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rajnish manga
05-11-2014, 06:50 AM
Spotlight

इस सूत्र मैं हम किसी ऐसे विषय की चर्चा करेंगे जो इन दिनों सुर्ख़ियों में हैं और जिसके बारे में सरकारी स्तर पर और आम व्यक्ति के स्तर पर संवाद और समझ होना जरुरी है क्योंकि यह हम सब को कहीं न कहीं प्रभावित करता है.

https://encrypted-tbn1.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcROQjPrk1l9EZTGavKhQl6rKFuWtsWQZ KPNiRaC9kQob_kJtrTCnQ

rajnish manga
05-11-2014, 06:59 AM
Spotlight

Road Safety in India

"In India, the main rule for most drivers is that you don't stop for anyone," said young banker Rakesh Pillai, 31, who wears frameless glasses and sports a neatly trimmed moustache. "Cars don't stop for walkers, and walkers don't stop for cars.

According to a report by Reuters, India has the world's deadliest roads, the result of a flood of untrained drivers, inadequate law enforcement, badly maintained highways and cars that fail modern crash tests.

Alarmed by the increasing fatalities, the new government has begun a five-year project to cut road deaths by a fifth every year, part of the most ambitious overhaul of highway laws since independence in 1947. About 1.2 million Indians were killed in car accidents over the past decade, on average one every four minutes, while 5.5 million were seriously injured.

While road deaths in many emerging markets have dipped even as vehicle sales rose, Indian fatalities have shot up by half in the last 10 years.The government is proposing a drastic increase in fines and prison sentences for dangerous driving. It will create an authority with a sole focus on road safety, impose stricter regulations on car manufacturers, and employ technology, such as automated driving tests, to cut down on corruption.

rajnish manga
06-11-2014, 08:23 AM
Spotlight


Air pollution takes a toll on grain production in India

Air pollution seems to have a direct and negative impact on grain production in India, a US study warned on Monday, with recent increases in smog decreasing projected yields by half.

Analysing 30 years of data, US scientists developed a statistical model suggesting that air pollution caused wheat yields in densely populated states to be 50% lower than what they could have been in 2010.Up to 90% of the decrease in potential food production seems to be linked to smog, a mix of black carbon and other pollutants, the study said.

Changes linked to global warming and precipitation levels accounted for the other 10%.

"The numbers are staggering," Jennifer Burney, an author of the study and scientist at the University of California told the Thomson Reuters Foundation.

"We hope our study puts the potential benefits on cleaning up the air on the table," she said, noting that agriculture is often not considered when governments debate the economic costs of air pollution and new legislation aimed at combating it.

The research paper 'Recent climate and air pollution impacts on Indian agriculture', published in the Proceedings of National Academy of Sciences, analysed what could have been the wheat production if there was less pollution.

Food production in India continues to increase because of new technologies and management techniques.

Scientists examined historical data on crop yields, emissions, and precipitation to draw their conclusions.

While tackling global warming requires international action, reducing smog is often a simpler process that can be done at the national level.

"The technologies to fix this problem exist," Burney said. Trucks need better particulate filters for diesel, and the Indian government should help rural residents use cleaner fuels in their cooking stoves, rather than biomass, she said.

"None of these (mitigation techniques) are very high tech," she said, adding that better public policies on clean air could help India meet its goal of reducing hunger to zero.

(Based on newspaper reports)

भारतीय कृषि वैज्ञानिकों ने उक्त अध्ययन के बारे में अपनी असहमति जताई है. कुछ हद तक वे वायु प्रदुषण के प्रभावों को स्वीकार करते हैं लेकिन वे यह मानने के लिए तैयार नहीं कि इसकी वजह से गेहूँ या अन्य अनाजों का उत्पादन 50 % तक घट गया है. हमारा यह विचार है कि इस वैज्ञानिक शोध के लिए पिछले तीस वर्ष के आंकड़े लिए गए थे जिनके आधार पर निष्कर्ष निकाले गये. इसमें त्रुटियों की गुंजाईश को नकारा नहीं जा सकता. फिर भी यह आंकड़े हमें चेताते हैं. अब प्रदूषण, जिसमे वायु प्रदुषण भी शामिल है, महज़ एक कांसेप्ट नहीं रहा बल्कि सच में भयानक शक्ल अख्तियार करता जा रहा है जिसका बुरा असर हमारी सवा अरब की आबादी पर पड़ रहा है.

rajnish manga
07-11-2014, 10:57 AM
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इंडियन नेवी को एक और झटका
टारपीडो रिकवरी पोत डूबा

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33390&stc=1&d=1415343216


इंडियन नेवी को एक और भारी झटका लगा है. आन्ध्र प्रदेश के विशाखापट्नम समुद्र तट से कुछ दूर हिंद महासागर में बृहस्पतिवार को रात आठ बजे नेवी का एक टारपीडो रिकवरी जलपोत अचानक एक हादसे का शिकार हो कर डूब गया. इस हादसे में एक नौसैनिक की मौत हो गई और चार नौसैनिक लापता हैं. लापता नौसैनिकों की तलाश जारी है. इस काम में नौसेना के पोत तथा हेलिकॉप्टर तथा वायुयान लगे हुए हैं.
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rajnish manga
07-11-2014, 11:01 AM
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http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33390&stc=1&thumb=1&d=1415343213 (http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33390&d=1415343213)

नौसेना द्वारा दिल्ली में जारी बयान में ने बताया गया कि यह पोत एक नियमित अभ्यास के दौरान बेड़े के जहाजों से दागे गए टॉरपीडो इकट्ठे करने के नियमित मिशन पर था, तभी इसके एक कंपार्टमेंट में पानी भरने का पता चला। नौसेना ने यह भी सूचना दी कि बचाव अभियान के दौरान चालक दल के एक सदस्य की मृत्यु हो गयी और चार जवान लापता हैं। 23 लोगों को क्षेत्र में तैनात तलाशी और बचाव जहाजों ने सुरक्षित बचा लिया।

विशाखापट्टनम में नौसेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि घटना विशाखापट्टनम पोस्ट से 10-15 किलोमीटर के दायरे में घटी है। टॉरपीडो रिकवरी वेसल (टीआरवी) एक सहायक पोत होता है, जिसका इस्तेमाल बेड़े के जहाजों और पनडुब्ब्यिों से अभ्यास के दौरान दागे गए टॉरपीडो को एकत्रित करने के लिए किया जाता है।

23 मीटर लंबे इस पोत का निर्माण 1983 में गोवा शिपयार्ड द्वारा किया गया था और इसने पिछले 31 साल तक भारतीय नौसेना की सेवा की है। पिछले कुछ समय में नौसेना को ऐसे कई हादसों का सामना करना पड़ा है। इस तरह की दुर्घटनाओं के मद्देनजर एडमिरल डी के जोशी के इस्तीफे के बाद इस साल 17 अप्रैल को एडमिरल आर के धोवन ने नौसेना प्रमुख का पद संभाला था।

rajnish manga
07-11-2014, 11:03 AM
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http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33390&stc=1&thumb=1&d=1415343213 (http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33390&d=1415343213)

नौसेना में इस प्रकार की दुर्घटनाओं का होना अनोखा नहीं है. विश्व की सभी बड़ी नौसेनाओं को इस प्रकार के हादसों का सामना करना पड़ता है. यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा कि हादसे का क्या कारण था. लेकिन जिस प्रकार से एक के बाद एक हमारी नेवी को हादसों का सामना करना पड़ा है और अपने विशेष जलपोतों से हाथ धोना पड़ा है उससे नेवी की मारक क्षमता में कमी आयी है और कहीं न कहीं हमारे जांबाज़ नौसैनिकों के आत्म विश्वास में भी कमी आ सकती है.

