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View Full Version : Not Proud to be an Indian Today - Ashamed and hurt - Incredible India


dipu
31-05-2014, 01:43 PM
https://pbs.twimg.com/media/BozKqPeIMAAuV3z.jpg

The two cousins, who were from a low-caste Dalit community and aged 14 and 15, went missing from their village home in Uttar Pradesh's Budaun district when they went out to go to the toilet on Tuesday evening.
The following morning, villagers found the bodies of the two teenagers hanging from a mango tree in a nearby orchard.
"We have registered a case under various sections, including that of rape, and one of the accused has been taken into custody. There were five people involved, one has been arrested and we are looking for the others," Budaun's Superintendent of Police Man Singh Chouhan told reporters.
Chouhan said a post-mortem confirmed the two minors were raped and died from the hanging. DNA samples have been also been taken to help identity the perpetrators, he added.
The victim's families say the girls were gang-raped and then hanged by five men from the village. They allege that local police were shielding the attackers as they refused to take action when the girls were first reported missing.
It was only after angry villagers found the hanging corpses and took the bodies to a nearby highway and blocked it in protest, say the families, that police registered a case of rape and murder.
A case of conspiracy has also been registered against two constables, said Chouhan, adding that they had also been suspended.
Sex crimes against young girls and women are widespread in India, say activists, adding that females from poor, marginalized, low-caste communities are often the victims.
A report by the Asian Centre for Human Rights in April last year said 48,338 child rape cases were recorded in India from 2001 to 2011, and the annual number of reported cases had risen more than fourfold - 336 percent - over that period.
Women's rights experts and lawyers say rape victims also have to endure harsh treatment from an archaic, poorly funded and insensitive criminal justice system.
Police often try to dissuade victims from complaining and suggest a "compromise" between the victim and the perpetrator, largely because of their insensitivity to sex crimes, but also because police officials are rarely held accountable.
Public outrage over the fatal gang rape of a woman in New Delhi in December 2012 pushed the government into passing a tougher new law to punish sex crimes. This includes sentences of up to two years’ jail for police and hospital authorities if they fail to register a complaint or treat a victim.

dipu
31-05-2014, 01:44 PM
Under Indian law, neither the girls nor the father may be named in news reports.

The father, a 45-year-old agricultural laborer from a low-ranking caste, said in a telephone interview that the two girls were last seen alive Tuesday evening in a mango orchard, in the company of a man named Pappu Yadav. (The man's surname is the same as his caste.) The father said that a relative saw the girls with Yadav and two of Yadav's brothers and, for reasons he did not explain, the relative tried to intervene between Yadav and the girls.

At that point, one of the Yadav brothers pulled out a pistol "and put it to the head of my cousin-brother," the father said, using a common term in India for a close relative. "He got scared and ran away."

When he heard what had happened, the father said, he went to the local police station and asked that Yadav's house be searched. But the police officers, who are members of the Yadav caste, "took the side of the culprits," the father said. "They abused and misbehaved with us."

The next morning, when the two girls were found dead, a crowd of angry villagers gathered at the scene, accusing the police of complicity in the crime and blocking them from taking the bodies away. Calm was not restored until the early evening, after the police agreed to arrest the Yadav brothers and two police officers.

Udai Raj Singh, the chief government official in the district, said four suspects were arrested, including one of the officers; the other officer "is absconding," Singh said.

Another politician in the village, Kamal Kant Tiwari, said Yadav's family was new to the area, and few residents knew what to make of the allegations. "We know that some scuffle took place with those boys and the uncle of the girls," he said of the encounter Tuesday evening. "What happened after that is not very clear."

dipu
31-05-2014, 01:45 PM
नई दिल्ली/लखनऊ। बदायूं के कटरा साहदतगंज गांव में गैंगरेप के बाद दो किशोरी बहनोे को फंदे पर लटकाने वाली घटना की गूंज दिल्ली तक पहुंच गई है। इसी के साथ यूपी पुलिस भी अब हरकत में आ गई है। वारदात के दूसरे दिन एक आरोपी सिपाही को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि डीआईजी और एसएसपी ने घटनास्थल का मौका-मुआयना कर दो दिन में आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। बरेली से पहुंची फोरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल से साक्ष्य जुटाने शुरू कर दिए हैं।

