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View Full Version : "मोहम्मद रफी" - सदी का महानतम गायक


Hamsafar+
17-11-2010, 08:03 PM
"मोहम्मद रफी" - सदी का महानतम गायक

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=3515&stc=1&d=1290009816

इनके लिए सही कहा गया है...
न फनकार कोई तेरे बाद आया....
मोहम्मद रफी तू बहुत याद आया ..

Hamsafar+
17-11-2010, 08:07 PM
मोहम्मद रफ़ी (24दिसंबर 1924-31 जुलाई 1980) जिन्हें दुनिया रफ़ी या रफ़ी साहब के नाम से बुलाती है, हिन्दी सिनेमा के श्रेष्ठतम पार्श्व गायकों में से एक थे। अपनी आवाज की मधुरता और परास की अधिकता के लिए इन्होंने अपने समकालीन गायकों के बीच अलग पहचान बनाई। इन्हें शहंशाह-ए-तरन्नुम भी कहा जाता था। मोदम्मद रफ़ी की आवाज़ ने अपने आगामी दिनों में कई गायकों को प्रेरित किया। इनमें सोनू निगम,मुहम्मद अज़ीज़ तथा उदित नारायण का नाम उल्लेखनीय है - यद्यपि इनमें से कइयों की अब अपनी अलग पहचान है। 1940 के दशक से आरंभ कर 1980 तक इन्होने कुल 26,000 गाने गाए। इनमें मुख्य धारा हिन्दी गानों के अतिरिक्त ग़ज़ल, भजन, देशभक्ति गीत, क़व्वाली तथा अन्य भाषाओं में गाए गीत शामिल हैं। जिन अभिनेताओं पर उनके गाने फिल्माए गए उनमें गुरु दत्त, दिलीप कुमार, देव आनंद, भारत भूषण, जॉनी वॉकर, जॉय मुखर्जी, शम्मी कपूर, राजेन्द्र कुमार, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, धर्मेन्द्र, जीतेन्द्र तथा ऋषि कपूर के अलावे गायक अभिनेता किशोर कुमार का नाम भी शामिल है।

मोहम्मद रफ़ी का जन्म 24 दिसम्बर 1924 को अमृतसर, के पास कोटला सुल्तान सिंह में हुआ था। आरंभिक बाल्यकाल में ही इनका परिवार लाहौर से अमृतसर आ गया। इनके परिवार का संगीत से कोई खास सरोकार नहीं था। जब रफ़ी छोटे थे तब इनके बड़े भाई की नाई दुकान थी, रफ़ी का काफी वक्त वहीं पर गुजरता था। कहा जाता है कि रफ़ी जब सात साल के थे तो वे अपने बड़े भाई की दुकान से होकर गुजरने वाले एक फकीर का पीछा किया करते थे जो उधर से गाते हुए जाया करता था। उसकी आवाज रफ़ी को पसन्द आई और रफ़ी उसकी नकल किया करते थे। उनकी नकल में अव्वलता को देखकर लोगों को उनकी आवाज भी पसन्द आने लगी। लोग नाई दुकान में उनके गाने की प्रशंशा करने लगे। लेकिन इससे रफ़ी को स्थानीय ख्याति के अतिरिक्त और कुछ नहीं मिला। इनके बड़े भाई मोहम्मद हमीद ने इनके संगीत के प्रति इनकी रुचि को देखा और उन्हें उस्ताद अब्दुल वाहिद खान के पास संगीत शिक्षा लेने को कहा। एक बार आकाशवाणी (उस समय ऑल इंडिया रेडियो) लाहौर में उस समय के प्रख्यात गायक-अभिनेता कुन्दन लाल सहगल अपना प्रदर्शन करने आए थे। इसको सुनने हेतु मोहम्मद रफ़ी और उनके बड़े भाई भी गए थे। बिजली गुल हो जाने की वदह से सहगल ने गाने से मना कर दिया। रफ़ी के बड़े भाई ने आयोजकों से निवेदन किया की भीड़ की व्यग्रता को शांत करने के लिए मोहम्मद रफ़ी को गाने का मौका दिया जाय। उनको अनुमति मिल गई और 13 वर्ष की आयु में मोहम्मद रफ़ी का ये पहला सार्वजनिक प्रदर्शन था। प्रेक्षकों में श्याम सुन्दर, जो उस समय के प्रसिद्ध संगीतकार थे, ने भी उनको सुना और काफी प्रभावित हुए। उन्होने मोहम्मद रफ़ी को अपने लिए गाने का न्यौता दिया।

