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View Full Version : सावधान :.........


Dr.Shree Vijay
19-05-2014, 10:50 PM
इस सूत्र में आपको जीवनोपयोगी वस्तुओं के बारे में
सावधानी कैसे बरते यह जानकारी दी जायेंगी :.........

Dr.Shree Vijay
19-05-2014, 10:53 PM
http://www.sawdhanindia.com/Home/resources/placeholders/logo.jpg

Dr.Shree Vijay
19-05-2014, 10:58 PM
सावधान! कहीं आप भी तो आइसक्रीम के नाम पर
फ्रोजन डेजर्ट नहीं खा रहे ?.........

http://i3.dainikbhaskar.com/thumbnail/655x588/web2images/www.bhaskar.com/2014/05/19/1290_ice.jpg

सावधान! आजकल बाजार में मिलने वाली आइसक्रीम, आइसक्रीम न होकर फ्रोजन डेजर्ट भी हो सकती है। सामान्य आइसक्रीम दूध से बनी क्रीम तथा फ्रोजन डेजर्ट खाद्य तेल से बनी होती है। अगर हम आपसे कहें कि आप आइसक्रीम के नाम पर जो खा रहे हैं, असल में वह आइसक्रीम है ही नहीं तो? चौंकिए मत, हकीकत कुछ यही है।

इन दिनों बिक रहे फ्रोज़न डेज़र्ट दिखने और खाने में भले आपको बिल्कुल आइसक्रीम की तरह ही लगेंगे, लेकिन इनमें मिल्क फैट की जगह सब्जियों के फैट का इस्तेमाल किया जाता है। यह कारोबार खूब फल-फूल रहा है।

चिकित्सा विभाग की ओर से गर्मियों के दिनों में चलाए जा रहे अभियान के तहत शहर के विभिन्न स्थानों से फ्रोजन डेजर्ट के सैंपल भी लिए जा रहे है। शुरुआती जांच के बाद खाद्य सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि बाजार में किसी भी तरह की आइसक्रीम लेने से पहले पैकिंग पर नाम लिखा हुआ जरूर देखना चाहिए। साथ ही निर्माण तिथि भी देखनी चाहिए। ज्यादातर कंस्यूमर्स को इसका अहसास भी नहीं है कि वे जिस आइसक्रीम को इतने चाव से खा रहे हैं, वह वास्तव में आइसक्रीम है ही नहीं :.........


दैनिक भास्कर के सौजन्य से :......... (http://www.bhaskar.com)

Dr.Shree Vijay
19-05-2014, 11:00 PM
सावधान! कहीं आप भी तो आइसक्रीम के नाम पर
फ्रोजन डेजर्ट नहीं खा रहे ?.........

http://i1.dainikbhaskar.com/thumbnail/655x588/web2images/www.bhaskar.com/2014/05/19/1286_ice2.jpg

उल्लेखनीय है कि देश में हिंदुस्तान यूनिलीवर की क्वालिटी वॉल्स, वाडीलाल, लाजा आइसक्रीम और क्रीम कैंडी, कोन और कप में आइसक्रीम के बजाय फ्रोजन डेजर्ट बेचते हैं। एक सर्वे के अनुसार भारत के 1800 करोड़ के आइसक्रीम मार्केट के 40 पर्सेंट हिस्से पर इसका कब्जा है।

आइसक्रीम के रूप में फ्रोजन डेजर्ट बेचने की शुरुआत सबसे पहले क्वालिटी वॉल्स ने की थी। दो दशकों से भी कम वक्त में इस प्रॉडक्ट ने देश में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है, लेकिन फूड अथॉरिटी के अधिकारियों और अमूल एवं मदर डेयरी जैसी ऑरिजनल आइसक्रीम मेकर कंपनियों का मानना है कि आइसक्रीम के नाम पर फ्रोजन डेजर्ट बेचना ग्राहकों को गुमराह करना है :.........


दैनिक भास्कर के सौजन्य से :......... (http://www.bhaskar.com)

Dr.Shree Vijay
19-05-2014, 11:02 PM
सावधान! कहीं आप भी तो आइसक्रीम के नाम पर
फ्रोजन डेजर्ट नहीं खा रहे ?.........

http://i10.dainikbhaskar.com/thumbnail/655x588/web2images/www.bhaskar.com/2014/05/19/1292_ice1.jpg

रीयल आइसक्रीम दूध के फैट से बनती है, वहीं ये फ्रोज़न डेज़र्ट सब्जियों के फैट से तैयार किए जाते हैं। आइसक्रीम में फ्रोजन डेजर्ट के इस्तेमाल के पीछे सबसे बड़ कारण है इनका सस्ता होना। यह दूध के फैट से करीब 80 पर्सेंट सस्ता पड़ता है।

आइसक्रीम में गुणवत्ता और फ्रोजन डेजर्ट की जांच करने वाले एक अधिकारी ने बताया कि 'जिस तरह फ्रोजन डेजर्ट की लेबलिंग होती है और जैसे टीवी कमर्शल के जरिए इसकी मार्केटिंग की जाती है, वह बड़ी चिंता का कारण है।' उन्होंने कहा, 'कंस्यूमर्स को यह मालूम होना चाहिए कि दोनों अलग-अलग उत्पाद हैं। फिर उनकी मर्जी, वे जो चुनें।'

300 रुपए/किग्रा की जगह 50 रुपए/किग्रा का फैट :
जानकारी के अनुसार रीयल दूध फैट से बनी आइसक्रीम और फ्रोजन डेजर्ट से बनी आइसक्रीम दोनों देखने में तकरीबन एक जैसी हैं। ज्यादातर ब्रैंड बहुत छोटे लेटर में फ्रोजन डेजर्ट के बारे में जानकारी देते हैं। ऐसे में आम उपभोक्ता जल्द से फर्क भी नहीं समझ पाता। डेयरी फैट की कीमत जहां 300 रुपये प्रति किलोग्राम है, वहीं वेजिटेबल फैट सिर्फ 50 रुपए प्रति किलोग्राम में मिल जाता है :.........


दैनिक भास्कर के सौजन्य से :......... (http://www.bhaskar.com)

rafik
20-05-2014, 09:25 AM
सावधान! कहीं आप भी तो आइसक्रीम के नाम पर
फ्रोजन डेजर्ट नहीं खा रहे ?.........






सावधान करने के लिए धन्यवाद

Dr.Shree Vijay
20-05-2014, 05:29 PM
सावधान करने के लिए धन्यवाद


धन्यवाद मित्र.....

Dr.Shree Vijay
12-06-2014, 08:55 PM
सावधान! कहीं आप भी इन्हें तो नहीं सर्च कर रहे ?.........

http://navbharattimes.indiatimes.com/photo.cms?photoid=22753669

अगर आप इंटरनेट पर हॉलिवुड ऐक्ट्रेस लिली कॉलिन्स को खोज रहे हैं, तो सावधान हो जाइए। साइबर सिक्यॉरिटी कंपनी मैकफी ने 'मिरर मिरर' और 'एब्डक्शन' की ऐक्ट्रेस लिली कॉलिन्स को ऑनलाइन सर्च के लिहाज से सबसे खतरनाक सिलेब्रिटी माना है। मैकफी ने 10 सिलेब्रिटीज़ की लिस्ट जारी की है, जिन्हें सर्च करते हुए आप ऐसी वेबसाइट्स पर पहुंच सकते हैं, जो आपको नुकसान पहुंचा सकती हैं।
जानिए, मैकफी के मुताबिक किस सिलेब्रिटी को सर्च करने में कितने फीसदी खतरा है...
1. Lily Collins - 14.5% :.........