घटना के अनुसार, थाना उसहैत के गांव कटरा सहादतगंज में दो चचेरी बहनें मंगलवार की रात गायब हो गई थीं। गांव के ही दबंगों ने छेडखानी के बाद उनको अगवा कर लिया और गैंगरेप के बाद फंदे पर लटका कर मौत के घाट उतार दिया। रात को पुलिस चौकी में पहुंचे परिजनों को ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया जिनको बमुश्किल छोडा गया। बुधवार सुबह जब दोनों बहनों की लाशें पेड पर लटकी मिली तो पूरा गांव गुस्से में आ गया। 9 घंटे तक लाशें पेड पर लटकी रही। सडक जाम कर दी गई तब जाकर पुलिस ने तीन सगे भाइयों को नामजद करते हुए दो अज्ञात के विरूद्ध गैंगरेप और हत्या की रिपोर्ट दर्ज की।

परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाए तो एसएसपी ने चौकी इंचार्ज व दो सिपाहियों को निलंबित कर अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री कर ली। गुरूवार सुबह जब मामला दिल्ली पहुंचा तो यूपी पुलिस हरकत में आई। सूचना मिलने के बाद अब दिल्ली से महिला आयोग की टीम शुrवार को गांव कटरा साहदतगंज पहुंच रही है। वहीं आज डीआईजी आरकेएस राठौर व एसएसपी अतुल सक्सेना गांव पहुंचे जिन्होंने पीडितों के बयान लेने के बाद घटनास्थल का निरीक्षण किया। इसके अलावा बरेली से फोरेंसिक टीम भी घटनास्थल पर पहुंच गई जिन्होंने आम के पेड पर लटकाई गई किशोरियों के जमीन से पैरों की दूरी व दोनों बहनों के बीच की दूरी समेत कई बिंदुओं पर जांच शुरू कर दी। डीआईजी ने जानकारी देते हुए बताया कि एक सिपाही सर्वेश को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि दूसरे सिपाही छत्रपाल की तलाश की जा रही है।

उन्होंने दावा किया कि पुलिस सख्त कार्रवाई कर रही है जिसमें दो दिन के भीतर फरार चल रहे सिपाही और तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लेगी। एसएसपी ने बताया कि मृतका के पिता जीवनलाल ने तीन को नामजद करते हुए पांच लोगों के विरूद्ध गैंगरेप के बाद हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिसमें एक नमाजद पप्पू गिरफ्तार कर लिया गया जबकि अन्य की धरपकड के लिए 8 दरोगा व 20 सिपाहियों की टीम गठित कर दी गई हैं। पोस्टमार्टम के बाद दोनों बहनों का अंतिम संस्कार क़डी सुरक्षा के बीच बुधवार की रात ही कर दिया गया, जबकि गांव में तनाव को देखते हुए कई थानों की फोर्स और पीएसी तैनात कर दी गई है। कटरा साहदतगंज गांव की दो बेटियों के साथ हैवानियत और उनकी हत्याओं से सिर्फ उसहैत नहीं, बल्कि पूरे बदायूं का कलेजा मुंह में आ रहा है। इलाके के लोग सदमे और गुस्से में हैं। हर तरफ शैतानों को फांसी तक पहुंचाने की मांग उठ रही है।

