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View Full Version : डेंगू बुखार


bindujain
09-11-2014, 04:08 AM
http://img.amarujala.com/2013/09/27/dengue-2-1-1-1-1-27-09-2013-52455b368a0ce.jpg

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09-11-2014, 04:08 AM
डेंगू बुख़ार एक संक्रमण है जो डेंगू वायरस के कारण होता है। मच्छर डेंगू वायरस को संचरित करते (या फैलाते) हैं। डेंगू बुख़ार को "हड्डीतोड़ बुख़ार" के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इससे पीड़ित लोगों को इतना अधिक दर्द हो सकता है कि जैसे उनकी हड्डियां टूट गयी हों। डेंगू बुख़ार के कुछ लक्षणों में बुखार; सिरदर्द; त्वचा पर चेचक जैसे लाल चकत्ते तथा मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द शामिल हैं। कुछ लोगों में, डेंगू बुख़ार एक या दो ऐसे रूपों में हो सकता है जो जीवन के लिये खतरा हो सकते हैं। पहला, डेंगू रक्तस्रावी बुख़ार है, जिसके कारण रक्त वाहिकाओं (रक्त ले जाने वाली नलिकाएं), में रक्तस्राव या रिसाव होता है तथा रक्त प्लेटलेट्स (जिनके कारण रक्त जमता है) का स्तर कम होता है। दूसरा डेंगू शॉक सिंड्रोम है, जिससे खतरनाक रूप से निम्न रक्तचाप होता है।

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09-11-2014, 04:12 AM
डेंगू वायरस चार भिन्न-भिन्न प्रकारों के होते हैं। यदि किसी व्यक्ति को इनमें से किसी एक प्रकार के वायरस का संक्रमण हो जाये तो आमतौर पर उसके पूरे जीवन में वह उस प्रकार के डेंगू वायरस से सुरक्षित रहता है। हलांकि बाकी के तीन प्रकारों से वह कुछ समय के लिये ही सुरक्षित रहता है। यदि उसको इन तीन में से किसी एक प्रकार के वायरस से संक्रमण हो तो उसे गंभीर समस्याएं होने की संभावना काफी अधिक होती है।

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09-11-2014, 04:14 AM
http://media2.intoday.in/aajtak/images/stories/102012/delgu650_102812113047.jpg

bindujain
09-11-2014, 04:14 AM
लोगों को डेंगू वायरस से बचाने के लिये कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। डेंगू बुख़ार से लोगों को बचाने के लिये कुछ उपाय हैं, जो किये जाने चाहिये। लोग अपने को मच्छरों से बचा सकते हैं तथा उनसे काटे जाने की संख्या को सीमित कर सकते हैं। वैज्ञानिक मच्छरों के पनपने की जगहों को छोटा तथा कम करने को कहते हैं। यदि किसी को डेंगू बुख़ार हो जाय तो वह आमतौर पर अपनी बीमारी के कम या सीमित होने तक पर्याप्त तरल पीकर ठीक हो सकता है। यदि व्यक्ति की स्थिति अधिक गंभीर है तो, उसे अंतः शिरा द्रव्य (सुई या नलिका का उपयोग करते हुये शिराओं में दिया जाने वाला द्रव्य) या रक्त आधान (किसी अन्य व्यक्ति द्वारा रक्त देना) की जरूरत हो सकती है।

bindujain
09-11-2014, 04:14 AM
1960 से, काफी लोग डेंगू बुख़ार से पीड़ित हो रहे हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यह बीमारी एक विश्वव्यापी समस्या हो गयी है। यह 110 देशों में आम है। प्रत्येक वर्ष लगभग 50-100 मिलियन लोग डेंगू बुख़ार से पीड़ित होते हैं।

वायरस का प्रत्यक्ष उपचार करने के लिये लोग वैक्सीन तथा दवाओं पर काम कर रहे हैं। मच्छरों से मुक्ति पाने के लिये लोग, कई सारे अलग-अलग उपाय भी करते हैं।

