दूर भागता है और इसमें निहित सौंदर्य के प्रति अंधा बना रहता है।

Hamsafar+
15-11-2010, 02:27 PM
चरित्र और शैक्षणिक सुविधाएँ ही वह पूँजी है जो मातापिता अपने संतान में समान रूप से स्थानांतरित कर सकते हैं।

Hamsafar+
15-11-2010, 02:27 PM
विश्व के सारे महान धर्म मानवजाति की समानता, भाईचारे और सहिष्णुता का संदेश देते हैं।

YUVRAJ
15-11-2010, 02:31 PM
@कहानीकार; समानता वाले सूत्रों के निर्माण से बचें।
धन्यवाद

~~~~~~~~~~~~~~~~


भाई सिकंदर जी,
कृपया सूत्र का लिंक भी प्रदान करें और इस तरह के सूत्रों की जानकारी गोपनीयता बरकरार रखते हुए प्रबंधन को सूचित करें।
धन्यवाद।
मित्र
इस विषय पर एक सूत्र अनमोल मोती रसरंग विभाग मे पहले से है
उसे भी देख लेँ

Hamsafar+
15-11-2010, 02:40 PM
@कहानीकार; समानता वाले सूत्रों के निर्माण से बचें।
धन्यवाद

~~~~~~~~~~~~~~~~


भाई सिकंदर जी,
कृपया सूत्र का लिंक भी प्रदान करें और इस तरह के सूत्रों की जानकारी गोपनीयता बरकरार रखते हुए प्रबंधन को सूचित करें।
धन्यवाद।

@ युवराज जी आपका कथन उचित है पर हमारे मित्र ने जो अभी लिखा है की अनमोल मोती रस रंग में देख लें, क्या "रस रंग " और "हिंदी साहित्य" दोनों एक ही है !
या मेरे मित्र ने सूत्र गलत स्थान पर बना दिया....

Hamsafar+
15-11-2010, 02:42 PM
अधिकारों की प्राप्ति का मूल स्रोत कर्तव्य है।

Hamsafar+
15-11-2010, 02:43 PM
सच्ची अहिंसा मृत्युशैया पर भी मुस्कराती रहेगी। 'अहिंसा' ही वह एकमात्र शक्ति है जिससे हम शत्रु को अपना मित्र बना सकते हैं और उसके प्रेमपात्र बन सकते हैं !

Hamsafar+
15-11-2010, 02:47 PM
अधभूखे राष्ट्र के पास न कोई धर्म, न कोई कला और न ही कोई संगठन हो सकता है।

khalid
15-11-2010, 02:47 PM
@ युवराज जी आपका कथन उचित है पर हमारे मित्र ने जो अभी लिखा है की अनमोल मोती रस रंग में देख लें, क्या "रस रंग " और "हिंदी साहित्य" दोनों एक ही है !
या मेरे मित्र ने सूत्र गलत स्थान पर बना दिया....


अगर बन गया हैँ तो
मुव हो सकता हैँ अभी फोरम निर्माण के दौर से गुजर रहा हैँ
धन्यवाद

Hamsafar+
15-11-2010, 02:48 PM
नि :शस्त्र अहिंसा की शक्ति किसी भी परिस्थिति में सशस्त्र शक्ति से सर्वश्रेष्ठ होगी।

YUVRAJ
15-11-2010, 02:54 PM
तो विभाग बदलवा दें न की नया सूत्र बनाए। योगदान और सहयोग प्रदान करें।
वयस्क{प्रोन} नहीं बस सामान्य।
प्रविष्टियां भी सामान्य फोन्ट में करें न की चिल्ला कर।
धन्यवाद
@ युवराज जी आपका कथन उचित है पर हमारे मित्र ने जो अभी लिखा है की अनमोल मोती रस रंग में देख लें, क्या "रस रंग " और "हिंदी साहित्य" दोनों एक ही है !
या मेरे मित्र ने सूत्र गलत स्थान पर बना दिया....

Hamsafar+
15-11-2010, 03:19 PM
तो विभाग बदलवा दें न की नया सूत्र बनाए। योगदान और सहयोग प्रदान करें।
वयस्क{प्रोन} नहीं बस सामान्य।
प्रविष्टियां भी सामान्य फोन्ट में करें न की चिल्ला कर।
धन्यवाद

युवराज भाई मैं अपने कम्पूटर पर साइज़ २ पर पोस्ट करता हूँ तो बहुत छोटा दीखता है, इसलिए साइज़ ३ उपयोग कर रहा हूँ....
नयी एल सी डी ली थी पिछले माह , १८ इंच की है, कुछ मार्ग दर्शन करे.....

ये पोस्ट नोर्मल फॉण्ट में है !