नवभारत टाइम्स के सौजन्य से :......... (http://navbharattimes.indiatimes.com/)

Dr.Shree Vijay
12-06-2014, 08:57 PM
सावधान! कहीं आप भी इन्हें तो नहीं सर्च कर रहे ?.........

http://navbharattimes.indiatimes.com/photo.cms?photoid=22971840

2. Avril Lavigne - 12.7% :.........


नवभारत टाइम्स के सौजन्य से :......... (http://navbharattimes.indiatimes.com/)

Dr.Shree Vijay
12-06-2014, 08:58 PM
सावधान! कहीं आप भी इन्हें तो नहीं सर्च कर रहे ?.........

http://navbharattimes.indiatimes.com/photo.cms?photoid=22753657

3. Sandra Bullock - 10.8% :.........


नवभारत टाइम्स के सौजन्य से :......... (http://navbharattimes.indiatimes.com/)

Dr.Shree Vijay
12-06-2014, 09:00 PM
सावधान! कहीं आप भी इन्हें तो नहीं सर्च कर रहे ?.........

http://navbharattimes.indiatimes.com/photo.cms?photoid=22753645

4. Kathy Griffin - 10.6% :.........


नवभारत टाइम्स के सौजन्य से :......... (http://navbharattimes.indiatimes.com/)

Dr.Shree Vijay
12-06-2014, 09:01 PM
सावधान! कहीं आप भी इन्हें तो नहीं सर्च कर रहे ?.........

http://navbharattimes.indiatimes.com/photo.cms?photoid=22753636

5. Zoe Saldana - 10.5% :.........


नवभारत टाइम्स के सौजन्य से :......... (http://navbharattimes.indiatimes.com/)

Dr.Shree Vijay
12-06-2014, 09:02 PM
सावधान! कहीं आप भी इन्हें तो नहीं सर्च कर रहे ?.........

http://navbharattimes.indiatimes.com/photo.cms?photoid=22753626

6. Katy Perry - 10.4% :.........


नवभारत टाइम्स के सौजन्य से :......... (http://navbharattimes.indiatimes.com/)

Dr.Shree Vijay
12-06-2014, 09:03 PM
सावधान! कहीं आप भी इन्हें तो नहीं सर्च कर रहे ?.........

http://navbharattimes.indiatimes.com/photo.cms?photoid=22753624

7. Britney Spears - 10.1% :.........


नवभारत टाइम्स के सौजन्य से :......... (http://navbharattimes.indiatimes.com/)

Dr.Shree Vijay
12-06-2014, 09:04 PM
सावधान! कहीं आप भी इन्हें तो नहीं सर्च कर रहे ?.........

http://navbharattimes.indiatimes.com/photo.cms?photoid=22753620

8. Jon Hamm - 10.0% :.........


नवभारत टाइम्स के सौजन्य से :......... (http://navbharattimes.indiatimes.com/)

Dr.Shree Vijay
12-06-2014, 09:05 PM
सावधान! कहीं आप भी इन्हें तो नहीं सर्च कर रहे ?.........

http://navbharattimes.indiatimes.com/photo.cms?photoid=22753619

9. Adriana Lima - 9.9% :.........


नवभारत टाइम्स के सौजन्य से :......... (http://navbharattimes.indiatimes.com/)

Dr.Shree Vijay
12-06-2014, 09:06 PM
सावधान! कहीं आप भी इन्हें तो नहीं सर्च कर रहे ?.........

http://navbharattimes.indiatimes.com/photo.cms?photoid=22753583

10. Emma Roberts - 9.8% :.........


नवभारत टाइम्स के सौजन्य से :......... (http://navbharattimes.indiatimes.com/)

Swati M
12-06-2014, 09:31 PM
एवेरनेस बढ़ाने वाला अच्छा सूत्र.

Suraj Shah
19-06-2014, 09:44 PM
समाज में जागरूकता बढ़ाने वाला सूत्र...

Dr.Shree Vijay
19-08-2014, 05:14 PM
एवेरनेस बढ़ाने वाला अच्छा सूत्र.

समाज में जागरूकता बढ़ाने वाला सूत्र...


प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए आपका हार्दिक आभार.........

Dr.Shree Vijay
19-08-2014, 05:24 PM
सावधान! जानलेवा है होठों की लाली ?.........

http://hindi.pardaphash.com/uploads/images/660/107024.jpg

फैशनेबल महिलाएँ जरा सावधान हो जाएँ ! आपके होठों पर जहरीले धातुओं का मिश्रण है :......

सावधान! एक ताजा शोध में कई ब्रांडेड लिपस्टिक और लिप ग्लॉस में घातक धातुएँ पाई गई हैं ।

एक नए अध्ययन के अनुसार लिपस्टिक लगाने वाली महिलाएँ एक बार सोच लें |

अमेरिका में विभिन्न दुकानों पर रखी लिपस्टिक और लिप ग्लॉस पर किए गए परीक्षणों में 32 प्रमुख ब्रांडों में सीसा, कैडियम, क्रोमियम, एल्यूमिनियम और पांच अन्य घातक धातुएँ पाई गई हैं। जिसकी हल्की मात्रा के संपर्क में आने से भी दिमाग, व्यवहार और सीखने की क्षमता प्रभावित होती है, लिपस्टिक के प्रयोग से दिमाग पर असर पड़ सकता है । इनमें से कुछ धातु तो ऐसी हैं जो कई जानलेवा रोगों के लिए जिम्मेदार हैं :.........

Dr.Shree Vijay
19-08-2014, 05:27 PM
सावधान! जानलेवा है होठों की लाली ?.........

http://3.bp.blogspot.com/-geXQ7CmbKzQ/ThSKprdawwI/AAAAAAAABdE/ktvkWI4WklQ/s1600/lipstick-lead.jpg

फैशनेबल महिलाएँ जरा सावधान हो जाएँ ! आपके होठों पर जहरीले धातुओं का मिश्रण है :......

अमेरिका की कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी के पब्लिक हेल्थ ऑफ बार्कले स्कूल के अनुसंधानकर्ताओं कई प्रमुख ब्रांडों की लिपस्टिकों पर शोध किया। शोधकर्ताओं का कहना है कि इन सौंदर्य प्रसाधनों में सिर्फ घातक धातुएँ ही नहीं पाई गई बल्कि दैनिक उपयोग में लिपस्टिक का इस्तेमाल जितना अधिक होता है उस लिहाज से इससे होने वाला खतरा और बढ़ जाता है। प्रमुख शोधकर्ता और पर्यावरण स्वास्थ्य विज्ञान के प्रोफेसर एस कैथरीन हामंड ने बताया कि लिपस्टिक में इन घातक धातुओं का मिलना ही केवल मुद्दा नहीं है बल्कि इनका अत्यधिक इस्तेमाल शरीर और स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है।

गुड मॉर्निंग अमेरिका पत्रिका द्वारा कराए गए इस अध्ययन में 22 लिपस्टिक ब्रांडों को शामिल किया था। इनमें 55 प्रतिशत लिपस्टिकों में जहरीले तत्वों की निहित मात्रा पाई गई। अंडरराइटर्स प्रयोगशाला में की गई जांच में 12 लिपस्टिक उत्पादों में सीसा पाया गया :.........

Dr.Shree Vijay
19-08-2014, 05:29 PM
सावधान! जानलेवा है होठों की लाली ?.........

http://www.aajkikhabar.com/hindi/uploads/images/300x300/Lipstick_144305.jpg

फैशनेबल महिलाएँ जरा सावधान हो जाएँ ! आपके होठों पर जहरीले धातुओं का मिश्रण है :......