यह आवश्यक है कि भारत सरकार द्वारा वैश्विक स्तर के नौसेना विशेषज्ञ दलों से अपने फ्लीट का विश्वसनीयता ऑडिट करवाया जाये जिससे एक एक पोत की सुरक्षा, कार्यक्षमता व विश्वसनीयता को सुनिश्चित बनाया जा सके. अपने नौसैनिक बेड़े के पुराने पोतों को फेज़ आउट करने से पहले उनके रिप्लेसमेंट की भी योजना तैयार रखी जाये और उसके लिए अतिरिक्त बजटीय प्रावधान रखा जाये.

rajnish manga
08-11-2014, 07:08 PM
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Israel (West Asia)


https://encrypted-tbn0.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcSrdAcDZGEAqDshgOGpEkQnT1lnaZ0Jw YafITMuCasPnnPBeqqSIA (http://www.google.co.in/url?sa=i&rct=j&q=&esrc=s&source=images&cd=&cad=rja&uact=8&ved=0CAcQjRw&url=http%3A%2F%2Fen.wikipedia.org%2Fwiki%2FForeign _relations_of_Israel&ei=YjFeVM6qCInjuQT0pYCIDQ&psig=AFQjCNFOdjJKmU2BkhlqP62mwcnzYnUwXQ&ust=1415545470717928)

rajnish manga
08-11-2014, 07:13 PM
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Israel / इजराइल

https://encrypted-tbn3.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcTB3hZ8UbrnQW1hXbBbdLPNK0ndaVz9u 51bfTfLNRgBy0M5nOtamw^https://encrypted-tbn1.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcTmYsd9tAc-LU5JX89C_mhx3dnheCMkrmu8vFObXd5Evs9DxIYpsg

The Palestinian Version
http://gaza.scoop.ps/wp-content/uploads/2014/09/map-of-Palestine-400-x-344.jpg (http://gaza.scoop.ps/wp-content/uploads/2014/09/map-of-Palestine-400-x-344.jpg)

rajnish manga
08-11-2014, 08:53 PM
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Israel / इजराइल

मैं जब छोटा था तो उन दिनों छपने वाली पत्रिका "साप्ताहिक हिन्दुस्तान" में लीओन यूरिस के उपन्यास "Exodus" का हिंदी रूपांतर प्रकाशित हुआ था 'भगदड़'. उसको पढ़ कर ही मुझे यहूदियों के दो हज़ार वर्षों तक चलने वाले संघर्षों की कुछ जानकारी हो सकी. यह संघर्ष था अपने अस्तित्व के लिए और था अपने 'होमलैंड' के लिए. आपको याद होगा कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिटलर की जर्मन फ़ौजों द्वारा लाखों की तादाद में बिना किसी कसूर के यहूदियों को मौत के घाट उतार दिया गया था. उन पर झूठे मुकद्दमे चला कर भी उनको फांसी पर लटका दिया गया था. ये मुकद्दमे न्यूरेमबर्ग ट्रायल्स के नाम से कुख्यात हैं.

यह संघर्ष इजराइल बनने के बाद भी जारी है. लेकिन इजराइल राज्य की स्थापना यहूदियों के लिए एक टर्निंग पॉइंट था. अब वह अपने बूते पर एक सामरिक तथा वैज्ञानिक शक्ति के तौर पर उभर कर सामने आया है. आज इजराइल से कहीं बड़ी ताकतें उसके सहयोग की अपेक्षा व कामना करती हैं. भारत ने प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के कार्यकाल में सन 1992 में इजराइल से पूर्ण कूटनीतिक संबंध स्थापित किये थे. उससे पहले चीन द्वारा भी इजराइल से पूर्ण कूटनीतिक संबंध स्थापित हो चुके थे. इस प्रकार इजराइल अपनी उपलब्धियों के बल पर 'बहिष्कृत राष्ट्र' के खेमे से बाहर आ गया था.
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rajnish manga
08-11-2014, 08:59 PM
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Israel / इजराइल

इजरायल दुनिया का एकमात्र यहूदी देश है. अपनी आजादी से पहले भी और आजादी के बाद भी इजराइल अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है. यूं कहे तो इजरायल का अस्तित्व संघर्ष और सिर्फ संघर्ष पर टिका है. उसका आज तक का इतिहास अत्यंत ही संघर्षपूर्ण रहा है.


कहा जाता है कि कोई 2000 साल पहले यहूदियों को उस जगह से निकाल दिया गया था जहां आज का इजराइल मौजूद है. और इस लिए वहां बसे सारे फिलिस्तीनी अरबों को मार कर या वहां से भगा कर वहां कब्ज़ा करना इजराइल का इतिहाससम्मत अधिकार है.

दूसरी तरफ इजराइली राष्ट्र की रक्षा हेतु इजराइल ने न केवल अपने गौरवमयी इतिहास व धरोहर को पुनः संजोया, हिब्रु भाषा का पुनरुथान किया अपितु जो सबसे महत्वपूर्ण कदम उठाया वह यह था-" विश्व के सभी यहुदियों को इजराइल की नागरिकता का अधिकार देना.

rajnish manga
08-11-2014, 09:04 PM
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Israel / इजराइल

क्या आपको पता है? 64 साल पहले यानी 17 सितंबर 1950 को भारत ने इजरायल को औपचारिक तौर पर मान्यता दी थी। दोनों देशों के बीच फुल डिप्लोमैटिक रिलेशन की शुरुआत 1992 में हुई। हालांकि, इस दौरान दोनों देशों के बीच का रिलेशन प्रत्येक सेक्टर में नजदीक आता गया।


दुनिया के नक्शे पर एक छोटा सा देश इजरायल जिसका क्षेत्रफल मात्र 20770 वर्ग किमी है। जी हां, इतना छोटा देश है कि भारत के क्षेत्रफल का मात्र 0.63 प्रतिशत है। इतना ही नहीं इजरायल के पूरे क्षेत्रफल का मात्र 2 प्रतिशत ही पानी से युक्त है। जबकि भारत में 9.5 प्रतिशत से ज्यादा इलाका पानी से युक्त है।

rajnish manga
08-11-2014, 09:14 PM
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Israel / इजराइल

आतंकवाद के साए से दुनिया को बचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में सभी राष्ट्रों से एकजुट होने की पुरजोर अपील करने वाले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी अमरीका यात्रा के समय इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से भी मुलाकात की। भारत की तरह इस्राइल भी आतंकवाद का सामना करने वाले देशों मे से एक है।

मुलाकात और बातचीत में इन दोनों नेताओं ने अपने मजबूत संबंधों, सुरक्षा और व्यापार की समीक्षा की। कृषि सहित आपसी सहयोग के संबंधों को और ज्यादा बढ़ाने के बारे में विचार-विमर्श किया। उन्होंने रक्षा संबंधों और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर तथा साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग के बारे में भी विचार-विमर्श किया।

2006 में नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में इजराइल की यात्रा कर चुके हैं।

भारत और इजराइल के बीच वर्तमान में करीब छह अरब डॉलर का द्विपक्षीय कारोबार है। इस मुलाकात में भारत-इस्राइल संबंधों का दायरा बढ़ा है। हम धरती पर दो सबसे पुरानी सभ्यताओं के प्रतिनिधि हैं, हम दो लोकतंत्र भी हैं, जिन्हें अपनी परंपरा पर गर्व है, परंतु भविष्य को भी उज्जवल बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम मिलकर काम करेंगे तो इससे हमारे दोनों देशों के लोगों को लाभ होगा।

rajnish manga
08-11-2014, 09:17 PM
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Israel / इजराइल

