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View Full Version : क्या भगवती गंगा स्वर्ग लौट जायेंगी?


rajnish manga
03-09-2014, 11:19 PM
क्या भगवती गंगा स्वर्ग लौट जायेंगी?

http://www.vina.cc/news/images/stories/storyimages/2011/january/ganga.jpg (http://www.google.co.in/url?sa=i&source=images&cd=&cad=rja&uact=8&docid=O2iBS_379RmzwM&tbnid=uQHxUaltxBgkJM:&ved=0CAgQjRw4ggE&url=http%3A%2F%2Fwww.vina.cc%2Fnews%2Findex.php%2F General%2FGanga-Sagara-Mela.html&ei=PVsHVPn0A4aeugTd0oGQDA&psig=AFQjCNFeY6BvOFBtRpJ8XWNtDBDyUtpYRw&ust=1409854653190978)
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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब गंगा नदी धरती पर अवतरित हुई, तो यह 12 धाराओं में बंट गई। इस स्थान पर मौजूद धारा अलकनंदा के नाम से विख्यात हुई और यह स्थान बद्रीनाथ, भगवान विष्णु का वास बना। अलकनंदा की सहचरणी नदी मंदाकिनी नदी के किनारे केदार घाटी है, जहां बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक सबसे महत्वपूर्ण केदारेश्वर है। यह संपूर्ण इलाका रुद्रप्रयाग जिले का हिस्सा है। रुद्रप्रयाग में भगवान रुद्र का अवतार हुआ था।

केदार घाटी में दो पहाड़ हैं- नर और नारायण पर्वत। पुराणों अनुसार गंगा स्वर्ग की नदी है और इस नदी को किसी भी प्रकार से प्रदूषित करने और इसके स्वाभाविक रूप से छेड़खानी करने का परिणाम होगा संपूर्ण जंबूखंड का विनाश और गंगा का पुन: स्वर्ग में चले जाना।
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rajnish manga
03-09-2014, 11:20 PM
हिंदुओं के अधिकतर तीर्थस्*थल गंगा, यमुना, कृष्णा, गोदावरी, सिंधु, ब्रह्मपुत्र, कावेरी, नर्मदा आदि नदियों के किनारे स्थित हैं। भारत के लोगों ने जहांगंगा नदी को पूरी तरह से तबाह कर दिया है वहीं सभी हिंदू तीर्थस्थलों परव्यापारिक विकास और गंदगी के चलते बर्बाद कर दिया है। इस सबके चलते अब गंगा ने पुन: स्वर्ग में जाने की तैयारी कर ली है।

पुराणों अनुसार भूकंप, जलप्रलय और सूखे के बाद गंगा लुप्त हो जाएगी और इसी गंगा की कथा के साथ जुड़ी है बद्रीनाथ और केदारनाथ तीर्थस्थल की रोचक कहानी.

नृसिंह भगवान की मूर्ति :अब बद्रीनाथ में नहीं होंगे भगवान के दर्शन, क्योंकि मान्यता अनुसार जोशीमठमें स्थित नृसिंह भगवान की मूर्ति का एक हाथ साल-दर-साल पतला होता जा रहाहै।

माना जाता है कि जिस दिन नर और नारायण पर्वत आपस में मिल जाएंगे, बद्रीनाथ कामार्ग पूरी तरह बंद हो जाएगा। भक्त बद्रीनाथ के दर्शन नहीं कर पाएंगे।उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा इस बात की ओर इशारा करती है कि मनुष्य नेविकास के नाम पर तीर्थों को विनाश की ओर धकेला है और तीर्थों को पर्यटन कीजगह समझकर मौज-मस्ती करने का स्थान समझा है तो अब इसका भुगतान भी करनाहोगा।

पुराणों के अनुसार आने वाले कुछ वर्षों में वर्तमान बद्रीनाथ धाम और केदारेश्वर धामलुप्त हो जाएंगे और वर्षों बाद भविष्य में भविष्यबद्री नामक नए तीर्थ का उद्गम होगा।
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rajnish manga
03-09-2014, 11:23 PM
अलकनंदा और मंदाकिनी इन दोनों नदियों का पवित्र संगम रुद्रप्रयाग में होता है और वहां से ये एक धारा बनकर पुन: देवप्रयाग में ‘भागीरथी-गंगा’ से संगम करती हैं।