इनमें सीसा का उच्चतम स्तर पाया गया। बोस्टन सीसा विषाक्तता रोकथाम कार्यक्रम के चिकित्सा निर्देशक डॉक्टर्स ने चेतावनी देते हुए कहा कि सीसे की कम मात्रा के संपर्क में आने से भी स्वास्थ्य सम्बंधी गंभीर खतरे पैदा हो सकते हैं और इससे मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है ।

कुछ घातक धातु तो इतनी अधिक मात्रा में पाई गई कि इनका दुष्प्रभाव सारी जिंदगी रहता है। उन्होंने कहा कि इन धातुओं का लिपस्टिक और लिप ग्लॉसों में मिलना इसलिए भी और घातक है क्योंकि इन्हें किसी टिश्यू से सोखा नहीं जाता, और ना ही इन्हें किसी डिजाइन की तरह त्वचा पर इस्तेमाल किया जाता है। लिपस्टिक का इस्तेमाल होठों की खूबसूरती बढ़ाने के लिए होता है और ये सीधे-सीधे मुँह के जरिए पेट में चली जाती हैं :.........

Dr.Shree Vijay
19-08-2014, 05:31 PM
सावधान! जानलेवा है होठों की लाली ?.........

http://www.latthamlattha.com/wp-content/uploads/2014/06/red-lipistic.bmp

फैशनेबल महिलाएँ जरा सावधान हो जाएँ ! आपके होठों पर जहरीले धातुओं का मिश्रण है :......

अनुसंधानकर्ताओं ने लिपस्टिक के उपयोग का पैमाना बनाते हुए कहा कि अगर आप प्रतिदिन औसत मात्र में भी लिपस्टिक लगाते हैं तो आप प्रतिदिन 24 मिलीग्राम लिपस्टिक अंजाने में ही पेट के अंदर गटक लेते हैं। जो लोग प्रतिदिन लिपस्टिक लगाने के बाद बार-बार उसे ठीक करने के लिए लगाते ही रहते हैं, वह सबसे बड़े खतरे के शिकार हो सकते हैं। चूंकि उनके पेट में प्रतिदिन 87 मिली ग्राम लिपस्टिक चली जाती है ।

आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली लिपस्टिक में सबसे ज्यादा क्रोमियम पाया गया जिसकी अधिकता से पेट में ट्यूमर तक हो सकता है। इन उत्पादों का अत्यधिक इस्तेमाल करने पर एल्यूमिनियम, कैडमियम और मैग्नीशियम की भी भारी मात्रा शरीर में चली जाती है। लंबे समय तक अत्यधिक मात्रा में मैग्नीशियम शरीर में जाने से आपका स्न्नायु तंत्र प्रभावित हो सकता है। 24 उत्पादों में सीसा (लेड) मिला ।

हालांकि लिपस्टिक का छोटे बच्चों के इस्तेमाल करने पर सीसे का भयंकर दुष्प्रभाव उन पर होगा :.........

rajnish manga
19-08-2014, 07:59 PM
हर व्यक्ति और खास तौर पर लिपस्टिक का प्रयोग करने वाली माहिलाओं के लिये जरुरी जानकारी. स्वास्थ्य के क्षेत्र में अच्छे अपडेट्स.

Dr.Shree Vijay
21-08-2014, 06:24 PM
हर व्यक्ति और खास तौर पर लिपस्टिक का प्रयोग करने वाली माहिलाओं के लिये जरुरी जानकारी. स्वास्थ्य के क्षेत्र में अच्छे अपडेट्स.


प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए आपका हार्दिक आभार.........

Dr.Shree Vijay
21-08-2014, 06:34 PM
सावधान! बैक्टीरिया रोधी साबुन बिगाड़ सकता है आपकी सेहत ?.........

http://hindi.pardaphash.com/uploads/images/660/159520.jpg

न्यूयॉर्क :......

बैक्टीरिया रोधी यानी एंटीबैक्टीरियल साबुन से हाथ धोते हैं, रुकिए! इससे आपकी सेहत बिगड़ सकती है। भले ही इस बात पर आपको आश्चर्य हो, लेकिन हालिया अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है। एक चौंकाने वाले अध्ययन के दौरान इस बात का खुलासा हुआ है कि बैक्टरीरिया रोधी साबुन में कुछ ऐसे रसायन होते हैं, जो गर्भ में पल रहे शिशुओं और नवजातों के शारीरिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।

'ट्राइक्लोसन' नामक एंटीबैक्टीरियल एजेंट साबुन, कॉस्मेटिक्स, कुछ ब्रांड के टूथपेस्ट और कील मुहांसे खत्म करने वाले क्रीम समेत हजारों तरह के उपभोक्ता उत्पादों में पाया जाता है। ट्राइक्लोसन के प्रभाव की समीक्षा फिलहाल यूएस फूड एंड ड्रग एसोसिएशन (एफडीए) के अधीन है। शोधकर्ताओं के मुताबिक ट्राइक्लोसन स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है।

अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में मेडिसिन के प्रोफेसर पाउल ब्लैंक ने कहा, "रोगाणुरोधी साबुन इस्तेमाल करने में कई तरह के जोखिम हो सकते हैं। हमारे अध्ययन के दौरान यह बात सामने आई है कि लोग अपने कार्यस्थल और घर पर इस रसायन का अवशोषण करते हैं।"

ब्लैंक बिना ट्राइक्लोसन वाले साबुन का इस्तेमाल करने का सुझाव देते हैं। ब्लैंक कहते हैं कि यदि कोई साबुन जिसमें ट्राइक्लोसन न हो, उसका इस्तेमाल बेहतर है। अगर न हो, तो सादा साबुन और पानी बेहतर विकल्प है। यह अध्ययन पत्रिका 'ऑक्यूपेशनल एंड इन्वॉयरमेंटल मेडिसिन' में प्रकाशित हुआ है :.........

Dr.Shree Vijay
22-08-2014, 04:43 PM
सावधान! 'मुथूट फाइनेंस' में आप भी गोल्ड लोन लेने की सोच रहे हैं तो ?.........

http://hindi.pardaphash.com/uploads/images/660/158784.jpg

लखनऊ :......

यदि आप भी गोल्ड लोन का कारोबार करने वाली भारत की सबसे बड़ी कंपनी मुथूट फाइनेंस में सोने के एवज में कर्ज लेने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि सोने के आभूषणों की सुरक्षा को पहली प्राथमिकता देने वाली कंपनी वह कर रही है जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे| जी हाँ इस कंपनी में ग्राहकों द्वारा रखे गए जेवरों से कटिंग की जा रही है| यह सुनकर आपको थोड़ा अजीब जरूर लग रहा होगा लेकिन यह सच है| इसका खुलासा तब हुआ जब एक ग्राहक ने अपना सारा लोन चुकाने के बाद अपने जेवरात वापस मांगे। ग्राहक ने गोमतीनगर थाने में मुथूट कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया है|

प्राप्त जानकारी के अनुसार, चिनहट के इस्माइलगंज निवासी वकील अखंड प्रताप सिंह को कुछ रुपयों की जरुरत थी तो उन्होंने जानी मानी गोल्ड फाइनेंस कंपनी मुथूट फाइनेंस की पत्रकारपुरम गोमतीनगर शाखा में संपर्क किया| 5 दिसम्बर 2012 को 12 लाख रुपये के जेवरात गिरवी रखकर उन्होंने 8 लाख 71 हजार रुपये का लोन लिया| वे नियमानुसार समय से अपनी सारी किश्ते भी चुकाते रहे। पिछले शनिवार को जब वे अपनी किश्त जमा करने शाखा पहुंचे तो देखा कि वहां एक ग्राहक से फाइनेंस कर्मचारियों का झगड़ा हो रहा था। पता चला कि उसके जेवरों में कटिंग की गई है।