Hamsafar+
15-11-2010, 03:27 PM
आत्मरक्षा हेतु मारने की शक्ति से बढ़कर मरने की हिम्मत होनी चाहिए।

Hamsafar+
15-11-2010, 03:28 PM
जब भी मैं सूर्यास्त की अद्भुत लालिमा और चंद्रमा के सौंदर्य को निहारता हूँ तो मेरा हृदय सृजनकर्ता के प्रति श्रद्धा से भर उठता है।

YUVRAJ
15-11-2010, 04:18 PM
यदि आप मोजिला पर हैं तो Ctrl और + का प्रयोग करें/
युवराज भाई मैं अपने कम्पूटर पर साइज़ २ पर पोस्ट करता हूँ तो बहुत छोटा दीखता है, इसलिए साइज़ ३ उपयोग कर रहा हूँ....
नयी एल सी डी ली थी पिछले माह , १८ इंच की है, कुछ मार्ग दर्शन करे.....

ये पोस्ट नोर्मल फॉण्ट में है !

Hamsafar+
15-11-2010, 05:12 PM
यदि आप मोजिला पर हैं तो ctrl और + का प्रयोग करें/

मैं google chrome का उपयोग करता हु !

kamesh
15-11-2010, 05:17 PM
हिंसा में इतनी ताकत नहीं की वो अहिंसा को मिटा दे
मगर हाँ अहिंसा में वो ताकत है की वो हिंसा को खत्म कर दे

YUVRAJ
15-11-2010, 05:27 PM
आहा हा हा हा ...:lol:
Ctrl + mouse wheel. आगे करो तो जूम इन, पीछे करो तो जूम आउट

मैं google chrome का उपयोग करता हु !

Hamsafar+
15-11-2010, 05:38 PM
आहा हा हा हा ...:lol:
Ctrl + mouse wheel. आगे करो तो जूम इन, पीछे करो तो जूम आउट

काफी उपयोगी जानकारी दी है भाई आहा .:iagree:

Hamsafar+
15-11-2010, 05:39 PM
वीरतापूर्वक सम्मान के साथ मरने की कला के लिए किसी विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं होती। उसके लिए परमात्मा में जीवंत श्रद्धा काफी है।

Hamsafar+
15-11-2010, 05:44 PM
क्रूरता का उत्तर क्रूरता से देने का अर्थ अपने नैतिक व बौद्धिक पतन को स्वीकार करना है।

Hamsafar+
15-11-2010, 06:19 PM
एकमात्र वस्तु जो हमें पशु से भिन्न करती है वह है सही और गलत के मध्य भेद करने की क्षमता जो हम सभी में समान रूप से विद्यमान है।

Hamsafar+
15-11-2010, 07:04 PM
मित्र
इस विषय पर एक सूत्र अनमोल मोती रसरंग विभाग मे पहले से है
उसे भी देख लेँ


सिकंदर जी (रस रंग प्रभारी जी ) आप इस तरह की जानकारी के फोरम में विसिटर बॉक्स , व्यक्तिगत सन्देश, रिपोर्ट पोस्ट आदि पर सन्देश दे सकते है!


अगर बन गया हैँ तो
मुव हो सकता हैँ अभी फोरम निर्माण के दौर से गुजर रहा हैँ
धन्यवाद

खालिद जी (युवा मंच प्रभारी जी ) जब गलती है तो ये कार्य एडमिन को करने दें, उनको सूचना दे! सूत्र पर सूत्र से सम्बंधित योगदान कीजिये न की उत्पात !

तो विभाग बदलवा दें न की नया सूत्र बनाए। योगदान और सहयोग प्रदान करें।
वयस्क{प्रोन} नहीं बस सामान्य।
प्रविष्टियां भी सामान्य फोन्ट में करें न की चिल्ला कर।
धन्यवाद

मित्र युवराज व्यस्क , पोर्न और ग्लेमर शायद तीनो के अलग अलग मतलब हो सकते है, आपकी क्या प्रतिक्रिया है !
किसी भी प्रकार की कार्यवाही हेतु आपकी पोस्ट !
http://myhindiforum.com/showpost.php?p=14303&postcount=14

वेब मास्टर जी द्वारा पोस्ट
http://myhindiforum.com/showpost.php?p=14315&postcount=15

Hamsafar+
15-11-2010, 07:14 PM
आपकी समस्त विद्वत्ता, आपका शेक्सपियर और वडर्सवर्थ का संपूर्ण अध्ययन निरर्थक है यदि आप अपने चरित्र का निर्माण व विचारों क्रियाओं में सामंजस्य स्थापित नहीं कर पाते।

Hamsafar+
15-11-2010, 07:15 PM
स्वच्छता, पवित्रता और आत्म-सम्मान से जीने के लिए धन की आवश्यकता नहीं होती।

Hamsafar+
15-11-2010, 07:25 PM
निर्मल चरित्र एवं आत्मिक पवित्रता वाला व्यक्तित्व सहजता से लोगों का विश्वास अर्जित करता है और स्वत : अपने आस पास के वातावरण को शुद्ध कर देता है।

Hamsafar+
15-11-2010, 07:27 PM
जीवन में स्थिरता, शांति और विश्वसनीयता की स्थापना का एकमात्र साधन भक्ति है।

Hamsafar+
15-11-2010, 08:37 PM
सुखद जीवन का भेद त्याग पर आधारित है। त्याग ही जीवन है।

Hamsafar+
15-11-2010, 08:38 PM
अधिकार-प्राप्ति का उचित माध्यम कर्तव्यों का निर्वाह है।

Hamsafar+
17-11-2010, 03:59 PM
वे ईसाई हैं, इससे क्या हिन्दुस्तानी नहीं रहे ? और परदेशी बन गये ?