देवप्रयाग में गंगा उत्तराखंड के पवित्र तीर्थ 'गंगोत्री' से निकलकर आती है। देवप्रयाग के बाद अलकनंदा और मंदाकिनी का अस्तित्व विलीन होकर गंगा में समाहित हो जाता है तथा वहीं गंगा प्रथम बार हरिद्वार की समतल धरती पर उतरती है। भगवान केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के बाद बद्री क्षेत्र में भगवान नर-नारायण का दर्शन करने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे जीवन-मुक्ति भी प्राप्त हो जाती है। इसी आशय को शिवपुराण के कोटि रुद्र संहिता में भी व्यक्त किया गया है-

अलकनंदा और मंदाकिनी इन दोनों नदियों का पवित्र संगम रुद्रप्रयाग में होता है और वहां से ये एक धारा बनकर पुन: देवप्रयाग में ‘भागीरथी-गंगा’ से संगम करती हैं।

देवप्रयाग में गंगा उत्तराखंड के पवित्र तीर्थ 'गंगोत्री' से निकलकर आती है। देवप्रयाग के बाद अलकनंदा और मंदाकिनी का अस्तित्व विलीन होकर गंगा में समाहित हो जाता है तथा वहीं गंगा प्रथम बार हरिद्वार की समतल धरती पर उतरती है। भगवान केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के बाद बद्री क्षेत्र में भगवान नर-नारायण का दर्शन करने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे जीवन-मुक्ति भी प्राप्त हो जाती है। इसी आशय को शिवपुराण के कोटि रुद्र संहिता में भी व्यक्त किया गया है-

तस्यैव रूपं दृष्ट्वा च सर्वपापै: प्रमुच्यते।
जीवन्मक्तो भवेत् सोऽपि यो गतो बदरीबने।।
दृष्ट्वा रूपं नरस्यैव तथा नारायणस्य च।
केदारेश्वरनाम्नश्च मुक्तिभागी न संशय:।।
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rajnish manga
03-09-2014, 11:36 PM
https://encrypted-tbn3.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcQ21IgLj1gjUo7PYiVgJjjgdar68QbRg KFb8j68ean7cu7_FQD8
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https://encrypted-tbn0.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcRZwlWgM2ZyIHz22-UbM3xBvg50WKBV-0tus9_kYqfKtjewLbUEYA^https://encrypted-tbn0.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcQnnU8eOZfAWiODGxrmcRMMT5EA9TSmE VJ9jlIf-omD3Wi3q9FL^https://encrypted-tbn1.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcQ8YfImnsZGt5I2pAmN7v4VAFPRuNUUh L5fdj-YSzqGJesIceod
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पतित पावनी गंगा मैया

rajnish manga
03-09-2014, 11:39 PM
बद्रीनाथ की कथा अनुसार सतयुग में देवताओं, ऋषि-मुनियों एवं साधारण मनुष्यों को भीभगवान विष्णु के साक्षात दर्शन प्राप्त होते थे। इसके बाद आया त्रेतायुग-इस युग में भगवान सिर्फ देवताओं और ऋषियों को ही दर्शन देते थे, लेकिनद्वापर में भगवान विलीन ही हो गए। इनके स्थान पर एक विग्रह प्रकट हुआ।ऋषि-मुनियों और मनुष्यों को साधारण विग्रह से संतुष्ट होना पड़ा।

http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/5/57/Shiva_Bearing_the_Descent_of_the_Ganges_River,_fol io_from_a_Hindi_manuscript_by_the_saint_Narayan_LA CMA_M.86.345.6.jpg/220px-Shiva_Bearing_the_Descent_of_the_Ganges_River,_fol io_from_a_Hindi_manuscript_by_the_saint_Narayan_LA CMA_M.86.345.6.jpg (http://www.google.co.in/url?sa=i&source=images&cd=&cad=rja&uact=8&docid=Dm3zObqadlkwlM&tbnid=DPvwuAAi2tonuM:&ved=0CAgQjRw4_gI&url=http%3A%2F%2Fen.wikipedia.org%2Fwiki%2FBhagira tha&ei=rWAHVPnFMZDluQTEyoCICA&psig=AFQjCNFVelyiYl-CZXgrlOX_Mqut9Gnm2g&ust=1409856045973612)