हैवानी चेहरों का साथ निभाने वाले सभी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी और उनकी बर्खास्तगी की मांग भी जोर पकड रही है। जनता का गुबार किसी टकराव की वजह न बने, यह सोचकर बदायूं पुलिस-प्रशासन आशंकित है। एहतियातन गांव में भारी तादाद में पुलिस और पीएसी के जवान मुस्तैद रखे गए हैं। पुलिस अफसरों ने सामूहिक रेप और दोहरे हत्याकांड के मामले में तीन आरोपी और एक सिपाही को गिरफ्तार करने का दावा किया है मगर इस कार्रवाई से पीडित परिवार और इलाके के लोग संतुष्ट नहीं है। हर कोई मासूम बहनों के हत्यारों को फांसी दिए जाने की मांग कर रहा है। मारी गई चचेरी बहनों की मां, चाची और दादी के साथ मौजूद गांव और रिश्तेदारी की तमाम महिलाएं चीख-चीखकर कह रही हैं कि जिन पुलिसवालों ने दबंगों से मिलकर बेटियों का मरवा दिया, उनके खिलाफ जल्द कार्रवाई होनी चाहिए। पुलिस चाहती तो रात को ही बेटी मिल जाती मगर दबंगों को पक़डने की जगह उल्टा पीडित परिवार पर ही जुल्म किया गया।

दोपहर में घटनास्थल पर डीआईजी और एसएसपी पहुंचे तो वहां तमाम गांववाले इकटे हो गए और आरोपियों को गिरफ्तार कर सबके सामने लाने की मांग करने लगे। अफसरों ने कडी कार्रवाई का आश्वासन देकर किसी तरह गांववालें को शांत किया। गांव के ग्रामीण प्यारेलाल, अजयपाल, प्रमेपाल आदि ने मांग की जब तक दरिंदे नहीं पकडे जाएंगे, तब तक किसी के दिल को शांति नहीं मिलेगी। कार्रवाई में अब ढिलाई हुई तो उग्र आंदोलन होगा। पुलिस से जनता का भरोसा उठ रहा है। पुलिस पीडितों पर जुल्म कर रही है तो पब्लिक गुस्से में बार-बार तूफान उठा रही है। कभी पुलिस हिरासत में मौत तो कभी कत्ल और हत्या की घटनाओं में पुलिसकर्मियों के नाम उछलने से खाकी पर इतने दाग लग रहे हैं कि अफसरों को सफाई देने तक में पसीने आ रहे हैं। उसहैत पुलिस ने अब जो कुछ किया है, उसे लेकर लखनऊ-दिल्ली तक थू-थू हो रही है।

ताबडतोड हत्या, लूट, अपहरण और रेप जैसी वारदातों से जहां बदायूं का आवाम थर्रा रहा है वहीं सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने वाली खाकी भी कलंकित होती जा रही हैं। पांच माह के करीब 150 दिनों में 400 से अधिक वारदात हो चुकी हैं जिसमें 80 हत्याएं है तो चार अपहरण, जबकि बलात्कार के मामले हर तीसरे दिन सामने आते रहते हैं। इससे जनता का विश्वाास खाकी से उठता जा रहा है, जिसमें कुछ मामलों में खाकी भी दागदार बन गई और गुस्सा फूट कर सडक पर आ पहुंचा। बदायूं में पांच माह में पांच बार पब्लिक और पुलिस आमने सामने आ चुकी हैं जिसमें पुलिस को पीछे हटना पडा है और दो तीन मामलों में पुलिसकर्मियों के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज हुई हैं। साहदतगंज कांड की दिल्ली में गूंजा उसहैत क्षेत्र के गांव कटरा साहदतगंज में गैंगरेप के बाद दो बहनों को जिंदा फांसी पर चढा दिए जाने की घटना पर बदायूं से लखनऊ-दिल्ली तक सियासी उबाल आ गया है। हैवानीयत वाली इस वारदात की जांच के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम शुrवार को बदायूं आ रही है।

