PDA

View Full Version : अन्ताक्षरी(मुहावरे और दोहे)


Nitikesh
20-11-2010, 06:12 PM
दाँतों तले चने चावना

अर्थ :--सख्त मेहनत करना.

Sikandar_Khan
20-11-2010, 06:18 PM
नाच न जाने आंगन टेढ़ा अर्थः --
किसी काम ठीक न कर पाओ और उसमे कमी निकालना

malethia
20-11-2010, 06:24 PM
नाच न जाने आंगन टेढ़ा अर्थः --
किसी काम ठीक न कर पाओ और उसमे कमी निकालना

ढाई अक्षर प्रेम के

Nitikesh
20-11-2010, 06:47 PM
ढाई अक्षर प्रेम के

करत करत अभ्यास ते जरमति होत सूजान,
रसरी आवत जात ते शील पर पडत निशान,

अर्थ:-- बार बार अभ्यास करने पर जर(मंद) बुध्धि वाला मनुष्य में भी बुध्धि का संचार हो जाता है.
ठीक उसी तरह जिस तरह पत्थर पर रस्सी के बार बार घिसने पर पत्थर पर रस्सी के निशान पड़ जाते हैं.

munneraja
20-11-2010, 07:21 PM
खिचड़ी कह रही है मुझे दांतों से खाओ
(सरल काम को करने के लिए अधिक मेहनत करना )

munneraja
20-11-2010, 07:22 PM
कानी के ब्याह में कोतक ही कोतक (कोतुहल)
{किसी काम को लीक से हटकर करने पर रुकावटें}

prashant
20-11-2010, 08:02 PM
करता दीसै कीरतन, ऊँचा करि-करि तुंड
जानें-बूझै कुछ नहीं, यौंहीं आंधां रूंड

अर्थ :-- हमने देखा ऐसों को, जो मुख को ऊँचा करके जोर-जोर से कीर्तन करते हैं । जानते-समझते तो वे कुछ भी नहीं कि क्या तो सार है और क्या असार । उन्हें अन्धा कहा जाय, या कि बिना सिर का केवल रुण्ड ?

madhavi
21-11-2010, 04:50 AM
डंके की चोट पर
अर्थ : खुले आम सबके सामने

ndhebar
21-11-2010, 11:27 AM
नाच ना जाने आँगन टेढ़ा
अर्थात : अपनी गलती को स्वीकार ना करते हुए दूसरो पर दोषारोपण करना

prashant
21-11-2010, 05:44 PM
दृढ इन चरण कैरो भरोसो, दृढ इन चरणन कैरो ।
श्री वल्लभ नख चंद्र छ्टा बिन, सब जग माही अंधेरो ॥
साधन और नही या कलि में, जासों होत निवेरो ॥
सूर कहा कहे, विविध आंधरो, बिना मोल को चेरो ॥

prashant
21-11-2010, 06:44 PM
राम रहे बन भीतरे गुरु की पूजा ना आस ।
रहे कबीर पाखण्ड सब, झूठे सदा निराश ॥

prashant
23-11-2010, 03:21 AM
शीलवन्त सबसे बड़ा, सब रतनन की खान ।
तीन लोक की सम्पदा, रही शील में आन ॥

SHASHI
29-11-2010, 01:58 PM
शीलवन्त सबसे बड़ा, सब रतनन की खान ।
तीन लोक की सम्पदा, रही शील में आन ॥

बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जेसे पैड खजूर,
पंथी को चाय नहीं, फल लगे अति दूर.

ABHAY
01-12-2010, 07:12 AM
बाप मरे अँधेरे में बेटा पॉवर हाउस !

SHASHI
01-12-2010, 01:24 PM
क्यों अंधे को न्योता दू और क्यों दो को बुलाऊ