शास्त्रों अनुसार सतयुग से लेकर द्वापर तक पाप का स्तर बढ़ता गया और भगवान के दर्शनदुर्लभ हो गए। द्वापर के बाद आया कलियुग, जो वर्तमान का युग है।

पुराणों में बद्री-केदारनाथ के रूठने का जिक्र मिलता है। पुराणों अनुसार कलियुग के पांच हजार वर्ष बीत जाने के बाद पृथ्*वी पर पाप का साम्राज्य होगा। कलियुग अपने चरम पर होगा तब लोगों की आस्था लोभ, लालच और काम पर आधारित होगी।सच्चे भक्तों की कमी हो जाएगी। ढोंगी और पाखंडी भक्तों और साधुओं काबोलबाला होगा। ढोंगी संतजन धर्म की गलत व्याख्*या कर समाज को दिशाहीन करदेंगे, तब इसका परिणाम यह होगा कि धरती पर मनुष्यों के पाप को धोने वालीगंगा स्वर्ग लौट जाएगी।
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Dr.Shree Vijay
04-09-2014, 06:49 PM
पुराणों में बद्री-केदारनाथ के रूठने का जिक्र मिलता है। पुराणों अनुसार कलियुग के पांच हजार वर्ष बीत जाने के बाद पृथ्*वी पर पाप का साम्राज्य होगा। कलियुग अपने चरम पर होगा तब लोगों की आस्था लोभ, लालच और काम पर आधारित होगी।सच्चे भक्तों की कमी हो जाएगी। ढोंगी और पाखंडी भक्तों और साधुओं काबोलबाला होगा। ढोंगी संतजन धर्म की गलत व्याख्*या कर समाज को दिशाहीन करदेंगे, तब इसका परिणाम यह होगा कि धरती पर मनुष्यों के पाप को धोने वालीगंगा स्वर्ग लौट जाएगी।
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प्रिय रजनीश जी, आपने समाज कों सचेत करने वाला विषय चुना उसके के लिए आप साधुवाद के हकदार हें,
वाकई आज दिनप्रतिदिन हम लोग ऐसी परिस्तिथियों का ही निर्माण कर रहें हें की आने वाली पीढ़ियों कों हम धरोहर के रूप में सिवाय रुदन के और कुछ भी नही देने वाले ?..........

rajnish manga
05-09-2014, 12:16 AM
आपकी इस सारगर्भित टिप्पणी ने विषय की गंभीरता को उभारा है. सही सोच रखने वाले लोग ही वर्तमान स्थिति से निकलने का विकल्प दे सकते हैं. जीवन के ये शाश्वत प्रतीक अपनी पूर्ण दिव्यता के साथ हमारे साथ हमेशा बने रहें, यही हमारी प्रार्थना है. आपका धन्यवाद, डॉ श्री विजय जी.

soni pushpa
16-09-2014, 11:15 AM
[QUOTE=rajnish manga;526789]आपकी इस सारगर्भित टिप्पणी ने विषय की गंभीरता को उभारा है. सही सोच रखने वाले लोग ही वर्तमान स्थिति से निकलने का विकल्प दे सकते हैं. जीवन के ये शाश्वत प्रतीक अपनी पूर्ण दिव्यता के साथ हमारे साथ हमेशा बने रहें, यही हमारी प्रार्थना है. आपका धन्यवाद, डॉ श्री विजय जी.[/QUOT



धन्यवाद आदरर्णीय रजनीश जी , बहुत सचोट विषय चुना है आपने .. गंगा हम धरती वासियों के लिए एक वरदान है इनका जाना याने पृथ्वी का विनाश ,.. चिंतन करने योग्य विषय है ,..किन्तु अब एक आशा हम भारतवासियों के मन में जागी है की माँ गंगा की रक्षा होगी क्यूंकि आदरणीयप्रधान मंत्री मोदी जी ने इस काम को आपने हाथों में लिया है ...