5 दिसम्बर 2013 को राज्य सभा में एक प्रश्न के उत्तर में तत्कालीन विदेश राज्य मंत्री ने बताया था कि 1992 में राजनयिक संबंधों के स्थापित होने के बाद भारत-इस्राइल द्विपक्षीय संबंध और अधिक सुदृढ़ हुए हैं। भारत के इस्राइल के साथ सौहार्दपूर्ण और विविधतापूर्ण संबंध है जो कि दोनों के लिए उपयोगी हैं। इस्राइल के सहयोग से भारत में विभिन्न क्षेत्रों में जैसे कि रक्षा कृषि, जल प्रबंधन, अनुसंधान एवं विकास और विज्ञान और प्रौद्योगिकी में लाभ प्राप्त हुआ है।

भारत के इस्राइल के साथ संबंध स्वतः बलबूते पर हैं और अरब जगत के साथ सुदृढ, समय-परीक्षित और ऐतिहासिक संबंधों के मूल्य पर नहीं है। इस्राइल के साथ सुदृढ होते हुए संबंधों के बावजूद भी, अरब और फिलीस्तिनी पक्ष को ठोस समर्थन देने की पारम्परिक नीति में कोई परिवर्तन नहीं है।

rajnish manga
08-11-2014, 09:27 PM
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Israel / इजराइल : गृह मंत्री राज नाथ की यात्रा का महत्व

भारत से अपने रिश्ते को इजरायल कितना ज्यादा महत्व देता है इसका प्रदर्शन बृहस्पतिवार को भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह के इजरायल पहुंचने पर हुआ. गृहमंत्री सिंह मौसम खराब होने की वजह से बुधवार की सुबह के बजाय रात में पहुंचे.

इजरायल पहुंते भारतीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह का सरकार द्वारा शानदार स्वागत किया गया. इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू, रक्षा मंत्री मोशे यालोन और जन सुरक्षा मंत्री वाई अहरोनोविच ने व्यस्तता के बावजूद अपने कार्यक्रम में बदलाव किए और राजनाथ सिंह से मुलाकात की.

नेतन्याहू ने भारतीय गृह मंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि भारतीय और इजरायली सरलता और निरंतरता के संबंध को साझा करते हैं. सुरक्षा सहयोग और आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए गृहमंत्री राजनाथ सिंह इजरायल पहुंचे हैं. भारत-इजरायल के संबंधों को देखते हुए इस यात्रा को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

गृहमंत्री ने अपने इजरायल दौरे की शुरुआत यरुशलम स्थित पवित्र स्थलों की यात्रा से की. इसके बाद देश में सुरक्षा हालातों का जायजा लेने के लिए उन्होंने इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार योसी कोहेन के साथ जॉर्डन वैली व इजरायल के उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्रों का हवाई दौरा किया. गौरतलब है कि राजनाथ सिंह जून 2000 में तत्कालीन गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के बाद इजरायल आने वाले पहले गृह मंत्री हैं.
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rajnish manga
09-11-2014, 09:46 PM
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बर्लिन की दीवार
(Berlin Wall or the Iron Curtain)
https://encrypted-tbn0.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcTjkwCFyzK7SOgdiRqT9mW4XcUxAT7cy uSrhH1xk68XipWAjDGk

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बर्लिन की दीवार के दो दृष्य. पूर्वी जर्मनी के सैकड़ों लोगों को इस दीवार को फांदने के प्रयास में गोलियों से भून दिया गया.

rajnish manga
09-11-2014, 09:56 PM
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बर्लिन की दीवार

आज बर्लिन की दीवार (which was known as the iron curtain during its existence) गिराये जाने की सिल्वर जुबली है. आज से 25 साल पहले गिरा दी गयी पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी को बांटने वाली बर्लिन की दीवार को फोटो और वीडियो के साथ गूगल ने डूडल बनाकर याद किया. जर्मनी को पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों में बांटने वाली इस दीवार को 25 साल पूर्व आज ही के दिन गिरा दिया गया था और पूर्वी तथा पश्चिमी जर्मनी का एक बार फिर से एकीकरण कर दिया गया था.

उल्*लेखनीय है कि बर्लिन की दीवार पश्चिमी बर्लिन और जर्मन लोकतांत्रिक गणराज्य के बीच एक बाधा के रूप में जानी जाती थी. इस दीवार ने 28 साल तक बर्लिन शहर को पूर्वी और पश्चिमी टुकड़ों में बांटकर रखा हुआ था. इस दीवार का निर्माण 13 अगस्त, 1961 को शुरू हुआ और 9 नवम्बर, 1989 के बाद के सप्ताहों में इसे तोड़ दिया गया था

rajnish manga
09-11-2014, 10:00 PM
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बर्लिन की दीवार


बर्लिन दीवार के विध्वंस की पृष्ठभूमि इस प्रकार है कि 7 मई 1989 को पूर्व जर्मनी (जिसकी सत्ता कम्युनिस्ट शासकों के हाथ में थी और जो सोवियत संघ द्वारा समर्थित थे) के लोगों ने संसदीय चुनाव में हिस्सा लिया. परिणाम क्या होंगे लोग जानते थे, क्योंकि एक बार फिर चुनावों में धांधली हुई. सत्ताधारियों का दावा था कि 98 फीसदी वोट उन्हें मिले. यहां से विरोध की शुरुआत हुई और अगले दिन लाइपत्सिष की सड़कों पर प्रदर्शनकारी उतर चुके थे.

1989 की जुलाई में वारसा संधि वार्ता हुई. सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिखाएल गोर्बाचेव ने ब्रेजनेव की नीति खारिज कर दी. इससे सोवियत संघ के समाजवादी पड़ोसी के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के अधिकार खत्म हो गए. इसके बाद से उनके पड़ोसी देशों को अपनी राष्ट्रीय समस्याओं का हल खुद निकालना था.

rajnish manga
09-11-2014, 10:02 PM
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बर्लिन की दीवार
7 नवंबर 1989 तक प्रदर्शनकारी पूर्व जर्मनी की राजधानी तक पहुंच चुके थे. सैकड़ों हजार लोग अपनी ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों पर उतर आए थे. उनका स्लोगन था 'नो वॉयलेंस'. जीडीआर के 40 साल के इतिहास में यह सबसे बड़ा प्रदर्शन माना जाता है. उसके ठीक बाद ही दीवार को गिराकर पश्चिमी और पूर्वी जर्मनी को एक कर दिया गया. बर्लिन यूरोप की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने में सबसे बड़ा योगदान देता है.

सोवियत संघ के पतन और शीत युद्ध के अंत के बादबर्लिन की दीवार एकमात्र बाधा नहीं थी जो दूर हुई बल्कि इसके साथ ही धन, व्यापार, लोगों और विचारों के प्रवाह को बाधित करने वालो अवरोधों का भी पतन हो गया।

इस सिल्वर जुबिली के अवसर पर जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल ने पूर्वी जर्मनी की कम्युनिस्ट सरकार के दौर में मारे गए लोगों की याद में समारोह में हिस्सा लिया. चांसलर मार्केल और दूसरे अन्य अधिकारीयों ने बर्लिन वॉल मेमोरियल पर फूल रखकर उन शहीदों को याद किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस बात समझना बेहद जरूरी है कि इस दीवार के कारण पूरा जर्मनी ही नहीं, बल्कि पूर्वी यूरोप भी पीड़ित रहा है.
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soni pushpa
10-11-2014, 12:49 AM
आदरणीय रजनीश जी ... बहुत बहुत धन्यवाद इतनी रोचक जानकारी हम सबके साथ शेयर करने के लिए और एक नया सूत्र शुरू करने के लिए बधाइयाँ ...

rajnish manga
11-11-2014, 09:22 PM
स्पॉटलाइट पसंद करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, पुष्पा सोनी जी.