डेंगू बुख़ार का पहला वर्णन 1779 में लिखा गया था। 20वीं शताब्दी की शुरुआत में वैज्ञानिकों ने यह जाना कि बीमारी डेंगू वायरस के कारण होती है तथा यह मच्छरों के माध्यम से संचरित होती (या फैलती) है।

bindujain
09-11-2014, 04:17 AM
कारण


इस रोग के कारण मच्छरों द्वारा मानव शरीर में विषाणु पहुंचता हैं। डेंगू एक बीमारी हैं जो एडीज इजिप्टी मच्छरों के काटने से होता हैं। इस रोग में तेज बुखार के साथ शरीर के उभरे चकत्तों से खून रिसता हैं। डेंगू तथा डेंगू रक्तस्रावी बुखार बहुत तीव्र प्रकार के मांसपेशीय तथा रक्त से जुडे रोग है ये उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र मे तथा अफ्रीका मे मिलते है, ये चार प्रकार के निकटता से जुडे विषाणु से होते है, जो फ्लैविवायरस गण तथा फ्लेविविराइड परिवार के होते है, बहुधा उन्हीं क्षेत्रों मे फैलता है जिनमे मलेरिया फैलता है, किंतु मलेरिया से पृथकता यह है कि यह शहरी क्षेत्र मे फैलता है जिनमे सिंगापुर, ताइवान, इण्डोनेशिया, फिलीपींस, भारत तथा ब्राजील भी शामिल है, प्रत्येक विषाणु इतना भिन्न होता है किसी एक से संक्रमण के बाद भी अन्य के विरूद्ध सुरक्षा नहीं मिलती है, तथा जहाँ यह महामारी के रूप मे फैलता है वहाँ एक समय मे अनेक प्रकार के विषाणु सक्रिय हो सकते है, डेंगू मानव मे एडिस एजेप्टी नामक मच्छर के द्वारा फैलता है [कभी कभी एडिस एलबोपिकटस से भी]यह मच्छर दिन मे काटता है।

bindujain
09-11-2014, 04:18 AM
http://navbharattimes.indiatimes.com/thumb/msid-39196163,width-300,resizemode-4/Dengue.jpg

bindujain
09-11-2014, 04:20 AM
लक्षण


यह रोग अचानक तीव्र ज्वर के साथ शुरू होता है, जिसके साथ साथ तेज सिर दर्द होता है, मांसपेशियों तथा जोडों मे भयानक दर्द होता है जिसके चलते ही इसे हड्डी तोड़ बुखार कहते हैं। इसके अलावा शरीर पर लाल चकते भी बन जाते है जो सबसे पहले पैरों पे फिर छाती पर तथा कभी कभी सारे शरीर पर फैल जाते है। इसके अलावा पेट खराब हो जाना, उसमें दर्द होना, कमजोरी, दस्त लगना, ब्लेडर की समस्या, निरंतर चक्कर आना, भूख ना लगना भी लक्षण रूप मे ज्ञात है।
कुछ मामलों मे लक्षण हल्के होते है जैसे चकते ना पडना, जिसके चलते इसे इंफ्लूएंजा का प्रकोप मान लिया जाता है या कोई अन्य विषाणु संक्रमण, यदि कोई व्यक्ति प्रभावित क्षेत्र से आया हो और इसे नवीन क्षेत्र मे ले गया हो तो बीमारी की पहचान ही नहीं हो पाती है रोगी यह रोग केवल मच्छर या रक्त के द्वारा दूसरे को दे सकता है वह भी केवल तब जब वह रोग ग्रस्त हो।
शास्त्रीय तौर पर ये ज्वर ६-७ दिन रहता है ज्वर समाप्ति के समय फिर से कुछ समय हेतु ज्वर आता है, जब तक रोगी का तापक्रम सामान्य नहीं होता है तब तक उसके रक्त मे प्लेटलेटस की संख्या कम रहती है।

जब डेंगूहैमरेज ज्वर होता है तो ज्वर बहुत तेज हो जाता है रक्तस्त्राव शुरू हो जाता है, रक्त की कमी हो जाती है, थ्रोम्बोसाटोपेनिया हो जाता है, कुछ मामलों में डेंगू प्रघात की दशा [डेंगू शोक सिंड्रोम] आ जाती है जिसमे मृत्यु दर बहुत ऊँची होती है।

