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View Full Version : विदेशी शिक्षित भिखारी


YUVRAJ
28-11-2010, 10:51 AM
प्यारें दोस्तों,
इस सूत्र पर कुछ नवीनतम भीख माँगने के तरीके और विदेशी शिक्षित भिखारियों के चित्र प्रस्तुत करता हूँ। इस उम्मीद के साथ कि आप को यह चित्र पसन्द आयेंगे और आप अपनी राय दे कर मेरा हौसले बढ़ाने में मदद करेंगे।
हार्दिक धन्यवाद।

YUVRAJ
28-11-2010, 10:57 AM
http://img686.imageshack.us/img686/2445/america04.jpg

YUVRAJ
28-11-2010, 10:58 AM
http://img192.imageshack.us/img192/4726/america01.jpg

YUVRAJ
28-11-2010, 10:59 AM
http://img826.imageshack.us/img826/5782/america05.jpg

YUVRAJ
28-11-2010, 10:59 AM
http://img26.imageshack.us/img26/1011/america03.jpg

amit_tiwari
28-11-2010, 11:43 AM
http://img26.imageshack.us/img26/1011/america03.jpg

:bravo::bravo:
Hillarious!!!

UK में कई लोगों को देखा जो मेटल पेंट पुरे शरीर में लगा के एकदम मूर्ती बन कर खड़े हो जाते हैं और सामने एक कटोरा रखा रहता है पैसे डालने के लिए, लोग इनके पास आ कर हाथ मिलते हैं, फोटो खीचते हैं और पैसे भी देते हैं | कुछ संगीत आदि भी बजाते रहते हैं, शायद किसी एक का फोटो भी है मेरे पास, मैं लगाने का प्रयास करूँगा |

khalid
28-11-2010, 12:29 PM
बिल्कुल हटके
क्या बात हैँ

kamesh
28-11-2010, 04:24 PM
बिल्कुल हटके
क्या बात हैँ

चलो किसी बात में तो ये भी हमारे बराबरी के है

वेसे इन को भीख मांगने की कला नहीं आती हमारे देश से सीखें

YUVRAJ
29-11-2010, 05:38 AM
जरूर अमित भाई जी … :cheers:
मेरे सभी सूत्र आपके हैं जो भी मस्त लगे आप प्रविष्ट करें। टिप्पणी के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ।
:bravo::bravo:
Hillarious!!!

Uk में कई लोगों को देखा जो मेटल पेंट पुरे शरीर में लगा के एकदम मूर्ती बन कर खड़े हो जाते हैं और सामने एक कटोरा रखा रहता है पैसे डालने के लिए, लोग इनके पास आ कर हाथ मिलते हैं, फोटो खीचते हैं और पैसे भी देते हैं | कुछ संगीत आदि भी बजाते रहते हैं, शायद किसी एक का फोटो भी है मेरे पास, मैं लगाने का प्रयास करूँगा |

YUVRAJ
29-11-2010, 05:41 AM
http://img713.imageshack.us/img713/6023/america10.jpg

YUVRAJ
29-11-2010, 05:41 AM
http://img228.imageshack.us/img228/7948/america06.jpg

pankaj bedrdi
29-11-2010, 01:55 PM
बहुत वहुत मस्त माजा आ गया બશુત બશુત મલ્ત માજા આ ખયા

jaihind20
30-11-2010, 09:22 PM
bahut hi badiya

YUVRAJ
30-11-2010, 10:19 PM
http://img401.imageshack.us/img401/2904/america07.jpg

YUVRAJ
30-11-2010, 10:21 PM
http://img249.imageshack.us/img249/2394/america08.jpg

ABHAY
01-12-2010, 06:43 AM
हा हा हा क्या बात है इन सब देसो में तो भिकारी को लाखो दोल्लर मिलते है सिर्फ भिक में हा हहह हा

khalid
01-12-2010, 07:00 AM
हा हा हा क्या बात है इन सब देसो में तो भिकारी को लाखो दोल्लर मिलते है सिर्फ भिक में हा हहह हा