rajnish manga
11-11-2014, 09:46 PM
विश्व में आत्महत्या के मामले

विश्व स्वास्थ्य संगठन (who) की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व में हर 40 सैकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है. स्थिति की गंभीरता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि संसार में जितने व्यक्ति खुदकुशी करने से मरते हैं उतने तो युद्धों, लड़ाई-झगड़ों, प्राकृतिक आपदाओं और सड़क दुर्घटनाओं को मिला कर भी नहीं मरते. संसार में हर वर्ष लगभग 15 लाख हिंसात्मक मौतें होती हैं जिनमें से 8 लाख तो अकेले खुदकुशी के कारण ही होती हैं. आत्महत्या के कारण मरने वालों की बात करें तो केन्द्रीय और पूर्वी यूरोप तथा एशिया में इनकी दर सबसे अधिक है. कुल आत्महत्याओं के लगभग 25% केस विकसित और धनवान देशों में देखने में आते हैं.

rafik
12-11-2014, 11:27 AM
नए सूत्र में बहुत अच्छी जानकारी मिल रही है ,सूत्र के लिए मेरा धन्यवाद स्वीकार करे !:hello::hello::hello:

rajnish manga
18-11-2014, 09:25 PM
आग पर बैठे दो नगर: सेन्ट्रालिया और झरिया

http://ts1.mm.bing.net/th?&id=HN.607995841371374598&w=300&h=300&c=0&pid=1.9&rs=0&p=0^http://ts1.mm.bing.net/th?&id=HN.607988153382079268&w=300&h=300&c=0&pid=1.9&rs=0&p=0

Centralia Before and after fire

rajnish manga
18-11-2014, 09:32 PM
आग पर बैठे दो नगर: सेन्ट्रालिया और झरिया

http://ts1.mm.bing.net/th?&id=HN.607991877118001657&w=300&h=300&c=0&pid=1.9&rs=0&p=0^http://ts1.mm.bing.net/th?&id=HN.608011457870037186&w=300&h=300&c=0&pid=1.9&rs=0&p=0

Jhariya a dormant town sitting on an underground fire
for decades

rajnish manga
18-11-2014, 09:35 PM
आग पर बैठे दो नगर: सेन्ट्रालिया और झरिया

जिन दो नगरों की हम बात कर रहे हैं, उनमे से एक अमरीका में और दूसरा भारत में स्थित है। सेन्ट्रालिया को इस आलेख में इसलिए जगह दी गयी है ताकि आप समझ सकें की इस प्रकार की गंभीर प्राकृतिक परिस्थितियाँ कहीं भी पैदा हो सकती हैं। यह भी मानव के विकास की कहानी के परिणाम हैं। सेन्ट्रालिया कोलंबिया काउंटी, अमरीका के पेंसिलवानिया राज्य में बसा हुआ एक नगर है. यहाँ पर लगभग पिछले 50 वर्ष से भूमिगत आग लगी हुई है। 2010 में यहाँ की जनसंख्या 16336 थी. अब एक प्रेत नगर दिखाई देता है।

सेंट्रालिया नामक इस शहर की त्रासदी एक तकनीकी खामी के चलते आयी है, जैसा चेर्नोबिल या भोपाल में हुआ। पर सुनामी, चेर्नोबिल या भोपाल में आपदा सब पर एक साथ आयी, जिसने सारे निवासियो को एकजुट होने का मौका दिया उससे लड़ने का, पुनर्स्थापना का जज्बा दिखाने का। ऐसी आपदाओं पर मीडिया की चौबीसो घँटे नज़र रहने की वजह से राहत और सहानुभूति की वर्षा भी होती है। सेंट्रालिया मे आपदा धधकती आग के रूप में जमीन के नीचे है और धीरे धीरे फैल रही है।

rajnish manga
18-11-2014, 09:54 PM
आग पर बैठे दो नगर: सेन्ट्रालिया और झरिया

सेंट्रालिया की आग से बहुत पहले भारत का एक नगर भी इसी प्रकार की स्थितियों से दो चार हा था और आज तक है. सन 1916 से यानी लगभग 98 वर्ष से कार्बन मोनोआक्साईड की दम धोंटू गंध गोफ और भू-धसान की पीड़ा तथा घरों की फटी दीवारों के बीच भय के साये में ज़िंदगी गुज़ारते रहे हैं झरिया के लोग. वृद्ध चल बसे, बच्चे अब बू़ढे हो गए हैं और नई पीढ़ी आग की लपेटों में झुलसने को विवश है. लोग कहते हैं कि अब पलायन की बेला है. पांच लाख लोग विस्थापन के कगार पर हैं. कई पुश्तों से झरिया की माटी से लगाव अब याद भर रह जाएगा. झरिया के विस्थापन की तलवार जिन लोगों पर लटकी है वे कई तरह के सवाल पूछते हैं. वैसे दबी ज़ुबान में लोग इस तथ्य को स्वीकारते हैं कि देश दुनिया के कई हिस्से में इस तरह की आग लगती है और इस पर क़ाबू भी पा लिया जाता है. यदि शुरू में ही ईमानदारी से प्रयास किया जाता तो शायद इतनी खतरनाक हालत नहीं होती.

कुछ ऐसा ही झरिया बिहार में हो रहा है। झरिया पूर्वी भारत के झारखंड राज्य में स्थित जिला धनबाद के आठ विकास ब्लॉक में से एक है। यहाँ सवाल अस्सी हजार परिवारों का है, 7500 करोड़ रूपये भी स्वीकृत हो गये हैं। पर मीडिया की निगाह से अछूते इस भारतीय सेंट्रालिया के निवासी भी राज्य सरकार और केंद्र सरकार की रस्साकशी देखने को मजबूर हैं।

rajnish manga
18-11-2014, 10:04 PM
आग पर बैठे दो नगर: सेन्ट्रालिया और झरिया

मामला चाहे भारत जैसे विकासशील देश का हो या अमरीका जैसे विकसित देश का, सरकार अगर अकर्मण्य हो तो योजनायें फाईलों में ही दफ्न रह जाती हैं। ऐसी आग को पूर्णतः बुझाना नामुमकिन है क्योंकि जैसे जैसे ज़मीन पर दरारें उभरती हैं आक्सीज़न ज़मीन तक पहुँचने में कामयाब होने लगती है। पानी जैसे माध्यम भी नाकाफी सिद्ध हुये हैं। ऐसे में इलाके में रह रहे परिवारों का न्यायपूर्ण पुर्नवास ही एकमात्र समझदारी का हल है, जो सेंट्रालिया में किया भी गया, पर झरिया जैसे क्षेत्रों में अपाहिज सरकार के होते यह कदम लागू करना भी भूमीगत आग को बुझाने जितना ही कठिन है। अनेकों समितियां, योजनायें, सिफारिशें, पुनर्वास हेतु सहायता राशि का आबंटन आदि सभी कदम अब तक बहुत अधिक कामयाब नहीं हो पाये हैं. भविष्य के गर्भ में क्या छुपा है, कौन बता सकता है?

http://ts1.mm.bing.net/th?&id=HN.608032116661683202&w=300&h=300&c=0&pid=1.9&rs=0&p=0

Images of Jharia fire
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rajnish manga
27-11-2014, 09:24 PM
काठमांडू में बर्फ़ पिघली

बधाई हो .... बर्फ़ पिघल गयी. यह हमारे sub-continent के लिए बहुत संतोष की बात है. भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों ने आखिरकार हाथ मिला ही लिए.



http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33429&stc=1&d=1417108653

rajnish manga
27-11-2014, 09:29 PM
काठमांडू में बर्फ़ पिघली

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33429&stc=1&thumb=1&d=1417108646