bindujain
09-11-2014, 04:21 AM
पहचान


डेंगू को ब्रेक बोन बुखार के नाम से भी जाना जाता है। डेंगू की पहचान प्रायः इन लक्षणों के आधार पर डाक्टर करते है, बहुत ऊँचा ज्वर जिसका कोई अन्य स्थानीय कारण समझ नहीं आये, सारे शरीर पर चकते पड जाना, रक्त मे प्लेटलेटस की संख्या कम हो जाना।
बच्चो मे डेंगू के लक्षण साधारण सर्दी, बुखार तथा उल्टी आना हो सकते है।[1] विश्व स्वास्थय संगठन ने डेंगू हैमरेज ज्वर की परिभाषा १९७५ मे दी थी, इसके चार मापक है जो अवश्य पूरे होने चाहिए
१. ज्वर, ब्लेडर की समस्या, लगातार सिरदर्द, चक्कर आना, भूख ना लगना
२. रक्त स्त्राव की प्रवृति[टोर्नक्विट परीक्षण सकारात्मक आना, खुद ब खुद छिल जाना, नाक, कान से, टीका लगाने के स्थान से खून रिसना, खूनी द्स्त लगना और खून की उल्टी आना]
३. खून मे प्लेटलेटस की संख्या कम होना[प्रतिघन सेमी रक्त मे <१,००,००० से कम होना]।
४. प्लासमा रिसाव होने के साक्ष्य मिलना [हेमोट्रोक्रिट मे २०% से ज्यादा वृद्धि या हीमाट्रोक्रिट मे २०% से ज्यादा गिरावट ]।

bindujain
09-11-2014, 04:22 AM
डेंगू शोक सिन्ड्रोम को परिभाषित किया गया है

१. कमजोर नब्ज चलना
२. नब्ज का दबाव कम होना [20 मिमी एच.जी दबाव से कम ]
३. ठण्ड, व्यग्रता
४ कुछ लोगो मे यह रोग बुखार के १-२ दिन मे आलोचनात्मक चरण तक पहुच जाता है। इस दौरान सीने और उदर गुहा में तरल पदार्थ जमा हो जाते है। इस प्रचलन से शरीर के महत्वपूर्ण अंगों मे तरल पदार्थ की कमी हो जाती है। आमतौर पर (डेंगू आघात सिंड्रोम) शॉक और रक्तस्राव (डेंगू रक्तस्रावी ज्वर) डेंगू के ५-६ प्रतिशत मरीजो मे ही पाए जाते है। लेकिन जो लोग पहले से डेंगू वायरस के अन्य सीरमप्रकारों (माध्यमिक संक्रमण ") से संक्रमित है उन लोगो मे शॉक और रक्तस्राव के पाए जाने कि संभावना बढ़ जाती है।[2][3][3] सीरोलोजी तथा पोलिमर चेन रिक्शन के अध्ययन उपलब्ध है जिनके आधार पर डेंगू की पुष्टि की जा सकती है यदि चिकित्सक लक्षण पाकर इसका संदेह व्यक्त करे।

bindujain
09-11-2014, 04:23 AM
इलाज


डेंगू का इलाज आम तौर पर चिकित्सकीय प्रक्रिया से किया जाता है, लेकिन इसे दूसरे विषाणु-जनित रोगों से अलग कर पाना कठिन है। उपचार का मुख्य तरीका सहायक चिकित्सा देना ही है, मुख से तरल देते रहना क्योंकि अन्यथा जल की कमी हो सकती है, नसों से भी तरल दिया जाता है, यदि रक्त मे प्लेटलेटस की संख्या बहुत कम हो जाये या रक्त स्त्राव शुरू हो जाये तो रक्त चढाना भी पड़ सकता है, आंतो मे रक्तस्त्राव होना जिसे मेलना की मौजूदगी से पहचान सकते है मे भी खून चढाना पड सकता है। इस संक्रमण मे एस्प्रीन या अन्य गैर स्टेरोईड दवाएँ लेने से रक्तस्त्राव बढ जाता है इसके स्थान पर संदिग्ध रोगियों को पेरासिटामोल देनी चाहिए।

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09-11-2014, 04:23 AM
http://images.jagran.com/images/24_09_2013-dengue.jpg

bindujain
09-11-2014, 04:26 AM
डेंगू से बचाव के लिए अपनाएं ये आसान उपाय



अगर आप अपने घर और आसपास की जगहों पर इन सावधानियों को बरतेंगे तो डेंगू से बचाव आपके लिए आसान हो जाएगा।

bindujain
09-11-2014, 04:28 AM
- जिन बर्तनों में पानी रखा जाता है उन पर हमेशा ढक्कन लगा कर रखें।

- कूलर में पानी जमा न रहने दें, उसकी नियमित सफाई करें।

- वॉश बेसिन, सिंक, नालियां जहां भी धुलाई-सफाई का काम होता है वे जगहें साफ व सूखी रखें।

- कई दिनों तक किसी भी बर्तन में पानी भरकर न रखें। एक हफ्ते के भीतर उसे बदलते रहें।

- खराब हो चुकी वस्तुओं जैसे टायर, नारियल के खोल, बोतलें आदि को फेंक दें या नष्ट कर दें।

