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View Full Version : घर का चिराग ना बुझने पाये .......


rafik
20-10-2014, 12:37 PM
माँ मैं एक पार्टी में गया था.
तूने मुझे शराब नहीं पीने को कहा था, इसीलिए
बाकी लोग शराब पीकर मस्ती कर रहे थे
और मैं सोडा पीता रहा. लेकिन मुझे सचमुच अपने पर गर्व
हो रहा था माँ,
जैसा तूने कहा था कि 'शराब पीकर गाड़ी नहीं चलाना'. मैंने
वैसा ही किया.
घर लौटते वक्त मैंने शराब को छुआ तक नहीं,
भले ही बाकी दोस्तों ने मौजमस्ती के नाम पर जमकर पी. उन्होंने मुझे
भी पीने के लिए बहुत उकसाया था.
पर मैं अच्छे से जानता था कि मुझे शराब नहीं पीनी है और मैंने
सही किया था.
माँ, तुम हमेशा सही सीख देती हो. पार्टी अब लगभग खत्म होने
को आयी है और सब लोग अपने-अपने घर लौटने की तैयारी कर रहे हैं.
माँ, अब जब मैं अपनी कार में बैठ रहा हूँ तो जानता हूँ कि केवल कुछ
समय बाद मैं अपने घर अपनी प्यारी स्वीट माँ और पापा के पास
रहूंगा.
तुम्हारे और पापा के इसी प्यार और संस्कारों ने मुझे
जिम्मेदारी सिखायी और लोग कहते हैं कि मैं समझदार हो गया हूँ
माँ, मैं घर आ रहा हूँ और अभी रास्ते में हूँ. आज हमने बहुत
मजा की और मैं बहुत खुश हूँ.
लेकिन ये क्या माँ...
शायद दूसरी कारवाले ने मुझे देखा नहीं और ये भयानक टक्कर....
माँ, मैं यहाँ रास्ते पर खून से लथपथ हूँ.
मुझे पुलिसवाले की आवाज सुनाई पड़ रही है
और वो कह रहा है कि इसने नहीं पी.
दूसरा गाड़ीवाला पीकर चला रहा था.
पर माँ, उसकी गलती की कीमत मैं क्यों चुकाऊं ?
माँ, मुझे नहीं लगता कि मैं और जी पाऊंगा.
माँ-पापा, इस आखिरी घड़ी में तुम लोग मेरे पास क्यों नहीं हो. माँ,
बताओ ना ऐसा क्यों हो गया. कुछ ही पलों में मैं सबसे दूर
हो जाऊँगा.
मेरे आसपास ये गीला-गीला और लाल-लाल क्या लग रहा है. ओह! ये
तो खून है और वो भी सिर्फ मेरा.
मुझे डाक्टर की आवाज आ रही है जो कह रहे हैं कि मैं बच
नहीं पाऊंगा.
तो क्या माँ, मैं सचमुच मर जाऊँगा. मेरा यकीन मानो माँ. मैं
तेरी कसम खाकर कहता हूँ कि मैंने शराब नहीं पी थी.
मैं उस दूसरी गाड़ी चलानेवाले को जानता हूँ. वो भी उसी पार्टी में
था और खूब पी रहा था.
माँ, ये लोग क्यों पीते हैं और लोगों की जिंदगी से खेलते हैं
उफ! कितना दर्द हो रहा है. मानो किसी ने चाकू
चला दिया हो या सुइयाँ चुभो रहा हो.
जिसने मुझे टक्कर मारी वो तो अपने घर चला गया और मैं
यहाँ अपनी आखिरी साँसें गिन रहा हूँ. तुम ही कहो माँ, क्या ये ठीक
हुआ.
घर पर भैया से कहना, वो रोये नहीं. पापा से धीरज रखने को कहना.
मुझे पता है, वो मुझे कितना चाहते हैं और मेरे जाने के बाद तो टूट
ही जाएंगे. पापा हमेशा गाड़ी धीरे चलाने को कहते थे. पापा,
मेरा विश्वास करो, मेरी कोई गलती नहीं थी. अब मुझसे
बोला भी नहीं जा रहा. कितनी पीड़ा! साँस लेने में तकलीफ हो रही है.
माँ-पापा, आप मेरे पास क्यों नहीं हो. शायद मेरी आखिरी घड़ी आ
गयी है. ये अंधेरा सा क्यों लग रहा है. बहुत डर लग रहा है. माँ-
पापा प्लीज़ रोना नहीं. मै हमेशा आपकी यादों में, आपके दिल में आपके
पास ही रहूंगा.
माँ, मैं जा रहा हूँ ।पर जाते-जाते ये सवाल ज़रूर पूछुंगा
कि ये लोग पीकर गाड़ी क्यों चलाते हैं. अगर उसने पी नहीं होतीं तो मैं
आज जिंदा, अपने घर, अपने परिवार के साथ होता.
मित्रो,