चले अपन दोनो
मजा आऐगा
हा हा हा

ABHAY
01-12-2010, 07:04 AM
चले अपन दोनो
मजा आऐगा
हा हा हा

हा जिस दिन मैंने ये सुना था तो मैं भी भिक मागने का पालन बना रहा था !कोई पार्टी नहीं मिली चलो अब आप मिल गए है तो मलकर बोलते है
दे दे राम दिलादे राम देने वाला सीता राम ! जो दे उसका भी भला जो न दे उसका सर फोरा

khalid
01-12-2010, 09:32 AM
हा जिस दिन मैंने ये सुना था तो मैं भी भिक मागने का पालन बना रहा था !कोई पार्टी नहीं मिली चलो अब आप मिल गए है तो मलकर बोलते है
दे दे राम दिलादे राम देने वाला सीता राम ! जो दे उसका भी भला जो न दे उसका सर फोरा

चलो फिर जल्दी से
सुना हैँ सोनपुर का मेला मे भी विदेशी लोगोँ का आना जाना हैँ ट्राई करे

ABHAY
01-12-2010, 09:42 AM
चलो फिर जल्दी से
सुना हैँ सोनपुर का मेला मे भी विदेशी लोगोँ का आना जाना हैँ ट्राई करे

तो चलो भाई इसी फोरम से सुरुबात करते है जाने का भारा तो लगेगा ही

khalid
01-12-2010, 10:05 AM
तो चलो भाई इसी फोरम से सुरुबात करते है जाने का भारा तो लगेगा ही

तब तो पहले युवी भाई के सुत्र मेँ हैँ सुरुआत इन भाई साहब से करते हैँ

YUVRAJ
01-12-2010, 02:01 PM
aap dono hi lajavab ho ...:clap::clap::clap:...:bravo:
हा हा हा क्या बात है इन सब देसो में तो भिकारी को लाखो दोल्लर मिलते है सिर्फ भिक में हा हहह हा

चले अपन दोनो
मजा आऐगा
हा हा हा

हा जिस दिन मैंने ये सुना था तो मैं भी भिक मागने का पालन बना रहा था !कोई पार्टी नहीं मिली चलो अब आप मिल गए है तो मलकर बोलते है
दे दे राम दिलादे राम देने वाला सीता राम ! जो दे उसका भी भला जो न दे उसका सर फोरा

चलो फिर जल्दी से
सुना हैँ सोनपुर का मेला मे भी विदेशी लोगोँ का आना जाना हैँ ट्राई करे

तो चलो भाई इसी फोरम से सुरुबात करते है जाने का भारा तो लगेगा ही

तब तो पहले युवी भाई के सुत्र मेँ हैँ सुरुआत इन भाई साहब से करते हैँ

khalid
01-12-2010, 02:25 PM
aap dono hi lajavab ho ...:clap::clap::clap:...:bravo:

आप भी आजाओ
हमारे भिखारी ग्रुप मेँ
:think:
वैसे नुकसान होगा अब तीन हिस्सा करना पडेगा

malethia
01-12-2010, 04:17 PM
अच्छा तरीका दिखाया है आपने भीख मांगने का
भारतीय भिखारियों को भी काफी कुछ सिखने को मिलेगा इनसे,
लाजवाब सूत्र,शानदार चित्रावली
धन्यवाद युवराज़ जी

YUVRAJ
01-12-2010, 04:44 PM
u r welcome Malethia sir ji...:cheers:
अच्छा तरीका दिखाया है आपने भीख मांगने का
भारतीय भिखारियों को भी काफी कुछ सिखने को मिलेगा इनसे,
लाजवाब सूत्र,शानदार चित्रावली
धन्यवाद युवराज़ जी

Hamsafar+
01-12-2010, 04:46 PM
इधर भी भिखारी उधर भी भिखारी .
बंधुओ ये सब क्या गोलमाल है .

khalid
01-12-2010, 04:59 PM
इधर भी भिखारी उधर भी भिखारी .
बंधुओ ये सब क्या गोलमाल है .

ट्रेनिँग यहीँ मिलता हैँ
वैसे यहाँ ज्यादा भिखारी विदेश का हैँ
और आप को पता हैँ नकल मारने मेँ हमलोग उस्ताद हैँ
मजाक हैँ