इस पर अखंड को भी शक हुआ तो उन्होंने भी बैंक कर्मचारी को अपने जेवरात चेक करवाने के लिए कहा| इस पर कर्मचारी जेवरात दिखाने के बजाय अखंड से पूरा लोन चुकाने की बात कही| अब अखंड का शक यकीन में बदल गया। उन्होंने जल्द से रुपयों का इंतजाम किया और कंपनी का सारा लोन चुका दिया। उसके बाद मुथूट के कर्मचारियों ने गिरवी रखी गई जेवरात वापस कर दी। अखण्ड प्रताप के मुताबिक, उन्होंने जेवरात चेक की तो उसमें कई जगह कटिंग की गई थी। यह देख कर वह सन्न रह गए। उन्होंने इस सम्बन्ध में मुथूट के रीजनल मैनेजर ओपी श्रीवास्तव से शिकायत की तो वह झगड़ पड़े|

पीड़ित का कहना है कि उसके बाद वह गोमतीनगर थाने में मुथूट फाइनेंस कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत लेकर गया तो पुलिस मामला दर्ज करने के बजाय समझौता करवाने लगी| बाद में जब वह अपनी बात पर अड़ा रहा तो उसकी रिपोर्ट तो दर्ज कर ली गई लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इस मामले को लेकर गोमतीनगर थाना प्रभारी आरपी यादव के मुताबिक आरोप काफी गंभीर हैं। रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच की जा रही है। वहीँ, अखंड का कहना है कि मुथूट फाइनेंस में हजारों लोगों ने सोने के एवज में कर्ज ले रखा है। यह कंपनी जेवरों को बंधक रखकर लोन मुहैया कराती है। करोड़ों रुपये के जेवरात का भंडार है। आशंका है कि सभी ग्राहकों के जेवरों में थोड़ी थोड़ी कटिंग की गई होगी। या फिर असली बदलकर नकली रखे जाने का भी शक है। पुलिस मामले की सही तरीके से जांच करे तो बड़े घोटाले का पर्दाफाश हो सकता है :.........


साभार :......... (http://hindi.pardaphash.com/news/--764376/764376.html#.U_cuQMWSxA0)

Suraj Shah
22-08-2014, 09:50 PM
बेहद जरूरी और उपयोगी जानकारी हें

soni pushpa
24-08-2014, 08:28 PM
eisi jankariyan kai logo ko kai tarah ke nuksanhone se bacha sakti hai.
bahut bahut dhanywad dr shree vijay ji

rafik
25-08-2014, 10:15 AM
उपयोगी जानकारी

Dr.Shree Vijay
31-08-2014, 12:52 PM
बेहद जरूरी और उपयोगी जानकारी हें



eisi jankariyan kai logo ko kai tarah ke nuksanhone se bacha sakti hai.
bahut bahut dhanywad dr shree vijay ji

उपयोगी जानकारी



http://www.orkugifs.com/en/images/thanks-for-the-comment_1457.gif

Swati M
08-09-2014, 07:23 PM
महत्वपूर्ण जानकारिया

Dr.Shree Vijay
08-09-2014, 11:08 PM
सावधान! रिफाइंड तेल से ह्नदय रोग, मधुमेह व कैंसर हो सकता है ?

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=32518&stc=1&d=1389531311

हमारे भोजन में सात प्रमुख तत्व माने गए हैं। ये हैं प्रोटीनए कार्बोहाइट्रेडए वसाए खनिज तत्वए विटामिन्सए फाइबर व जल। अर्थात् वसा हमारे लिए बहुत जरूरी है। वसा का मुख्य स्रोत्र तेलए घी और मक्खन है। लेकिन आजकल अखाद्य बीजों से तेल निकाल कर उसको रिफाइन्ड कर खाने योग्य बनाया जाता है।

रिफाइंन्ड तेल दिखता साफ हैए स्वादिष्ट भी होता है परन्तु शीघ्र आक्सीकृत हो जाता है जिससे शरीर में कैंसर फैलाने वाले हानिकारक पदार्थ जैसे ऐक्रिलेमाइडए एचण्एनण्ईण्ए फ्री रेडिकल आदि बनते हैं।

W अर्थात् तेल को रिफाइन्ड करने के उपक्रम में बहुत से घातक रसायन इसमे जुड़ जाते है यद्यपि इनको वापिस निकाल दिया जाता है लकिन 100 प्रतिशत इनको बाहर नहीं निकाला जा सकता है। आयुर्वेद में जैसा कि दवा को क्षमता संवर्धन हेतु भाप दी जाती है या सफाई की जाती है। इसी तरह इस तेल के साथ कुछ घातक रसायन इसमें आ जाते है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

जर्मन वसा वैज्ञानिक डॉ. बुडविग ने तो बताया है कि इनसे कैंसर तक होता है।प्रसिद्ध डॉ. योहाना बुडविज मूलतः वसा विशेषज्ञ थी जिन्होंने पेपर क्रोमेटोग्राफिक तकनीक विकसित की थी। डॉ. बुडविग के अनुसार रिफाईन्ड तेल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

केनेडियन तेल विशेषज्ञ ऊडो इरेसमस की पुस्तक ष्ष्फेट्स देट हील फेट्स देट किलष्ष् बताती है कि परिष्कृत तेल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। रिफाइंड तेल में मधुमेहए हृदय रोग व कैंसर पैदा करने वाले घातक तत्व होते है :.........

Dr.Shree Vijay
08-09-2014, 11:12 PM
सावधान! रिफाइंड तेल से ह्नदय रोग, मधुमेह व कैंसर हो सकता है ?

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=32519&stc=1&d=1389531311

हारवर्ड हेल्थ पब्लिक स्कूल के शोध से साबित हुआ है कि अमेरिका में कम से कम तीस हजार से ज्यादा लोगों की मृत्यु प्रतिवर्ष मारक वसा के सेवन से हो जाती है।डॉण् बुजविग खाने की वस्तुओं की सभी प्रोसेगिंग के विरूद्ध थी। प्रोसेगिंग में खाद्य पदार्थ को सड़ने.गलने से बचाने तरह की रसायनिक ट्रीटमेन्ट करते हैं। उक्त रसायन भोजन के साथ शरीर में जाकर नुकसान करते है।

परिष्करण के उपक्रम में भोजन के खराब होने की अवधि तो बहुत बढ़ जाती है लेकिन उसमें से अच्छे तत्व नष्ट हो जाते हैं व घातक रसायन उसमें जुड़ जाते हैं।तेलों का परिष्करण एक आधुनिक तकनीक है। रिफाइन करने कि प्रक्रिया में मुक्त फैटी एसिडए फोस्फोलिपिड और प्राकृतिक एन्टीऑक्सिडेन्ट्स को अलग करने के लिए घातक रसायन कास्टिक सोड़ा यानि सोडियम हाइड्रोक्साइड मिलाया जाता है।

इसका थोड़ा सा अंश भी तेल में बचा रहेगा तो यह हमारे स्वास्थ्य को कितना नुकसान करेगा। स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद ये पदार्थ क्यों निकाले जाते हैं क्योंकि ये जल्दी खराब हो जाते हैं और तेल में दुर्गंध देने लगते हैं। निर्माता कोई जोखिम नहीं लेना चाहता है। वह तो चाहता है कि तेल की ज्यादा से ज्यादा शैल्फ लाइफ हो और वह दुर्गंध रहित लंबे समय तक दूकानों की शैल्फों में सजा रहे और बिकने में कोई दिक्कत न आये।

