PDA

View Full Version : बिहारी सदस्यों और असदस्य भाइयों को बधाई


amit_tiwari
24-11-2010, 03:37 PM
इस सूत्र के माध्यम से एक मैं सामूहिक रूप से सभी बिहारी सदस्यों को अपने प्रदेश में कर कार्यकुशल सरकार को पुनः कार्य करने का अवसर देने, भारी बहुमत देकर उनका उत्साहवर्धन करने और जाति और अवसर की राजनीति करने वाले कतिपय व्यक्तियों/पार्टियों के मुह पर तमाचा मारने के लिए धन्यवाद देते हुए अभिनन्दन करना चाहता हूँ |
:party::party::party::party::party:
शायद यह एक ऐसा अवसर है जब विश्व को प्रथम विश्विद्यालय 'नालंदा' देने वाला प्रदेश अपनी पुरानी चमक, दमक और रौनक फिर से प्राप्त करेगा |

- अमित

arvind
24-11-2010, 03:47 PM
इस सूत्र के माध्यम से एक मैं सामूहिक रूप से सभी बिहारी सदस्यों को अपने प्रदेश में कर कार्यकुशल सरकार को पुनः कार्य करने का अवसर देने, भारी बहुमत देकर उनका उत्साहवर्धन करने और जाति और अवसर की राजनीति करने वाले कतिपय व्यक्तियों/पार्टियों के मुह पर तमाचा मारने के लिए धन्यवाद देते हुए अभिनन्दन करना चाहता हूँ |
:party::party::party::party::party:
शायद यह एक ऐसा अवसर है जब विश्व को प्रथम विश्विद्यालय 'नालंदा' देने वाला प्रदेश अपनी पुरानी चमक, दमक और रौनक फिर से प्राप्त करेगा |

- अमित
तोहार मुंह मा घी-शक्कर......

khalid
24-11-2010, 03:56 PM
भाई अमित एण्ड हिरो भैया आप दोनो की दुवा अल्लाह कबुल करे
आमिन
लेकिन दोस्त एक दिल मेँ
बात हैँ
आपलोग अगर कहे तो मैँ बात आगे बढाउँ लेकिन सिर्फ बात

arvind
24-11-2010, 04:03 PM
भाई अमित एण्ड हिरो भैया आप दोनो की दुवा अल्लाह कबुल करे
आमिन
लेकिन दोस्त एक दिल मेँ
बात हैँ
आपलोग अगर कहे तो मैँ बात आगे बढाउँ लेकिन सिर्फ बात
अब आप पूछ ही लो खालिद भाई।

amit_tiwari
24-11-2010, 04:13 PM
भाई अमित एण्ड हिरो भैया आप दोनो की दुवा अल्लाह कबुल करे
आमिन
लेकिन दोस्त एक दिल मेँ
बात हैँ
आपलोग अगर कहे तो मैँ बात आगे बढाउँ लेकिन सिर्फ बात

:):) अल्हम्दुलिल्लाह शुरू करे...

khalid
24-11-2010, 04:20 PM
अब आप पूछ ही लो खालिद भाई।

धन्यवाद भाई
..
नितीश जी की पार्टी जीत गई उनके सरकार फिर से बना उनको बधाई
..
लेकिन मैँ नहीँ चाहता था उनकी पार्टी को बहुमत मेँ आए
..
कारण बहुत हैँ
शिक्षा मित्र की बहाली करके हजारो लडके और लडकीयोँ को रेजगार दिया
लेकिन कैसे दिया 70 80 हजार से लेकर एक लाख तक देकर आप नौकरी ले सकते हो आपलोग को नहीँ लगता कि रुपया के बदले नौकरी देने वाले ने कहीँ ना कहीँ गलत किया जो उनसे कहीँ अच्छे लोग आज भी बेरोजगार हैँ

arvind
24-11-2010, 04:40 PM
धन्यवाद भाई
..
नितीश जी की पार्टी जीत गई उनके सरकार फिर से बना उनको बधाई
..
लेकिन मैँ नहीँ चाहता था उनकी पार्टी को बहुमत मेँ आए
..
कारण बहुत हैँ
शिक्षा मित्र की बहाली करके हजारो लडके और लडकीयोँ को रेजगार दिया
लेकिन कैसे दिया 70 80 हजार से लेकर एक लाख तक देकर आप नौकरी ले सकते हो आपलोग को नहीँ लगता कि रुपया के बदले नौकरी देने वाले ने कहीँ ना कहीँ गलत किया जो उनसे कहीँ अच्छे लोग आज भी बेरोजगार हैँ
खालिद भाई, हम्माम मे सभी नंगे ही होते है, वैसे कुछ सलीकेदार और हयादार लोग चड्डी भी पहन लेते है। जहा तक अभी का मुद्दा है तो आप खुद ही आकलन करके के बताए की नीतीश कुमार का शासनकाल कैसा रहा है? एक समय था जब बिहार और बिहारी देश के सबसे गए गुजरे मे से थे, "बिहारी" शब्द ही एक गाली था और ये स्थिति 2005 तक थी। परंतु आज हालात बदल गए, बिहार एक नया अध्याय लिख रहा है, ऐसे मे कोई भी नया प्रयोग बिहार के सेहत के लिए घातक हो सकता है। रही बात शिक्षा मित्र की तो क्या आपको लगता है की अगर त्रिशंकु सरकार बनती या कोई और सरकार बनाता तो इसमे हो रहे लाखो करोड़ो के लेंन-देन पर रोक लग जाता? आप अपने पड़ोसी नवनिर्मित राज्य "झारखंड" पर जरा नजर डालिए, जो पिछले दस साल से दिन-प्रतिदिन गर्त मे जा रहा है क्योंकि वहा स्पष्ट बहुमत वाली सरकार आज तक बनी ही नहीं।

gulluu
24-11-2010, 04:55 PM
धन्यवाद भाई
..
नितीश जी की पार्टी जीत गई उनके सरकार फिर से बना उनको बधाई
..
लेकिन मैँ नहीँ चाहता था उनकी पार्टी को बहुमत मेँ आए
..
कारण बहुत हैँ
शिक्षा मित्र की बहाली करके हजारो लडके और लडकीयोँ को रेजगार दिया
लेकिन कैसे दिया 70 80 हजार से लेकर एक लाख तक देकर आप नौकरी ले सकते हो आपलोग को नहीँ लगता कि रुपया के बदले नौकरी देने वाले ने कहीँ ना कहीँ गलत किया जो उनसे कहीँ अच्छे लोग आज भी बेरोजगार हैँ
भाई खालिद ,आजकल तो लोग खुद पैसे देते हैं ,हमारे यहाँ तो लोगों का कहना है की काम होना चाहिए चाहे खुद अफसर या मंत्री कितने भी पैसे खाए ,लेकिन जनता का काम तो करे, आखिर पैसे तो सबने ही खाने हैं.आखिर किसी को तो नौकरी मिली है ,किसी को भी ना मिलने से तो अच्छा है .