Hamsafar+
17-11-2010, 08:08 PM
1950 के दशक में शंकर जयकिशन, नौशाद तथा सचिनदेव बर्मन ने रफ़ी से उस समय के बहुत लोकप्रिय गीत गवाए। यह सिलसिला 1960 के दशक में भी चलता रहा। संगीतकार रवि ने मोहम्मद रफ़ी का इस्तेमाल 1960 के दशक में किया। 1960 में फ़िल्म चौदहवीं का चांद के शीर्षक गीत के लिए रफ़ी को अपना पहला फ़िल्म फेयर पुरस्कार मिला। इसके बाद घराना (1961), काजल (1965), दो बदन (1966) तथा नीलकमल (1968) जैसी फिल्मो में इन दोनो की जोड़ी ने कई यादगार नगमें दिए। 1961 में रफ़ी को अपना दूसरा फ़िल्मफेयर आवार्ड फ़िल्म ससुरालके गीत तेरी प्यारी प्यारी सूरत को के लिए मिला। संगीतकार जोड़ी लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने अपना आगाज़ ही रफ़ी के स्वर से किया और 1963 में फ़िल्म पारसमणि के लिए बहुत सुन्दर गीत बनाए। इनमें सलामत रहो तथा वो जब याद आये (लता मंगेशकर के साथ) उल्लेखनीय है। 1965 में ही लक्ष्मी-प्यारे के संगीत निर्देशन में फ़िल्मदोस्ती के लिए गाए गीत चाहूंगा मै तुझे सांझ सवेरे के लिए रफ़ी को तीसरा फ़िल्मफेयर पुरस्कार मिला। 1965 में उन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा।
1965 में संगीतकार जोड़ी कल्याणजी-आनंदजी द्वारा फ़िल्म जब जब फूल खिले के लिए संगीतबद्ध गीत परदेसियों से ना अखियां मिलाना लोकप्रियता के शीर्ष पर पहुंच गया था। 1966 में फ़िल्म सूरज के गीत बहारों फूल बरसाओ बहुत प्रसिद्ध हुआ और इसके लिए उन्हें चौथा फ़िल्मफेयर अवार्ड मिला। इसका संगीत शंकर जयकिशन ने दिया था। 1968 में शंकर जयकिशन के संगीत निर्देशन में फ़िल्म ब्रह्मचारी के गीत दिल के झरोखे में तुझको बिठाकर के लिए उन्हें पाचवां फ़िल्मफेयर अवार्ड मिला।

Hamsafar+
17-11-2010, 08:10 PM
फिल्मफेयर एवॉर्ड
1960 - चौदहवीं का चांद हो (फ़िल्म - चौदहवीं का चांद )
1961 - हुस्नवाले तेरा जवाब नहीं (फ़िल्म - घराना)
1961 - तेरी प्यारी प्यारी सूरत को (फ़िल्म - ससुराल)
1962 - ऐ गुलबदन (फ़िल्म - प्रोफ़ेसर)
1963 - मेरे महबूब तुझे मेरी मुहब्बत की क़सम (फ़िल्म - मेरे महबूब )
1964 - चाहूंगा में तुझे (फ़िल्म - दोस्ती) - विजित
1965 -छू लेने दो नाजुक होठों को (फ़िल्म - काजल)
1966 - बहारों फूल बरसाओ(फ़िल्म - सूरज) - विजित
1968 - मैं गाऊं तुम सो जाोओ(फ़िल्म - ब्रह्मचारी)
1968 - बाबुल की दुआएं लेती जा (फ़िल्म - नीलकमल)
1968 - दिल के झरोखे में (फ़िल्म - ब्रह्मचारी) - विजित
1969 - बड़ी मुश्किल है (फ़िल्म - जीने की राह)
1970 - खिलौना जानकर तुम तो, मेरा दिल तोड़ जाते हो(फ़िल्म -खिलौना )
1973 - हमको तो जान से प्यारी है (फ़िल्म - नैना)
1974 - अच्छा ही हुआ दिल टूट गया (फ़िल्म - मां बहन और बीवी)
1977 - परदा है परदाParda Hai Parda (फ़िल्म - अमर अकबर एंथनी)
1977 - क्या हुआ तेरा वादा (फ़िल्म - हम किसी से कम नहीं ) -विजित
1978 - आदमी मुसाफ़िर है (फ़िल्म - अपनापन)
1979 - चलो रे डोली उठाओ कहार (फ़िल्म - जानी दुश्मन)
1979 - मेरे दोस्त किस्सा ये (फिल्म - दोस्ताना)
1980 - दर्द-ए-दिल, दर्द-ए-ज़िगर(फिल्म - कर्ज)
1980 - मैने पूछा चांद से (फ़िल्म - अब्दुल्ला)