बीजों में कई प्राकृतिक तत्व जैसे फोस्फेटाइड्सए लेसीथिनए क्लोरोफिलए बीटा केरोटीन आदि होते हैं जों कॉलेस्ट्रोल कम करते हैंए रक्तचाप नियंत्रित रखते हैंए कैंसररोधी होते हैंए पाचन क्रिया में सहायक होते हैंए यकृत व पित्त की थैली के ठीक से कार्य करने में सहायक होते हैंए दृष्टि ठीक रखते हैंए बुद्धिमत्ता बढ़ाते हैं और प्रदाह.रोधी होते हैं। बीजों में प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेन्ट भी होते हैं जो तेलों को खराब होने से बचाते हैं। इन्हीं क्लोरोफिल और बीटा केरोटीन को निकालने और तेल को रंगहीन बनाने के लिए तेल में ब्लीचिंग क्लेज मिलाई जाती हैं।

तेल में से फोस्फेटाइड्स और लेसीथिन को निकालने के लिए ;डीगमिंग करने के लिएद्ध फोस्फोरिक एसिड का प्रयोग किया जाता है। गंधहीन बनाने के लिए तेल को 460 से 520 डिग्री सेल्सियस पर गर्म किया जाता है जिससे एरोमेटिक तेलए मुक्त फैटी एसिड दुर्गन्ध देने वाले तत्व अलग हो जाते हैं। इसके बाद तेल में कृत्रिम एन्टीऑक्सीडेन्टए प्रिजर्वेटिव और स्टेबिलाइजर मिलाये जाते हैं। ये सब हमारे स्वास्थ्य का बैंड बजाने के लिए काफी हैं :.........

Dr.Shree Vijay
08-09-2014, 11:17 PM
सावधान! रिफाइंड तेल से ह्नदय रोग, मधुमेह व कैंसर हो सकता है ?

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=32520&stc=1&d=1389531311

रिफाइंनिंग हेतु तिलहन को 200-500 डिग्री सेल्सेयस के बीच कई बार गरम किया जाता है। घातक पैट्रोलियम उत्पाद हेग्जेन का प्रयोग बीजों से 100% तेल निकालने के लिए किया जाता है। कई घातक रसायन कास्टिक सोड़ा, फोसफेरिक एसीड, ब्लीचिंग क्लेंज आदि मिलाए जाते है ताकि निर्माता हानिकारक व खराब बीजों से भी तेल निकाले तो उपभोक्ता को उसको पता न चले।

इसलिए इन तेलों को गन्ध-रहित, स्वाद-रहित व पारदर्शी बनाया जाता है। रिफाइंड, ब्लीच्ड एवं डिओडोराइन्ड की प्रक्रिया में तेल के अच्छे तत्व समाप्त हो जाते है व घातक जहर घुल जाते है। तभी तो ऐसे तेल को तकनीकी भाषा में चीप कर्मशीयल आर बी डी ऑयल कहते हैं।

मिनेसोटा विश्वविद्यालय के भोजन और पोषण रसायन विभाग की प्राचार्य डॉ. सेलेनी की शोध के अनुसार तेल को 200 डिग्री से 225 डिग्री पर आधे घंटे तक गर्म करने से उसमें एचएनई नामक बहुत ही टोक्सिक पदार्थ बनता है। यह लिनोलिक एसिड के ऑक्सीकरण से बनता है और उत्तकों में प्रोटीन और अन्य आवश्यक तत्वों को क्षति पहुँचाता है। यह ऐथेरास्क्लिरोसिस, स्ट्रोक, पार्किसन, एल्जाइमर रोग, यकृत रोग आदि का जनक माना जाता है।

डॉक्टर बुडविग तलने के लिए बहुअसंत्रप्त तेल प्रयोग करने के विरुद्ध थी। संतृप्त वसा को गर्म करने पर ऑक्सीकृत नहीं होते हैं और इसलिए गर्म करने पर उनमें एचएनई भी नहीं बनते हैं। इसलिए घी, मक्खन और नारियल का तेल कई दशकों से मानव स्वास्थ्य को रोगग्रस्त करने की बदनामी झेलने के बाद आज कल पुनः आहार शास्त्रियों के चेहते बने हुए हैं। अब तो मुख्य धारा के बड़े-बड़े चिकित्सक भी स्वीकार कर चुकें हैं कि शरीर में ओमेगा 3 और ओमेगा 6 का अनुपात सामान्य (1:1 या 1:2) रखना आवश्यक है।

गृहणियों को खाना बनाने के लिए रिफाइंड तेल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। कच्ची घाणी से निकला तेल ही अच्छा माना जाता है। हमें कच्ची घाणी से निकला नारियल तेल, सरसों या तिल का तेल काम में लेना चाहिए। ये तेल हानिकारक नहीं होते है।

जैतून का तेल भी बढि़या होता है जो हमारे यहाँ बहुत मंहगा मिलता है। मूंगफली का तेल अच्छा माना जाता है। मित्रों, इस सम्बन्ध में आपको विशेष जानकारी हो तो आप इसमें जोड़ कर स्वास्थ्य संरक्षण के यज्ञ में आहुति दें :.........

Dr.Shree Vijay
02-10-2014, 12:05 PM
सावधान! रेलवे की वेबसाइट पर निकली है 11 हजार भर्तियां,
भरने के पहले पढ़ें यह खबर!.........

http://i10.dainikbhaskar.com/thumbnail/655x588/web2images/www.bhaskar.com/2014/09/21/6185_3.jpg

(प्रतीकात्मक फोटो)

खंडवा/इंदौर :......

रेलवे भर्ती बोर्ड भोपाल की फर्जी वेबसाइट बनाकर शातिर बदमाशों ने 11814 पदों पर भर्ती निकाल दी। ऑनलाइन भरे जा रहे प्रत्येक फार्म पर अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवारों से 500 आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों से 300 रुपए शुल्क लिया जा रहा है।

खंडवा शहर और जिले के एक हजार से ज्यादा और प्रदेश में अब तक 10 हजार 500 ज्यादा उम्मीदवारों ने ऑनलाइन फार्म भी भर दिए। 20 दिन पहले शहर के कियोस्क सेंटरों पर भर्ती संबंधी नोटिस चस्पा हुए थे। इसके बाद से ही फर्जी वेबसाइट पर युवा ऑनलाइन आवेदन करने पहुंचने लगे। रेलवे बोर्ड भोपाल के अफसरों को इस फर्जी वेबसाइट का पता चला तो उन्होंने तत्काल अपनी वेबसाइट पर महत्वपूर्ण नोटिस चलाकर एफआईआर दर्ज कराने की बात कही :.........

दैनिक भास्कर के सौजन्य से : (http://www.bhaskar.com)

Dr.Shree Vijay
02-10-2014, 12:07 PM
सावधान! रेलवे की वेबसाइट पर निकली है 11 हजार भर्तियां,
भरने के पहले पढ़ें यह खबर!.........

http://i10.dainikbhaskar.com/thumbnail/655x588/web2images/www.bhaskar.com/2014/09/21/6191_5.jpg

(प्रतीकात्मक फोटो)

खंडवा/इंदौर :......

शहर के प्रत्येक सायबर कैफे और कियोस्क सेंटर पर हर रोज औसतन 20 युवा फर्जी वेबसाइट पर ऑनलाइन फार्म भरने पहुंच रहे हैं। इस फर्जी वेबसाइट का पता तब चला जब एक स्थानीय कियोस्क सेंटर पर कुछ युवा फार्म भरने पहुंचे। इन्होंने रेलवे की अधिकृत वेबसाइट खोली, लेकिन रिक्रूटमेंट का विज्ञापन नहीं था। युवाओं ने बताया खंडवा टाइपिंग सेंटर पर रेलवे भर्ती का विज्ञापन लगा है। इसमें टिकट कलेक्टर, खलासी, हेल्पर, ट्रैकमैन के पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन मंगवाए गए थे। सभी पदों के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता केवल 10वीं उत्तीर्ण है :.........