- छत, छज्जे आदि पर भी बरसात का पानी जमा न होने दें।

- मच्छर मारने की दवाओं का प्रयोग करें।

- डेंगू संक्रमित मच्छर दिन के वक्त काटता है, इसलिए अच्छा हो कि आप दिन के समय नमी वाली जगहों पर न जाएं और पूरे शरीर को ढंकने वाले वस्त्र पहनें।

bindujain
09-11-2014, 04:28 AM
https://encrypted-tbn0.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcRm5w0X66qOHphdb7fWwkKDzB2gOS3vu VzyUAadMXTGtLbO_kzM6A

bindujain
09-11-2014, 04:30 AM
डेंगू का इलाज होम्योपैथी से

bindujain
09-11-2014, 04:30 AM
http://hindi.webdunia.com/hi/articles/0907/05/images/img1090705035_1_1.jpg

bindujain
09-11-2014, 04:31 AM
डेंगू या 'हड्डी तोड़ बुखार' विषाणु के द्वारा होता है। यह विषाणु एडीज इजीप्टी नाम के मच्छर के काटने से शरीर के अंदर प्रवेश करता है। इस प्रकार के मच्छर बरसात के दिनों में कृत्रिम रूप से संचित पानी में मिलते हैं। उदाहरणार्थ टूटे-फूटे डिब्बे, बोतलें, फूलदान, मिट्टी के बर्तन वगैरह। ये मच्छर दिन में काटते हैं। ये मच्छर 100 गज से अधिक दूरी तक उड़ सकते हैं। मच्छर की इस विशेषता के कारण डेंगू के हर रोगों में बीमारी का उद्गम ढूँढकर उसे नष्ट करके इस महामारी को फैलने से रोका जा सकता है।

bindujain
09-11-2014, 04:31 AM
इस बीमारी में तेज बुखार के साथ शरीर में भयंकर दर्द, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द होता है। जोड़ों में अत्यधिक दर्द के कारण रोगी चल-फिर नहीं सकता। इसी कारण इसे 'हड्डी तोड़ बुखार' भी कहते हैं। इसके साथ सिरदर्द, आँखों के आसपास दर्द तथा आँखों को घुमाने में दर्द होता है। आँखें लाल हो जाती हैं और पानी बहता है। तेज प्रकाश को देखने में डर लगता है। उल्टी, जी घबराना, भूख नहीं लगना तथा नींद नहीं आना भी होता है।

bindujain
09-11-2014, 04:32 AM
http://hindi.webdunia.com/hi/articles/0907/05/images/img1090705035_1_2.jpg

bindujain
09-11-2014, 04:33 AM
गंभीर रोगियों में 7-8 दिन तक तेज बुखार बना रहता है। अधिकांशतः एक सप्ताह में बुखार उतर जाता है, उसके बाद बहुत दिनों तक भयंकर कमजोरी और उदासी बनी रहती है। होम्योपैथी में इसके लिए यूपेटोरियम- परफोलियेटम 30 की मात्रा में 3 गोली (छोटी साबूदाना जैसी) दिन में 3-4 बार देना चाहिए। उपरोक्त लक्षणों के साथ मरीज यदि सुस्त हो और अधिक प्यास लगती हो तो ब्रायोनिया-30 की मात्रा में 3 गोली 3-4 बार देना चाहिए।

bindujain
09-11-2014, 04:33 AM
यदि रोगी बेचैन हो और मांसपेशियों में अत्यधिक दर्द हो तो रस टाक्स 30 की मात्रा में 3 गोली 3-4 बार देना चाहिए। डेंगू या 'हड्डी तोड़ बुखार' इस बीमारी में तेज बुखार के साथ शरीर में भयंकर दर्द, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द होता है साथ ही सिरदर्द, आँखों के आसपास दर्द तथा जोड़ों में अत्यधिक दर्द के कारण रोगी चल-फिर नहीं सकता।

soni pushpa
09-11-2014, 05:53 PM
[QUOTE=bindujain;538675][size="4"]


यदि रोगी बेचैन हो और मांसपेशियों में अत्यधिक दर्द हो तो रस टाक्स 30 की मात्रा में 3 गोली 3-4 बार देना चाहिए। डेंगू या 'हड्डी तोड़ बुखार' इस बीमारी में तेज बुखार के साथ शरीर में भयंकर दर्द, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द होता है साथ ही सिरदर्द, आँखों के आसपास दर्द तथा जोड़ों में अत्यधिक दर्द के कारण रोगी चल-फिर नहीं सकता


बहुत उपयोगी जानकारी दी है आपने ... बहुत बहुत धन्यवाद