18th SAARC Summit

जब से काठमांडू में सार्क सम्मलेन शुरू हुआ है, तब से न्यूज़ चैनलों पर रह रह कर एक ही तस्वीर दिखाई जा रही थी. प्रधानमंत्री मोदी बैठे हुए अपने नाक की सीध में देख रहे हैं और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री उनकी पीठ के पीछे से अपनी नाक की सीध में चले जा रहे थे. न नेत्र-मिलन, न दुआ-सलाम, न खैरियत, न गर्मजोशी. हाथ मिलाना दो बड़े दूर की बात है. इस तस्वीर को सार्क के सभी देशों में देखा गया और सार्क देशों के सभी राष्ट्राध्यक्षों और प्रधानमंत्रियों ने अपनी आँखों से देखा. सभी ग़मगीन थे और सभी गहन चिंता में डूबे हुए थे. कई प्रस्ताव अधर में लटके थे. सम्मलेन की सफलता खटाई में पड़ी थी. इस बात को ले कर बड़े बड़े कयास लगाए गए. टीवी चेनलों में बार बार वही तस्वीर दिखाई जाती रही, बहस मुबाहसे हुए, पार्टियों के प्रवक्ता बचाव और प्रहार करके अपने कर्तव्य का पालन कर रहे थे.

rajnish manga
27-11-2014, 09:32 PM
काठमांडू में बर्फ़ पिघली
18th SAARC Summit

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33429&stc=1&thumb=1&d=1417108646

और लीजिये साहब, हम शाम की चाय का लुत्फ़ लेने के लिए बैठे थे कि सोचा कि क्यों न दिन भर की सरगर्मियों पर नज़र डाल ली जाये. सो, टीवी ऑन कर दिया गया. वाह, क्या बात है! यह मैं क्या देख रहा हूँ! दोनों प्रधानमंत्री एक-दूसरे से हाथ मिला रहे हैं. मोदी जी और नवाज़ शरीफ शेक हैंड कर रहे हैं. और वह भी कोई छोटा-मोटा हैंडशेक नहीं था. आधे मिनट से ज्यादा चलने वाला हैंडशेक था. एक चैनल ने सूचित किया कि हैंडशेक 31 सैकेंड तक चला. यह महत्वपूर्ण बात उन्होंने अगले कुछ मिनटों में कम से कम तीस बार दोहराई. पृष्ठभूमि में दोनों प्रधानमंत्रियों के हैंड शेक का दृश्य निरंतर चल रहा था. इसके बाद जैसा कि अक्सर होता है हमने चैनल बदल दिया. लीजिये दूसरे चैनल पर भी इसी स्वर्गिक दृश्य की झलक दिखाई जा रही थी. इसमें भी दृश्य की पृष्ठभूमि में बार बार हमारी जानकारी में बढ़ोत्तरी की जा रही थी कि हैंड शेक पूरे तैंतीस सैकेंड तक जारी रहा. इन्होने एक नयी बात की. इस चैनल ने स्क्रीन पर एक घड़ी भी चलती हुयी दिखा दी. वे शायद इस बारे में कोई ग़लतफ़हमी पैदा नहीं करना चाहते थे. दर्शक स्वयं जांच कर लें कि हैंडशेक कितनी अवधि का था.

rajnish manga
27-11-2014, 09:34 PM
काठमांडू में बर्फ़ पिघली
18th SAARC Summit

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33429&stc=1&thumb=1&d=1417108646

इस रूहानी कवरेज के बाद लगभग सभी चैनलों ने इस हैंड शेक की राजनैतिक अहमियत पर विचार विमर्श करने के लिए प्रमुख राजनैतिक दलों के नुमाइंदों और कुछ वरिष्ठ पत्रकारों तथा विदेशी मामलों के विशेषज्ञों को प्यार से बात करते हुए दिखाया जिसमे कोई भी व्यक्ति दूसरे व्यक्ति का कॉलर नहीं फाड़ रहा था (क्योंकि वे सब वीडियो कांफ्रेंसिंग में थे). उधर दूसरी ओर शिव सेना के हवाले से खबर आयी कि वो चाहते हैं कि पाकिस्तान से हर प्रकार की वार्ता बंद कर देनी चाहिए और उससे हर प्रकार के रिश्ते तोड़ देने चाहियें.

खैर यह कम इत्मीनान की बात नहीं है कि बर्फ पिघल गई है या पिघलने लगी है. इसके क्या दूरगामी परिणाम निकलेंगे यह जानने के लिए इंतज़ार करें हमारे अगले एपिसोड का.


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rajnish manga
01-12-2014, 10:05 PM
लुप्त होने की कगार पर प्राणी


CAG ने एक रिपोर्ट संसद के पटल पर रखी है जिसमे उन प्राणियों का ज़िक्र किया गया है जिनकी प्रजातियों पर मौत का खतरा मंडरा रहा है. हो सकता है प्राणियों की ये प्रजातियाँ हमारे देखते देखते ही विलुप्त हो जाएँ. रिपोर्ट में 100 वर्ष पुरानी संस्था "भारतीय प्राणी सर्वेक्षण" (Zoological Survey of India) के हवाले से चौंकाने वाले आंकड़े प्रस्तुत किये गए हैं. इन आंकड़ों के अनुसार जहाँ सन 2010 में लुप्त होते जा रहे प्राणियों की प्रजातियों की कुल संख्या 190 बताई गयी थी वहां साल 2012 के आंकड़ों के मुताबिक़ ऐसे प्राणियों की संख्या बढ़ कर डबल से भी अधिक यानि 443 हो गई. CAG ने बताया कि ZSI जिनका मुख्य काम विभिन्न जीव जंतुओं के संरक्षण के उद्देश्य से निरंतर सर्वेक्षण करना है, अपना काम सुचारू रूप से नहीं कर रहे हैं.
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01-12-2014, 10:26 PM
लुप्त होने की कगार पर प्राणी


पशुओं की लुप्त होती जा रही प्रजातियों के संरक्षण के रास्ते में सबसे बड़ी रुकावट उनके जीवन के लिए जरूरी परिवेश में निरंतर कमी को माना जा रहा है. लगातार घटता वन्य क्षेत्र इसका एक बड़ा कारण है.

CAG की लिस्ट में विलुप्त होने का खतरा झेलते प्राणियों को पाँच श्रेणियों में विभाजित किया गया है जिसे निम्न तालिका में दिखाया गया है:

क्रमांक/ श्रेणी/ 2010 में स्थिति/ 2012 में स्थिति

1 Birds 57 / 139 (पक्षी)

2 Mammals 62 / 123 (स्तनपायी)

3 Amphibians 35 / 74 (भूमि + जल के जीव)

4 Reptiles 14 / 40 (रेंगने वाले जीव)

5 Fish 22 / 67 (मछली)

TOTAL 190 / 443

यदि इन प्राणियों की नस्ल को बचाने के लिए जल्द ही कारगर कदम नहीं उठाये गए कुछ ही वर्षों में ये नष्ट हो जायेंगी और उनके बारे में हमें किताबों में ही पढ़ना पड़ेगा.