दैनिक भास्कर के सौजन्य से : (http://www.bhaskar.com)

Dr.Shree Vijay
02-10-2014, 12:12 PM
सावधान! रेलवे की वेबसाइट पर निकली है 11 हजार भर्तियां,
भरने के पहले पढ़ें यह खबर!.........

http://i10.dainikbhaskar.com/thumbnail/655x588/web2images/www.bhaskar.com/2014/09/21/6176_1.jpg

(प्रतीकात्मक फोटो)

खंडवा/इंदौर :......

रेलवे ने जारी किया नोटिस : रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड ने अपनी वेबसाइट पर महत्वपूर्ण नोटिस जारी किया है। इसमें फर्जी वेबसाइट से बचने के लिए कहा गया है। संपर्क के लिए रेलवे ने नंबर दिए हैं। हालांकि, वेबसाइट के अलावा अब तक सार्वजनिक रूप से कोई सूचना नहीं दी गई है।

दर्ज कराएंगे एफआईआर : फर्जी वेबसाइट की पुलिस को शिकायत की है। एफआईआर दर्ज करने को कहा है। वेबसाइट झूठी है। रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड ने कोई विज्ञापन जारी नहीं किया है। - बीएस त्रिपाठी, ओएस,रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड भोपाल :.........

दैनिक भास्कर के सौजन्य से : (http://www.bhaskar.com)

Dr.Shree Vijay
02-10-2014, 12:15 PM
सावधान! रेलवे की वेबसाइट पर निकली है 11 हजार भर्तियां,
भरने के पहले पढ़ें यह खबर!.........

http://i10.dainikbhaskar.com/thumbnail/655x588/web2images/www.bhaskar.com/2014/09/21/6182_2.jpg

(प्रतीकात्मक फोटो)

खंडवा/इंदौर :......

ऐसी है फर्जी वेबसाइट :
{ रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड पश्चिम मध्य रेल की हू-ब-हू।
{ यूआरएल (यूनिवर्सल रिसोर्स लोकेटर) www.rrbbpl.org है।
{ राष्ट्रीय चिह्न के नीचे कॉन्टैक्ट नंबर नहीं है।
{ रिक्रूटमेंट नोटिस जारी किया है।

ऐसी है असली वेबसाइट :
{ यूआरएल www.rrbbpl.nic.in है
{ वर्तमान में रिक्रूटमेंट का कोई नोटिस नहीं है।
{ राष्ट्रीय चिह्न के नीचे कॉन्टैक्ट अस लिखा है, जिस पर क्लिक करने पर फोन नंबर जाएंगे :.........

दैनिक भास्कर के सौजन्य से : (http://www.bhaskar.com)

Dr.Shree Vijay
11-10-2014, 12:17 PM
सावधान! आप ठगे जाते हैं पेट्रोल पम्प पर,
बच सकते हैं इन 10 टिप्स से !.........

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33341&stc=1&d=1413011833

(प्रतीकात्मक फोटो)

मीटर रीडिंग :......

कई बार आप पेट्रोल भरवाने गए और मीटर नहीं देखा। हो सकता है मीटर में पहले से कोई फीगर रन कर रहा हो और आपको उसी फीगर के आगे से पेट्रोल मिले। यानि की अगर मीटर में पहले से 50 रूपए का फीगर चल रहा है तो आपको 50 रूपए का नुकसान तय है। पेट्रोल भरने वाले से पहले उस फिगर को जीरो करने को बोले :.........

पत्रिका के सौजन्य से : (http://www.patrika.com/)

Dr.Shree Vijay
11-10-2014, 12:19 PM
सावधान! आप ठगे जाते हैं पेट्रोल पम्प पर,
बच सकते हैं इन 10 टिप्स से !.........

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33342&stc=1&d=1413011833

(प्रतीकात्मक फोटो)

जीरो देखा की नहीं :......

हो सकता है आपको बातों में लगाकर पेट्रोल पम्पकर्मी जीरो तो दिखाए, लेकिन मीटर में आपके द्वारा मांगा गया पेट्रोल का मूल्य नहीं सेट करे। आजकल सभी पेट्रोल पम्प पर डीजीटल मीटर होते हैं। इनमें आपके द्वारा मांगा गया पेट्रोल फीगर और मूल्य पहले ही भरा जाता है। इससे पेट्रोलपम्प कर्मी की मनमानी और चीटिंग करने की गुजांइश बेहद कम हो जाती है :.........

पत्रिका के सौजन्य से : (http://www.patrika.com/)

Dr.Shree Vijay
11-10-2014, 12:22 PM
सावधान! आप ठगे जाते हैं पेट्रोल पम्प पर,
बच सकते हैं इन 10 टिप्स से !.........

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33343&stc=1&d=1413011833

(प्रतीकात्मक फोटो)

रीडिंग हो इससे स्टार्ट :......

पेट्रोल पम्प मशीन में जीरो फीगर तो आपने देख लिया, लेकिन रीडिंग स्टार्ट किस फीगर से हुई। सीधे 10, 15 या 20 से। मीटर की रीडिंग कम से कम 3 से स्टार्ट हो। अगर 3 से ज्यादा अंक पर जम्प हुआ तो समझो आपका नुकसान भी उतना ही होगा :.........

पत्रिका के सौजन्य से : (http://www.patrika.com/)

Dr.Shree Vijay
11-10-2014, 12:23 PM
सावधान! आप ठगे जाते हैं पेट्रोल पम्प पर,
बच सकते हैं इन 10 टिप्स से !.........

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33344&stc=1&d=1413011833

(प्रतीकात्मक फोटो)

मीटर चला रहा तेज :......

आपने पेट्रोल आर्डर किया और मीटर बेहद तेज चल रहा है, तो समझिए कुछ गड़बड़ है। पेट्रोलपम्पकर्मी को मीटर की स्पीड नार्मल करने को कहे। हो सकता है तेज मीटर चलने से आपकी जेब कट रही हो :.........

पत्रिका के सौजन्य से : (http://www.patrika.com/)

Dr.Shree Vijay
11-10-2014, 12:30 PM
सावधान! आप ठगे जाते हैं पेट्रोल पम्प पर,
बच सकते हैं इन 10 टिप्स से !.........

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33345&stc=1&d=1413011833

(प्रतीकात्मक फोटो)

कब भरवा रहे हैं पेट्रोल :......

आप पेट्रोल कब भरवा रहे हैं, यह पहलू भी महत्वपूर्ण है। अगर आप दोपहर को पेट्रोल भरवा रहे हैं तो आपका फायदा कम होगा। सुबह और रात में पेट्रोल भरवाने में आप उसी पैसे में ज्यादा फायदा ले सकते हैं। पेट्रोल पम्प पर पेट्रोल को स्टोर करने के लिए थोड़ी दूर पर टैंक बनाया जाता है। यह जमीन से 4 से 6 मीटर नीचे बनाया जाता है। यहां स्टोर पेट्रोल को गर्म होने में गर्मी दोपहर में ही मिलती है।

इसका मतलब है कि सुबह और रात को तापमान कम रहता है और पेट्रोल जमा हुआ रहता है। और जब आप सुबह/रात में पेट्रोल भरवाते हैं तो आपको उसी पैसे में प्वांइट-टू-प्वाइंट पेट्रोल मिलता है और आपका माइलेज ज्यादा रहता है। जबकि दोपहर में पेट्रोल का घनत्व फैलता है और आपको कम पेट्रोल मिलता है :.........

पत्रिका के सौजन्य से : (http://www.patrika.com/)

Dr.Shree Vijay
11-10-2014, 12:39 PM
सावधान! आप ठगे जाते हैं पेट्रोल पम्प पर,
बच सकते हैं इन 10 टिप्स से !.........