YUVRAJ
02-12-2010, 12:14 AM
वाह खालिद भाई जी,
नुक्सान की बात पहले …;)
वैसे भी ग्रुपबाजी या गुटबन्दी से दूर रहना मेरी पुरानी आदत है। यदि भिखारी ग्रुप की बात करें तो माँगने की आदत नहीं है। इबादत की जगह पर भी हथेलियाँ जमी की तरफ कर के ही जाता हूँ। खुदा से भी जिंदगी में कभी कुछ नहीं माँगा, जब भी जाता हूँ तो कुछ न कुछ हाथों में ले कर ही जाता हूँ।
ये तोहफा क्या कम है कि ऊपरवाले ने हमें इन्सान बना कर जमी दी है !!!
अब मेरा फर्ज बनता है कि उसके बदले हम उसे कुछ दे सकें।:think:
आप भी आजाओ
हमारे भिखारी ग्रुप मेँ
:think:
वैसे नुकसान होगा अब तीन हिस्सा करना पडेगा

khalid
02-12-2010, 06:54 AM
वाह खालिद भाई जी,
नुक्सान की बात पहले …;)

यही तो फंडा हैँ युवी भाई
इंसान का कहतेँ हैँ पुत्र शोक सह जाता हैँ लेकिन धन का शोक नहीँ सहा जाता हैँ
फिर हम भी तो इसी जमात से हैँ
वैसे भी ग्रुपबाजी या गुटबन्दी से दूर रहना मेरी पुरानी आदत है। यदि भिखारी ग्रुप की बात करें तो माँगने की आदत नहीं है। इबादत की जगह पर भी हथेलियाँ जमी की तरफ कर के ही जाता हूँ। खुदा से भी जिंदगी में कभी कुछ नहीं माँगा, जब भी जाता हूँ तो कुछ न कुछ हाथों में ले कर ही जाता हूँ।
बहुत अच्छी बात हैँ भाई जी अल्लाह करे आप हमेशा देने वाले रहो
ये तोहफा क्या कम है कि ऊपरवाले ने हमें इन्सान बना कर जमी दी है !!!
अब मेरा फर्ज बनता है कि उसके बदले हम उसे कुछ दे सकें।:think:

बस यहीँ गडबड हैँ
इंसान बनाया अच्छा किया
लालच दिया बुरा किया
पेट बनाया अच्छा किया
भुख दिया बुरा किया
अमिर को और अमिर बनाया अच्छा किया
गरीब को और गरीब किया गलत किया
अक्ल वाले को ज्यादा अक्ल दिया अच्छा किया
बेवकुफ को और बेवकुफ किया गलत किया
लोगो को पैसा दिया अच्छा किया
घमंड दिया गलत किया

YUVRAJ
20-12-2010, 08:12 AM
:clap::clap::clap::clap:....:bravo:
बस यहीँ गडबड हैँ
इंसान बनाया अच्छा किया
लालच दिया बुरा किया
पेट बनाया अच्छा किया
भुख दिया बुरा किया
अमिर को और अमिर बनाया अच्छा किया
गरीब को और गरीब किया गलत किया
अक्ल वाले को ज्यादा अक्ल दिया अच्छा किया
बेवकुफ को और बेवकुफ किया गलत किया
लोगो को पैसा दिया अच्छा किया
घमंड दिया गलत किया

prashant
20-12-2010, 12:01 PM
क्या बात है मित्रों भीख मांगने की ऐसी कला ...........हमारे देश में इस तरीके को चुना लगाना कहते हैं.
चलिए मैं आप को एक मजेदार लेकिन आश्चर्य में डाल देने वाला वाकिया सुनाता हूँ.

मैं पटना शहर के राजेंद्रनगर में भाड़े पर रहता था.उस समय मैं वहाँ पर इंजिनियरिंग की तैयारी केलिए वहाँ रहता था.रात के ८ बजे होंगें.मैं सड़क पार कर रहा था.सामने से एक अधेर उम्र की महिला आई.उसके कहा की मुझे आदम कुआँ जाना है,जाने का भाड़ा ५ रूपया होता,लेकिन मेरे पास खत्म हो गए है.तो बेटा ५ रुपये दे दो तो मैं अपने घर चली जाउंगी.मुझे उस महिला पर कोई सक नहीं हुआ और मैंने ५ रुपये दे दिए और मैं सड़क पार करने लगा.तो सामने से एक बन्दा आया और मुझसे पुछा क्या आप ने उसे ५ रुपये दिए.तो मैं हाँ में हाँ मिलायी.उसने कहा की वो मुझसे भी पांच रुपये ले गयी है.मुझे थोडा बुरा लगा और सोचा की क्या जमाना आ गया है.लोग ठगने के लिए कैसे कैसे तरीके अपनाते हैं.


फिर मेरे मन में कई सवाल उठे............
क्या वो महिला सच में विपत्ति में थी?
क्या वो मुझे ठग कर चली गयी?
या फिर उसे ज्यादा दूर जाना था.जिसके कारण वो थोड़े थोड़े रुपये मांग कर घर तक जाने का पैसे जमा कर रही थी?