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04-12-2014, 07:28 PM
4 दिसम्बर
भारतीय नौसेना दिवस

https://encrypted-tbn2.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcQnwH0xzspBlKlzPUUujh_KEU6kD-ho9DuART5-yS9imksjcPc8

आज 4 दिसम्बर है - नौसेना दिवस. आप सभी को तथा नौसेना कर्मियों तथा अधिकारियों को बहुत बहुत शुभकामनायें. हर वर्ष 4 दिसंबर का दिन भारत में नौसेना दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध में नौसेना ने अहम भूमिका निभाई *थी और इसी तारीख को भारतीय फौजों ने कराची बंदरगाह पर जबर्दस्त हमला किया था। इस आक्रमण को 'ऑपरेशन ट्राईडेंट' का नाम दिया गया। नौसेना की अदम्य वीरता और साहस ने इस दिन को भारतीय इतिहास में सदा के लिए अमर कर दिया।

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04-12-2014, 07:38 PM
4 दिसम्बर
भारतीय नौसेना दिवस



https://encrypted-tbn1.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcT7dqdMsfUGrJDm60dcD0uhBtDOTcrub AvZY95P15-rhUr-f-hrQQ^https://encrypted-tbn3.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcT3CqCyFP3eczVIN-b7FRMf2oPo7cTF7vTQgX06tAZh2C-BSGLF

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04-12-2014, 07:45 PM
4 दिसम्बर
भारतीय नौसेना दिवस

https://pbs.twimg.com/media/B3_K-1qCIAEI9I0.png:large

rajnish manga
04-12-2014, 07:52 PM
4 दिसम्बर
भारतीय नौसेना दिवस

नौसेना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सन्देश

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना दिवस के अवसर पर नौसेना कर्मियों को सलाम किया।

प्रधानमंत्री ने कहा,



“नौसेना दिवस के अवसर पर मैं नौसेना कर्मियों की उस अभेद्य भावना और गहरी निष्ठा को सलाम करता हूं जिसके साथ वे हमारी मातृभूमि की रक्षा करते हैं। हमारे नौसेना कर्मियों की अटल निष्ठा और साहस देश की अमूल्य संपत्ति है।”

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04-12-2014, 07:58 PM
4 दिसम्बर
भारतीय नौसेना दिवस

1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में जनरल मानेकशॉ के नेतृत्व में जहां थलेसना ने पाकिस्तानी फौजों के छक्के छुड़ा दिए, वहीं भारतीय नौसेना ने कराची बंदरगाह पर हमला कर पाकिस्तानी सेना की कमर तोड़ दी। 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना के दस्ते ने कराची बंदरगाह पर आक्रमण किया और पाकिस्तानी नौसेना के कई युद्धपोत डुबो दिए।

भारतीय नौसेना के जाबांजों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर कराची बंदरगाह के बिलकुल पास जाकर प्रक्षेपास्त्रों से कराची बंदरगाह पर हमला किया था। इस आक्रमण के बाद भारतीय नौसेना का पश्चिमी मोर्चे पर वर्चस्व हो गया। तब तक आहत पाकिस्तानी नौसेना की कमर टूट चुकी थी। पहली बार किसी नौसेना ने दुश्मन की नौसेना को एक सप्ताह के अंदर पूरी तरह से नेस्तनाबूद कर दिया था।

rajnish manga
04-12-2014, 09:20 PM
4 दिसम्बर
भारतीय नौसेना दिवस
साहस गाथा है नौसेना का इतिहास

मौजूदा समय में भारतीय नौसेना के चीफ एडमिरल आर के धोवन हैं। भारत के राष्ट्रपति तीनों सेना के प्रमुख होते हैं। वैसे भारतीय नौसेना का इतिहास काफी पुराना है। इसकी औपचारिक शुरुआत 5 सितंबर 1612 को हुई थी। इस दिन ईस्ट इंडिया कंपनी के लड़ाकू जहाजों का पहला बेड़ा सूरत बंदरगाह पर पहुंचा था। इस बेड़े को 'द ऑनरेबल ईस्ट इंडिया कंपनीज मॅरीन' नाम दिया गया। बाद में यह 'द बॉम्बे मॅरीन' कहलाया।

पहले विश्व युद्ध के दौरान इसका नाम बदल कर 'रॉयल इंडियन मॅरीन' कर दिया गया। द्वितीय विश्व युद्ध आते-आते रॉयल इंडियन नेवी में लड़ाकू जहाजों की तादाद बढ़ाकर आठ कर दी गई। युद्ध खत्म होने तक पोतों की संख्या बढ़कर 100 हो गई थी।

26 जनवरी 1950 को जब भारत गणतंत्र बना तो इसी दिन भारतीय नौसेना ने अपने नाम के सामने से 'रॉयल' शब्द हटा दिया। भारत के पहले भारतीय नौसेनाध्यक्ष वाइस एडमिरल आरडी कटारी थे, जिन्होंने 22 अप्रैल 1958 को कार्यभार संभाला।

rajnish manga
04-12-2014, 09:29 PM
4 दिसम्बर
भारतीय नौसेना दिवस

भारतीय नौसेना, भारतीय सेना का समुद्री सेना का एक अंग है उसके पीछे उसका हजारों वर्ष का गौरवशाली इतिहास है। यह सेना अन्य सशस्त्र सेनाओं तथा अर्ध सैनिक बलों के साथ एक जुट हो कर भारतीय सीमाओं, जन-धन, सभ्यता एवं संस्कृति की रक्षा करती है। 55,000 नौसैनिकों से सुसज्जित यह विश्व की पाँचवी सबसे बड़ी नौसेना है जो भारतीय समुद्री सीमा को सुरक्षा प्रदान करती है और देश के दुश्मनों के नापाक इरादों को धूल में मिलाने का माद्दा रखती है।




http://2.bp.blogspot.com/-b-CAxlWryIM/Up2ChKOrK9I/AAAAAAAAD-g/ISnpkzGprmA/s1600/113141.jpg

rajnish manga
04-12-2014, 09:49 PM
4 दिसम्बर
भारतीय नौसेना दिवस

आधुनिकतम विमान वाहक पोत
आईएनएस विक्रमादित्य


http://images.patrika.com/images/media/RPJHONL0021306201411Z05Z32%20AM.jpg^https://encrypted-tbn2.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcT7ML6xuMciwfV7Smvc_fkqy4SYCE9mG CRKjUHbCWgV2ShkVEM_ow

rajnish manga
04-12-2014, 09:54 PM
4 दिसम्बर: भारतीय नौसेना दिवस पर विशेष
आधुनिकतम विमान वाहक पोत
आईएनएस विक्रमादित्य

आईएनएस विक्रमादित्य आधुनिक सेंसरों और हथियारों से सुसज्जित है, इस पर एक साथ मिग-29के नौसेना लड़ाकू विमान के साथ ही कामोव 31 और कामोव 28 पनडुब्बी रोधी और समुद्री निगरानी 10 हेलीकॉप्टर रहेंगे। यह आईएनएस विराट से दोगुना बड़ा है। इसकी एक दिन में 600 नॉटिकल माइल्स के सफर की क्षमता जल्द से जल्द दुश्मन के तट तक पहुंचने योग्य बनाती है।


आईएनएस विक्रमादित्य एक तरह से तैरता हुआ शहर की तरह है, जिसका वजन 45,500 टन है। इस युद्धपोत की लंबाई 284 मीटर है, जो तीन फुटबॉल मैदानों के बराबर है। यह युद्धपोत 60 मीटर ऊंचा है जो लगभग 20 मंजिला इमारत के बराबर है। इसमें 22 छतें हैं। इस पर 1600 नौसैनिक तैनात होंगे। इन नौसैनिकों के लिए हर महीने 16 टन चावल, एक लाख अंडे, 20 हजार लीटर दूध आवश्यक होगा।

आईएनएस विक्रमादित्य लगातार 45 दिन समुद्र में रह सकता है। इसकी क्षमता आठ हजार टन ईंधन की है। इसके हवाई अड्डे से सात हजार समुद्री मील या 13,000 किमी तक अभियान चलाया जा सकता है। यानी इसकी छत से उड़े लड़ाकू विमान अमेरिका तक तबाही मचा सकते हैं।
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rajnish manga
25-01-2015, 12:38 PM
Perumal Murugan
पेरुमाल मुरुगन


https://encrypted-tbn1.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcRIR5qPzSrY0tjQ7QxXdcYfAbLLDf_cb BR0tSqG36gWBpG9MfGM


It is a travesty of a democratic society in which religious bigots run amok to gag the voice of a renowned author to such an extent that he gave up writing altogether. It is a pity that he has forbidden his publishers from selling his books, asked the booksellers and his readers to consign his books to flames. Further, he has assured the publishers that he would compensate them with the production cost and the cost of unsold books. He was also willing to compensate the booksellers and readers too. Is it the progressive society which claims to thrive on the ideals of-

असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय , मॄत्योर्माअमॄतं गमय ।

हे प्रभु! असत्य से सत्य, अन्धकार से प्रकाश और मृत्यु से अमरता की ओर मेरी गति हो ।

O Lord! Lead me from the untruth to truth, darkness to light and death to immortality.

