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View Full Version : Mother tongue has no substitue.!


Rahul.jha
10-04-2014, 02:06 PM
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।

अंग्रेज़ी पढ़ि के जदपि, सब गुन होत प्रवीन।
पै निज भाषाज्ञान बिन, रहत हीन के हीन।।

– मातृ-भाषा के प्रति (भारतेंदु हरिश्चंद्र)

rajnish manga
10-04-2014, 09:25 PM
हिंदी के प्रति प्रेम और समर्पण दिखाते उक्त दोहे प्रस्तुत कर के आपने अपनी भाषा और देश प्रेम के सम्बन्ध को पुनः रेखांकित किया है.