आप को क्या लगता क्या हुआ होगा..............
कृपया अपनी राय रखें.............


यदि आप के सामने ऐसी घटना हो तो आप क्या करेंगें???

RAJ007
21-12-2010, 02:31 PM
प्रशांतजी, मेरी राय से कोई भी आदमी भीख मज़बूरी में ही मांगता है, चाहे वह मज़बूरी भूख हो, गरीबी हो या कोई गेंग जिसका वह सदस्य हो. लेकिन आजकल शहरो में यह कमी का अच्छा साधन बन गया है. लोगो की हमदर्दी पाने के लिए शहरो में छोटे बच्चे किराये पर लिए व् दिए जाते है ताकि भीख माँगने वाले को ज्यादा पैसा मिले. हमदर्दी का गलत फायदा उठाने पर यह ठगी हो जाती है तथा किसी सही में जरुरतमंद का भी रास्ता बंद कर देती है.

prashant
21-12-2010, 08:12 PM
प्रशांतजी, मेरी राय से कोई भी आदमी भीख मज़बूरी में ही मांगता है, चाहे वह मज़बूरी भूख हो, गरीबी हो या कोई गेंग जिसका वह सदस्य हो. लेकिन आजकल शहरो में यह कमी का अच्छा साधन बन गया है. लोगो की हमदर्दी पाने के लिए शहरो में छोटे बच्चे किराये पर लिए व् दिए जाते है ताकि भीख माँगने वाले को ज्यादा पैसा मिले. हमदर्दी का गलत फायदा उठाने पर यह ठगी हो जाती है तथा किसी सही में जरुरतमंद का भी रास्ता बंद कर देती है.

:iagree: maine bhi kuch aisa hi socha tha is gatana ke baad....

YUVRAJ
22-12-2010, 07:22 AM
:clap:...:clap:...:clap:...:clap:...:bravo:
................................

:iagree:

bharat
30-06-2011, 05:38 AM
क्या बात है मित्रों भीख मांगने की ऐसी कला ...........हमारे देश में इस तरीके को चुना लगाना कहते हैं.
चलिए मैं आप को एक मजेदार लेकिन आश्चर्य में डाल देने वाला वाकिया सुनाता हूँ.

मैं पटना शहर के राजेंद्रनगर में भाड़े पर रहता था.उस समय मैं वहाँ पर इंजिनियरिंग की तैयारी केलिए वहाँ रहता था.रात के ८ बजे होंगें.मैं सड़क पार कर रहा था.सामने से एक अधेर उम्र की महिला आई.उसके कहा की मुझे आदम कुआँ जाना है,जाने का भाड़ा ५ रूपया होता,लेकिन मेरे पास खत्म हो गए है.तो बेटा ५ रुपये दे दो तो मैं अपने घर चली जाउंगी.मुझे उस महिला पर कोई सक नहीं हुआ और मैंने ५ रुपये दे दिए और मैं सड़क पार करने लगा.तो सामने से एक बन्दा आया और मुझसे पुछा क्या आप ने उसे ५ रुपये दिए.तो मैं हाँ में हाँ मिलायी.उसने कहा की वो मुझसे भी पांच रुपये ले गयी है.मुझे थोडा बुरा लगा और सोचा की क्या जमाना आ गया है.लोग ठगने के लिए कैसे कैसे तरीके अपनाते हैं.

..?

ये भारत के बस स्टैंड में बहुत होने लगा है आजकल! मेरे साथ भी कईं बार हुआ बता! शुरू में एक बार तो पैसे दिए फिर बाद में सच पता चलने पर नहीं! इस तरह से अगर किसी को जरुरत भी हो तो भी उनकी कोई मदद न करे!


और साले मांगते भी ऐसे है जैसे भीख नहीं मांग रहे बल्कि एहसान कर रहे हैं!

हरियाणा की बात बताता हूँ! मैं और मेरा दोस्त! एक काफी बुजुर्ग आदमी आया और बोला की फलने गाँव में जाना और किराया पूरा नहीं है, बच्चों मेरा किराया पूरा करवाओ किसी तरह!


हा हा सेल एक दो नहीं बीस रुपये से तो बात शुरू करते हैं! दिन में पांच सात लोगों को झाडा तो ध्याड़ी पूरी!