तमिल लेखक को डर है कि कहीं उनका हश्र भी सलमान रूश्दी तथा तसलीमा नसरीन वाला न हो.

In my opinion, what is happening is atrocious, to say the least. Sometimes people force a publisher to disown a published work of a renowned indologist (ref. Wendy Doniger's book) and at others, they want to stop the exhibition of a cinematic masterpiece (recently the target was PK) and now they have coerced a scholar and a writer to commit literary harakiri.

rajnish manga
25-01-2015, 12:43 PM
Perumal Murugan
पेरुमाल मुरुगन

तमिल साहित्य के नामचीन लेखक 48 वर्षीय पेरुमल मुरुगन ने अपनी फेसबुक वॉल पर एक सुसाईड नोट लिखा। नोट में लिखा है कि लेखक पी. मुरुगन की मौत हो चुकी है। वह भगवान नहीं है। वह फिर नहीं आएगा। इसलिए अब सिर्फ पी. मुरुगन, एक शिक्षक जिंदा है।

दरअसल 4 पुस्तकों के चर्चित तमिल लेखक पेरुमल मुरूगन के एक उपन्यास से उपजे बवाल के बाद उन्होंने ऐसा लिख डाला। क्यों इस उपन्यास का घोर विरोध हो रहा है। इसे समाज-विरोधी माना गया और विरोधियों ने उनसे उपन्यास वापस लेने के लिए उन्हें विवश कर दिया। जिससे आहत होकर उन्होंने फेसबुक पर अपनी मौत के बारे में लिख दिया।

पेरुमल मुरूगन ने तंग आकर अपनी फेसबुक वॉल पर एक सुसाइड नोट लिखा है कि लेखक पेरुमल मुरूगन मर गया है। उन्होंने अपनी सारी पुस्तकें वापस ले ली हैं और पाठकों से अपील की है कि वे उनकी समस्त पुस्तकें जला दें तथा प्रकाशक उनकी पुस्तकें न बेचें। नोट में उन सभी लोगों का शुक्रिया अदा किया गया है जिन्होंने अभिव्यक्ति की आजादी और उनके उपन्यास का समर्थन किया है। मुरुगन का नाम तमिल साहित्य के महान लेखकों में गिना जाता है। अपनी किताबों में उन्होंने कई सामाजिक कुरीतियों जैसे जात-पांत, छुआछूत और सामाजिक भेदभाव पर गहरी चोट की है।

rajnish manga
25-01-2015, 12:47 PM
Perumal Murugan
पेरुमाल मुरुगन



http://pbs.twimg.com/media/B7UEm_LCEAA4hHh.png

rajnish manga
25-01-2015, 12:50 PM
Perumal Murugan
पेरुमाल मुरुगन

http://media.newindianexpress.com/Perumal-Murugan.JPG/2015/01/14/article2618423.ece/alternates/w620/Perumal%20Murugan.JPG

rajnish manga
25-01-2015, 12:51 PM
Perumal Murugan
पेरुमाल मुरुगन


http://media.newindianexpress.com/Perumal-Murugan.JPG/2015/01/15/article2620239.ece/binary/original/Perumal%20Murugan.JPG

rajnish manga
25-01-2015, 12:54 PM
Perumal Murugan
पेरुमाल मुरुगन

http://www.doolnews.com/wp-content/uploads/2015/01/Cartoon_Perumal-Murugan_2.jpg

एक सांकेतिक चित्र

rajnish manga
25-01-2015, 01:06 PM
Perumal Murugan
पेरुमाल मुरुगन


https://encrypted-tbn1.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcR7t6OH5D3TSVHlo6moYKJQYTQA3Diun hpxm2ZsiymKlpExgEsh^https://encrypted-tbn0.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcQS53c7fez4A8OfCHHU65sJJ00GXo_Gx TSVAbqVPsVE6_9-41eeOg

तमिल लेखक पेरुमाल मुरुगन तथा उनकी पुस्तक 'माधोरुभागन' (Madhorubhagan) which is published as "One Part Woman" in English

rajnish manga
25-01-2015, 04:12 PM
Perumal Murugan
पेरुमाल मुरुगन


पेरुमाल मुरुगन तमिल में लिखने वाले एक सम्मानित लेखक, विद्वान और साहित्यिक इतिहासकार हैं। इनके अब तक चार उपन्यास, तीन कहानी संग्रह और तीन काव्य-संग्रह प्रकाशित हुए हैं। वह नामकल में सरकारी आर्टस कॉलेज में तमिल के प्रोफेसर हैं। इनके द्वारा सन 2010 में प्रकाशित तमिल उपन्यास 'मधोरुबगन' दरअसल, एक गरीब निःसंतान दंपति की कहानी है. इसमें दिखाया गया है कि कैसे एक स्त्री संतान के लिए तड़प रही है और प्राचीन हिंदू रथयात्रा उत्सव में पहुंचती है, जहाँ एक रात के लिए किसी भी स्त्री और पुरुष के बीच आपसी सहमति से यौन संबंध बनाने की इजाज़त है.


मुरुगन अपनी इस किताब के माध्यम से जाति और समाज की उस हठधर्मिता के बारे में ज़ोरदार टिप्पणी करते हैं जिसकी वजह से पति-पत्नी के संबंधों में विवाद उठ खड़ा होता है और उनकी शादी संकट में आ जाती है. लेखक यह मान कर चलते हैं कि इस तरह की परंपराओं का कोई ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं है, लेकिन ये कहानियां मौखिक रूप से ही कही जाती रही हैं. अपनी किताब में मुरुगन कहते हैं कि उन्हें अपने अध्ययन के दौरान ऐसे लोग मिले, जिन्हें लोग 'भगवान का दिया हुआ बच्चा' पुकारते हैं.इस बारे में वे लिखते हैं कि मैंने अनुमान लगाया था कि उन्हें ऐसा इसलिए पुकारा जाता है क्योंकि वे ईश्वर की पूजा के बाद जन्मे थे.

rajnish manga
25-01-2015, 04:25 PM
Perumal Murugan
पेरुमाल मुरुगन


मुरुगन और उनकी किताब का विरोध कर रहे समूहों के बीच एक बैठक के बाद बात ज़्यादा बिगड़ गई. इस बैठक में समूहों ने मुरुगन से बिना शर्त माफी मांगने, विवादित हिस्सा हटाने और ऐसी चीजों को लिखने से तौबा करने के लिए कहा था जिससे आम आदमी की भावनाएं आहत होती हैं. इसके विपरीत, कई लेखकों ने मुरुगन की अलग और चौंकानेवाली कल्पना और दंपति के 'संवेदनशील चित्रण' की सराहना भी की है.

कई लेखक और बुद्धिजीवी किताब पर हो रहे जातिवादी हमले को अभिव्यक्ति पर हमला मानते हैं. इतिहासकार रामचंद्र गुहा कहते हैं, "पेरुमल मुरुगन का इस तरह चुप हो जाना तमिलनाडु ही नहीं पूरे भारत के लिए दुखद है."