इसको ज्यादा से ज्यादा SHARE karke लोगों तक पहुँचाए ताकि किसी के
शराब पीकर गाड़ी चलाने से किसी और के घर का चिराग ना बुझने
पाये .......

rajnish manga
20-10-2014, 01:04 PM
शराब आप ने पी रखी हो या सामने वाले ने, जब गाड़ियों की भिड़ंत में कोई कीनती जान चली जाती है तो नुक्सान तो सारे समाज का होता है. मरने वाले के पीछे कितने लोग उजड़ गए, यह कौन देखता है? कितनी बहनों के माथे का सिन्दूर पुंछ गया, कौन जानेगा. कितने बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया, यह किसे पता चलेगा? तो दोस्तों, शराब पी कर गाड़ी बिल्कुल न चलायें. यह अहद लें और यह कसम खाएं.

Rajat Vynar
20-10-2014, 01:10 PM
सोनी पुष्पा जी ने हमारी टिप्पणी पर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है. अतः टिप्पणी हटाई जा रही है. उन्होंने ऐसी टिप्पणी देने पर स्पष्टीकरण भी माँगा है जो उनके इनबॉक्स में भेजा जा रहा है. ध्यान आकृष्ट कराने के लिए धन्यवाद, सोनी पुष्पा जी.

soni pushpa
20-10-2014, 07:28 PM
मैं तो यही कहूँगा कि माँ की बात मानकर नहीं पी इसीलिए टक्कर हुई. खुद भी पिए होते तो टक्कर न होती क्योंकि एक पियक्कड़ की ड्राइविंग को दूसरा पियक्कड़ ही समझ सकता है, ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार एक पागल की भावनाओं को दूसरा पागल ही समझ सकता है.


सबसे पहले तो bhai आपको इतना अच्छा विषय यहाँ रखने के लिए धन्यवाद देना चाहूंगी क्यूंकि ,शराब की वजह से आज दुनिया में कई घर बर्बाद हो रहे हैं मानव का अनमोल जीवन नष्ट हो रहा है और कई परिवार में शराब की वजह से क्लेश कांकस झगड़े मारपिट होती है बिमारिय आती है शराब इन्सान को सिरफ़ बर्बादी देती है बर्बादी के आलावा कुछ फायदा नही है इसका कहने को लोग कहते हैं ग़म भुलाने के लिए हम शराब पीते है एइसा सुना है पर ये सब बहाने हैं शराब पीने के .

रजत जी आपकी टिपण्णी क्यों एईसी है मुझे नही पता पर ये गलत है की अगर उस लड़के ने भी शराब पि होती तो न टकराता एइसे मंतव्य से शराब पिने की आदत को बढ़ावा मिलेगा रजत जी कभी कभी किसी का कहा एक वाकय इन्सान का जीवन बदल देता है सो मेरी आपसे प्रर्थना है की कृपया आप एइसा न कहें . अगर आपको मेरी बात गलत लगी हो तो क्षमा पार्थी हूँ ...

Rajat Vynar
20-10-2014, 07:47 PM
रजत जी आपकी टिपण्णी क्यों एईसी है मुझे नही पता पर ये गलत है की अगर उस लड़के ने भी शराब पि होती तो न टकराता एइसे मंतव्य से शराब पिने की आदत को बढ़ावा मिलेगा रजत जी कभी कभी किसी का कहा एक वाकय इन्सान का जीवन बदल देता है सो मेरी आपसे प्रर्थना है की कृपया आप एइसा न कहें . अगर आपको मेरी बात गलत लगी हो तो क्षमा पार्थी हूँ ...
सोनी पुष्पा जी ने हमारी टिप्पणी पर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है. अतः टिप्पणी हटाई जा रही है. उन्होंने ऐसी टिप्पणी देने पर स्पष्टीकरण भी माँगा है जो उनके इनबॉक्स में भेजा जा रहा है. ध्यान आकृष्ट कराने के लिए धन्यवाद, सोनी पुष्पा जी.

Rajat Vynar
20-10-2014, 07:56 PM
अगर आपको मेरी बात गलत लगी हो तो क्षमा पार्थी हूँ ...
क्षमा माँगने वाली कोई बात ही नहीं है. अच्छा हुआ जो आपने इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया. वस्तुतः इस अनोखी टिप्पणी से इमेज खराब हो रही थी.