Hamsafar+
17-11-2010, 08:13 PM
कुछ लोकप्रिय गीत


ओ दुनिया के रखवाले
ये है बॉम्बे मेरी जान
सर जो तेरा चकराए
हम किसी से कम नहीं चाहे कोई मुझे जंगली कहे
मैं जट यमला पगला
चढ़ती जवानी मेरी
हम काले हैं तो क्या हुआ दिलवाले हैं ,
राज की बात कह दूं
ये है इश्क-इश्क
परदा है परदा
ओ दुनिया के रखवाले - भक्ति गीत
हम लाए हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के,
अब तुम्हारे हवाले -
ये देश है वीर जवानों का,
अपना आज़ादी को हम,
नन्हें मुन्ने बच्चे तेरी मुठ्ठी में क्या है,
रे मामा रे मामा
चक्के पे चक्का,
मन तड़पत हरि दर्शन को आज,
सावन आए या ना आए
मधुबन में राधिका
मन रे तू काहे ना धीर धरे
बाबुल की दुआए
आज मेरे यार की शादी है

Hamsafar+
17-11-2010, 08:16 PM
(1) ओ दुनिया के रखवाले, सुन दर्द भरे मेरे नाले..

ओ दुनिया के रखवाले, सुन दर्द भरे मेरे नाले
सुन दर्द भरे मेरे नाले
आश निराश के दो रंगों से, दुनिया तूने सजाई
नय्या संग तूफ़ान बनाया, मिलन के साथ जुदाई
जा देख लिया हरजाई
ओ ... लुट गई मेरे प्यार की नगरी, अब तो नीर बहा ले
अब तो नीर बहा ले
ओ ... अब तो नीर बहा ले, ओ दुनिया के रखवाले ...

आग बनी सावन की बरसा, फूल बने अंगारे
नागन बन गई रात सुहानी, पत्थर बन गए तारे
सब टूट चुके हैं सहारे, ओ ... जीवन अपना वापस ले ले
जीवन देने वाले, ओ दुनिया के रखवाले ...

चांद को ढूँढे पागल सूरज, शाम को ढूँढे सवेरा
मैं भी ढूँढूँ उस प्रीतम को, हो ना सका जो मेरा
भगवान भला हो तेरा, ओ ... क़िस्मत फूटी आस न टूटी
पांव में पड़ गए छाले, ओ दुनिया के रखवाले ...

महल उदास और गलियां सूनी, चुप-चुप हैं दीवारें
दिल क्या उजड़ा दुनिया उजड़ी, रूठ गई हैं बहारें
हम जीवन कैसे गुज़ारें, ओ ... मंदिर गिरता फिर बन जाता
दिल को कौन सम्भाले, ओ दुनिया के रखवाले ...


Movie: Baiju Bawra
Singer(s): Mohammad Rafi
Music Director: Naushad
Lyricist: Shakeel Badayuni
Actors/Actresses: Bharat Bhushan

Hamsafar+
17-11-2010, 08:17 PM
शुभ रात्रि Abhisays.com कल फिर मुलाकात होगी ... धन्यवाद !!

Hamsafar+
02-12-2010, 08:13 PM
@abhay : Here is Your Video

tzuCHSpQaPQ

alfiealvins
02-12-2010, 09:11 PM
Mohammad rafi is the best singer of the century.Mohammad rafi's songs are superb.He is popular for old songs.I love their music.