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33347&stc=1&d=1413011833

(प्रतीकात्मक फोटो)

सूने पम्प पर न जाएं :......

हमेशा पेट्रोल उसी पम्प से भरवाएं जहां कुछ लोग पेट्रोल लेने के लिए मौजूद हों। अगर आप सूने पेट्रोल पम्पों पर पेट्रोल भरतवाते हैं, तो आपको पेट्रोल कम मिल सकता है। ध्यान रखें, अगर आप सूनी पेट्रोल पम्प मशीन से पेट्रोल ले रहे हैं तो, नोजॅल में पेट्रोल आने से पहले वाली हवा आपकी गाड़ी की टंकी में भर जाए और आपको कुछ प्वाइंट्स का नुकसान हो जाए :.........

पत्रिका के सौजन्य से : (http://www.patrika.com/)

Dr.Shree Vijay
11-10-2014, 12:42 PM
सावधान! आप ठगे जाते हैं पेट्रोल पम्प पर,
बच सकते हैं इन 10 टिप्स से !.........

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33346&stc=1&d=1413011833

(प्रतीकात्मक फोटो)

डिजीटल मीटर वाले पम्प पर ही जाएं :......

देश में लगातार पुरानी पेट्रोल पम्प मशीनें हटाई जा रहीं हैं और डीजीटल मीटर वाले पम्प इंस्टाल किए जा रहे हैं। आपभी ध्यान रखें, हमेशा डीजीटल मीटर वाले पेट्रोल पम्प से ही पेट्रोल/डीजल भरवाएं। पुरानी पेट्रोल पम्प मशीनों में कम पेट्रोल भरे जाने की पूरी संभावना रहती है :.........

पत्रिका के सौजन्य से : (http://www.patrika.com/)

Dr.Shree Vijay
11-10-2014, 12:43 PM
सावधान! आप ठगे जाते हैं पेट्रोल पम्प पर,
बच सकते हैं इन 10 टिप्स से !.........

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33348&stc=1&d=1413011833

(प्रतीकात्मक फोटो)

रिजर्व से पहले भरवाएं पेट्रोल :......

बहुत कम लोगों को पता है कि खाली टैंक में पेट्रोल भरवाने से नुकसान होता है। इसका कारण है कि जितना खाली आपका टैंक होगा, उतनी ही हवा टैंक में मौजूद रहेगी। ऎसे मे आप पेट्रोल भरवाते हैं, तो हवा के कारण पेट्रोल की मात्रा कम मिलेगी। इसलिए कम से कम टैंक के रिजर्व तक आने का इंतजार नहीं करें। आधा टैंक हमेशा भरा रखें :.........

पत्रिका के सौजन्य से : (http://www.patrika.com/)

Dr.Shree Vijay
11-10-2014, 12:45 PM
सावधान! आप ठगे जाते हैं पेट्रोल पम्प पर,
बच सकते हैं इन 10 टिप्स से !.........

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33349&stc=1&d=1413011833

(प्रतीकात्मक फोटो)

रूक-रूक कर चल रहा मीटर :......

अक्सर आपने देखा होगा कि पेट्रोल भरने के समय मीटर बार-बार रूक जाता है। लेकिन इसी तरह रूक-रूक कर आपको मांगा गया पेट्रोल दे दिया जाता है। खबरदार, ऎसे पेट्रोल पम्प में खराबी होती है। बार-बार रूकने से आपको कई प्वाइंट्स का नुकसान होता है :.........

पत्रिका के सौजन्य से : (http://www.patrika.com/)

Dr.Shree Vijay
11-10-2014, 12:46 PM
सावधान! आप ठगे जाते हैं पेट्रोल पम्प पर,
बच सकते हैं इन 10 टिप्स से !.........

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33350&stc=1&d=1413011833

(प्रतीकात्मक फोटो)

स्टाइल छोड़ें, उतरें कार से :......

अधिकांश लोग जब अपनी कार में पेट्रोल/डीजल भरवाते हैं तो गाड़ी से नीचे नहीं उतरते हैं। इसका फायदा उठाते हैं पेट्रोलपम्पकर्मी। पेट्रोल भरवाते समय कार से उतरें और मीटर के पास खड़े हों और सेल्सकर्मी की सारी गतिविधियों को देखें। इससे आपके साथ चीटिंग होने के मौके बेहद कम हो जाते हैं :.........

पत्रिका के सौजन्य से : (http://www.patrika.com/)

kuki
11-10-2014, 02:13 PM
धन्यवाद ,इतनी जानकारी देने के लिए।

Dr.Shree Vijay
12-10-2014, 04:54 PM
सावधान! कैंसर का मरीज भी बना सकता है
गोलगप्पों का पानी !.........

http://i10.dainikbhaskar.com/thumbnail/655x588/web2images/www.bhaskar.com/2014/10/09/5718_1.jpg

(वडोदरा फूड विभाग ने शहर के सैकड़ों पानीपुरी के ठेलों पर की कार्रवाई)

वडोदरा (गुजरात) :......

पानीपुरी यानी कि गोलगप्पों का नाम सुनते ही मुंह में पानी आने लगता है, लेकिन आप यह जानकर चौंक उठेंगे कि यह सिर्फ लीवर के लिए ही नुकसानदायक नहीं, बल्कि इससे कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी भी हो सकती है। जी हां, अधिकतर पानीपुरी वाले इसके पानी में कलर और बासी मावे का भी उपयोग करते हैं।

वडोदरा के फूड विभाग ने शहर के सैकड़ों पानीपुरी के ठेलों पर लगातार 10 दिनों तक छापेमारी की कार्रवाई करते हुए इस बात का खुलासा किया है। जांच में यह भी पाया गया कि पानीपुरी का पानी भी शुद्ध नहीं होता, वहीं इसमें पुदीने की जगह सिंथेटिक कलर का उपयोग किया जाता है। इसीलिए इसके अधिक सेवन से पेट और आंतों पर पड़ता है। आंतों पर पड़ने वाला यह असर कैंसर जैसी घातक बीमारी का भी कारण बन सकता है :.........

दैनिक भास्कर के सौजन्य से : (http://www.bhaskar.com)

Dr.Shree Vijay
12-10-2014, 04:57 PM
सावधान! कैंसर का मरीज भी बना सकता है
गोलगप्पों का पानी !.........

http://i10.dainikbhaskar.com/thumbnail/655x588/web2images/www.bhaskar.com/2014/10/09/5721_2.jpg

(वडोदरा खाद्य विभाग के अधिकारियों ने गोलगप्पों के हानिकारक पानी को नष्ट करवाया)

वडोदरा (गुजरात) :......

आमतौर पर एक व्यक्ति 100 मिली पानीपुरी का सेवन करता है। ज्यादातर दुकानदार पानीपुरी के लिए फिल्टर पानी का उपयोग नहीं करते, जो घातक रोगों का कारण बनता है। इसके अलावा पानीपुरी के पानी को ठंडा रखने के लिए बर्फ भी उपयोग में लाई जाती है। आमतौर पर फैक्ट्रियों में बनी बर्फ गंदे पानी की बनी होती है, जो पेट के संक्रमण को बढ़ाती है।

ये रोग हो सकते हैं...
- उल्टी-दस्त
- पेट दर्द
- श्वास की बीमारी
- चर्मरोग :.........

दैनिक भास्कर के सौजन्य से : (http://www.bhaskar.com)

Dr.Shree Vijay
12-10-2014, 04:59 PM
सावधान! कैंसर का मरीज भी बना सकता है
गोलगप्पों का पानी !.........

http://i10.dainikbhaskar.com/thumbnail/655x588/web2images/www.bhaskar.com/2014/10/09/5723_3.jpg

(वडोदरा खाद्य विभाग के अधिकारियों ने गोलगप्पों के हानिकारक पानी को नष्ट करवाया)

वडोदरा (गुजरात) :......