आंवला सांसद धर्मेन्द्र कश्यप भी पार्टीजनों के साथ आज गांव पहुंचेंगे। केंद्र को रिपोर्ट भेजी उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि बदायूं में कटरा गांव में हुई दुराचार की घटना को प्रधानमंत्री कार्यालय ने गंभीरता से लिया है। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय के जरिए प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी गई है। इसमें आठ बिन्दुओं पर विस्तृत ब्योरा देने को कहा गया है। पूछा गया है कि घटना कैसे हुई। पुलिस को कब सूचना मिली। पुलिस ने लापता बच्चियों की तलाश के लिए क्या कदम उठाए। परिजनों की शिकायत पर क्या कार्रवाई की गई। क्या कोई अभियुक्त गिरफ्तार किया गया अथवा नहीं। दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। दूसरी तरफ, प्रदेश के डीजीपी से लेकर प्रमुख सचिव गृह तक कहते रहे कि केंद्र द्वारा रिपोर्ट मांगी जाने की उन्हें कोई जानकारी है। दूसरी ओर प्रदेश पुलिस के सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी भी दी गई है। डीजीपी आनंदलाल बनर्जी ने कहा कि बदायूं में एक अभियुक्त पप्पू यादव व उसके साथ आपराधिक साजिश करने वाला सर्वेश यादव भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

आईजी एसटीएफ ने बताया कि पोस्टमार्टम में दुराचार की पुष्टि हुई है। फिर भी जांच के लिए दोनों बच्चियों के शरीर की रासायनिक धोवन को पैथेलॉजिक टेस्ट के लिए भेजा गया है। अभियुक्तों के परिवार-रिश्तेदार भी भूमिगत घटना के बाद से अभियुक्तों के घर खाली पडे हैं। आरोपियों के साथ उनके परिवार और रिश्तेदार तक गांव छोडकर गायब हो गए हैं। पुलिस और इंटेलीजेंस ने अंदेशा जताया है कि गांववालों का गुस्सा अभियुक्तों के घरों पर फूट सकता है। आशंकित होकर पुलिस-पीएसी गांववालों के साथ अभियुक्तों के घरों की भी पहरेदारी कर रही है। साहदतगंज कांड पर राजनीति गरमाती नजर आ रही है। एक ओर जहां मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने अफसरों को निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है। वहीं, विपक्ष के तेवर इस घटना को लेकर हमलावर हैं। आंवला सांसद धर्मेन्द्र कश्यप ने गुरूवार को दिल्ली से प्रदेश के डीजीपी को घटना के संबंध में चिटी भेजकर सभी दोषियों की जल्द गिफ्तारी की मांग की है। इधर, बदायूं में भाजपा, बसपा, कांग्रेस सब कानून व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधने में लगी दिख रही हैं। समाजवादी पार्टी ने इस बीच कहा है कि दोषी चाहे कोई भी हो, कार्रवाई से नहीं बच पाएगा। पुलिस अफसरों की हालत ऎसी है कि सिपाहियों की संलिप्तता की वजह से जवाब देते नहीं बन रहा है।

dipu
31-05-2014, 02:08 PM
बदायूं. दो नाबालिग लड़कियों से गैंगरेप कर उनका शव पेड़ पर टांगने की दिल दहला देने वाली वारदात के पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही राज्य सरकार ने मामले की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश कर दी है। पीड़िक परिवार ने राज्य सरकार से मुआवजा लेने से भी इनकार कर दिया है। वहीं, इस मामले पर सियासत भी जारी है। शनिवार को पीड़ित परिवार से मुलाकात करने पहुंचे राहुल गांधी ने कहा कि जांच से ज्यादा जरूरी है कि पीड़ित को न्याय मिले। उन्हें राज्य सरकार की ओर से की गई मुआवजे की घोषणा पर भी सवाल उठाया और कहा कि पैसों से इज्जत वापस नहीं मिल जाती है।

वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और कांग्रेस अध्*यक्ष सोनिया गांधी के भी बदायूं पहुंचने की संभावना है। इस बीच यह मामला संयुक्*त राष्*ट्र में भी उठा है और यूएन ने इसे भयानक अपराध करार दिया है।