khalid
24-11-2010, 04:59 PM
अरविन्द भाई आप हमारे तरफ कभी आए
विकास हैँ कहाँ हैँ हमारे तरफ तो नहीँ हैँ
बाजीगर के तरह सिर्फ घौसना करने से कुछ नहीँ होता
अगर कोई बिमार होगया तो शहर लाना परेगा
शहर लाने के लिए बाईक का सहारा है गाडी के भरोसे रहे तो आपको पता हैँ भारतीय रेल का तो पता हैँ आपलोगो को अगर जनेटर ना चले तो लालटेन तो जलता हैँ मगर मोबाईल कहाँ से चार्ज करुँगा
एपीयल मे गरीब का नाम हैँ बीपीएल मेँ अमीर का नाम हैँ बैँक से लोन अगर लेना हो तो 15 से 20 प्रतीसत देने होगे क्रमसः

khalid
24-11-2010, 05:06 PM
भाई खालिद ,आजकल तो लोग खुद पैसे देते हैं ,हमारे यहाँ तो लोगों का कहना है की काम होना चाहिए चाहे खुद अफसर या मंत्री कितने भी पैसे खाए ,लेकिन जनता का काम तो करे, आखिर पैसे तो सबने ही खाने हैं.आखिर किसी को तो नौकरी मिली है ,किसी को भी ना मिलने से तो अच्छा है .

अच्छा तो हैँ गुल्लु भाई
लेकिन पढाने को तो आना चाहिए
अगर आप देखे तो सभी का सर फोड देगेँ
आपको पता हैँ बिहार मेँ बच्चे का पढाई की सुरुआत कौन सी क्लास से सुरु होता हैँ छः क्लास के बाद
हा हा हा

arvind
24-11-2010, 05:21 PM
अरविन्द भाई आप हमारे तरफ कभी आए
विकास हैँ कहाँ हैँ हमारे तरफ तो नहीँ हैँ
बाजीगर के तरह सिर्फ घौसना करने से कुछ नहीँ होता
अगर कोई बिमार होगया तो शहर लाना परेगा
शहर लाने के लिए बाईक का सहारा है गाडी के भरोसे रहे तो आपको पता हैँ भारतीय रेल का तो पता हैँ आपलोगो को अगर जनेटर ना चले तो लालटेन तो जलता हैँ मगर मोबाईल कहाँ से चार्ज करुँगा
एपीयल मे गरीब का नाम हैँ बीपीएल मेँ अमीर का नाम हैँ बैँक से लोन अगर लेना हो तो 15 से 20 प्रतीसत देने होगे क्रमसः
खालिद भाई, मै एक बात आपको बताना चाहूँगा कि आनुवांशिक रूप से मै भी बिहारी हूँ, मै रोहतास जिले का रहने वाला हूँ और वहा पर हमारा जमीन-जायदाद भी है। मै साल मे एक-दो बार उधर के चक्कर जरूर लगाता हूँ, और काम-काज के चक्कर मे पटना, मुजजफरपूर आदि भी आना-जाना होता रहता है। हाँ, आपके इलाके, यानि "कटिहार" क्षेत्र मे कभी नहीं गया हूँ।

और जहा-जहा मै गया हूँ वहा पर मैंने स्पष्ट परिवर्तन देखा है। सड़कों कि स्थिति आज बहुत ही अच्छी है, कुछ अपवाद भी है। एक समय मे अपहरण "उद्योग" था, आज उस पर पूर्णत: तो नहीं, लेकिन उल्लेखनीय कमी आई है। अपराध काफी कम है। बड़े घोटालो कि कही कोई चर्चा सुनाई नहीं दे रही है। छोटे-छोटे कस्बे भी दस बजे रात तक गुलजार रहते है।

खालिद भाई, एक बात कहना चाहूँगा, कि जो 58 साल तक गर्त मे रहा है, उसको सुधारने मे समय तो कुछ लगेगा ही। आपने सुना भी होगा कि रोम एक दिन मे नहीं बना था। अभी यह टीम अच्छा कर रही है, इन्हे मैदान से हटाने पर बिहार का भविष्य फिर अनिश्चित हो जाएगा।

khalid
24-11-2010, 05:44 PM
आप यह ना समझे की मैँ बसस कर रहा हुँ
मैँ सिर्फ जानकारी के लिए
कर रहा हुँ
आपको पता हैँ कोशी जोन के लडके बाहर कमाने क्योँ जाते हैँ
एक तरफ हमारे कटिहार के तरफ गँगा मैँया हैँ दुसरे तरफ महानन्दा नदी तीसे तरफ कोशी हैँ
क्या आपको नहीँ लगता कोशी मे बाढ आने के कई कारण मेँ अपने नितीश जी भी हैँ
भाई मेरे एक फसल मेँ मेहनत और धन ज्यादा हैँ
दुसरे मेँ मेहनत और धन कम लगता हैँ बाढ आके सब चौपट कर जाता हैँ

arvind
24-11-2010, 05:54 PM
आप यह ना समझे की मैँ बसस कर रहा हुँ
मैँ सिर्फ जानकारी के लिए
कर रहा हुँ
आपको पता हैँ कोशी जोन के लडके बाहर कमाने क्योँ जाते हैँ
एक तरफ हमारे कटिहार के तरफ गँगा मैँया हैँ दुसरे तरफ महानन्दा नदी तीसे तरफ कोशी हैँ
क्या आपको नहीँ लगता कोशी मे बाढ आने के कई कारण मेँ अपने नितीश जी भी हैँ
भाई मेरे एक फसल मेँ मेहनत और धन ज्यादा हैँ
दुसरे मेँ मेहनत और धन कम लगता हैँ बाढ आके सब चौपट कर जाता हैँ
मै आपके इस बात से पूर्णत: सहमत हूँ। हमलोगो ने स्कूल मे पढ़ा था कि कोशी नदी को "बिहार का शोक" कहते है।

शायद आप बात समझा नहीं पा रहे है या मै समझ नहीं पा रहा हूँ, क्योंकि पहले आपने बहुमत का जिक्र किया, फिर आपने शिक्षा मित्र का जिक्र किया, अब कोशी क्षेत्र का।
:confused: :confused: :confused: :confused:

khalid
24-11-2010, 06:07 PM
मै आपके इस बात से पूर्णत: सहमत हूँ। हमलोगो ने स्कूल मे पढ़ा था कि कोशी नदी को "बिहार का शोक" कहते है।

शायद आप बात समझा नहीं पा रहे है या मै समझ नहीं पा रहा हूँ, क्योंकि पहले आपने बहुमत का जिक्र किया, फिर आपने शिक्षा मित्र का जिक्र किया, अब कोशी क्षेत्र का।
:confused: :confused: :confused: :confused:

हा हा हा
अरविन्द भाई एक तो मैँ मोबाईल से हुँ
दुसरा मै सिर्फ इतना कहना चाहता था कि
हमेँ राजस्थान से कुछ सीखना चाहिए
हर बार अलग सरकार
और अपनी कुर्सी बचाने के लिए मेहनत ज्यादा करते

malethia
24-11-2010, 06:43 PM
हा हा हा
अरविन्द भाई एक तो मैँ मोबाईल से हुँ
दुसरा मै सिर्फ इतना कहना चाहता था कि
हमेँ राजस्थान से कुछ सीखना चाहिए
हर बार अलग सरकार
और अपनी कुर्सी बचाने के लिए मेहनत ज्यादा करते

मित्र आप राजस्थान के बारे में शायद ज्यादा नहीं जानते
यहाँ पर पहले की सरकार ने खूब काम करवाया ,वसुंधरा के समय
में बिजली पानी किसी तरह की परेशानी नहीं थी,जब से यहाँ सरकार
बदली है सब राम भरोसे हो गया है, सडकों का हाल बेहाल हो गया है,
भ्रष्टाचार तो हर जगह है ,लेकिन काम भी तो होना चाहिए,
यदि आप अखबार पढ़ते है तो रोजाना देखते है की कितने बड़े बड़े
घोटाले देश में हो रहे है ,लेकिन हमारी केंद्र सरकार मूकदर्शक बनी
देख रही है,
जहां तक मैं बिहार के लोगो से मिला हूँ व जितना वहां के बारे में सुना है
जी लालू की सरकार से यह सरकार लाख गुना अच्छी है........

arvind
24-11-2010, 06:47 PM
मित्र आप राजस्थान के बारे में शायद ज्यादा नहीं जानते
यहाँ पर पहले की सरकार ने खूब काम करवाया ,वसुंधरा के समय
में बिजली पानी किसी तरह की परेशानी नहीं थी,जब से यहाँ सरकार
बदली है सब राम भरोसे हो गया है, सडकों का हाल बेहाल हो गया है,
भ्रष्टाचार तो हर जगह है ,लेकिन काम भी तो होना चाहिए,
यदि आप अखबार पढ़ते है तो रोजाना देखते है की कितने बड़े बड़े
घोटाले देश में हो रहे है ,लेकिन हमारी केंद्र सरकार मूकदर्शक बनी
देख रही है,
जहां तक मैं बिहार के लोगो से मिला हूँ व जितना वहां के बारे में सुना है
जी लालू की सरकार से यह सरकार लाख गुना अच्छी है........
तभी तो बिहार की जनता ने उन्हे सर-आंखो पर बैठाया है।

khalid
24-11-2010, 07:12 PM
तारा भाई
आगली बार उसी का नम्बर हैँ
मैँ तो ज्यादा तो नहीँ जानता
लेकिन मैँ पिछले सरकार के टाईम गया था अजमेर और फौजी भाई कहीँ मिलते हैँ तो पुछता रहता हुँ
और पिछले पन्द्रह सालोँ से सबसे ज्यादा तरक्की करने वाले राज्योँ मेँ राजस्थान भी का नाम भी आता हैँ

khalid
24-11-2010, 07:21 PM
तभी तो बिहार की जनता ने उन्हे सर-आंखो पर बैठाया है।

सत्य तो यह हैँ अरविन्द भाई हमलोग भी जदयु के कैटर हैँ और वोट भी हमलोग के खानदान ने उन्हेँ दिया हैँ
लेकिन नितीश जी के कई काम मेरे समझ से बहुत बाहर हैँ
एक हमारे एम पी साहब पिछले पन्द्रह साल से हैँ लेकिन एक पुल नहीँ बनवाया पाऐँ हैँ
आप यकिन करे हमलोग इतने दिन से चचरी पुल का इस्तेमाल कर रहेँ हैँ
क्या ऍसे होता हैँ विकास

amol
24-11-2010, 07:30 PM
Central Statistical Organisation (CSO) के अनुसार २००८-२००९ में बिहार का growth रेट 11.४४ परसेंट था जो की भारत में सभी राज्यों से ज्यादा है| इसका पूरा श्रेय नितीश कुमार की सरकार को जाता है| और जब राबरी देवी मुख्यमंत्री थी तब बिहार का negative में growth रेट था|

और एक मजे की बात राबरी देवी तो हाई स्कूल भी पास नहीं थी और नितीश कुमार तो सिविल इंजीनियरिंग graduate है. :gm::gm::gm:

अभी बिहार को एक नया renaissance की जरुरत है.. जो कदाचित केवल नितीश कुमार की सरकार ही दे सकती है|

बिहार ने सन २००५ में करवट बदला था जब लालू राज का अंत हुआ था| और इस बार भी जनता ने दिखा दिया है की उन्हें अब जाति की राजनीती करने वालो से कोई लगाव नहीं रह गया है..

amit_tiwari
24-11-2010, 07:47 PM
मुझे व्यक्तिगत रूप से बिहार जाने या जानने का अवसर नहीं मिला | अभी तक मात्र २ घंटे के लिए ही जाने का अवसर मिला है किन्तु आज के ज़माने में खबरे छुपती कहाँ हैं |
लालू-राबड़ी लूट कांड के लिए कुछ कहने की आवश्यकता ही नहीं है किन्तु नीतीश कुमार ने जिस प्रकार स्वयं में और प्रदेश में जिस विश्वास का संचार किया है वो अच्छा ही नहीं अद्भुत है |
यह नीतीश कुमार की ही दृढ इच्छा शक्ति थी जो स्वयं अपने पक्ष के भाजपा के विवादित नेताओं को बिहार में unhone bulana uchit नहीं samjha |

खालिद भाई की इस बात से मैं सहमत हूँ की काफी सारे क्षेत्रों में अभी सुधार होना बाकी होगा किन्तु शून्य से प्रारंभ करने पर समय लग्न स्वाभाविक है |

मेरा बधाई देने का प्रमुख कारण था सारे जनमत का एक नेतृत्व में विश्वास जताना | जिस क्षेत्रीय राजनीति ने दिल्ली का बंटाधार किया कम से कम वैसी हालत बिहार की नहीं होने पायेगी | इस कारण से बिहार की जनता धन्यवाद की पात्र अवश्य है और संभवतः बाकी सारे प्रदेशों को भी शिक्षा लेने की आवश्यकता है |

Central Statistical Organisation (CSO) के अनुसार २००८-२००९ में बिहार का growth रेट 11.४४ परसेंट था जो की भारत में सभी राज्यों से ज्यादा है|

