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View Full Version : दिल से


subodhgudu
23-11-2010, 11:27 AM
दोस्तों मई एक नया सूत्र बना रहा हु उमीद है की आप सब को पसंद आये
ये मेरी स्वयं की रचना है :hi:

subodhgudu
23-11-2010, 11:33 AM
मोम की तरह पिगलती है ज़िन्दगी ,
गम की आग में जलती है ज़िन्दगी ,
ठोकर लगे तो गम न करना ,
ठोकर खाकर ही संभालती है ज़िन्दगी !!!!!!!!:)

subodhgudu
23-11-2010, 11:36 AM
दिल की दरकन को दरका गया कोई ,
मेरे खाबों को महेका गया कोई ,
हम तो अनजाने रस्ते पर चल रहे थे ,
अचानक पयार का मतलब सिखा गया कोई :hi:

Anju
24-11-2010, 07:07 PM
accha hai didi

jalwa
24-11-2010, 10:57 PM
मित्र सुबोध जी, सर्वप्रथम तो सूत्र निर्माण के लिए आपको शुभकामनाएं.
मित्र, आपका यह मौलिक सूत्र बहुत बेहतरीन है. कृपया जारी रखें. आपके सुखद भविष्य की कामना के साथ.......जलवा.

ABHAY
25-11-2010, 09:58 AM
दिल से रे दिल से रे एक सूरज निकला था एक आंधी आई थी तब दिल से आह निकली थी दिल से रे दिल से रे !

Bholu
28-11-2010, 05:34 PM
rahna hai tere dil me

kamesh
28-11-2010, 05:51 PM
दिल की दुनिया कितनी अजीब होती है
जो नहीं चाहती वही दिल के करीब होती है
साचा प्यार पाने वालों की सचमुच नसीब होती है

kamesh
28-11-2010, 05:53 PM
accha hai didi
अंजू जी आप भी सूत्रों में जान डालना सुरु करे