rajnish manga
13-06-2014, 11:29 PM
शुक्र है खुदा का
मैं मरने के बाद भी जिंदा रहूँगा
'मैं मुस्लिम हूं और मेरा मजहब मुझे इंसानियत सिखाता है। अगर मेरे शरीर के किसी हिस्से से किसी की जान बच जाए तो मैं समझूंगा कि मैंने अपने खुदा को पा लिया। शुक्र है खुदा का कि मैं मरने के बाद भी जिंदा रहूंगा।' यह बात शौकत जराबी ने अपने पूरे शरीर को अस्पताल को दान करने की वसीयत करते हुए कही।
पेशे से स्वर्णकार 56 वर्षीय जराबी ने कहा कि मैंने जब अपने परिजनों से इस बारे में सलाह ली तो मेरे बेटे ने कहा कि अब्बा शायद हमारा मजहब इसकी इजाजत नहीं देता, लेकिन मैंने उसे कहा कि इस्लाम हमें इंसानियत सिखाता है, हमें अपनी जान कुर्बान कर दूसरों की जिंदगी बचाने की सीख देता है तो वह भी मान गया।
जराबी आज जम्मू-कश्मीर के पहले ऐसे व्यक्ति बने हैं, जिन्होंने वसीयत करते हुए शेरे कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान को अपना पूरा शरीर सौंप दिया है। उन्होंने अस्पताल प्रशासन से इसके लिए आवश्यक डोनर कार्ड प्राप्त करते हुए खुद को पंजीकृत भी कराया है। सौरा के निदेशक डॉ. शौकत जरगर ने कहा कि शौकत अहमद जराबी ने जो किया वह दूसरों के लिए प्रेरणादायक है। जराबी के निधन के बाद उनके शरीर के कई अंगों से दूसरों को जिंदगी मिलेगी। वह मरने के बाद भी जिंदा रहेंगे।
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मैं मरने के बाद भी जिंदा रहूँगा
'मैं मुस्लिम हूं और मेरा मजहब मुझे इंसानियत सिखाता है। अगर मेरे शरीर के किसी हिस्से से किसी की जान बच जाए तो मैं समझूंगा कि मैंने अपने खुदा को पा लिया। शुक्र है खुदा का कि मैं मरने के बाद भी जिंदा रहूंगा।' यह बात शौकत जराबी ने अपने पूरे शरीर को अस्पताल को दान करने की वसीयत करते हुए कही।
पेशे से स्वर्णकार 56 वर्षीय जराबी ने कहा कि मैंने जब अपने परिजनों से इस बारे में सलाह ली तो मेरे बेटे ने कहा कि अब्बा शायद हमारा मजहब इसकी इजाजत नहीं देता, लेकिन मैंने उसे कहा कि इस्लाम हमें इंसानियत सिखाता है, हमें अपनी जान कुर्बान कर दूसरों की जिंदगी बचाने की सीख देता है तो वह भी मान गया।
जराबी आज जम्मू-कश्मीर के पहले ऐसे व्यक्ति बने हैं, जिन्होंने वसीयत करते हुए शेरे कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान को अपना पूरा शरीर सौंप दिया है। उन्होंने अस्पताल प्रशासन से इसके लिए आवश्यक डोनर कार्ड प्राप्त करते हुए खुद को पंजीकृत भी कराया है। सौरा के निदेशक डॉ. शौकत जरगर ने कहा कि शौकत अहमद जराबी ने जो किया वह दूसरों के लिए प्रेरणादायक है। जराबी के निधन के बाद उनके शरीर के कई अंगों से दूसरों को जिंदगी मिलेगी। वह मरने के बाद भी जिंदा रहेंगे।
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