:cheers::cheers:
सिर्फ इस एक लाइन के लिए अमोल बंधू आपका हार्दिक धन्यवाद | बड़ी प्रसन्नता मिलती है जब कोई उत्तर में कुछ तथ्य लेकर आता है |
यही तेवर, दिशा और दशा बरकरार रखें |

-अमित

khalid
25-11-2010, 05:52 AM
अटल भाई
बिहार की जनता के सामने ज्यादा विकल्प नहीँ हैँ
एक तरफ कुँवा हैँ दुसरी तरफ खाई हैँ
किसी का तो चुनाव करना

ndhebar
25-11-2010, 02:33 PM
अटल भाई
बिहार की जनता के सामने ज्यादा विकल्प नहीँ हैँ
एक तरफ कुँवा हैँ दुसरी तरफ खाई हैँ
किसी का तो चुनाव करना

सबसे पहले अटल को धन्यवाद

खालिद भाई मैं आपकी बात से सहमत नहीं हूँ, मैं भी बिहार से हूँ/ मैं बिहार के नालंदा जिले से आता हूँ/
जहाँ तक कुँए और खाई की बात है वो लालू जी और रामविलास जी के पतन के साथ ही समाप्त हो गयी/
जिस विकास की बात आप कर रहे हैं वो भी होगा पर उसके लिए समय तो चाइये ही होगा/
ये एक लोकतान्त्रिक सरकार है ना की पी सी सरकार, जो जादू की छड़ी घुमाकर सब कुछ क्षण में ठीक कर देगी/
लोकतंत्र में जनता का मत ही सर्वोपरि होता है और जनता ने ठोककर अपना मत इस सरकार को दिया है, अब जब दिया है तो कुछ सोच समझकर ही दिया होगा/

ABHAY
25-11-2010, 02:55 PM
आज की जनता तो बिलकुल ही भ्रष्ट हो गई है भ्रष्ट सरकार के हात में परकर भाई बात वही है लालू की सासन का अब नितिस जी लोगो से कान को सीधा न छुआ के उल्टा छुआ रहे है मगर बात तो वही होगा देख लेना बिहार में अब भ्रस्टाचार दूर नहीं है मेरा बात अभी मजाक लगेगा लेकिन जब हकीकत से पाला पड़ेगा तो पता चलेगा की नितिस और लालू में क्या फर्क है मेरा मानना है की दोनों बिहार के बिनास का कारण है , सरकार बिहार में रस्टपति का ही होना बेहतर है जो और देसो में लागु है !

khalid
25-11-2010, 02:57 PM
शायद आपने मेरा लिखा हुआ पढा नहीँ
लालु का शासन बहुत खराब था
आपकी बात मान लिया
नितीश का शासन अच्छा हैँ मान लिया
लेकिन मेरे भाई हमलोग नितीश जी खाना तो नहीँ माँग रहेँ हैँ
पन्द्रह साल से एक ब्रिज के लिए तरस रहेँ हमलोग आज भी चचरी पुल का सहारा हैँ
गरीबोँ का नाम ए पी एल सुची मेँ हैँ
क्योँ सुधार तो कर सकते हैँ आज स्कुल मे पढने वाले बच्चे तोँ हैँ टीचर गायब हैँ क्योँ
टीचर की बहाली हुआ हैँ मदरसा लाईन से आपको पता हैँ उनलोगोँ को अपना नाम तक लिखने की तमीज नहीँ हैँ
सिर्फ तीन हजार मध्यान भोजन जो बच्चे के लिए होता हैँ बचाने के लिए टीचर सब झुट पर झुट बोलते हैँ क्योँ
बच्चो के खाने मेँ स्कुल वाले कीडे मकोडे सडा गला खाने को देते हैँ क्योँ
लडकिया होती हैँ स्कुल मेँ एक हजार छः सौ को हीँ साइकिल क्योँ
साईकिल के लिए दो हजार मेँ दो सौ रुपया टीचर रखते हैँ क्योँ
तीन लीटर मिट्टी तेल बाँटने के लिए देता हैँ
जनता को ढाई लीटर क्योँ
पैतीस किलो अनाज के बदले तीस कहीँ बत्तीस किलो क्यो
क्या नितीस कुमार को पता नहीँ हैँ
अगर अच्छे हैँ बडे को छोर कर छोटे छोटे कामोँ को ठीक करे

ABHAY
25-11-2010, 03:11 PM
शायद आपने मेरा लिखा हुआ पढा नहीँ
तमीज नहीँ हैँ
सिर्फ तीन हजार मध्यान भोजन जो बच्चे के लिए होता हैँ बचाने के लिए टीचर सब झुट पर झुट बोलते हैँ क्योँ
बच्चो के खाने मेँ स्कुल वाले कीडे मकोडे सडा गला खाने को देते हैँ क्योँ
लडकिया होती हैँ स्कुल मेँ एक हजार छः सौ को हीँ साइकिल क्योँ
साईकिल के लिए दो हजार मेँ दो सौ रुपया टीचर रखते हैँ क्योँ
तीन लीटर मिट्टी तेल बाँटने के लिए देता हैँ

अगर अच्छे हैँ बडे को छोर कर छोटे छोटे कामोँ को ठीक करे

भाई आपके बात से मैं सहमत हू आपने बिलकुल सही कहा नितिस की राज में सब अमिर के पास बी पे एल है गरीबो के पास जिनके रहने का कोई भी ठिकाना नहीं है उनका नाम ए पि एल में है और जिनका गलती से बी पे एल में नाम है उनसे ५०० , १००० , २००० इसी तरह से रुपया लिया गया उन्ही गरीबो का बी पे एल में नाम है ! लड़कियों को सैकल दी गई मेरे छेत्र में उसकी रकम थी १५०० अब आपही बोले इतने में क्या होगा ५०० या उससे अधिक टीचर के जेब में इसके लिए सरकार जिमेदार है वक्त पे पगार न मिलना तो क्या करे पेट का सवाल है चुराना तो परेगा हि !