रामचंद्र गुहा की ही तरह दूसरों का भी मानना है कि अगर मुरुगन ने भारत में अभिव्यक्ति पर बढ़ते हमले के बीच लिखना नहीं शुरू किया तो ये निराशाजनक होगा.

लेखक और अनुवादक एन कल्याण रमण कहते हैं, "मुरुगन तमिल भाषा के बेहतरीन लेखकों में से हैं. उनकी रचनाओं में तमिलनाडु बसता है. वे अपनी कलम से जातिगत भेदभाव पर सवाल खड़े करते रहे हैं. वे अपनी जिम्मेदारियों के प्रति एक सजग और इतिहास के प्रति संवेदनशील रचनाकार हैं."

rajnish manga
07-02-2015, 08:39 AM
दिल्ली विधान सभा निर्वाचन - 2015
Delhi Assembly Elections - 2015

Trends as per opinion polls & surveys conducted during the last 15 days preceding the actual polling date ie Feb. 7, 2015

https://mail.google.com/mail/?ui=2&ik=a691d71cb2&view=fimg&th=14b627055fe81c2e&attid=0.1&disp=inline&realattid=f_i5ujjz3j0&safe=1&attbid=ANGjdJ8obF-hpvBinCxqnx64CHT-xwCZop3rMTZPQCYX7xsTL4LlQouxwWi6Zo5qXUtzsF07gSVdDk H9BvyfraiK1U7QDO2quNoyQdNZSOzyZy7djXfDMB2AbOfOViQ&ats=1423285721717&rm=14b627055fe81c2e&zw&sz=w766-h343

rajnish manga
07-02-2015, 06:22 PM
दिल्ली विधान सभा निर्वाचन - 2015
Delhi Assembly Elections - 2015

Trends As Per Exit Polls

आजतक – सिसरो....(आप 35-43) (भाजपा 23-29) (कांग्रेस 3-5)

एबीपी – नीलसन....(आप 39) (भाजपा 28) (कांग्रेस 3)

टाइम्स नाऊ – सी (आप 34) (भाजपा 31) (कांग्रेस 3) (अन्य 2)

न्यूज़ नेशन .........(आप 39-43) (भाजपा 25-29) (कांग्रेस 1-3)


एग्जिट पोल से प्राप्त रुझान के अनुसार दिल्ली विधान सभा (कुल सीट 70) में आप पार्टी पूर्ण बहुमत प्राप्त करती दिखाई दे रही है. अतः दिल्ली में अगली सरकार अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आप पार्टी द्वारा बनाई जा सकती है. अंतिम और निर्णायक आंकड़े देखने के लिए हमें 10 फरवरी 2015 का इंतज़ार करना पड़ेगा, जबकि वोटों की गिनती की जायेगी.

As per the trends available from various Exit Polls, AAP is poised to form next government in Delhi. Let us wait for the official tally to be available on February 10, 2015 after the counting of votes.

rajnish manga
10-02-2015, 12:58 PM
दिल्ली विधान सभा निर्वाचन - 2015
Delhi Assembly Elections - 2015

10/02/2015

https://encrypted-tbn0.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcSmnnAcY6vb7h3GYsMHuGnADCc-gdC8HUJ1ANi0ZEtCzKksFkEM

Delhi Election results are out and the ABC of it is as under:

A = Aam Admi Party (AAP)...= 67 Seats

B = Bhartiya Janta Party (BJP) = 3 Seats

C = Congress (INC)...............= 0 Seats
------------
Total = 70 Seats
------------

This is unprecedented. This is mind boggling. What should we call it?

A Massive Victory? Or
A Landslide Victory? Or
A One sided Victory?

rajnish manga
14-03-2015, 09:00 PM
http://sth.india.com/hindi/sites/default/files/styles/zm_700x400/public/2015/03/14/335121-britaingandhi-140315-ra2.jpg?itok=1H-N6zGh

लंदन (यूनाइटेड किंगडम) में महात्मा गाँधी की प्रतिमा का अनावरण

rajnish manga
17-03-2015, 07:43 PM
http://etaleem.net/wp-content/uploads/2015/03/Protest-against-sexual-harassment-AFghan-Artist-kubra-khademi-death-threats.jpg

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17-03-2015, 08:30 PM
http://i2.mirror.co.uk/incoming/article5320607.ece/alternates/s615/afghan-main.jpg

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17-03-2015, 08:54 PM
An Afghan artist Kubra Khademi has been forced into hiding after receiving death threats for dressing in a metal suit featuring exaggerated breasts and buttocks. Kubra Khademi wore the unusual armour in a performance on the streets of Kabul to highlight the problems of sexual harassment faced by women.

She had hoped to make a walk lasting for 10 minutes but in the event was forced back into her car by an angry mob of men after only eight minutes. The men threw things and even children were shouting at her. She said the men were yelling: "That whore. What is she doing? Is she a foreigner? Who the hell is she?"

The idea of the armour was inspired by her own experiences of sexual harassment when she was only five years old. She was very upset by the encounter which she likened to killing a butterfly.

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17-03-2015, 08:57 PM
"First of all I questioned my identity and sexuality and everything I was feeling," she said.

"It was like something was dead. What I remember of that day is only one sentence I said at that moment: 'I wish my underwear was made of iron.'"

'Heat is increasing'

For the performance, she walked on the crowded streets of Kabul's western district of Kote Sangi, where she had faced taunts and harassment as a student in 2008.

'When it happened to me then, I screamed and screamed, and all the people started looking at me and yelling at me and saying 'how dare you scream, you whore'," she says.

"Nobody was defending me, they were blaming me."

She says she had expected some hostility for the performance in Kote Sangi last week but she thought it would die down.

Instead, she says, "the heat is increasing every day".

She is now receiving constant death threats by email and phone and her life has been turned upside down but she has no regrets.

"What I am facing now is the reality of my society," she said. "I can't change it immediately. OK, you are angry, but this is how I work, and I am not going to stop it."

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17-03-2015, 09:24 PM
भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में विपक्षी दलों का मार्च

भूमि अधिग्रहण बिल पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दल के तकरीबन 125 सांसद आज राष्ट्रपति से मिले। राष्ट्रपति को सांसदों ने ज्ञापन सौंपा।

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में विपक्षी सांसदों का राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च किया। सौ से ज्यादा सांसद इस मार्च में शामिल हुए। ये सांसद तख्तियां लिए हुए और भूमि बिल के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। पुलिस ने ये रास्ता आम लोगों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया था।

इस अवसर पर मार्च में शामिल कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि सरकार पूंजीपतियों और उद्योगपतियों के साथ है और उन्हीं के लिए इस बिल में ये बदलाव कर रही है। इससे पहले बिल के खिलाफ 10 विपक्षी दलों ने संसद भवन से राष्ट्रपति भवन तक पैदल मार्च का ऐलान किया।

गौरतलब है कि जमीन अधिग्रहण बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है। इससे पहले सोमवार को भी कांग्रेस ने भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में प्रदर्शन किया। रास्ते में पुलिस ने उसका रास्ता रोक लिया। जिस पर दोनों के बीच जमकर झड़प हुई। पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ा जिसमें कई कार्यकर्ता घायल भी हुए।

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17-03-2015, 09:38 PM
17 मार्च 2015
भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में विपक्षी दलों का मार्च

http://i.ndtvimg.com/i/2015-03/sonia-land-march_295x200_81426595815.jpg

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01-04-2018, 11:09 AM
तिब्बत के बाहर तिब्बतिओं की जनसँख्या 1,50,000 से अधिक


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01-04-2018, 11:17 AM
म्यांमार (बर्मा) में रोहिंग्या मुसलमानों का उत्पीड़न तथा पलायन

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18-12-2018, 04:06 PM
मनुस्मृति: एक संक्षिप्त परिचय

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