संयुक्*त राष्*ट्र में उठा मामला
संयुक्त राष्ट्र ने इस वारदात को भयानक अपराध करार दिया है। उसने जोर देकर कहा है कि कानून के तहत सभी नागरिकों की रक्षा होनी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के प्रवक्ता स्टीफन डुआरिक ने कहा कि दो लड़कियों के साथ बलात्कार और उनकी हत्या एक भयानक अपराध है। इस तरह की घटनाओं पर कहने के लिए कुछ शब्द नहीं मिल रहा। निश्चित तौर पर यह एक भयानक घटना है। उन्होंने कहा कि हर पुरुष, हर महिला की कानून द्वारा रक्षा होनी चाहिए।

rajnish manga
31-05-2014, 06:25 PM
इस प्रकार की घटनाएं शर्मनाक है और भर्त्सना करने लायक है. लेकिन सबसे अधिक ज़िम्मेदारी उन लोगों की बनती है जो कानून और व्यवस्था पर ध्यान देने में कोताही करते हैं. दूसरे, जो सही टाइम पर सही एक्शन लेने से कतराते हैं. दबे हुये तथा कुचले हुये तबकों के प्रति इनकी संवेदनहीनता से ही ऐसे अपराधियों को बढ़ावा मिलता है. खाली कानून बनाने से कुछ नहीं होगा जब तक उनका अनुपालन नहीं होगा.

dipu
01-06-2014, 08:30 AM
http://i10.dainikbhaskar.com/thumbnail/655x588/web2images/www.bhaskar.com/2014/06/01/1355_1.jpg

बदायूं में दो नाबालिगों का गैंगरेप कर उनका शव पेड़ पर टांगने की दिल दहलाने वाली वारदात की आंच अभी ठंडी भी नहीं पड़ी है कि उत्*तर प्रदेश में एक और नाबालिग दरिंदगी का शिकार हुई है। राज्*य के बस्*ती जिले में छेड़छाड़ का विरोध करने पर एक नाबालिग लड़की को जलाने का मामला सामने आया है। 17 साल की पीड़िता को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उधर, बदायूं मामले पर सियासत जारी है। कांग्रेस उपाध्*यक्ष राहुल गांधी के बाद अब बसपा सुप्रीमो मायावती रविवार को पीडि़त परिवार से मुलाकात करने वाली है। गौरतलब है कि राहुल शनिवार को बदायूं गए थे और पीडि़त परिवार से मुलाकात की थी।

छेड़खानी का विरोध किया तो जिंदा जलाया
बस्*ती के कप्तानगंज थाना क्षेत्र के भरवलिया गांव में जमीन विवाद को लेकर हुई मारपीट के बाद दबंगों ने एक नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ की कोशिश की और जब उसने इसका विरोध किया तो मिट्टी का तेल डालकर उसे आग के हवाले कर दिया गया। पीडि़ता गंभीर तौर पर झुलस चुकी है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि भरवलिया निवासी सुदामा प्रसाद शुक्ल की पुत्री अनुसुइया शनिवार को दिन में घर पर अकेली थी। इसी बीच दोपहर में उसके पट्टीदार उमेश चंद्र शुक्ल और कुछ अन्य लोग उसके घर पहुंच गए और उसे कमरे में बंद कर मिट्टी का तेल छिड़क जलाने की कोशिश की। हालांकि, इस बीच अनुसूइया की मां घर पहुंच गई। उसके गुहार लगाने पर पहुंचे ग्रामीणों ने युवती को बचाया।

पुलिस पर लापरवाही का आरोप
पीड़िता के परिवार का आरोप है कि वारदात के बाद जब वे पुलिस के पास गए तो शिकायत के बावजूद बस्ती की पुलिस ने छेड़खानी का मुकदमा दर्ज नहीं किया और उल्टे उन पर आरोपियों से सुलह करने का दवाब डाला। हालांकि, बाद में दबाव बनाने पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। मामले में 7 लोगों पर आरोप लगाया गया है। पुलिस ने इनमें से 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि 4 आरोपी अब भी फरार हैं।

Dr.Shree Vijay
01-06-2014, 09:22 PM
सर्वप्रथम सभी इंसानों को आज के सबसे बड़े मानवता के इन दुश्मनों से लड़ने की जरूरत हें,
अब इन राक्षसों के संहार की अतिआवश्यकता हें.........

Suraj Shah
02-06-2014, 06:59 PM
गम्भीर बात हें, आदमी कहाँ तक गिर सकता हें ?