arvind
25-11-2010, 03:22 PM
आज की जनता तो बिलकुल ही भ्रष्ट हो गई है भ्रष्ट सरकार के हात में परकर भाई बात वही है लालू की सासन का अब नितिस जी लोगो से कान को सीधा न छुआ के उल्टा छुआ रहे है मगर बात तो वही होगा देख लेना बिहार में अब भ्रस्टाचार दूर नहीं है मेरा बात अभी मजाक लगेगा लेकिन जब हकीकत से पाला पड़ेगा तो पता चलेगा की नितिस और लालू में क्या फर्क है मेरा मानना है की दोनों बिहार के बिनास का कारण है , सरकार बिहार में रस्टपति का ही होना बेहतर है जो और देसो में लागु है !
अभय जी, जहां पर जनता ही भ्रष्ट है तो उसका भला कोई सरकार, राष्ट्रपति शासन तो क्या भगवान का भी शासन हो, तो भी कोई भला नहीं हो सकता है, जनता जिस दिन जग जाएगी, उसी दिन उसका भला हो जाएगा। जब आप खजाना खोलकर लूटाने (हर काम कुछ ले-देकर कराने) के लिए बैठे है तो लेने वाला कतई दोषी नहीं हो सकता है।
शायद आपने मेरा लिखा हुआ पढा नहीँ
लालु का शासन बहुत खराब था
आपकी बात मान लिया
नितीश का शासन अच्छा हैँ मान लिया
लेकिन मेरे भाई हमलोग नितीश जी खाना तो नहीँ माँग रहेँ हैँ
पन्द्रह साल से एक ब्रिज के लिए तरस रहेँ हमलोग आज भी चचरी पुल का सहारा हैँ
गरीबोँ का नाम ए पी एल सुची मेँ हैँ
क्योँ सुधार तो कर सकते हैँ आज स्कुल मे पढने वाले बच्चे तोँ हैँ टीचर गायब हैँ क्योँ
टीचर की बहाली हुआ हैँ मदरसा लाईन से आपको पता हैँ उनलोगोँ को अपना नाम तक लिखने की तमीज नहीँ हैँ
सिर्फ तीन हजार मध्यान भोजन जो बच्चे के लिए होता हैँ बचाने के लिए टीचर सब झुट पर झुट बोलते हैँ क्योँ
बच्चो के खाने मेँ स्कुल वाले कीडे मकोडे सडा गला खाने को देते हैँ क्योँ
लडकिया होती हैँ स्कुल मेँ एक हजार छः सौ को हीँ साइकिल क्योँ
साईकिल के लिए दो हजार मेँ दो सौ रुपया टीचर रखते हैँ क्योँ
तीन लीटर मिट्टी तेल बाँटने के लिए देता हैँ
जनता को ढाई लीटर क्योँ
पैतीस किलो अनाज के बदले तीस कहीँ बत्तीस किलो क्यो
क्या नितीस कुमार को पता नहीँ हैँ
अगर अच्छे हैँ बडे को छोर कर छोटे छोटे कामोँ को ठीक करे
भाई खालिद, आप इतने दुखी क्यों है, इतनी सारी बातों को अपने इस फोरम के सिवाय कहा-कहा उठाया है? इस फोरम के सदस्य वैसे भी इस सबंध मे कोई मदद नहीं कर सकते है।

अगर इसी बात को आप सबंधित विभाग या अधिकारी से करे तो आपकी 75% समस्याओ का हल हो जाएगा या फिर वस्तु-स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि कब तक होगा या क्यों नहीं हो रहा है।

ABHAY
25-11-2010, 03:37 PM
अभय जी, जहां पर जनता ही भ्रष्ट है तो उसका भला कोई सरकार, राष्ट्रपति शासन तो क्या भगवान का भी शासन हो, तो भी कोई भला नहीं हो सकता है, जनता जिस दिन जग जाएगी, उसी दिन उसका भला हो जाएगा। जब आप खजाना खोलकर लूटाने (हर काम कुछ ले-देकर कराने) के लिए बैठे है तो लेने वाला कतई दोषी नहीं हो सकता है।

भाई खालिद, आप इतने दुखी क्यों है, इतनी सारी बातों को अपने इस फोरम के सिवाय कहा-कहा उठाया है? इस फोरम के सदस्य वैसे भी इस सबंध मे कोई मदद नहीं कर सकते है।

अगर इसी बात को आप सबंधित विभाग या अधिकारी से करे तो आपकी 75% समस्याओ का हल हो जाएगा या फिर वस्तु-स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि कब तक होगा या क्यों नहीं हो रहा है।

भाई आपने बिलकुल सही कहा है मगर आज अगर ये कुछ कहते है तो पहले इनको साबुत दिखाने होंगे अगर जिस पार्टी पे ये मुद्दा उखार रहे है वो मजगूत है तो कुछ नहीं होगा इस तरह के केस चुटकी में जीते जाते है भाई अगर आपके पास पैसा है तो आप इनको क्या जो लोग सही है उनको भी आप अंदर करबा सकते है ! हम लोगो के पास तो पैसा है नहीं और यहाँ पे इसलिय लिखते है की किसी न किसी रोज कोई जरुर देखे गा ! और मैं ये मुद्दा अपने ब्लॉग पे भी फेक दिया है !.....

gulluu
25-11-2010, 05:21 PM
दोस्तों मेरी नजर में पहले लालू राज में 20% जनता को मिलता था, 80% सरकार और सरकारी तंत्र खुद खा जाता था, अब ये अनुपात बदल कर 60 से 70% जनता को मिल रहा है और ३० से ४० प्रतिशत सरकारी तंत्र द्वारा खाया जा रहा है , इस हिसाब से जनता को तो पहले से ज्यादा ही मिल रहा है .उम्मीद पर दुनिया कायम है , हमको उम्मीद तंत्र के सुधारने की करनी चाहिए ना की बिगडने की .आशा करें की अगर नितीश जी की नियत सही रही तो जनता को पहले से ज्यादा मिलेगा .

ndhebar
25-11-2010, 06:49 PM
लडकिया होती हैँ स्कुल मेँ एक हजार छः सौ को हीँ साइकिल क्योँ
साईकिल के लिए दो हजार मेँ दो सौ रुपया टीचर रखते हैँ क्योँ
तीन लीटर मिट्टी तेल बाँटने के लिए देता हैँ
जनता को ढाई लीटर क्योँ
पैतीस किलो अनाज के बदले तीस कहीँ बत्तीस किलो क्यो
क्या नितीस कुमार को पता नहीँ हैँ
अगर अच्छे हैँ बडे को छोर कर छोटे छोटे कामोँ को ठीक करे

खालिद भाई आपके सवाल का जवाब गुल्लू जी ने दे दिया है

दोस्तों मेरी नजर में पहले लालू राज में 20% जनता को मिलता था, 80% सरकार और सरकारी तंत्र खुद खा जाता था, अब ये अनुपात बदल कर 60 से 70% जनता को मिल रहा है और ३० से ४० प्रतिशत सरकारी तंत्र द्वारा खाया जा रहा है , इस हिसाब से जनता को तो पहले से ज्यादा ही मिल रहा है .उम्मीद पर दुनिया कायम है , हमको उम्मीद तंत्र के सुधारने की करनी चाहिए ना की बिगडने की .आशा करें की अगर नितीश जी की नियत सही रही तो जनता को पहले से ज्यादा मिलेगा .