Hamsafar+
17-11-2010, 04:01 PM
क्रूरता का उत्तर क्रूरता से देने का अर्थ अपने नैतिक व बौद्धिक पतन को स्वीकार करना है !

Hamsafar+
17-11-2010, 04:01 PM
एकमात्र वस्तु जो हमें पशु से भिन्न करती है वह है सही और गलत के मध्य भेद करने की क्षमता जो हम सभी में समान रूप से विद्यमान है।

Hamsafar+
17-11-2010, 04:02 PM
आपकी समस्त विद्वत्ता, आपका शेक्सपियर और वडर्सवर्थ का संपूर्ण अध्ययन निरर्थक है यदि आप अपने चरित्र का निर्माण व विचारों क्रियाओं में सामंजस्य स्थापित नहीं कर पाते।

Hamsafar+
17-11-2010, 04:02 PM
वक्ता के विकास और चरित्र का वास्तविक प्रतिबिंब 'भाषा' है।

Hamsafar+
17-11-2010, 04:02 PM
निर्मल चरित्र एवं आत्मिक पवित्रता वाला व्यक्तित्व सहजता से लोगों का विश्वास अर्जित करता है और स्वत : अपने आस पास के वातावरण को शुद्ध कर देता है।

Hamsafar+
17-11-2010, 04:03 PM
सुखद जीवन का भेद त्याग पर आधारित है। त्याग ही जीवन है।

Hamsafar+
17-11-2010, 04:03 PM
अधिकार-प्राप्ति का उचित माध्यम कर्तव्यों का निर्वाह है।

Hamsafar+
17-11-2010, 04:03 PM
उफनते तूफान को मात देना है तो अधिक जोखिम उठाते हुए हमें पूरी शक्ति के साथ आगे बढना होगा।

Hamsafar+
17-11-2010, 04:04 PM
रोम का पतन उसका विनाश होने से बहुत पहले ही हो चुका था।

Hamsafar+
17-11-2010, 04:04 PM
गुलाब को उपदेश देने की आवश्यकता नहीं होती। वह तो केवल अपनी खुशबू बिखेरता है। उसकी खुशबू ही उसका संदेश है।

Hamsafar+
17-11-2010, 04:04 PM
जहां तक मेरी दृष्टि जाती है मैं देखता हूं कि परमाणु शक्ति ने सदियों से मानवता को संजोये रखने वाली कोमल भावना को नष्ट कर दिया है।

Hamsafar+
17-11-2010, 04:05 PM
मेरे विचारानुसार गीता का उद्देश्य आत्म-ज्ञान की प्राप्ति का सर्वोत्तम मार्ग बताना है।

Hamsafar+
17-11-2010, 04:05 PM
गीता में उल्लिखित भक्ति, कर्म और प्रेम के मार्ग में मानव द्वारा मानव के तिरस्कार के लिए कोई स्थान नहीं है।

Hamsafar+
17-11-2010, 04:05 PM
मैं यह अनुभव करता हूं कि गीता हमें यह सिखाती है कि हम जिसका पालन अपने दैनिक जीवन में नहीं करते हैं, उसे धर्म नहीं कहा जा सकता है।

Hamsafar+
17-11-2010, 04:06 PM
हजारों लोगों द्वारा कुछ सैकडों की हत्या करना बहादुरी नहीं है। यह कायरता से भी बदतर है। यह किसी भी राष्ट्रवाद और धर्म के विरुद्ध है।

Hamsafar+
17-11-2010, 04:07 PM
साहस कोई शारीरिक विशेषता न होकर आत्मिक विशेषता है।

Hamsafar+
17-11-2010, 04:08 PM
संपूर्ण विश्व का इतिहास उन व्यक्तियों के उदाहरणों से भरा पडा है जो अपने आत्म-विश्वास, साहस तथा दृढता की शक्ति से नेतृत्व के शिखर पर पहुंचे हैं।

Hamsafar+
17-11-2010, 04:08 PM
हृदय में क्रोध, लालसा व इसी तरह की -----भावनाओं को रखना, सच्ची अस्पृश्यता है।

Hamsafar+
17-11-2010, 04:09 PM
मेरी अस्पृश्यता के विरोध की लडाई, मानवता में छिपी अशुद्धता से लडाई है।

Hamsafar+
17-11-2010, 04:09 PM
सच्चा व्यक्तित्व अकेले ही सत्य तक पहुंच सकता है।

Hamsafar+
17-11-2010, 04:10 PM
शांति का मार्ग ही सत्य का मार्ग है। शांति की अपेक्षा सत्य अत्यधिक महत्वपूर्ण है!