मटकों और टंकियों की नहीं होती रोजाना सफाई :
पानीपुरी वाले पानी को तीखा करने के लिए मसाले मिलाने के बजाय उसमें एसिड या ऐसी ही अन्य वस्तुएं मिला देते हैं, जो काफी हानिकारक होती हैं। इसके अलावा पानीपुरी के मटकों की रोज सफाई नहीं की जाती। दरअसल इसमें रोजाना ही पानी बचा रहता है, जिसे फेंका नहीं जाता। जो पानी शाम को बच जाता है, उसमें ही दूसरे दिन और पानी तैयार कर दिया जाता है। इससे पानी में कीटाणु पैदा हो जाते हैं और वे हमारे शरीर में जाकर बीमारियां फैलाते हैं :.........

दैनिक भास्कर के सौजन्य से : (http://www.bhaskar.com)

Dr.Shree Vijay
12-10-2014, 05:00 PM
सावधान! कैंसर का मरीज भी बना सकता है
गोलगप्पों का पानी !.........

http://i10.dainikbhaskar.com/thumbnail/655x588/web2images/www.bhaskar.com/2014/10/09/5725_4.jpg

(वडोदरा खाद्य विभाग के अधिकारियों ने गोलगप्पों के हानिकारक पानी को नष्ट करवाया)

वडोदरा (गुजरात) :......

सैकड़ों लारियों के पानी के सैंपल्स ‘अनसेफ’ आए :
खाद्य विभाग के ऑफिसर डॉ. मुकेश के बताए अनुसार शहर में सैकड़ों लारियों के पानी के सैंपल लिए गए। इन्हें लेबोरेटरी में टेस्ट किया गया। जांच किए गए लगभग 90 प्रतिशत नमूने ‘अनसेफ’ पाए गए। कई सैंपल्स में एसिड और खराब मावे की मिलावट की भी बात सामने आई। इन सैंपल्स से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पानीपुरी का अधिक सेवन करने वालों के स्वास्थ्य के लिए यह कितनी खतरनाक स्थिति है :.........

दैनिक भास्कर के सौजन्य से : (http://www.bhaskar.com)

Dr.Shree Vijay
12-10-2014, 05:01 PM
सावधान! कैंसर का मरीज भी बना सकता है
गोलगप्पों का पानी !.........

http://i10.dainikbhaskar.com/thumbnail/655x588/web2images/www.bhaskar.com/2014/10/09/5727_5.jpg

(वडोदरा खाद्य विभाग के अधिकारियों ने
पानी में मिलाए जाने वाले कलर को भी नष्ट करवाया गया)

वडोदरा (गुजरात) :......

वडोदरा स्थित गोत्री मेडिकल कॉलेज के जीएमईआरएस, एसो.प्रोफेसर (कम्युनिटी मेडिसिन) डॉ. चंद्रेश पंड्या के बताए अनुसार पानीपुरी बनाने से लेकर इसे बेचने तक की प्रोसेस में स्वच्छता का बहुत अभाव होता है। अधिकतर पानीपुरी वाले हाथों में ग्लोव्ज भी नहीं पहनते।

पानी में अधिकतर प्रतिबंधित कलर का भी उपयोग किया जाता है। एसिडिटी तो सामान्य समस्या है, 6 से 24 घंटों में आप फूड पॉयजनिंग और अधिक सेवन से एलर्जी और इसके बाद कैंसर के भी शिकार हो सकते हैं :.........

दैनिक भास्कर के सौजन्य से : (http://www.bhaskar.com)

Dr.Shree Vijay
12-10-2014, 05:04 PM
सावधान! कैंसर का मरीज भी बना सकता है
गोलगप्पों का पानी !.........

http://i10.dainikbhaskar.com/thumbnail/655x588/web2images/www.bhaskar.com/2014/10/09/5729_6.jpg

(वडोदरा खाद्य विभाग के अधिकारियों ने
पानी में मिलाए जाने वाले कलर को भी नष्ट करवाया गया)

वडोदरा (गुजरात) :......

कई लारियों से पानी में मिलाए जाने वाले कलर भी जब्त किए गए :.........

दैनिक भास्कर के सौजन्य से : (http://www.bhaskar.com)

Dr.Shree Vijay
23-06-2015, 10:48 PM
सावधान! उंगलियां चटकाना हो सकता है घातक,
जानिए क्यों? !.........

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33535&stc=1&d=1435147250

लंदन :......

अगर आप भी गाहे-बगाहे हाथ या पैर की उंगलियां चटकाने के शौकीन हैं तो हो जाइए सावधान। खाली समय की ये आदत आपको गठिया जैसे दर्दनाक बीमारी के जाल मे फंसा सकती है। ब्रिटिश के एक अंग्रेजी अखबार में इस संबंध में जारी रिपोर्ट के अनुसार उंगलियों की हडि्डयों को चटकाने की आदत गठिया का सबब बन सकती है। इस रिपोर्ट के अनुसार हमारी हडि्डयां लिगामेंट से एक दूसरे से जुड़ी होती हैं और जहां दो हडि्डयां आपस में जुड़ती हैं वह हिस्सा जोड़ कहलाता है।

जब हम उंगलियां चटकाते हैं उस समय हम वास्तव में इन जोड़ों को खींच रहे होते हैं और इस तरह हडि्डयों को एक-दूसरे से दूर खींचते हैं। ऎसे में आपस में जुड़ी हडि्डयां दूर होती हैं और जोड़ के भीतर का दबाव भी कम होता है। घुटने, कोहनी और उंगलियों के जोड़ों में एक विशेष प्रकार का द्रव पाया जाता है जो दो हडि्डयों के जोड़ पर ग्रीस के जैसे काम करता है और हडि्डयों को आपस मे रगड़ खाने से रोकता है। जोड़ों पर दबाव के कम होने से इस विशेष प्रकार द्रव में मौजूद गैस जैसे कार्बन डाई आक्साइड नए बने खाली स्थान को भरने का काम करती है और ऎसे में द्रव में बुलबुले बन जाते हैं।

जब हम जोड़ों को काफी अधिक खींचते हैं तो दबाव कम होने से यह बुलबुले फूट जाते हैं और हड्डी चटकने की आवाज आती है। एक बार जोड़ों पर बने इन बुलबुलों के फूटने के बाद द्रव में दोबारा गैस के घुलने में 15 से 30 मिनट का समय लगता है इसी कारण हाल ही में चटकाए गए जोड़ को तुरंत दोबारा चटकाने से आवाज नहीं आती। यह समझा जाता है कि जोड़ों के बार-बार खिचाव से पकड़ कमजोर हो सकती है और हडि्डयों के जोड़ पर मौजूद ऊतक नष्ट भी हो सकते हैं। :.........

पत्रिका के सौजन्य से : (http://www.patrika.com/)

Deep_
23-06-2015, 11:23 PM
आते ही विजय जी ने काम शुरु कर दिया! जानकारी के लिए धन्यवाद मित्र!

Dr.Shree Vijay
24-06-2015, 04:47 PM
आते ही विजय जी ने काम शुरु कर दिया! जानकारी के लिए धन्यवाद मित्र!






प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए आपका हार्दिक आभार.........

rajnish manga
24-06-2015, 05:31 PM
नई नई जानकारियाँ हमसे शेयर करने के लिए धन्यवाद, डॉ साहब.

Dr.Shree Vijay
24-06-2015, 07:05 PM
नई नई जानकारियाँ हमसे शेयर करने के लिए धन्यवाद, डॉ साहब.






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Suraj Shah
14-07-2015, 05:55 PM
बेहतरीन जानकारिया,,,,,,,,