आज की जनता तो बिलकुल ही भ्रष्ट हो गई है भ्रष्ट सरकार के हात में परकर भाई बात वही है लालू की सासन का अब नितिस जी लोगो से कान को सीधा न छुआ के उल्टा छुआ रहे है मगर बात तो वही होगा देख लेना बिहार में अब भ्रस्टाचार दूर नहीं है मेरा बात अभी मजाक लगेगा लेकिन जब हकीकत से पाला पड़ेगा तो पता चलेगा की नितिस और लालू में क्या फर्क है मेरा मानना है की दोनों बिहार के बिनास का कारण है , सरकार बिहार में रस्टपति का ही होना बेहतर है जो और देसो में लागु है !

भाई आपके बात से मैं सहमत हू आपने बिलकुल सही कहा नितिस की राज में सब अमिर के पास बी पे एल है गरीबो के पास जिनके रहने का कोई भी ठिकाना नहीं है उनका नाम ए पि एल में है और जिनका गलती से बी पे एल में नाम है उनसे ५०० , १००० , २००० इसी तरह से रुपया लिया गया उन्ही गरीबो का बी पे एल में नाम है ! लड़कियों को सैकल दी गई मेरे छेत्र में उसकी रकम थी १५०० अब आपही बोले इतने में क्या होगा ५०० या उससे अधिक टीचर के जेब में इसके लिए सरकार जिमेदार है वक्त पे पगार न मिलना तो क्या करे पेट का सवाल है चुराना तो परेगा हि !

अभय बाबु आपकी बातें हकीकत से कोसो दूर है यथार्थ से इनका कोई नाता नहीं/
आपसे ये किसने कह दिया की बी पी एल में गरीबों का नाम नहीं अमीरों का नाम है, मेरे यहाँ तो ऐसी कोई बात नहीं/
सिस्टम कभी भी परफेक्ट नहीं होता ना ही उसे चलाने वाले व्यक्ति, कुछ गलतियाँ स्वाभाविक है और वो क्षम्य भी होनी चाहिए वनिस्पत उसके जो जान बुझ कर गलतियों पर गलतियाँ करता जाये और फिर भी सीना तान कर दिखाए/
मुझे तो आपकी बातें बचकानी सी लगती है/
भ्रष्टाचार आज हमारे समाज का हिस्सा बन चूका है और सामान्यतः सभी को तब तक स्वीकार भी है जब तक अपना फायदा होता जाय/
लोग बाग़ तभी आवाज उठाते है जब उनका नुकसान होता है या ऐसे किसी का फायदा होता है जिसे वो नहीं चाहते/
समाज व्यक्तियों से निर्मित संस्था है और जब व्यति व्यक्ति ही भ्रष्टाचार में लिप्त हो समाज क्या इससे अछूता रहेगा/
ये बातें सिर्फ बिहार के सन्दर्भ में ही नहीं कह रहा हूँ, ये लगभग सभी जगहों की कहानी बनती जा रही है/
फिर बिहार को इससे अलग कर के आंकना, मुझे अतिश्योक्ति लगता है/
नितीश जी के पाँच वर्ष बिहार के लिए एक बदलाव का संकेत भर था असली कार्य तो अब होगा/

amit_tiwari
25-11-2010, 07:03 PM
भाई आपके बात से मैं सहमत हू आपने बिलकुल सही कहा नितिस की राज में सब अमिर के पास बी पे एल है गरीबो के पास जिनके रहने का कोई भी ठिकाना नहीं है उनका नाम ए पि एल में है और जिनका गलती से बी पे एल में नाम है उनसे ५०० , १००० , २००० इसी तरह से रुपया लिया गया उन्ही गरीबो का बी पे एल में नाम है ! लड़कियों को सैकल दी गई मेरे छेत्र में उसकी रकम थी १५०० अब आपही बोले इतने में क्या होगा ५०० या उससे अधिक टीचर के जेब में इसके लिए सरकार जिमेदार है वक्त पे पगार न मिलना तो क्या करे पेट का सवाल है चुराना तो परेगा हि !

वैसे मेरा मंतव्य मात्र बिहारी भाइयों को उनके दृढ चुनाव के लिए बधाई देना था और क्यूंकि मुझे बिहार की क्षेत्रीय जानकारी अधिक नहीं है तो मैं अधिक तो नहीं कहूँगा किन्तु जैसा अभय बाबू नीतीश सरकार से अधिक प्रसन्न नहीं लग रहे मैं प्रश्न करना चाहूँगा की क्या इससे पहले वाली सरकार से आप प्रसन्न थे ? क्या आपके अनुसार लालू, राबड़ी के काल में बिहार सुखी और सम्रद्ध था ?

gulluu
25-11-2010, 07:13 PM
वैसे मेरा मंतव्य मात्र बिहारी भाइयों को उनके दृढ चुनाव के लिए बधाई देना था और क्यूंकि मुझे बिहार की क्षेत्रीय जानकारी अधिक नहीं है तो मैं अधिक तो नहीं कहूँगा किन्तु जैसा अभय बाबू नीतीश सरकार से अधिक प्रसन्न नहीं लग रहे मैं प्रश्न करना चाहूँगा की क्या इससे पहले वाली सरकार से आप प्रसन्न थे ? क्या आपके अनुसार लालू, राबड़ी के काल में बिहार सुखी और सम्रद्ध था ?
में भी यही कहने की कोशिश कर रहा हूँ की पहले से बहुत फर्क है और ये फर्क जनता को दिखा है इसलिए जनता ने ये नतीजा दिया है .जनता सारी ही बेवकूफ नहीं है ,बल्कि मजबूर है .जब मौका ही ५ साल बाद मिलता है अपनी राय देने का तो क्या करें वो ?
सिर्फ एक उदहारण देना कहूँगा , मेरे शहर में रद्दी के व्यवसाय में बहुत से बिहारी लोग लिप्त हैं, वो सभी अभी दिवाली के बाद छठ पूजा पर बिहार गएँ थे और अब लोटे हैं .उनमे से एक से मैंने सवाल लिया की भाई क्या हाल है आपके बिहार का ? तो वो बड़े गर्व से बोला की भाई साहब चिंता मत करों, कुछ दिनों में हमारा बिहार भी आपके हरयाणा जैसा हो जायेगा,वहाँ भी बहुत काम हो रहा है और दुनिया भर की सड़के बन रही हैं.
में ये देख कर खुश हुआ की बिहारी लोगों में कितना आत्मविश्वास आ गया है . और ये सब आम जनता है,आप और हम हैं,इनके द्वारा निकला गया नतीजा गलत नहीं हो सकता, अगर आम आदमी कहता है की काम हुआ है तो समझो काम हुआ है .
बाकि अल्लाह खैर .
अभय भाई और खालिद भाई ,आपसे आग्रह है की निष्पक्ष दिमाग से सोचे ,दिमाग में बिना कोई पूर्वाग्रह लिए,फिर तुलना करें.आज का बिहार आपके ५ या १० साल पहले वाले बिहार से बहुत बदला हुआ पायेगा .
धन्यवाद

khalid
26-11-2010, 04:44 PM
आदरणिय गुल्लु भाई
आज का जमाने मे मिडीया का रोल बहुत अहम होता हैँ
जाहे अखबार या टेलिवीजन से आए या रेडियो से
मिडीया जिसे चाहे हिरो बना सकता हैँ
चाहे जीरो आपको बता दुँ अभी तीन साल पहले उपचुनाव के वजह से नितीश जी हमारे क्षेत्र मेँ पहले बाई रोड आने वाले थे मै दुवा करने लगा अल्लाह करे वो रोड से आए
लेकिन एन वक्त मे बंदा हेलिकाप्टर से आए
वजह बताऐ कि मुझे बताया गया आपके क्षेत्र मेँ रोड की हालत दयनिय हैँ और टाईम ज्यादा लगता इसलिए मैँ रोड से नहीँ आया
अगर आपलोग हमारे आदमी को विजयी बनाऐगेँ तो राज्य मेँ हमारी सरकार होने का फायदा आपके क्षेत्र को मिलेगा
आप यकिन करेँ एक ईट भी नहीँ लगा
अब आगे पढे
अगर किसी भुखा को सुखी रोटी खाने को मिले तो
उनको भुखे रहने से तो सुखी रोटी भली
आज अगर आप नितीश जी के उदघाटन किए गए काम को देखे तो पाँच क्या पच्चीस साल भी कम पडेगा पुरा करने मेँ उनको मैँ मिडीया की बात इसलिए कर रहा हुँ जो भी आप को बोल रहेँ हैँ विकास हुआ हैँ तो मिडीया का ज्याद असर हैँ काम का कम
भाई कल मेरी भाभी बहुत सिरीयस हो गई तो 35 किलोमीटर से ज्यादा दुर जाकर एमबुलेँस लाना पडा और किराया 1500 रुपया देना पडा
क्रमशः

gulluu
26-11-2010, 07:35 PM
खालिद भाई ,में ये स्वीकार करता हूँ की आप वहां रह रहें हैं इसलिए वास्तिवकता की जानकारी आपको ज्यादा है . हम लोग तो वास्तव में वही बोलते हैं जो दिखाई देता है ,टी वी पर और समाचार पत्रों में . लेकिन जो मैंने कहा लगभग बिहार से बाहर सभी लोगों की वही राय है . बाकि हकीकत क्या है आप लोग समझायेंगे तो हम समझने की कोशिश करेंगे .
धन्यवाद

ndhebar
27-11-2010, 05:17 AM
आदरणिय गुल्लु भाई
आज का जमाने मे मिडीया का रोल बहुत अहम होता हैँ
जाहे अखबार या टेलिवीजन से आए या रेडियो से
मिडीया जिसे चाहे हिरो बना सकता हैँ चाहे जीरो

वोट भी मिडिया वालों ने डाल दिया, क्यों?

gulluu
27-11-2010, 06:59 AM
वोट भी मिडिया वालों ने डाल दिया, क्यों?

हा हा हा , निशांत जी ,आपकी इस बात पर हंसी आ गई , आप बिलकुल ठीक कह रहें हैं आखिर बिहार की जनता के बहुमत ने विकास को स्वीकार कर लिया है ,लेकिन फिर भी में खालिद भाई की बात को सम्मान देते हुए ये भी कहने चाहूँगा की शायद कुछ खास इलाकों में विकास में भेदभाव हो सकता है और ये तो राजनीती की खासियत है .

khalid
27-11-2010, 07:24 AM
हा हा हा , निशांत जी ,आपकी इस बात पर हंसी आ गई , आप बिलकुल ठीक कह रहें हैं आखिर बिहार की जनता के बहुमत ने विकास को स्वीकार कर लिया है ,लेकिन फिर भी में खालिद भाई की बात को सम्मान देते हुए ये भी कहने चाहूँगा की शायद कुछ खास इलाकों में विकास में भेदभाव हो सकता है और ये तो राजनीती की खासियत है .

गुल्लु भाई आपको बहुत पुराना एक चुटकुला सुनाता हुँ
एक बार सभी विश्व के लोग मिल कर एक प्रोजेक्ट पर काम करने को तैयार हुवा सभी ने अपने अपने तरीके से योगदान दिया एक को छोर कर
जब तैयार प्रोजेक्ट को देखा देख कर उस आखरी देश वाले के तरफ देखा तो
उस ने रंग का डब्बा उठाया और उस पर जाकर लिख दिया
मेड इन पाकिस्तान

khalid
27-11-2010, 08:24 AM
वोट भी मिडिया वालों ने डाल दिया, क्यों?

मिडीया वालोँ ने नहीँ डाला लेकिन हालात ऍसा पैदा कर दिया
2005 के बाद जितने भी सीट के लिए उपचुनाव हुआ हैँ उस सभी सीट मेँ ज्यादा तर सीट लालु के खाते मेँ आया हैँ
जैसे अगर 15 सीट का हुवा तो 12 आर जे डी गटबँधन के पास आया हैँ
तब मिडीया को करने के लिए ज्यादा कुछ नहीँ था इसलिए
क्रमशः

nidhijain
27-11-2010, 02:30 PM
According to CNN IBN, if performance and silence were married, Nitish Kumar would have been its first child. Bihar has been never so quiet especially after the long reign of a flamboyant Lalu Yadav. Nitish Kumar is delivering and the state is on a slow road to recovery. Not that Bihar has become the other name for heaven but it’s fighting deluge, corruption, poverty, illiteracy.

For the first time in the history of independent India, Bihar is shining and it's all due the Nitish Government.

मैं तो बस यह कहना चाहती हूँ की बिहार में विकाश का सूर्योदय हो चूका है और वो दिन दूर नहीं जब बिहार, मगध और पाटलिपुत्र की वो गरिमा, खुशहाली और शक्ति को फिर से पा लेगा जो कभी राजा अशोक और चन्द्रगुप्त मौर्य के युग में थी.

YUVRAJ
27-11-2010, 04:10 PM
प्रशंसनीय टिप्पणी ...:clap::clap::clap::clap::clap:
According to CNN IBN, if performance and silence were married, Nitish Kumar would have been its first child. Bihar has been never so quiet especially after the long reign of a flamboyant Lalu Yadav. Nitish Kumar is delivering and the state is on a slow road to recovery. Not that Bihar has become the other name for heaven but it’s fighting deluge, corruption, poverty, illiteracy.

For the first time in the history of independent India, Bihar is shining and it's all due the Nitish Government.

मैं तो बस यह कहना चाहती हूँ की बिहार में विकाश का सूर्योदय हो चूका है और वो दिन दूर नहीं जब बिहार, मगध और पाटलिपुत्र की वो गरिमा, खुशहाली और शक्ति को फिर से पा लेगा जो कभी राजा अशोक और चन्द्रगुप्त मौर्य के युग में थी.

amit_tiwari
27-11-2010, 04:18 PM
एक सुझाव खालिद भाई के लिए विशेष रूप से : जैसा की आपने अभी तक बताया है आपके क्षेत्र में काफी समस्याएं हैं | मेरे पास एक सुझाव है जो संभव भी है और इसमें सरकार का हस्तक्षेप भी नहीं हो सकता है |
क्यूँ ना आप अपने जिले के सूचना विभाग में जाकर फॉर्म भर कर जानकारी मांगें की पिछले पांच वर्ष में आपके जिले में सड़कों पर कितना व्यय हुआ | अब हर विभाग के लिए यह सूचना लिखित में देना अनिवार्य है | इस प्रकार जो जानकारी आपको प्राप्त होगी यदि उसमें खर्च दिखाया गया है तो भी आप प्रश्न कर सकते हैं की जब खर्च हुआ है तो दिखा क्यूँ नहीं और यदि खर्च हुआ नहीं तो सरकार ने जिले को धन आवंटन क्यूँ नहीं किया |
सूचना आयोग से प्राप्त जानकारी के आधार पर आप सीधे विभाग या सरकार के विरुद्ध केस भी कर सकते हैं |

कम से कम सड़कों के बारे में यह मेरा परखा हुआ तरीका है, मैंने तो जब कानपुर में अपने मोहल्ले के लिए सूचना मांगी थी तब वहाँ से सूचना आने से पहले ही काम शुरू कर दिया गया था और फिर रिपोर्ट आई की कतिपय कारणों से कार्य में देरी हो रही थी अब सही हो गयी है |

YUVRAJ
27-11-2010, 04:18 PM
jaha tak mai samajhata hu मिडिया वालों ko bhi वोट dalane ka adhikar hai.:think:
वोट भी मिडिया वालों ने डाल दिया, क्यों?

YUVRAJ
27-11-2010, 04:33 PM
grrrr8 & important information अमित भाई जी ... :)
I never no it before. thank Q so much . :clap::clap::clap:

@खालिद भाई जी, आप यह कार्य अकेले न कर सकें तो अन्य मित्रों से सहयोग करने की गुजारिस करें/
एक सुझाव खालिद भाई के लिए विशेष रूप से : जैसा की आपने अभी तक बताया है आपके क्षेत्र में काफी समस्याएं हैं | मेरे पास एक सुझाव है जो संभव भी है और इसमें सरकार का हस्तक्षेप भी नहीं हो सकता है |
क्यूँ ना आप अपने जिले के सूचना विभाग में जाकर फॉर्म भर कर जानकारी मांगें की पिछले पांच वर्ष में आपके जिले में सड़कों पर कितना व्यय हुआ | अब हर विभाग के लिए यह सूचना लिखित में देना अनिवार्य है | इस प्रकार जो जानकारी आपको प्राप्त होगी यदि उसमें खर्च दिखाया गया है तो भी आप प्रश्न कर सकते हैं की जब खर्च हुआ है तो दिखा क्यूँ नहीं और यदि खर्च हुआ नहीं तो सरकार ने जिले को धन आवंटन क्यूँ नहीं किया |
सूचना आयोग से प्राप्त जानकारी के आधार पर आप सीधे विभाग या सरकार के विरुद्ध केस भी कर सकते हैं |

कम से कम सड़कों के बारे में यह मेरा परखा हुआ तरीका है, मैंने तो जब कानपुर में अपने मोहल्ले के लिए सूचना मांगी थी तब वहाँ से सूचना आने से पहले ही काम शुरू कर दिया गया था और फिर रिपोर्ट आई की कतिपय कारणों से कार्य में देरी हो रही थी अब सही हो गयी है |

SHASHI
27-11-2010, 04:56 PM
में भी इस विषय पर कुछ कहना चाहुगा, बिहार के इन ताजा चुनावो के रिजल्ट ने एक बात साबित कर दी है की जनता को कम करने वाली सरकार चाहिए, अब उसको वादों से, धर्म से, या जाती से भ्रमित नहीं किया जा सकता है.

इन चुनाव ने भारत की जनता को सोचने पर मजबूर किया है की गुजरात और बिहार की प्रगति हुई है, जनता को रोजगार मिला है, राज्य प्रगति पर है. अब वो जहा है उसे वह तुलनात्मक दृष्टि से देख रही है. प्रगति सिर्फ वादों से या कागजी पन्नों पर नहीं होती है, उसके के लिए म्ज्ब्बुत इच्छा शक्ति की जरुरत होती है, धन्यवाद.

ndhebar
27-11-2010, 09:24 PM
मिडीया वालोँ ने नहीँ डाला लेकिन हालात ऍसा पैदा कर दिया
2005 के बाद जितने भी सीट के लिए उपचुनाव हुआ हैँ उस सभी सीट मेँ ज्यादा तर सीट लालु के खाते मेँ आया हैँ
जैसे अगर 15 सीट का हुवा तो 12 आर जे डी गटबँधन के पास आया हैँ
तब मिडीया को करने के लिए ज्यादा कुछ नहीँ था इसलिए
क्रमशः

मतलब आपकी नजर में बिहार की ८०% जनता भेड़ है जिसे मिडिया वाले गड़ेरिये जिस तरफ चाहे हांक सकते हैं
आपलोग उस जमाने को भूल गए लगते हैं जब बिहार में अपहरण एक उद्योग बन गया था
खालिद भाई गया वो जमाना जब लालू जी लाठी चलाने वाले भाई, गाय चराने वाले भाई कहकर तालियाँ और वोट दोनों ले जाते थे
अब बिहार में विकास का सूर्योदय हो चूका है, शायद पहली वार वोट डालकर लोगों को लगा है की चलो कुछ अच्छा कार्य किया
अब तो मुनिया साइकिल सड़क पर सरपट भगाते हुए स्कूल जाती है और उसके मन में भय नहीं आत्मविश्वास होता है

YUVRAJ
27-11-2010, 09:38 PM
:bravo: ... :clap::clap::clap:

अब तो मुनिया साइकिल सड़क पर सरपट भगाते हुए स्कूल जाती है और उसके मन में भय नहीं आत्मविश्वास होता है

ABHAY
29-11-2010, 08:27 PM
वैसे मेरा मंतव्य मात्र बिहारी भाइयों को उनके दृढ चुनाव के लिए बधाई देना था और क्यूंकि मुझे बिहार की क्षेत्रीय जानकारी अधिक नहीं है तो मैं अधिक तो नहीं कहूँगा किन्तु जैसा अभय बाबू नीतीश सरकार से अधिक प्रसन्न नहीं लग रहे मैं प्रश्न करना चाहूँगा की क्या इससे पहले वाली सरकार से आप प्रसन्न थे ? क्या आपके अनुसार लालू, राबड़ी के काल में बिहार सुखी और सम्रद्ध था ?

no never...